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अशोक के तांत्रिक औषधीय और धन प्रयोग

(The Ashoka Tree)
विविध नाम :
अशोक, केलिक, हेमपुष्प, रक्तपल्लव, ताम्रपल्लव, दोहली,
प्रपल्लव, मधुपुष्प, विचित्र, विशोक, शोकहर्ता, शोकविनाशन, सुभग ।
विविध भाषाओं में नाम :
बंगाली- अस्याल । गुजराती- आसोपालव । मराठी- अशोषक।
लैटिन- सराका इण्डिका, जोनोसिया अशोका ।
सामान्य परिचय :
अशोक का वृक्ष- हम हिन्दुओं में बहुत ही अधिक सम्मान प्राप्त
है । प्रायः सभी शुभ अवसरों पर अशोक की पत्तियों को सुतली आदि
की सहायता से घर के दरवाजों पर बाँधा जाता है- इस प्रकार से
पत्तियों की तैयार लडियों को ‘बन्दनवार’ कहा जाता है । ऐसी मान्यता
है कि- इनको बाँधने से घर में प्रवेश करने वाली वायु शुद्ध हो जाती
है और सभी प्रकार की बाधायें आदि बाहर ही रह जाती हैं-
शुभ कार्य इससे बहुत अच्छी तरह से सम्पन्न होते हैं और उनमें किसी प्रकार
की कोई बाधा नहीं आती है ।
उत्पत्ति एवं प्राप्ति-स्थान :
अशोक का वृक्ष प्रायः पूरे देश में पाया जाता है । वर्तमान समय
में इसको- उद्यानों, मन्दिरों, विद्यालयों आदि में लगाया जाता है।
इसके अतिरिक्त, धनवान लोग इसे अपने घरों में भी लगाते हैं।
स्वरूप :
यह एक सदाबहार वृक्ष होता है जो कि पूरे वर्षभर हरा-भरा बना
रहता है । इसका तना एकदम सीधा होता है और पत्ते लम्बे व नुकीले
होते हैं । वसन्त ऋतु में इस पर फूल आते हैं जो कि नारंगी-लाल रंग
के और गुच्छेदार होते हैं ।

गुण-धर्म :
यह कषाय, कटु, ग्राही होता है । यह बवासीर, दाह, अत्यधिक
प्यास आदि रोगों को दूर करता है और त्वचा का रंग भी साफ करता
है । यह स्त्रियों के विशेष रोगों जैसे- मासिक- धर्म से संबंधित विकार,
प्रदर, गर्भाशय की शिथिलता आदि को दूर करता है ।
तान्त्रिक प्रयोग
रोग-शोक आदि के नाश के लिये- जबकि किसी घर में
रोग-शोक पीछा नहीं छोड़ रहे हों और कोई परेशानी लगातार बनी ही
रहती हो तो अपने घर में अशोक का पेड़ लगाना चाहिये । लेकिन यदि
घर में कच्ची जमीन न हो तो पेड़ कैसे लगायें- ऐसी दशा में किसी
गमले में अशोक का छोटा पौधा लगा लेना चाहिये, जब कुछ सालों में
वह पौधा बड़ा हो जाये तो उसे किसी उद्यान आदि में लगा आयें और
अपने घर में गमले में अशोक का नया पौधा फिर से लगा. ले
लाभ प्राप्त करने के लिये– जबकि रविवार के दिन पुष्य
नक्षत्र हो तो अशोक वृक्ष के 11 बीजों को चाँदी के ताबीज में
डालकर धारण करने से प्राय: प्रत्येक कार्य में लाभ होता है ।
धन-प्राप्ति के लिये– अशोक के पेड़ की जड़ का एक
छोटा-सा टुकड़ा लाकर अपने घर के पूजा-स्थान पर रखें । फिर
प्रतिदिन उसकी भी धूप-दीप से पूजा करते रहें- ऐसा करने से घर में
धन की प्रचुरता होने लगती है और किसी प्रकार का कोई धनाभाव
नहीं होने पाता है।

