Site icon Dharam Rahasya

उर्वशी अप्सरा ने प्रत्यक्ष दर्शन दिये सच्चा अनुभव

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम लोग बात करेंगे। एक ऐसे अनुभव के विषय में जिसमें तकरीबन अद्भुत सिद्धि की प्राप्ति हुई है। यह सिद्धि हालांकि पूर्णता को प्राप्त नहीं हुई किंतु इनके अनुभव से इनके पास अद्भुत शक्ति अवश्य आ गई है। चलिए पढ़ते हैं इनके पत्र को और जानते हैं क्या है यह अनुभव?

पत्र – नमस्कार गुरु जी, सबसे पहले आपका चरण वंदन करता हूं। आपसे गुरु दीक्षा मैंने बहुत पहले ले ली थी और उसके बाद जब मैंने अपने गुरु मंत्र के अनुष्ठान को पूरा कर लिया तो अब मेरे सामने एक प्रश्न था कि मैं कौन सी साधना सिद्ध करूं, आपसे परामर्श लेने के बाद गुप्त रूप से। मैं उर्वशी अप्सरा की साधना करने के लिए तैयार हो गया था। फिर मैंने उसकी साधना शुरू करी। गुरुजी क्योंकि इसने मुझे लगभग सिद्धि प्राप्त हो गई थी। इसीलिए आपसे निवेदन है। मेरा नाम और पता गोपनीय रखा जाए। गुरुजी! जैसा कि सभी लोग जानते हैं कि उर्वशी साधना 21 दिन करने पर उसकी सिद्धि हो जाती है किंतु यह एक भ्रम मात्र है।कोई अप्सरा इतनी आसानी से सिद्ध नहीं होती। वह भी तब जब वह ब्रह्मांड की सबसे सुंदर स्त्री हो। आपकी बताई गई विधि को मैंने इंस्टामोजो से डाउनलोड किया। उसे खरीद कर मैंने जब उस विधि में पढ़ा तो आपने कहा था 21 दिन वाली विधि में अगर अप्सरा प्रत्यक्ष ना हो तो दूसरा चरण प्रारंभ करना चाहिए। अधिकतर प्रथम चरण को ही लोग सत्य समझ लेते हैं और साधना रोक देते हैं और फिर उर्वशी उन्हें प्राप्त नहीं होती। फिर आपने जिस उर्वशी के विषय में बताया था उसके अधीन तो ब्रह्मांड की सारी उर्वशियां हैं।

यह सबसे मुख्य उर्वशी है और इसकी शक्तियां भी अप्सराओं से कहीं अधिक है। मैंने स्वयं ही अनुभव किया है। लेकिन इस विधि में समय अधिक लगता है।मैंने फिर भी इसे करने की सोची। क्योंकि मेरे मन में यह प्रश्न था कि अप्सराओं को सिद्ध करने के लिए कितना तप करना पड़ सकता है? और मैं यह जानता था कि यह चीज , आसान नहीं है। इसलिए मैंने इसे मेहनत से करने की सोची आपने जो विधान बताया था, बिल्कुल मैंने वैसा ही किया। मैं विधान का वर्णन यहां पर नहीं कर रहा हूं ताकि आप की पीडीएफ गोपनीय रहे। सभी साधकों से भी निवेदन करता हूं कि गुरु जी के माध्यम से जो भी आपको साधना प्राप्त हो, उसकी विधि को किसी और को ना बताएं क्योंकि यह भी गुरु आदेश भंग करने के समान है।मैंने इस साधना के लिए। उस शुद्ध वृक्ष का चयन किया था और फिर वहां से मैंने प्रतिमा का निर्माण करवाया। मेहनत के बाद फिर मैं इसे जपने लगा यह मंत्र बहुत अधिक शक्तिशाली है।उर्वशी के सामान्य मंत्रों से कहीं अधिक ऊर्जा प्रदान करता है।मुझे लगभग 1 माह हो गया था तब अचानक से एक रात मुझे स्वप्न आया। स्वप्न में एक अत्यंत ही सुंदर! 16-17 वर्ष की लड़की जो दूध जैसे रंग की थी और अपनी चमक से चारों ओर का वातावरण प्रकाशित कर रही थी। उसे देखकर और उसके शरीर को देखकर हर व्यक्ति उसे अपनी बनाने की बारे में जरूर सोचेगा जरूर ।

