नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज लेंगे दो अनुभव को एक अप्सरा साधना से संबंधित है। वही दूसरा हारबुश जिन की साधना से संबंधित है तो चलिए पढ़ते हैं। पहले अप्सरा साधना के पत्र को और फिर जिन के पत्र को पढ़ेगे।पत्र-गुरुजी चरण स्पर्श प्रणाम आशा करता हूं कि आप मेरा पत्र जरूर प्रकाशित करेंगे। मेरा यह अनुभव किसी और चैनल पर कहीं प्रकाशित नहीं होगा। इसकी मैं जिम्मेदारी लेता हूं। कृपया मेरा नाम और पता ना बताएं क्योंकि आपके चैनल से मेरे परिवार के सदस्य भी जुड़े हुए हैं। मेरा नाम… है मैं मध्य प्रदेश का रहने वाला हूं। मुझे आपका चैनल बहुत अच्छा लगता है। सुबह उठते ही पहले मैं आपका वीडियो देखता हूं। आप लोगों के अनुभवों को प्रकाशित करते हैं जो कि आपके अलावा यूट्यूब में शायद कोई नहीं करता। मेरे माता-पिता मां जगदंबा की आराधना करते हैं। उन्हीं को देखकर मैं भी बचपन से माता आदिशक्ति की पूजा पाठ किया करता था। पहले तो मैं माता के 108 नामों का जप किया करता था। फिर गुरु जी मैंने माता के नर्वाण मंत्र का जप और अंत में माता की आरती करने लगा। यह मंत्र जाप मैंने एक बुक में देखा था।उसमें लिखा था कि यह माता का परम प्रसिद्ध मंत्र है जिसके जबसे माता की कृपा और सिद्धियां प्राप्त होती हैं। गुरु जी इस मंत्र का जप में 4 वर्षों से कर रहा हूं। फिर मुझे आपका चैनल देखकर अप्सरा साधना करने का मन हुआ था। यह बात गुरुजी 5 महीने पहले की है।
मैं एक पुरानी बुक से अप्सरा साधना की विधि लेकर सामग्री इकट्ठा करके साधना करने बैठ गया। सामग्री इकट्ठा करने में थोड़ा वक्त लगा, क्योंकि मैं घर में यह नहीं बताना चाहता था कि मैं किसकी साधना कर रहा हूं। आज भी किसी को कुछ नहीं पता। वह तो बस यही जानते हैं कि मैं सीधा साधा पूजा करता हूं। उस अप्सरा का नाम मैं यहां नहीं लेना चाहता गुरुजी! यह साधना 41 दिन की थी। जब मैंने पहली बार साधना की तो मुझे अनुभव तो बहुत हुए जैसे कि स्वप्न में किसी सुंदर लड़की का आना साधना करते वक्त मनमोहक खुशबू का अहसास होना। किसी का हवा में छूकर निकल जाना। लड़कियों का आकर्षित होना। जब मैं अप्सरा साधना करता था गुरुजी तब मैं कहीं बाहर जाता तो लड़कियां मेरी तरफ बहुत ही आकर्षित होती थी, लेकिन मैं समझ गया था। गुरुजी की अप्सरा साधना का ही चमत्कार है। पहली बार साधना में मुझे सफलता नहीं मिली लेकिन मैंने हार नहीं मानी और 6 दिन बाद फिर से साधना करने बैठ गया। 41 दिनों की , मुझे ऐसे ही अनुभव है, लेकिन सपने में मुझे ऐसा लगता कि मुझसे कोई बात करना चाहता है। फिर गुरु जी, मैं उससे कुछ भी पूछता तो सपने में मुझे प्रश्नों का जवाब मिल जाता था और इसी तरह मेरी साधना पूरी हो गई, लेकिन मुझे सफलता नहीं मिली। मैंने सोचा कि अब नहीं करूंगा लेकिन उस अप्सरा के अनुभव होते रहते एक रात मुझे सपने में एक लड़की आई। बोली हार मत मानो शायद अब सफलता मिल जाए।
