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उग्र रक्त भोग योगनी साधना

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है आज मैं आप लोगों के लिए लेकर आया हूं उग्र रक्त भोग योगिनी साधना यह योगिनी साधना गुरु के मार्गदर्शन में ही करें बिना गुरु के करने की सोचे भी नहीं यह एक उग्र साधना है । यह प्रचंड मन वाले व्यक्ति को ही करनी चाहिए हर किसी को नहीं करना चाहिए जो मन से पूरी तरह मजबूत हो राजसिक या तामसिक प्रवृति का हो जो यानी कि मीट मछली खाता हो उसी को यह साधना करनी चाहिए ।

सात्विक व्यक्ति को यह साधना नहीं करनी चाहिए क्योंकि जैसी देवी होगी साधक को भी वैसा ही होना होगा । साधना के माध्यम से दोनों के अंदर का भेद समाप्त हो जाता है दोनों एक जैसे ही हो जाते हैं । देवता के स्वरुप को भी साधक प्राप्त करने लगता है। देवता के स्वरुप को प्राप्त करने के लिए उसी के तरह आचार विचार भावनाएं शक्तियों को प्राप्त करने के लिए उसी की तरह हमें बनना पड़ता है तब जाकर कहीं शक्तियां सिद्ध होती हैं । इसलिए ध्यान धारणा समाधि इन सबका उचित निर्णय करना चाहिए आप जैसे हैं उसी प्रकार से आपको भगवान और देवता के या फिर ईस्ट देव के मंत्रों का जाप करना चाहिए अगर जैसा आपका देवता है उसी भावना और विचार के साथ आप साधना नहीं करते तो जीवन भर आप मंत्रों का जाप  करते रहेंगे तब भी आपको सिद्धि नहीं मिलेगी।

क्योंकि जैसा देवता है वैसा आपको बनना ही पड़ेगा अगर आप किसी गृहस्थ आदमी को कपाली  वाली साधना देंगे तो वह नहीं कर पाएगा अगर किसी प्रकार उसने कर भी लिया तो वह उस व्यक्ति शक्ति के वेग को संभाल नहीं पाएगा इसी प्रकार या अगर आप किसी  कपालिक को  गृहस्थ जीवन की कोई साधन या पद्धति देंगे तो उसमे उसका मन नहीं लगेगा वह उसमे रम नहीं पाएगा । इसी प्रकार 64 योगिनीयों में बहुत सारी योगिनी हैं उन्हीं में से एक हैं उग्र रक्त भोग योगिनी । इन देवी को रक्त बहुत ही प्रिय है यह रक्त ही भोग मे लेती हैं और रक्त की ही बलि लेती हैं आप चाहे तो अपने मुर्गे की या फिर बकरे के खून की बलि दीजिए ।

मंत्र जाप के तुरंत बाद ही आपको इनका हवन करना होता है और इनका हवन भी रक्त से ही होता है इसके लिए आप 64 योगिनी मंदिर जबलपुर भेड़ा मे यह करेंगे तो आपको सफलता मिलेगी या फिर कामरुप कामाक्षा नगरी में करेंगे तो आपको सफलता शीघ्र मिलेगी। या फिर आप किसी ऐसे उजाड़ जगह पर जहां कोई आता जाता ना हो बिल्कुल एकांत जगह उस स्थान पर रात्रि के समय आप साधना कर सकते हैं । अपने गुरु से आज्ञा और मार्गदर्शन लेकर कर सकते हैं पर वहां पर भी आपका गुरु आप से 500 मीटर दूर खडा होना चाहिए आपकी सहायता के लिए ताकि अगर कोई भी स्थिति गड़बड़ हो तो आपकी सहायता के लिए वहां आ सके । इसके लिए आप अपने पास एक घंटी को रखिए और जब आपको लगे कि आपको सहायता की आवश्यकता है तब आप उस घंटी को बजाकर अपने गुरु को सहायता के लिए बुला सकते हे।

आपका रक्षा मंत्र शक्तिशाली होना चाहिए और उसी से घेरा बना लीजिए अपने हाथ अपनी छाती पर फ़ूक लगानी चाहिए यह साधना मात्र 31 दिनों की है रोज आपको 2000 का जाप करना होगा और 210 बार आपको ददाँश हवन करना होगा।  हवन आप खून से ही करेंगे चाहे तो आप बकरे का या फिर मुर्गे का खून ले सकते उसे आपको यह चढ़ाना है हवन मे और कुछ भी प्रयोग नहीं करेंगे आप  हवन में। आप अमावस्या से साधना शुरू करिए और पूर्णिमा को समाप्त करिये यह एक महीने की साधना रात्रि मे करेंगे, बिल्कुल लाल गाढे रंग के कपड़े खून की तरफ पहनकर। उस स्थान पर आपको यह साधना करनी है जहां मैंने बताया है आपको रात्रि के 9:00 बजे जाकर करना है । अगर आपको बाघ की खाल मिल जाए तो बहुत ही अच्छा नहीं तो आपको लाल रंग के ऊनी कंबल का प्रयोग कर सकते हैं उसके बाद आप अपने माथे पर लाल सिदूर को घोलकर लगा ले । उसके बाद आप दो हजार बार इस मंत्र का जाप करेंगे।।

मँत्रः ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री उग्र रक्त भोग रुपा स्वाहा।। 

इस मंत्र का ही आपको दो हजार बार जाप  करना है और 210 बार आपको इसी मंत्र से आपको हवन करना है वह भी खून से ही करना है, 31 वे दिन देवी आपके सामने प्रकट हो जाएंगी और आप उनसे 3 वचन  मांग  लीजिए । उसके बाद आप देवी से मनचाहा कार्य करवा सकते हैं राजसिक और तामसिक व्यक्ति ही यह साधना करें जो शराब बकरा मुर्गा खाता हों सात्विक व्यक्ति  न करें क्योंकि उन्हें यह साधना नुकसान पहुंचा सकती है। क्योंकि आप इससे साधना की प्रचंडता को नहीं झेल पाएंगे आप देवी से तीनों में से कोई भी संबंध बना सकते हैं मां, बहन या प्रेमिका लेकिन याद रखिए कि अगर आप इनको पत्नी के रुप में मांगते हैं तो संसार की सारी स्त्री आपके लिए मा बहन के रूप रहेंगी आप उनके साथ भोग नहीं कर सकते हैं इस बात का आपको हमेशा ध्यान रखना होगा । बहन के रूप में मांगते हैं  तो आप शादी कर सकते हैं पर आप को हमेशा इनका सेवा सत्कार करना होगा और मां के रूप में मानते हैं तो बहुत ही शुद्ध साधना हो जाएगी आपका आचार विचार और व्यवहार योगिनी की तरह ही हो जाएगा । यह थी जानकारी उग्र रक्त भोग योगिनी कि अगर आपको यह साधना पसंद आई हो तो धन्यवाद।।

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