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इंटे फेकने वाले भूत एक सच्ची घटना भाग 1

इंटे फेकने वाले भूत एक सच्ची घटना भाग 1

Email – ashokkumargautam886066@gmail.com

नमस्कार गुरु श्री सूरज प्रताप जी और धर्म रहस्य के सभी दर्शकों को मेरा नमस्कार ।मेरा नाम अशोक कुमार है मैं मंगोलपुरी 110083 नई दिल्ली से हूं और यह कहानी जो सच्ची घटना पर आधारित है इसे मैं धर्म रहस्य चैनल पर भेज रहा हूं दिनांक 10-09-2020 को। यह कहानी सिर्फ धर्म रहस्य चैनल पर दी जा रही है और मेरे गुरु श्री सूरज प्रताप जी को दी जा रही है और भविष्य में यह कहानी कहीं और प्रकाशित नहीं की जाएगी इस कहानी की जिम्मेदारी मैं अशोक कुमार लेता हूं। मैं धर्म रहस्य की सभी वीडियो को 1 साल से ऊपर से देखता आ रहा हूं और और इस चैनल पर जो भी कहानी आती है उसे मैं देखने के लिए काफी ज्यादा बेसब्र रहता हूं और मैं यही सोचता था कि क्या यह कहानी सब सच है तो मैंने सोचा कि चलो कोई सच्ची कहानी भेजू, मैं भी काफी समय से सोच रहा था कि किसी सच्ची घटना पर आधारित कोई कहानी प्रकाशित करवाऊं इस चैनल पर ।

काफी समय बाद मुझे यह कहानी अपने दोस्त से पता लगी जो मेरे ही साथ स्कूल में साथ पढ़ता था मेरा घर और उसका घर दोनों अलग एरिया में था । हम दोनों का मिलना जुलना काफी कम है उसका काफी दिनों बाद अचानक से फोन आया और उसने कहा कि अशोक तू भूत प्रेत को मानता है तो मैं यह बात सुनकर कुछ भौचक्का सा रह गया मैंने यह सोचा कि यह ऐसी बातें क्यों कर रहा है। फिर मैंने पूछा कि क्या बात हुई जो तू ऐसी बातें कर रहा है तो उसने कहा कि यह सब बातें फोन पर नहीं बता सकता तू मेरे से मिलने के लिए मेरे काम पर आ जा, तो मैं टाइम निकाल कर के उसके काम पर जो कि मंगोलपुरी आईटीआई में वह बिजली विभाग में कार्य करता है । मैं वहां पहुंच गया इस बारे में उससे बात करने के लिए उसके काम पर अपने घर से निकल गया मेरे मन में रास्ते में एक सोच आ रहा थी कि उसके घर में कोई घटना तो नहीं हो गई फिर उसके पास पहुंचा और उससे मिलकर पूछा कि भाई क्या बात हो गई ।

मेरे दोस्त ने बताया कि कुछ 15 दिनों से हमारे घर के बगल जो तो तीन चार घर है उनकी छतों पर और कमरों में से कोई बाहर रोड की तरफ बड़ी-बड़ी ईट और अध्धे फेंक रहा है ।मैं उसके घर पहले भी कई बार जा चुका हूं उसका घर सुल्तानपुरी जी ब्लॉक में है जो मेन रोड पर ही है । तब मैंने उससे बोला कि यह कोई बच्चे या कोई व्यक्ति भी तो हो सकता है तो उसने कहा कि इतने बड़े-बड़े पत्थर और इतनी दूर कोई इंसान इतनी बड़ी-बड़ी ईट फेंक नहीं सकता है । तब मैंने उससे कहा कि ऊपर से फेकने में ज्यादा दिक्कत नहीं होती तब उसने इस बात पर कहा कि मैं इन सब बातों को पहले नहीं मानता था लेकिन अब मानने लगा हूं तो मैंने कहा कि ऐसा क्या देखा जो तू इस सब बातों को मान रहा है उसने कहा यह घटना काफी दिनों से लगातार हो रही है और लोगों ने पुलिस कंप्लेंट भी करी थी । जब पुलिस आई तो पुलिस वालों ने पूछा कि किस घर से यह पत्थर फेंके जा रहे हैं तब वहां के सभी स्थानीय लोगों ने बताया कि यह तीन चार घरों से अक्सर ही पत्थर फेंके जाते हैं ।