गुरुजी फिर मैंने सोचा दो-तीन महीने बर्बाद कर दिए। अब एक और महीना देख लेता हूं। अगर अभी नहीं हुई तो फिर नहीं करूंगा। गुरु जी इस बार जब मैंने साधना शुरू की तो तीसरे ही दिन साधना के कक्ष में ऐसा लगता कि कोई घूम रहा है उसके घुंघरू की आवाज आती इतनी तेज लगता कि सर फट जाएगा। फिर साधना करते करते कुछ दिन बाद उसकी तस्वीर में ऐसा लगता कि वह बड़ी हो रही है। ऐसा लगता कि वह तस्वीर नहीं सच में है। साधना ऐसे चलती रही। गुरु जी यह साधना का 38 वां दिन था। जब मैं साधना कर रहा था कुछ ही समय साधना के बचे थे, तब पूरे कमरे में धुआं सा छा गया। यह सब सत्य है गुरुजी जो मैंने देखा। फिर मुझे एक बहुत ही मनमोहक सुंदर लड़की के दर्शन हो गए, जिसकी सुंदरता की तुलना नहीं कर सकता। उसका दर्शन प्रत्यक्ष में भी अप्रत्यक्ष था। वह तो मेरे सामने हवा सी प्रतीत हो रही थी। ऐसा लगता था कि हवा में कोई चित्र बन गया है। वह बोली तुमने मेरी बहुत साधना की। और किस लिए? मेरी साधना की है। पहले तो मैं कुछ देर बोल ही नहीं पाया। मैं उसे बस देखता ही रहा। मैंने कहा, मैं मित्र के रुप में आपकी प्रत्यक्ष सिद्धि चाहता हूं। आप मेरी सहायता करें तो उन्होंने कहा, तुमने मेरी साधना की है। मैं तुम पर प्रसन्न हूं, लेकिन तुममे इतनी शक्ति नहीं है कि मुझे प्रत्यक्ष कर सको। इसलिए मैं तुम्हें अब प्रत्यक्ष सिद्धि प्रदान करती हूं। तुम्हारे जीवन के मार्ग में सहायता और मार्ग प्रशस्त करती रहूंगी। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से बुलाने का मुझे एक मंत्र भी दिया। गुरु जी और फिर वह चली गई। फिर मैंने बाकी बचे 3 दिनों की साधना पूर्ण की। इस तरह गुरुजी मेरी अप्सरा साधना संपूर्ण हो गई। मुझे इस बात का दुख है। गुरुजी कि मैं उन्हें प्रत्यक्ष नहीं कर पाया लेकिन? मैंने अगर गुरु मंत्र लिया होता तो शायद प्रत्यक्ष होती।
गुरु जी मैं आपसे गुरुमंत्र लेना चाहता हूं। मैं अंत में एक बात कहना चाहूंगा। गुरु जी जैसा कि आप कहते हैं कि अगर साधना में एक बार में सफलता ना मिले तो बार बार करना चाहिए। ऐसा करने से सफलता निश्चित हो जाती है। गुरु जी, अगर मैंने साधना छोड़ दी होती तो आज सिद्धि नहीं प्राप्त कर पाता। यह मेरा ईमेल आईडी है। इसे जरूर शेयर कर दीजिएगा। संदेश – vs1132225@gmail.com इन की मेल आईडी यहां पर दी गई है जिसे आप लोग देख सकते हैं। इस तरह से अप्सराओं की सिद्धियां होती हैं और अनुभव भी होते हैं। जो स्वयं पूरी तरह से ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए। पूर्ण योगी बनकर महा तपस्वी होता है वही अप्सरा सिद्ध कर पाता है प्रत्यक्ष रूप में। हर व्यक्ति इतना ऊर्जावान है वह परमात्मा का ही अंश है, लेकिन अपनी उर्जा बढ़ाएं बिना गुरु मंत्र को पूर्ण तक किए बिना पूर्ण सिद्धि प्राप्त करना बहुत कठिन है। सभी लोग जो अप्सरा साधना का प्रयास करना चाहते हैं उन्हें गुरु मंत्र लेकर फिर पूरा समय देते हुए समय की चिंता ना करते हुए बार-बार प्रयास करना चाहिए। तब अवश्य ही कोई भी शक्ति सिद्ध जरूर हो जाती है। इसी प्रकार एक अलग अनुभव हमें प्राप्त हुआ है जहां उन्होंने सहायता भी मांगी है तो चलिए पढ़ते हैं दूसरे पत्र को हरबुश जिन साधना का बिगड़ना।
