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अस्थि मुख वीर साधना

गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याऔ कि साधना और वीर साधना यक्षिणी  साधना अप्सरा की जाती हैं  साधना भैरवी साधना योगिनी साधना जिस प्रकार की साधना हैं वह कि जाती है तो यह जो समय होता है वह विशेष होता है इसमें गोपनीय साधना की जाती है और यह गोपनीय नवरात्रि बोले जाते हैं दो गुप्त नवरात्र होते हैं जो गोपनीय नवरात्रि के नाम से भी जाना जाते हैं  यह जो शारदीय और वसंत नवरात्र होते हैं मनुष्य जनों के लिए होते हैं और जो  गोपनीय नवरात्रि है उसमें देवता और राक्षस दोनों ही साधना करते हैं

इसलिए उनकी  सिद्धि  के लिए ही यह गुप्त नवरात्रि उपयोग की जाती है इस समय आप सर्व सिद्धि कर सकते हैं कोई गोपनीय तांत्रिक प्रयोग साधना कर सकते हैं तो मैं बहुत सारी योगिनी साधना दे रहा यक्षिणी की साधना भैरवी की अप्सरा की वीरों की जो भी आते हैं वह कर सकते हैं तो आज मैं आपके लिए एक बहुत ही शक्तिशाली वीर साधना लेकर आया हूं माता काली जब युद्ध मैं क्रोधित जब युद्ध करती हैं तब उस समय बहुत सारे वीर उत्पन्न होते हैं उनमें से एक वीर ये भी है इस वीर को अस्थि मुख्र वीर के नाम से जानते हैं

इसकी साधना कैसे करनी है इसमें क्या क्या उपयोग होगा चलिए हम जानते हैं  अस्थि मुख वीर जो है एक खोपड़ी होती है उसकी तरह दिखाई देता जैसे कोई कंकाल हो एक आदमी की खोपड़ी रह जाती है मरने के बाद वैसा ही दिखाई देता है और कोई भी काम करने में यह सक्षम है  क्योंकि इसमें बहुत ही उग्रता   है तीव्रता है क्योंकि यह माता काली के साथ रहता है उनका सेवक  है इसलिए यह सारा काम बहुत ही तीव्रता के साथ करता है मारण है उचाटन है   मुख्य रूप से  कार्य करता है और आपके सभी प्रकार के कार्यों को करने में समर्थ बनाता है

  यह वीर जब आप इससे  वचन ले लेंगे तब वचन देते समय आपको यह वचन विशेष रुप से ध्यान रखना हे की यह अगर आपके सर पर चढ़ गया तो आपको मुक्त  कराना आसान नहीं होगा दस महाविद्या का साधक भगवती आदिशक्ति जगदंबा का साधक भगवान  शिव का साधक इनमें से ही कोई एक साधक जिस पर पर भगवान की विशेष कृपा हो वही आपको मुक्त कर पाएगा इनके अलावा आपको कोई मुक्त नहीं करा पाएगा इसलिए आपको सावधानीपूर्वक यह साधना करनी चाहिए तो इसके लिए आपको मनुष्य की या बंदर की खोपड़ी की आवश्यकता होगी इसको आप ले आइए

हड्डी जो है इंसान की हाथकी तो यह हड्डियां आप उसके ऊपर रखेंगे खोपड़ी के एक- एक साइड से दोनों तरफ रखेंगे इसके लिए आपको श्मशान में या किसी ऐसे नदी के किनारे पर जहां श्मशान स्थित हो तो यह बहुत ही उत्तम माना जाता है अगर आप वहां जाकर यह साधना करेंगे तो निश्चित रुप से आपको सफलता मिलेगी तो इसमें आपको करना क्या है कि, आपको काले कपड़े पहन कर सारा सामान लेकर माता काली के मंत्रों का जाप एक माला या दो माला  एकांत स्थान में करना होगा यह करने के बाद आप चुपचाप खड़े हो जाइए और माता काली से प्रार्थना करिए कि हे मां मैं आपके अस्थि मुख वीर की साधना करने जा रहा हूं आप मुझे सामर्थ्य प्रदान करिए कि मैं उसके वेग को संभालने में सक्षम रहूं  मुझे आशीर्वाद दीजिए कि मैं इसकी सिद्धि कर सकूं

फिर उसके बाद आप अमावस से यह साधना शुरू कर सकते हैं और आपको यह साधना 41 दिन में खत्म करनी होगी इसमें आपको 41 दिनों तक 41 माला का ही जाप करना होगा और इसमें जो माला लगेगी नर अस्थि यानी मनुष्य की हड्डियों से बनी माला का प्रयोग करना पड़ेगा मनुष्य की हड्डी को ले लीजिए और उसको तोड़ तोड़ कर गोल गोल बना लीजिए और घोड़े के बालों मे पीरो लीजिए अगर बाल ना मिले  तो काले धागे में गुथ लीजिए काले धागे को अभीमत्रीत्र  कर लीजिए और माला बना लीजिए इसकी भी एक विधि होती है  या किसी से मिल जाए तो ले लीजिए नर अस्थि, इससे सिद्धि 100 पर्सेंट बढ़ जाती है अगर आपकी साधना में टिके रह जाए तो  यह अस्थि मुख वीर  की बहुत ही शक्तिशाली साधना है