पुलिस कुछ छानबीन करने के लिए बाहर रोड पर खड़ी ही थी कि उन्हीं के पास एक बड़ी सी ईट आकर गिरी और पुलिस वाले अपना पिंड छुड़ा कर कहने लगे कि जब आप लोगों को पता चल जाए कि यह कौन फेंक रहा है तब कंप्लेन करना । उसमें से एक पुलिस वाला यह भी कह रहा था कि यह कोई ऊपरी चक्कर है । वह अपना सर बचाते हुए अपनी पुलिस वैन में जा करके बैठ गया और वहां के लोगों ने इन चार पांच घरों पर निगरानी रखना शुरू कर दिया और इतने दिनों तक निगरानी करने के बाद भी उन्हें कोई नहीं दिखा उन घरों के ठीक पीछे एक पार्क है और लोगों ने वहां से भी जाकर निगरानी करना शुरू कर दिया फिर भी उन्हें कुछ नहीं मिला । तब मैंने अपने दोस्तों से पूछा कि तू तो यह सब बात नहीं मानता है तो तुझे ऐसा क्यों लग रहा है तब उसने कहा कि यह काफी समय पहले की बात है।

मैं जब छत पर सोता था तब भी छोटे छोटे पत्थर मेरी छत पर आकर गिरते थे तब मैंने सोचा कि कोई बच्चे यह कार्य करते होंगे । लेकिन एक दिन मैं जब अपने छत पर सो रहा था तब उसकी छत पर कोई दूसरी छत से तेजी से कूदकर गायब हो गया और जैसे ही वह उसकी छत पर पूरा उसकी नींद तुरंत खुल गई उसने हर तरफ देखा और अपनी छत पर देखा तो उसने जीने पर देखा वहां पर कुंडी लगी थी । उसने मुझे बताया कि अगर कोई इंसान अगर कुदा होता तो काफी लड़खड़ा जाता इतनी जल्दी कहीं भाग नहीं पाता क्योंकि छतों से भागने के लिए कहीं कूद के या जीने से भागना होता है । मेरे जीने पर कुंडी लगी थी मैंने अपने छत के पीछे हर तरफ देखा कोई भी नहीं दिखा उसने कहा लेकिन तब मैंने इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और किसी को कुछ नहीं बताया लेकिन जब से यह बात काफी चर्चा में आई तब मैंने यह तुझे बताया यह बात मैंने अपने एरिया में किसी को नहीं बताया था ।

तब मैंने कहा कि अभी किसी ने उसे देखा नहीं तो उसने कहा कि वहां के और सामने के लोग अपने छतों पर निगरानी रखते हैं यह पत्थर फेंकने का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है । मैंने उससे पूछा कि यह सिलसिला क्यों बढ़ता आ रहा है । उसने बताया कि यहां के स्थानीय लोगों ने सोचा कि कोई इंसान ही होगा सब लोग आपस में लड़ाई करने लगे जिन घरों से यह पत्थर आते थे ।वह एक दूसरे को मारने पीटने की धमकी देने लगे कि अगर हमारे घर में किसी को कुछ हो गया तो हम तुझे कुछ कर देंगे ईट गिरने का सिलसिला और ज्यादा जब बढ़ गया लोगों परेशान होकर के गालियां देने लगे । वह आत्मा और भी प्रभावित हो गई । मेरा दोस्त कह रहा था कि पहले तो सुबह से शाम तक एक या दो ही ईट फेंकी जाती थी लेकिन लोगों ने जब गालियां देना शुरु कर दी तब से यह सिलसिला और भी ज्यादा बढ़ गया है । यह काम सुबह से रात तक होता है यह कभी भी सुबह से शाम तक फेंकी जाती है ।