कार्यों में त्वरित सफलता:
1-किसी भी शुद्ध पेड़ की जड़ को निकाल लें। जड़ को निकालें और इसे साफ पानी या गंगा जल से साफ करें। अपने पूजा स्थान में देवी दुर्गा के मंत्र के साथ 108 बार जप करें। उसके बाद इस मूल जड़ को लाल कपड़े या शरीर पर लाल धागे में बांधने से कार्यों में जल्द ही सफलता मिलने लगती है। इसकी मूल जड़ को शुद्ध करके तकिये के अंदर रखने से दांपत्य जीवन में आपसी प्रेम बना रहता है।

2- यदि अशोक वृक्ष पर प्रतिदिन जल चढ़ाया जाता है, तो उस घर में माँ भगवती कृपा विद्यमान होती है। अशोक को माता सीता का प्रतीक भी मानते हैं इसके कारण से ही माता सीता यानी लक्ष्मी माता की कृपा बनी रहती है उस घर में रोग, शोक, बेघर, अशांति आदि नही रहते हैं। इस पेड़ पर, वह व्यक्ति जो दैनिक पानी उपलब्ध कराता है। उन्हें माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त है। हर शुक्रवार अशोक वृक्ष के नीचे घी और कपूर मिश्रित दीपक जलाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है।

3) यदि किसी घर में पति-पत्नी के बीच तनाव रहता है, अधिक झगड़े होते हैं, तो घर में देवताओं की मूर्ति के सामने अशोक के 7 पत्ते रखें। जब भी पत्तियां हटे, अन्य सात पत्तियां रखें। पत्तियां जो सूख जाती हैं या सूख गई हैं उन्हें पीपल के पेड़ की जड़ों में डाल देना चाहिए। इस उपाय से पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ता है।

व्यापार में लाभ होगा:
1 – वे लोग जो लगातार व्यापार खो रहे हैं और उनका व्यवसाय बंद होने के कगार पर है। वे लोग निम्नलिखित का उपयोग करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। अशोक के पेड़ के बीज प्राप्त करने के बाद, उन्हें साफ करें, धूप और अगरबत्ती दें और आँखें बंद करके अपनी समस्या से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें। धन रखने के स्थान पर शेष बीज रखें। इस उपाय को शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार को करना श्रेष्ठ रहेगा।

2- किसी भी शुभ समय में, अशोक वृक्ष की जड़ को पूर्व निमंत्रण द्वारा बुला ले । उस समय आप चुप रहें। इसे घर में लाएं और इसे गंगा जल से शुद्ध करें और तिजोरी या धन के स्थान पर रखें। इस प्रकार के उपाय करने से उस घर में धन की स्थिति पहले की तुलना में बहुत मजबूत हो जाती है।

मंगलवार के दिन हनुमान जी को अशोक के पेड़ का फल चढ़ाने से व्यक्ति को मंगल ग्रह की पीड़ा से राहत मिलती है।

विवाह हेतु प्रयोग – अगर किसी लड़की की शादी नहीं हो रही है। और परिवार के लोग बहुत चिंतित रहते हैं। वे लोग यह उपाय कर सकते हैं। अशोक के पेड़ की जड़ और पत्ते प्राप्त करने के बाद, इसे उस लड़की के स्नान के पानी में डाल दें। इसके बाद उस पानी में स्नान करें। ध्यान रखें कि पत्तियां और जड़ें पानी से बाहर न गिरें। स्नान करने के बाद इन पत्तों को परिवार के किसी सदस्य द्वारा पीपल के पेड़ में डालवा दें। इस प्रयोग को कम से कम 41 दिनों तक करें। यह उपाय शुक्ल पक्ष के पहले सोमवार से शुरू करना चाहिए। ऐसा करने से जल्द ही उस लड़की की शादी तय हो जाएगी।

औषधीय प्रयोग :
स्त्री-रोगों के नाश के लिये- स्त्रियों के प्राय: सभी विशिष्ट
रोगों में अशोक बहुत ही लाभप्रद सिद्ध होता है । अशोक के वृक्ष की
छाल को उबालकर पीने से स्त्रियों के रोग नष्ट होते हैं और उनका
स्वास्थ्य उत्तम बना रहता है ।

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