पत्र -सूरज प्रताप जी को प्रणाम मैं उड़ीसा से हूँ और 3 साल से आपकी हर वीडियो देखती हूं। रोज मुझे आपकी वीडियो का इंतजार रहता है जिस दिन आपका वीडियो नहीं आता। कुछ कारण वश वह दिन अधूरा सा लगता है। आपके भी काम होते हैं, समझते हैं, पर अच्छा नहीं लगता उस दिन । आप की आवाज पर एक अलग सा आकर्षण है। शायद जो किसी और की वीडियो देखने का मन ही नहीं करता। आपके चैनल में प्रकाशित लोगों के अनुभव की वीडियो देखकर मुझे साधना जगत में इंटरेस्ट हुआ था। मैं महादेव और माता की भक्त हूं, कभी झूठ नहीं बोलती। आपकी श्री दुर्गा सप्तशती टीका भाग 1 बुक को भी मंगवाया है। आपकी इंस्टामोजो अकाउंट से खरीद कर मैंने हरबुश जिन की साधना की थी। 3 दिन ही साधना कर पाए क्योंकि मुझे कोरोना हो गया था।और तबीयत खराब हो गई। यह साधना में अपने घर की छत पर की थी। पहले दिन कुछ सपना देखा याद नहीं पर तीसरे दिन मैंने सपने में देखा था कि शायद पार्टी जैसा कुछ हो रहा है। हमारी छत पर कुछ आदमी है जिनको मैं रेड कलर का जूस पिला रही हूं और खुद के लिए भी ले रहे हो। सब ने पिया पर मैंने खुद को पिया हुआ नहीं देखा। रेड कलर का जूस जो था शायद वह खून था और भी सपने देखे पर याद नहीं रहे। फिर मेरी करोना की वजह से तबीयत ज्यादा खराब हो गई। मैं अकेले ही रात को पूजा रूम के बाहर सोई थी। 1 दिन सपने में देखा कोई बोल रहा था कि मुझे अपनी दुनिया में ले जाएगा। वह मेरे गुरु थे या कौन पता नहीं मैं अब? मेरे गुरु से मेरा कोई रिश्ता नहीं है क्योंकि मेरे गुरु मुझे हवस की नजर से देख रहे थे। मैं उनके हर प्लान को फेल कर दी थी। उनकी किसी बात में नहीं आई। उनकी सच्चाई माता भगवती को बताई । जो डाउट था मेरे गुरु के ऊपर वह मैंने क्लियर कर लिया और उनकी सच्चाई पता चल गई। जब गुरु जी को पता चला कि मैं उनकी सच्चाई जान चुकी हूं तब उन्होंने मुझ पर तंत्र कर दिया। उसी दिन से कोई सपने में आकर मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाने लगा। जब महादेव के सामने बहुत रोई। तब से कुछ नहीं कर पाता पर कोशिश करता है कभी-कभी! अब घर में कोई काम भी नहीं होता जैसे हाथ से आए हुए निवाले को कोई छीन लेता है, वैसा ही हो रहा है। मेरे हस्बैंड का कोई भी काम नहीं हो रहा है। झूठे केस के चक्कर में घर को देखकर लोन लेना पड़ा है और अब महीने के किस देना भी मुश्किल हो गया है। घर को अब बेचना पड़ेगा। मम्मी पापा को दीदी ने बस में कर रखा है जिस दिन। दीदी की नाजायज रिश्ते के बारे में मम्मी पापा को मैंने बता दिया था। उसी दिन से अब मम्मी पापा भी दूर हो गए हैं। मेरे से बात तक नहीं करते। सब कुछ दीदी की हरकत अपनी आंखों के सामने देख कर पूरे चुप हैं। सच बोल! शायद मैंने दुनिया की सबसे बड़ी गलती कर दी है। मेरे ससुर सास कोई भी जिंदा नहीं है, हम अकेले हो गए हैं। सोचा था हरबुश साधना से। अपने गुरु के तंत्र से खुद को बचा लूंगी।
वह मेरी रक्षा करेगा। मेरे और हस्बैंड के काम बनेंगे तो लोन उधारी सब चुका देंगे। पर सब कुछ उल्टा हो गया। अब ₹1 भी घर में नहीं आ रहा है। हरबुश की साधना 8 वे दिन रात को यानी आठवें दिन कोई काला सा परछाई आई थी। रात के 2:00 बजे और मेरा गला दबा रही थी। मैंने तब महादेव की मंत्र का जाप किया था पर वह नहीं छोड़ा ।