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अष्ट चक्र भैरवी साधना से नीट एग्जाम में सफलता

अष्ट चक्र भैरवी साधना से नीट एग्जाम में सफलता

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम जो अनुभव लेने जा रहे हैं, यह अष्ट चक्र भैरवी साधना से संबंधित है और न सिर्फ इस साधना में साधक ने अपने जीवन में यह एक प्रकार से। सिद्धि को प्राप्त किया वहीं उन्होंने अपने जीवन को सुरक्षित भी किया और एक महत्वपूर्ण एग्जाम में सफलता प्राप्त की जिसे हम नीट का एग्जाम कहते हैं। आज हम लोग इसी अनुभव को जानते हैं और पढ़ते हैं इनके ईमेल पत्र को।

सबसे पहले मैं अपने गुरु जी श्री सूरज प्रताप को प्रणाम करता हूं। गुरु जी मैं इस वक्त बहुत खुश हूं और अपने जीवन से पूरी तरह संतुष्ट हूं क्योंकि इसका कारण आप और आपकी दी गई यह अद्भुत साधना है जिसके माध्यम से मेरे जीवन में पूरा सकारात्मक परिवर्तन आया है। गुरु जी आपकी ही कृपा से मैंने गुरु दीक्षा आप से 3 वर्ष पहले ली थी और इसके अनुष्ठान को पूरा करने के बाद मैंने!

आपकी ही दी हुई अष्ट चक्कर भैरवी साधना को करने का निर्णय लिया। हालांकि मैं एक गरीब परिवार से आता हूं पढ़ाई के लिए। सीमित मात्रा में महीने के ₹5000 ही मिलते थे। उसमें शहर में आकर रहना पढ़ाई करना बहुत ही कठिन हो जाता है। एक मध्यमवर्गीय और गरीब ब्राह्मण लड़के के लिए जीवन में यह सब प्राप्त करना बहुत कठिन है किंतु आपके जैसा गुरु अगर पास में हो तो कुछ भी असंभव नहीं होता। इसलिए आपको मेरा कोटि-कोटि बार नमस्कार है। आपके चरणों में दंडवत प्रणाम है। अब गुरु जी मैं अपने अनुभव पर आता हूं। आपने यह जब अष्ट चक्र भैरवी साधना? अपने इंस्टामोजो पे डाली थी। तब मैं बहुत खुश हुआ क्योंकि मैं इसे करना चाहता था। गुरु मंत्र का अनुष्ठान तो मैं पूरा कर ही चुका था। सबसे बड़ी बात गुरुजी, अकेले रहना और एग्जाम की तैयारी करने की वजह से सदैव मुझे किसी भी प्रकार का कोई डिस्टर्ब करने वाला व्यक्ति नहीं मिला। और इसी कारण मैंने अपनी साधना और पढ़ाई दोनों की, लेकिन किसी भी मंत्र और मेरी मेहनत काम नहीं आ रही थी। तब मैंने आपके ही अष्ट चक्र भैरवी साधना को करने के विषय में सोचा क्योंकि एक मात्र यही साधना है जिसका वर्णन आपने स्वयं किया है और आपके अनुभव के आधार पर मुझे लगा। अगर यह साधना मुझे सिद्ध हो जाए तो अवश्य ही मैं नीट का एग्जाम निकाल सकता हूं और डॉक्टर बन सकता हूं। मेरे पास पैसे नहीं है और इतने पैसे! कि हम किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में मेडिकल की पढ़ाई करें। हमारे लिए तो सपने जैसा है इसलिए किसी भी हालत में सरकारी अस्पताल को प्राप्त करना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण था। गुरुजी!

