Site icon Dharam Rahasya

अन्नपूर्णा भूतनी यक्षिणी साधना

नमस्कार दोस्तो धर्म रहस्य पर आपका एक बार फिर से स्वागत है आज मैं आप लोगों के लिए एक यक्षिणी साधना करना लेकर आया हूं इनका विवरण बहुत ही कम मिलता है इनकी पूजा के बारे में भी बहुत कम ध्यान दिया जाता है क्योंकि इनकी पूजा बहुत ही लंबी है साथ ही साथ इनकी शक्ति ऐसी है कि यह आदमी को सबके लिए दान दाता व्यक्ति बना देती हैं । प्रसन्न होने पर शुभ फल देने वाली होती हैं पर इनकी साधना विधि लंबी क्रिया विधि होने के कारण कम ही लोग इनकी साधना कर पाते हैं ।लोग उब जाते हैं पर यह साधना अच्छी हैं ।

यक्षिणी भी अच्छी है, ग्रंथों में इन्हें भूतनी यक्षिणी के नाम से भी जानते हैं और अन्नपूर्णा भूतनी के नाम से भी जानते हैं ।कई नामों से यह जानी जाती है तो मैं आप लोगों के लिए ही ये अन्नपूर्णा भूतनी साधना के रुप मे लेकर आया हूं  । आप यह मानकर चलिए की माता अन्नपूर्णा के साथ रहने वाली भूतनी शक्तियां हैं । यह भूतनीया शुभ फल देने वाली है यह किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती, लंबी साधना होने के कारण लोग कर नहीं पाते इनको इसलिए यह अति गोपनीय साधना मानी जाती है ।कहते हैं जब माता अन्नपूर्णा भगवान शिव को भोजन दे रही थी तब यह कथा आती है, उस समय जिन भूतनीयो की उत्पत्ति हुई थी उनमें से यह भी एक थी। इस प्रकार धन देने के साथ-साथ भोजन प्रदान करने का भी विशेष गुण इनके पास है । इनके पास किसी को भी भूखा ना रखने प्रवृत्ति और सामर्थ्य प्रदान करने की शक्तियां हैं ।

सामर्थ्य के अनुसार यक्षिणी के रूप में हो जाती है, इसलिए जैसा देवता होता है उसकी शक्तियां भी उसी  तरह होती है । इसी वजह से यह  भूतनी होने के साथ-साथ ही यह शुभ फल दाता है इनकी साधना से व्यक्तियों का भंडार भर जाता है ।क्योंकि यह अलग प्रकार की विद्या हैं, यह विद्या  कूषि खेती इन सब चीजों में अत्यधिक लाभ प्रद मानी जाती है इस तरह की सिद्धि प्राप्त हो जाने के बाद मनुष्य भोजन दान जो आत्मीय गुण है वह सब उसमें भरने लगते हैं इसलिए यह अच्छी साधना मानी जाती है । इस साधना को करने के लिए आपको सबसे पहले भगवान शिव का और भेरुजी के गोपनीय मंत्र साधना करें जो आप गुरु से ले सकते हैं या किताबों से भी प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि दोनों की ही आपको साधारण पूजा करनी है ।

ऐसा आपको 3 दिन तक करना है पहले आपको भगवान शिव के मंत्रों की एक ग्यारह माला 3 दिन तक करना है और उनको गोपनीय विधि से जाप करना है  इसके बाद आपको भेरुजी की 3 दिन तक साधना करनी है वह भी गोपनीय तरीके से उनके मंत्र 11 माला जाप करना है ।भगवान शिव के मंत्रों में आप चाहे तो ओम नम शिवाय ले सकते हैं या तो ओम नमो भगवते रुद्राय ले सकते हैं। इसके बाद आप भगवान भैरव के कोई मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं ।जाप के  लिए इसमें कोई पाबंदी नहीं है यह दोनों साधना करने के बाद आपको उन दोनों से आपको आज्ञा लेनी है ।यह सब कर लेने के बाद ,जब आपने आज्ञा उनसे मन  ही मन ले ली इस कार्य के लिए, इसके बाद जो भी कोई शुभ नक्षत्र आएगा, तब आपको माता अन्नपूर्णा के कोई मंत्र हो जैसे ।।

ओम नमो भगवती माहेश्वरी अन्नपूर्णा नमः स्वाहा।। 
इस मंत्र का आपको जाप करना है, जितनी देर तक वह शुभ नक्षत्र रहेगा । इनसे  भी आपको आज्ञा लेनी है इस साधना के लिए की आप मुझे आज्ञा प्रदान करें क्योंकि यह शक्ति हैं आपकी यक्षिणी है तो इस साधना में सफलता हेतु हे माता मुझे वर प्रदान करिए या आप गोपनीय तरीके से मेरे साथ रहिए और मेरी सहायता करिए ।जब यक्षिणी मेरी परीक्षा ले या सिद्ध ना होने पाए तो उस अवस्था में आप मेरी रक्षा सुरक्षा और मेरा उत्साह वर्धन करिए और उसको वशीकृत करने की मुझे शक्ति प्रदान करें । मै आपके उसी रूप में ही उसको प्राप्त करना चाहुगा । जब यहां तीनों चीजें हो जाएंगी तब आपको इनकी साधना शुरू करनी है इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि इनके मंत्र की साधना लंबी चलती है काफी दिन जाती है ।

