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आंनद भैरव और शक्तिशाली केसी पिशाचिनी भाग 3

आनंद भैरव और शक्तिशाली केसी पिशाचिनी भाग 3

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है । आनंद भैरव और शक्तिशाली केसी पिशाचिनी कथा में अभी तक आपने जाना की रूपा और केसी साथ में एक गुरु के पास जाते हैं । और सिद्धि प्राप्ति की इच्छा से उनके कहे हुए तरीके को करने की कोशिश करते हैं । जिसमें उनके साथ में यह घटित होता है कि वहां पर जल भरने के दौरान एक शक्तिशाली नरसिंही शक्ति उनके सामने आ जाती है । आगे क्या हुआ हम लोग जानते हैं । जैसे ही वह नरसिंही शक्ति उनके पेड़ के नीचे आ कर के बैठी । यह दोनों बहुत अधिक घबरा गई इनके पास अब वहां बैठे रहने के अलावा कोई और तरीका नहीं था । पूरी रात बीत जाने के बाद डरते हुए सुबह के समय जब वह शक्ति वहां से चली गई । तो यह दोनों पेड़ से नीचे उतर आए और चारों तरफ देखने लगी कहीं वह शक्ति अभी विद्यमान तो नहीं है । इस प्रकार वह अपने उसी गुरु के आश्रम में उनकी बनी हुई कुटी के पास पहुंची । और उनसे पूछने लगी कि गुरुदेव हमारे साथ यह सब कुछ घटित हुआ और हम इस बात के लिए क्षमा प्रार्थी भी है क्योंकि हम आपके बताए गए जल को प्राप्त नहीं कर सके । इस पर वहां उपस्थित गुरुदेव हंसने लगे । उन्होंने कहा मैंने तो सिर्फ तुम्हारे आत्मबल और धैर्य की परीक्षा लेने के लिए ही रात्रि के समय वहां भेजा था । और जिस शक्ति को तुम देख कर घबरा रही थी वह तुम्हारी रक्षा के लिए मेरे द्वारा ही भेजी गई एक शक्ति है । ताकि कोई जंगली जानवर आप लोगों को हानि ना पहुंचा सके । और इसी के साथ आप लोगों की परीक्षा भी हो जाए कि आप लोग इस परिस्थिति को किस प्रकार नियंत्रित करती हैं । मैंने आप लोगों की परीक्षा ली थी लेकिन आप लोग मेरे पास वापस आए हैं और यह इच्छा रखते हैं कि मैं आपको साधना और सिद्धि का विशेष ज्ञान दू । इसके लिए आपको मेरे कहे अनुसार सिद्धि और साधनाएं करनी होगी ।

इस पर केसी और उनकी सखी रूपा ने हामी भर दी । गुरुदेव ने कहा ठीक है तो फिर आप लोग तैयार हो जाइए सामने  एक कुटी का स्वयं निर्माण कीजिए । वहीं पर बैठकर आप दोनों साधना कीजिए इस प्रकार से गुरु ने उन्हें साधनाएं सिखानी शुरू कर दी । दोनों उस कूटी में बैठकर साधनाए करती थी धीरे-धीरे करके दोनों की दोनों बहुत ही अधिक सिद्धिवान स्त्रियां बन गई । उनकी सिद्धि लगातार बढ़ती जा रही थी क्योंकि अभी तक जब स्त्रियां सिद्धियां प्राप्त करती है तो उनमें विशेष तरह के भाव का समन पहले से ही होता है । इसी कारण उन्हें सिद्धि जल्द प्राप्त हो जाती है । यहां पर भी केसी और रूपा के साथ वैसा ही हो रहा था । दोनों ने अपने गुरु से पूर्ण सिद्धि प्राप्त कर ली और उसके बाद वह दोनों अपने गुरु को प्रणाम कर आज्ञा लेकर अपने कार्य को करने के लिए आगे की बात सोचने लगी । दोनों के मन में यह एक विशेष इच्छा थी कि हम दोनों केवल किसी राजकुमार के पास जाएं और उसी से विवाह करें । क्योंकि विवाह के लिए कोई उन्हें मना नहीं कर सकता वह इतनी अधिक रूपवान और वशीकरण में योग्य हो चुकी थी कि उनकी सिद्धि के आगे किसी मनुष्य की कोई विषाद नहीं थी । इसी कारण से वह दोनों ने गुरु से आज्ञा ली और नगर की ओर गमन कर गई । दोनों एक विशेष नगर में पहुंच गई वहां पहुंचकर उन दोनों ने उस नगर में कुछ लोगों से पूछा कि यहां पर राज महल कहां स्थित है । उन्होंने यह बात जब उन लोगों से पूछी तब लोगों ने बताया एक विशेष दिशा में जाने पर यहां का राज महल तुम्हें मिल जाएगा । राज महल में राजकुमार रहता है वह बहुत ही अधिक सुंदर है और वह विवाह करने का भी इच्छुक है ।