इसके बाद आपको श्मशान में ऐसे स्थान का चयन  करना है जहां कोई आता है जाता ना हो  अगर वो नदी का किनारा हो तो बहुत ही उच्च, आपको सिद्धि मिलने की संभावना बढ़ जाती है  इसमें आप अमावस्या वाले रात को काले कपड़े पहन कर  साधना शुरू कर सकते हैं सामने एक गोल घेरा  बनाकर सुरक्षा घेरा और अपने छाती पर मंत्र पढ़कर फूक लीजिए  ताकि आप सुरक्षित हो सके क्योंकि यहां यह  प्रचंड वेग से आता  है, आप अपने चारों तरफ चाकू से गोल घेरा बना ले  और छाती पर मंत्र से अभीमंत्रीत्र  कर ले और उसके बाद एक एक छोटा सा लकड़ी का पटरा लेना है   ओर उसके  ऊपर लाल कपड़ा बिछाना है जहां आप साधना करेंगे उसके ऊपर आपको मनुष्य की या बंदर की खोपड़ी  रखना है और उसको सिन्दूर से उसके तिलक करना हैै सिंदूर से

उसके बाद आपको एक दीपक जलाकर रखनाा है दीपक ऐसे जलाना है कि है हवा सेेे बुझने न पाए  इसके बाद आप एक काला कंबल ले लीजिए और उस पर बैठ जाइए  और काले कपड़े पहन कर आप यह साधना शुरू कर सकते हैं रोज आपको  41 माला का जाप करना होगा रात्रि के 10:00 बजे के बाद 41 मालाा ही  जपना है जप के बाद आपको अपना सारा सामान लेकर घर आना है घर में रख लेंगे, ध्यान रखेंगे की कोई भी सामान छूने न पाए  और फिर रात्रि को साधना के लिए सामान लेकर चले जाएंं ऐसा आपको 41 दिनों तक  करना होग  41 वी रात को आपको 410 बार  हवन करना है  हवन इस् प्रकार करना है कि एक चिता बना लेनी हैैै त्रिकोणी सी उसमें आप मदिरा और काले बकरे का मांस चढाते जाएंगे  यह उसका  भोग होता है इस प्रकार आपको अस्थि मुख वीर की साधना  करनी है  इसका मंत्र इस प्रकार है
मँत्र:  ॐ क्रि अस्थि मुख वीर वीराय सिद्धि हु फट   

यही मंत्र आपको 41 दिन तक 41 माला नर अस्थियो से  बनी माला पर करना है जो मनुष्य की हड्डियों से बनी है उसी पर करना है साधना के बाद आपको यह माला धारण कर लेनी है यह माला साधना के बाद सिद्ध हो जाती है, उस माला से जब आप एक माला जपेगे  तो अस्थिमुख वीर  प्रकट हो जाएगा और जो आप आदेश देंगे वही करेगा और आप अपनी हड्डी के माला को कभी खोने नहीं देंगे, जब आप उसे रखेंगे तो काले कपड़े में बांधकर सुरक्षित रूप से रखेंगे जहां कोई छूए नही  क्योंकि माला सिद्ध हो जाएगी   माला हमेशा सिद्ध रहेगी और आपके अचूक कार्यों को करेगी  जब 41 दिन पूरे हो जाएं साधना के या 40  वे दिन भी वीर  प्रकट हो सकता है क्योंकि ऐसे शक्तियां जल्दी सामने आती है 

जब प्रकट हो जाए तो आपको तीन वचन ले लेना है –जब मैं आपको बुलाऊं तो आना होगा,जो काम कहूँ वही करना होगा और तीसरा अपने मन से कुछ नहीं करना जब मैं कहूं तभी  करना है और मुझे कभी भी कोई नुकसान नहीं पहुंचने देना है  तो यह तीन चीज़े आप उसे निश्चित रुप से मांग ले  अगर आपकी कोई और भी इच्छा है तो वह भी मांग लीजीए  इसका प्रयोग तब करना है जब कोई गोपनीय कमरे में  खुद को बंद कर ले और उसके बाद उसे बुलाईए जो काम करवाना है वह करवाईए और अगर कोई आपके पास अपना काम करवाने आता है तो  उससे बकरे का मांस  मांगीए  और शराब भी उसे आप उसका भोग दीजिए  भोग को  उसको देते रहना है ताकि वह आपसे प्रसन्न  रहे ऐसा ना हो कि वो आपका कर्मचारी बनकर काम करता रहे

क्यों की यह एक बहुत ही प्रचंड वीर है, साधना में कोई गलती मत करिए अगर आपको डराने की कोशिश करता है तो बिल्कुल भी डरिए मत और साधना छोड़कर भागे बिलकुल भी नहीं,  वरना आप पागल हो सकते हैं और आप की मौत भी हो सकती है इसमे आपकी स्थिति बहुत ही खराब हो सकती है इन साधना में आपको मन से बहुत ही दृढ़  होना होता है आपको दिखाना होता है कि आप मन से पूरी तरह से दृढ है  क्योंकि इन तरह की साधना में माया दिखाई देती लेकिन माया ऐसी दिखाई देती है जैसा लगता है सचमुच में हो रहा हो

लेकिन आपको  घबराना नहीं है इसलिए आपको एक योग्य के गुरु के मार्गदर्शन में ही है ये साधना करनी है इस साधना से अपना कल्याण करिए और लोग का भी कल्याण करिए इस साधना से लोगो का दुरुपयोग कभी मत करिएगा स्त्री वशीकरण वगैरा मत करिएगा कभी भी जैसे लोग औरतों को बुलाकर उनका वशीकरण करके गलत-गलत काम करते हैं यह सब बिल्कुल मत करिएगा 41 दिन की साधना को आप करिए इस प्रकार से करिए कि  वह सिद्ध समय में समाप्त हो जाए जैसा कि मैंने आपको बताया है  कि सिद्ध समय कैसा आता है धन्यवाद

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