साधना संबंधी जानकारी और मेरा विवरण छिपाएं। क्योंकि मैं नहीं चाहता कि मेरे दोस्त और अन्य डॉक्टर मेरा मजाक उड़ाए। इस वक्त बस में गुरु मंत्र का केवल दो माला ही जाप कर पा रहा हूं क्योंकि पढ़ाई इतनी ज्यादा होती है और इस पर कोई संदेह भी नहीं करता। और अष्ट चक्र भैरवी की भी कुछ ही मालाएं। मैं जॉप करता हूं। वह भी गुपचुप तरीके से तब आसान था पर अब आसान नहीं है। जब मैं डॉक्टर की डिग्री ले लूंगा तब विधिवत तरीके से फिर से साधनाये शुरू करूंगा। गुरुजी! अब मैं उस बात पर आता हूं। जब मैंने आपकी साधना को खरीदा तो यह तीन चरणों में थी। प्रथम चरण अष्ट भैरवी साधना, दूसरा चरण भैरवी का यंत्र! और तीसरा चरण अष्ट चक्र भैरवी साधना थी। पहले चरण को पूरा किया दूसरे चरण को पूरा किया और फिर तीसरे चरण की मूल साधना पर मैं आ गया।

मुझे इस साधना को एक साल करते हो गया था। कोई अनुभव भी ज्यादा नहीं हुए थे। मैं समझ सकता हूं। जब आपको 2 वर्ष लगा तो मेरे लिए यह कठिन था तब मैंने संकल्प लेकर यह कहा। कि मैं? सपने में भी अपना ब्रह्मचर्य नष्ट नहीं करूंगा। हे अष्ट चक्कर भैरवी देवी! अगर मेरी साधना सच्ची है और अगर मैं लगातार! अनवरत रूप से आपके मंत्रों का जाप करता हूं तो आप मुझे मेडिकल कॉलेज दिलाएं जो कि सरकारी हो। आप की प्रत्यक्ष सिद्धि से मुझे कोई मतलब नहीं है। सिर्फ आप मेरे जीवन की राह निश्चित कीजिए। अभी मेरे लिए केवल यही महत्वपूर्ण है। उसके बाद गुरुजी जब मैंने यह संकल्प लिया और साधना करने बैठा। उसी दौरान मेरे घर के पास में एक लड़की रहने के लिए आई वह भी अकेले ही रहती थी। वह मुझसे दोस्ती कर ली और फिर हम दोनों की दोस्ती आगे बढ़ी। तब एक कोचिंग में उसने कहा, दाखिला ले लो तो मैंने कहा, मेरे पास पैसे नहीं है तो वह कहने लगी। अरे मेरे पास तो है। मैं तुम्हारा दाखिला करवा दूंगी। मैं उसका एहसान नहीं लेना चाहता था। पर मेरे ही कैरियर की बात थी इसलिए मैंने उसकी बात मान ली और एक प्रतिष्ठित कोचिंग में मैं उसके साथ जाकर हमारी दोस्ती दोस्ती से प्यार की तरफ बदल चुकी थी। फिर वह मेरे घर आई। और क्योंकि मेरा छोटा सा कमरा था। वह साथ में मेरे साथ बैठकर पढने लगी। वह मैं दोनों एक साथ बैठकर पढ़ते थे। और? फिर उसने मुझे कुछ किताबे बताई? और नोट्स बताएं। इसके बाद फिर मैं उसके साथ। रोजाना पढ़ने लगा। और फिर एक दिन वह अचानक से गायब हो गई। मुझे कुछ समझ में नहीं आया। मैंने बहुत पता किया, लेकिन उसके बारे में कोई जानकारी मुझे प्राप्त नहीं हुई। लेकिन फिर वह दिन आ चुका था जब एग्जाम था। एग्जाम के दिन मुझे रात में सपना आया। तो?