उसकी वजह क्या है कि आपको 11 महीने में 11 लाख मंत्र का जाप करना होता है इसलिए यह साधना लंबी मानी जाती है यह तीनों विधियां कर लेने के बाद यानी कि पहले भगवान शिव की उसके बाद भगवान भैरव की और माता अन्नपूर्णा की प्रक्रिया को कर लेने के बाद आपको 11 महीने में ग्यारह लाख जाप पूरा करना होगा । मंत्र बहुत बड़ा नहीं है और इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि आपको ददाँश  हवन कमल दल से ही करना है यानी जो कमल का फूल होता है उसी से हवन करना है । आपने  11 लाख जाप किया है तो एक लाख  11 हजार का हवन होगा ।आपको हवन में उतने ही पुष्प अर्पित करने इसलिए मैं कहता हूं कि यह साधना बहुत लंबी और बड़ी हो जाती है पर यह साधना बहुत ही शक्तिशाली और बहुत ही शुभ फल देने वाली साधना है ।

उस समय के दौरान यानी 11 महीनों  के दौरान जितने बार भी चंद्र ग्रहण पड़े और जब भी आपका सूर्य ग्रहण पड़ेगा तब आपको जब चंद्रग्रहण होता है तब मालती के फूलों को आपको 21 हजार का हवन करना होगा । याद रखिए जब भी चंद्रग्रहण या सूर्यग्रहण पड़ेगा तब आपको 21 हजार मालती के फूलों से हवन करना होगा ।मान लीजिए कि समय निकल जाता है ग्रहण कम समय के लिए पड़ा है तो जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती कब तक आपको करना है यानी कि 21 हजार इसी मंत्र से मालती के फूलों से प्राणायाम करते हुए हवन कर लेना है । मान लीजिए की ग्रहण 3 बजे पड़ रहा है और 4:00 बजे खत्म हो रहा है आप 3:00 बजे से 4:00 बजे तक तो करेंगे ही और आप चाहें तब तक आप इस साधना को करते रहेंगे ताकि जो 21 हजार मालती के फूलों के आपका हवन होना है वह पूरा हो जाए ।

जब जब आपका चंद्र ग्रहण पड़े जब जब आपका सूर्य ग्रहण पड़े तब तक आप को यही प्रक्रिया दोहरानी हैं इस् प्रकार जब 11 महीने में 11 लाख जाप हो जाने  के बाद एक लाख का ददाँश  हवन  या आप चाहें तो हवन भी करते हुए निकल सकते हैं ।मान लिया आपने एक लाख जाप कर लिया तो 10 हजार का हवन भी कर सकते हैं इस तरह सेेेे या एक हजार के जाप पर 108 का हवन भी कर सकते हैं इस तरह करनेेे से धीरे-धीरे वह यक्षिणी आपसे बहुत ही अधिक प्रसन्न हो जाएगी, अब प्रसन्न हो जाने के बाद वह आपको एक हजार मनुष्यों का भोजन प्रदान करने की शक्ति् आपको दे देती है । आप एक हजार व्यक्तियों का भोजन आपको प्राप्त हो जाएगा आप एक हजार व्यक्तियों को भोजन करा सकते हैं हर दिन, इतनी शक्ति यह यक्षिणी आपको प्रदान कर देती है तो  इनका मंत्र इस प्रकार है।
मँत्रः ।।ॐ  क्लीं भूते सलोचनवुलबुम स्वाहा।। 
 यह मंत्र है आपको इसी मंत्र का जाप करना है इसी मंत्र को आपको सिद्ध करना है, इसी मंत्र को आपको 11 लाख जपना है और 11 लाख जपते हुये उसका ददाँश  हवन भी करेंगे और चंद ग्रहण या सूर्यग्रहण  पढ़ेगा तब आपको मालती के पुष्पो से हवन करना होगा । इस तरह से करते हैं तो आपको इन यक्षिणी की सिद्धि हो जाती है यक्षिणी को मां बहन पत्नी जिस भी रुप में सिद्ध करना चाहते हैं शुभता के साथ उसी रुप में आपसे सिद्ध हो जाती हैं और आपके अंदर अद्भुत शक्ति आती है आपके हाथों में भोजन अटल भंडार देने की क्षमता और जहां आप बर्तन आप छू लेंगे ऐसी शक्ति दे देंगी कि वह उस पदार्थ से भर जाएगा जो आप चाहेंगे । इसी तरह 1000 लोगों को भोजन कराने की क्षमता आपको प्रदान कर देती हैं आप रोज एक हजार लोगों को भोजन करा पाएंगे, वह भी आपकी इच्छा अनुसार तो यह शक्ति यह यक्षिणी आपको प्रदान  कर देती है इसलिए यह शुभ फल दाता यक्षिणी  मानी जाती है धन्यवाद।। 

Exit mobile version