इसी कारण से अब वह यह करना चाहता है कि उसका विवाह संसार की सुंदरतम नारी से हो । यह बात पहले से ही दोनों कन्याओं को पता चल गई थी । इसी कारण से अब उनका यह उद्देश्य था कि किसी भी प्रकार से इस राजकुमार से विवाह करें । लेकिन यहां पर उनके बीच में संघर्ष होने की पूरी उम्मीद जाग गई थी । कारण की राजकुमार एक ही था । लेकिन दोनों में यह सहमति बनी कि जो भी इसे आकर्षित कर लेगा वह उसी से विवाह करेगा । और दूसरी को किसी दूसरे राजकुमार को ढूंढना पड़ेगा । इसी कारण से दोनों की दोनों आपस में इस राजकुमार से मिलने के लिए लालायित हो चुकी थी । दोनों ने अपने रूप को बहुत अधिक सुंदर बना लिया और दोनों पहुंच गई राजकुमार के महल में । उन्हें देखकर सब यही कहते कि यह दोनों अत्यधिक सुंदर कन्याएं कौन है । द्वारपालों को भी इतनी समर्थ नहीं हो सकी कि वह इन दोनों को रोक सके । इनके रूप के कारण इनकी सुंदरता बहुत ही अधिक बन चुकी थी । दोनों ने ही एक जैसा रूप धारण किया था ताकि दोनों को मौका मिल सके । और दोनों की दोनों आखिर पहुंच गई राजकुमार के पास । राजकुमार ने जब इन दोनों को देखा तब राजकुमार मन ही मन इनसे प्रेम करने लगा । इनका रूप अधिक ही सुंदर था और साथ ही साथ दोनों गोपनीय तरीके से वशीकरण शक्ति का प्रयोग कर रही थी । अंततोगत्वा राजकुमार ने केसी को चुना । केसी अपनी मधुर वाणी से राजकुमार को कहने लगी अगर आपने मुझे पसंद किया है तो मुझसे विवाह कीजिए ।  मैं आपसे विवाह करने के लिए बहुत ही अतुर हूं ।

मुझको मेरे मनपसंद का राजकुमार मिल चुका है और मैं आप की रानी बनकर इस राज्य में सदैव के लिए बहुत ही अधिक सुंदर और सज्जन राजकुमारी के रूप में प्रतिष्ठित होऊंगी । इसी कारण से मैं आपसे विवाह जल्दी से जल्दी करना चाहती हूं । राजकुमार ने भी कहा यदि आप दोनों बहुत सुंदर है लेकिन मैंने आपका ही चुनाव किया है । क्योंकि मुझे आपके अंदर विशेष गुणों का प्रभाव नजर आया है । आप जैसी नारी मिलना मेरे लिए भाग्य की बात है । इस प्रकार नगर में यह बात फैला दी गई की राजकुमार अब केसी से विवाह करेंगे । दोनों के विवाह की तैयारी होने लगी केसी और रूपा दोनों ही संतुष्ट थे । क्योंकि दोनों में से एक की मनोकामना पूर्ण हो चुकी थी । जैसे ही विवाह मंडप पर केसी जाने लगी । अचानक से ही वह चकरा कर नीचे गिर पड़ी और बेहोश हो गई । उसके बाद जब उसकी आंखें खुली तो उसने अपने आप को घनघोर वन में पाया । वह ऐसा वन था जिस वन में चारों तरफ कुछ भी दिखाई ठीक से नहीं दे रहा था । वह इधर उधर भटकने लगी उसने जोर जोर से रूपा को पुकारना शुरू कर दिया की रूपा तू कहां है  । किंतु वहां पर कोई भी नहीं था उसने अपनी सिद्धियों का प्रयोग किया और कुछ प्रकाश हुआ । किसी प्रकार से वह उस जंगल से बाहर आई । क्योंकि उसके पास कई सारी सिद्धिया थी तभी उसने नगर से आ रहे एक व्यक्ति से पूछा कि भाई क्या राज महल में विवाह रुक गया है । उसने कहा नहीं देवी राजकुमार का विवाह तो संपन्न हो चुका है । यह सुनकर केसी को बहुत बड़ा झटका लगा । उसने सोचा कि ऐसा कैसे संभव है अगर मैं यहां हूं तो राजकुमार का विवाह किससे हुआ है । तभी उसे दूर खड़ी रूपा दिखाई दी वह रूपा से जाकर के कहने लगी यह क्या हो गया । रूपा भी उसे आश्चर्य से देख कर कहने लगी तुम्हारा तो विवाह हो रहा है और तुम यहां क्या कर रही हो । अब आश्चर्य और बड़ा होने वाला था । केसी ने कहा मेरा विवाह हो रहा है तो फिर विवाह मंडप में कौन है । आखिर विवाह मंडप में कौन था हम लोग जानेंगे अगले भाग में । अगर आपको यह जानकारी और कहानी पसंद आ रही है लाइक करें शेयर करें सब्सक्राइब करें चैनल को आपका दिन मंगलमय हो धन्यवाद ।

आनंद भैरव और शक्तिशाली केसी पिशाचिनी भाग 4

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