तब मैंने गुरु मंत्र का जाप किया तब उसने छोड़ दिया था। फिर जब फिर से सोने लगी तो लाइट होते हुए भी मेरी चारों तरफ अंधेरा ही दिख रहा था। फिर लगता था कोई मुझे पर्दे की साइड से देख रहा है। जब बहुत डर लगा तो मुझे करोना होते हुए भी मेरे पति के पास जाकर मैं सो गई। उसी दिन से शाम होते ही मुझे सांस लेने में तकलीफ होती है। पूजा घर में महादेव के सामने बैठते ही सांस लेने की तकलीफ नहीं होती। फिर बाद में मंत्र जाप कर लेने के बाद फिर से शुरू हो जाता है। दिन भर कुछ नहीं होता और मेरी सांस और हार्टबीट सब नॉर्मल है। पर जब शाम होती है, सांस लेने में तकलीफ होती है। कभी-कभी लगता है, मैं मर जाऊंगी। मेरी मदद करिए, जिसने भी हार बुश साधना दी है। उनसे बात करवा दीजिए, नहीं तो मैं मर जाऊंगी। मेरे हस्बैंड किसी बाबा तांत्रिक के पास नहीं ले जा रहे हैं। बोल रहे हैं, इतना पूजा करती है, मंत्र जाप करती है, तुझे कुछ नहीं करना चाहिए। फिर तेरी पूजा का क्या फायदा है। मैं तुझे कहीं नहीं ले जाऊंगा। प्लीज मेरी मदद करिए, आगे मैं बताऊंगी अपनी कहानी कैसे मैं अपने अघोरी गुरु जो इंडिया के सबसे बड़े गुरु हैं। उनके जाल से कैसे बची थी। अब आप ही मेरी मदद कर सकते हैं आप? मुझे और मेरी फैमिली को बचा सकते हैं। प्लीज मेरी मदद करिए, उनसे बात करवा दीजिए।
संदेश -तो देखिए सबसे पहले मैं यह कहूंगा कि यूं ही जिन्नो की साधना शुरू नहीं करते हैं। क्योंकि जिन? और साधना के मुकाबले कहीं ज्यादा उग्र होते हैं और उनके रूप स्वरूप को सहने और ऊर्जा को ग्रहण करने की शक्ति अगर आपके अंदर नहीं है तो आप कभी भी ऐसी साधना यूं ही अपने फायदे के लिए मत कीजिए। सरल साधना कीजिए। इसके बजाय आप अप्सरा या किसी योगिनी की साधना करके भी जीवन में बदलाव ला सकती थी।अब आपने जो कर लिया वह आपकी अपनी इच्छा थी किंतु अगर आप गुरु मंत्र की शरण में और उसका सदैव जाप करें तो भी इन सब छोटी मोटी साधना को करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।जीवन में सकारात्मक बदलाव अवश्य होंगे। उसमें कोई नकारात्मक शक्ति आपको कभी परेशान भी नहीं करेगी। इसी लालच में आकर के इस तरह की तांत्रिक साधना करने से नुकसान ही होता है। रही बात! मैं उनसे कहना चाहूंगा जिन्होंने हरबुश जिन साधना भेजी थी कि आप इनके ईमेल आईडी पर इन से बात करिए। और फिर आप मुझे बताइएगा कि आप की क्या बात हुई क्योंकि इनका संपर्क अभी मुझ से कटा हुआ है। तो मैं यहां पर ईमेल आईडी दे रहा हूं dalaisrujansmita@gmail.com जिन्होंने हरबुश की साधना मुझे दी थी। वह इनसे ईमेल के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं। कोई और व्यक्ति उनसे संपर्क ना करें क्योंकि यह परेशान है। रही बात मेरे द्वारा, अगर मैं कहूं तो आपको गुरु मंत्र लेना चाहिए और फिर उसका जाप करना चाहिए। निश्चित होकर के सारी समस्याएं एक-एक करके खुद-ब-खुद समाप्त हो जाएंगी। शरीर को सुरक्षा मिलेगी। धन और व्यवसाय के जो भी परेशानियां हैं, वह धीरे-धीरे खत्म होंगी और हवन करते हुए आपके अंदर ऐसी ऊर्जा बनेगी कि फिर आप कोई तांत्रिक साधना करेंगे तो उसमें भी सफलता मिलेगी और कोई शक्ति आपको दबा नहीं पाएगी या आपका बुरा नहीं कर पाएगी। तो यह थे आज के दो अनुभव अगर आपको पसंद आए हैं तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। |
|