सपने में मुझे कुछ विशेष तरह के गुर मिले थे।

अर्थात उसमें कुछ ऐसी टेक्निक बताई गई थी जिसे फॉलो करने से मेरा एग्जाम अच्छा हो सकता था। और फिर मैं जब एग्जाम देने बैठा। तो अजीब सी एक खुशबू मेरे चारों तरफ मौजूद थी।

मैं? अद्भुत नजारा उस दिन का महसूस करता हूं जैसे कि कोई शक्ति मेरे पास विद्यमान हो। जब मैं एग्जाम में हल कर रहा था तो लगता था जैसे मेरा पेन अपने आप। उन चीजों पर दौड़ जाता जो सबसे ज्यादा सटीक होती। और इस प्रकार बहुत खुशी दिल से मैंने वह एग्जाम दिया। मुझे लग रहा था जैसे मैं आधी नींद में एग्जाम दे रहा हूं। एक अजीब सा प्रभाव था एग्जाम का। फिर भी जब मैं घर आया तो मैंने आंसर की वगैरा से मिलाकर देखने की कोशिश की तो ज्यादातर सवाल मुझे सही लग रहे थे। लेकिन सबसे बड़ी बात मेरे लिए रैंक ऐसी होनी चाहिए कि? कम से कम मुझे सरकारी हॉस्पिटल अवश्य मिले यह बहुत जरूरी है क्योंकि मेरे घर में पैसा तो कोई देने वाला नहीं। जो लड़की मेरी दोस्त थी, वह भी पता नहीं कहां एक दिन अचानक गायब हो गई थी। इस प्रकार!

जब मेरा रिजल्ट आया। तब मुझे मेरा रिजल्ट मेरे ही पिताजी ने फोन करके बताया क्योंकि मैं तो खुद ही उस दिन पूजा में बैठा हुआ था। पूजा से उठा तो पापा का फोन आया। उन्होंने कहा, तुम्हारा सिलेक्शन हो गया है। तुम्हारा रैंक इतना अच्छा आया है कि हंड्रेड परसेंट? तुम्हें सरकारी अस्पताल ही मिलेगा। मैं बहुत खुश हुआ जाकर देखा तो अंडर हंड्रेड में मेरा रैंक था। यह मेरे लिए बहुत ही बड़ी बात थी तो गुरु जी इस प्रकार मेरा आखिरकार दाखिला हुआ, वह भी सरकारी अस्पताल में ही। यह मेरे लिए एक बहुत बड़े अचरज की बात की। मैंने अष्ट चक्र भैरवी को नमन करते हुए आपको मन ही मन प्रणाम किया। आज आपकी दी हुई एक साधना ने मेरा जीवन बदल दिया। मैं आज तक भैरवी को तो सिद्ध उस तरह नहीं कर पाया कि वह मेरे पास साक्षात आ जाएं। लेकिन फिर भी मैंने अपने लक्ष्य को हासिल कर लिया है। अब तो समय ही नहीं मिलता है। गुरुजी कि मैं साधना कर पाऊं। ऐसे करता हूं जैसे कोई पूजा हो और साधारण विधि से मैं रोजाना इस छोटी मोटी साधना को संपन्न करता हूं। जब डॉक्टर बन जाऊंगा तो अवश्य ही विधिवत तरीके से साधना करूंगा। गुरु जी आप को कोटि कोटि प्रणाम इस अनुभव को अवश्य प्रकाशित कीजिये ताकि लोगों को पता चले की शक्ति की साधना से क्या-क्या नहीं हासिल किया जा सकता है?

नमस्कार गुरु जी!

सन्देश- तो देखिए यहां पर इन्होंने जो अनुभव बताया है, मेरी समझ से वह कन्या भैरवी ही हो सकती है या फिर उसकी कोई चेरी दासी शक्ति! जो मदद करने के लिए लड़की के रूप में इनके जीवन में आई थी और प्रेमिका बन कर इनकी पूरी सहायता उसने पढ़ाई में की।

और इन्हें आखिरकार सफलता दिलवा ही दी। तो यह एक वास्तविक बात है कि जब हम सच्चे हृदय से कोई साधना करते हैं और सच्चे मन से किसी भी एग्जाम या परीक्षा की तैयारी करते हैं तो शक्तियां अवश्य मदद करती है और सफलता दिलाती है।

तो यह था आज का इनका अनुभव अगर आपको यह वीडियो पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

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