अभी तक इतने बड़े-बड़े पत्थर फेंकने के बावजूद भी कोई घायल नहीं हुआ है बस गाड़ियों के शीशे और बाइक पर असर पड़ा है बच्चे वहां पर खेलते हैं और उनका खेलना भी उनके मां-बाप ने बंद करवा दिया है । अब कोई भी अपने बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने देता है तब मैंने अपने दोस्त से कहा तूने कभी देखा पत्थर गिरते हुए तब उसने कहा कि मैं और मेरा भाई दोनों बाहर खड़े होकर बात कर रहे थे मैं अपने भाई से कह रहा था कि चल अंदर कहीं कोई पत्थर हमें ना लग जाए इतना कहते ही मेरे भाई से थोड़ी सी दूर पर एक बड़ी सी ईट वहां पर आकर गिरी और हम बहुत ज्यादा घबराकर घर में चले गए ।

अब वहां के सभी लोगों ने यह बात मान ली है कि यहां पर कोई ऊपरी हवा है या कोई अतृप्त आत्मा है जो लोगों को काफी परेशान कर रही है जिन चार पांच घरों से यह ईटें फेंकी जाती है उन घरों से सारी की सारी ईटें अब नीचे उतार ली गई है और जब उन घरों से ईट उतारी जा रही थी उसी समय लगातार कई बार इसे फेंकी गई और फिर भी किसी ने कुछ नहीं देखा । आज की ही बात है मेरा दोस्त जब सुबह काम पर जा रहा था तभी उसके घर में से भी यह ईट फेंकी गई । उसने मुझे बताया कि हमारे घर में ऊपर सिर्फ रात में सोने के लिए ही जाते हैं । सब नीचे ही रहते हैं उसने मुझसे कहा कि बता हमारे घर में से ऐसा कोई कर सकता है मैं अपने दोस्त से मिलने दोपहर में 1:00 बजे के आसपास गया तब उसने वहां अपने पड़ोसी दोस्त से पूछा कि भाई क्या चल रहा है तब उसने कहा कि तेरे काम पर जाने के कुछ ही देर बाद दो बार और ईटे फेकी गई है जो कि तेरे ही घर से आई है ।

अब यह चर्चा काफी जगह फैल चुकी है मेरे दोस्त का कहना है कि यह ईटे लगातार फेंकने की वजह से वहां का रोड पूरा लाल हो चुका है । ईट टूटी बिखरी हर जगह पड़ी हुई है मैं अपने दोस्त के घर पर जाकर कुछ और भी पता करूंगा उसने बताया है कि वहां पर सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए हैं कुछ लोगों ने अपने फोन से फोटो और वीडियो भी बनाई है । मैं वह भी इस कहानी के अंत में भेज दूंगा जैसा भी होगा मैं इस बारे में आगे इस चैनल पर और भी बताऊंगा अगर किसी को कुछ पता लगाना है तो नई दिल्ली सुल्तान पुरी जी ब्लॉक में आ करके पता लगा सकता है मैंने अपनी ईमेल आईडी धर्म रहस्य मेरे गुरु श्री सूरज प्रताप को भेज दी है गुरु जी आप मेरी ईमेल आईडी दिखा सकते हैं और इस कहानी का आगे क्या अंत होगा ? वह भी मैं इस कहानी के अंत होते ही जरूर बताऊंगा वहां के लोगों ने तांत्रिक या पंडित से इस से छुटकारा पाने के लिए कार्य करवाने की सोची है जैसा भी आगे कार्य होगा मैं तुरंत ही यह कहानी को आगे बढ़ाकर कहानी समाप्त कर दूंगा मेरा गुरुजी से प्रसन्न कि यह क्या चीज है और इससे बचने का क्या रास्ता है और यह ऐसा क्यों कर रही है ?

इंटे फेकने वाले भूत एक सच्ची घटना अंतिम भाग

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