यह सच कहा गया है। गुरु जी की उर्वशी सच में हृदय को वश में कर सकती है। इसीलिए उसका नाम उर्वशी है।मैंने उससे कहा, आप कौन हैं? तब उसने मुझसे कहा, बाहर आओ! मैं तुम्हें कुछ दिखाना चाहती हूं। फिर मैं!उसके पीछे पीछे चलने लगा। उसके शरीर से रश्मिया निकल रही थी। एक चमक जो चांद से निकलती है जैसे चांद तेजी से चमक रहा हो। मैंने खुद अनुभव किया गुरुजी!उसके बताए गए उस मार्ग पर चलकर मैं एक जलाशय के निकट पहुंच गया और उसने उसे जलाशय की ओर संकेत करते हुए कहा। इसके अंदर मैं! वर्ष में एक बार आती हूँ चलो! और हमारे साथ! खेलो!वह सब नटखट थी। वहां पर बहुत सारी लड़कियां खड़ी हुई थी, सब मुझे घूर रही थी। बहुत अधिक सुंदर थी, लेकिन मेरे साथ जो लड़की थी, उसकी सुंदरता का जवाब नहीं था। उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और तालाब के अंदर ले कर चली गई। वहां हम लोग खेलने लगे। मैं भागता कभी वह लड़कियां भागती हम एक दूसरे को छूते और खिलखिला कर हंसते। जैसे हम सभी छोटे बच्चे बन गए हो।इसी दौरान मेरे साथ उस! लड़की ने।एक बात कही। तुम क्या मुझसे प्रेम करते हो? तब मैंने उससे कहा। नहीं! मैं तुमसे प्रेम नहीं करता हूं। तुम बस मुझे बहुत अच्छी लग रही हो पर तुम से प्रेम कौन नहीं करना चाहेगा?

इससे मैंने उसका चेहरा मुरझाते हुए देखा। अभी तक वो खिलखिला कर हंस रही थी। तभी उसने कहा सुनो मेरा हाथ मत छोड़ना। क्योंकि अगर तुमने हाथ छोड़ा? तो तुम्हारे साथ अच्छा नहीं होगा।और मैंने उसकी बात पर विशेष ध्यान नहीं दिया। हम लोग कुछ देर खेलते रहे। उसके बाद उसने वहां पर दिव्य नजारा प्रकट कर दिया। पानी के अंदर एक राज महल मुझे दिखाई दिया। चारों तरफ प्रकाश ही प्रकाश था।वहां! सभी स्त्रियां नग्न अवस्था में थी।और बहुत सारी मुझे बुला रही थी वह सभी सजी-धजी थी किंतु उनके सारे शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था।यह देखकर मैं भौचक्का रह गया। मैं उन्हें बस देखता ही जा रहा था।मैंने उर्वशी का हाथ छुड़ा लिया और उन स्त्रियों की ओर बढ़ने लगा।तभी उस लड़की ने मुझसे कहा। उधर मत जाओ! वह सब अच्छी नहीं है। मेरे पास रहो! मेरा हाथ मत छोडो।लेकिन मैं उन स्त्रियों की ओर बढ़ने लगा। उनमें से एक स्त्री आकर मेरे गले लग गई। फिर उसने मुझे! चुंबन लेना शुरू कर दिया। तभी वहां बहुत सारी कन्याये आ गई। वह सभी पूर्ण नग्न थी पर शरीर पर उनके आभूषण लदे हुए थे।सभी ने बहुत सारे आभूषण पहने हुए थे किंतु शरीर पर वस्त्र बिल्कुल नहीं थे। उनकी सुंदरता अद्भुत थी। सभी मेरे शरीर के हर अंग पर चुंबन ने ले लगी और यह देखते देखते अचानक से। मैं? उनमें खोता चला गया। तभी उस कन्या ने एक बार फिर से पुकार कर कहा, उन्हें छोड़ो मेरी ओर आओ नहीं तो बहुत बुरा होगा। पर मैं कहां सुनने वाला था?और फिर उसने कहा, तुमने मेरा हाथ छुड़ा लिया, मैं जा रही हूं।

अपनी जान तुम खुद बचाना। यह कह कर वह चली गई, पर मैंने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया क्योंकि इतनी सारी लड़कियों के चुंबन मेरे शरीर पर हो रहे थे कि मैं उस और ध्यान ही नहीं दे पाया। और तुरंत ही नजारा बदल गया।अब जो घटित हुआ उसकी कल्पना कोई सपने में भी नहीं कर सकता। इस दुनिया और उस दुनिया के रहस्य को कोई नहीं समझ सकता जो मेरे साथ घटित हुआ था गुरुजी! आप यकीन नहीं करेंगे और आप क्या? में कोई भी धर्म रहस्य का दर्शक इस बात पर विश्वास नहीं कर पाएगा। लेकिन यह बात पूरी तरह सत्य है गुरु जी!मैं गांव के पास के तालाब के अंदर बैठा हुआ था। और जैसे ही वह कन्या गायब हुई मैंने अपनी आंखें खोल दी। पानी के अंदर पता नहीं कैसे मैं सांस ले पा रहा था लेकिन मेरी आंखें खुलते ही। मैं डूबने लगा। क्योंकि मुझे तैरना आता है इसलिए तेजी से मैं तालाब की ऊपरी सतह पर आ गया। अपने आप को पानी से बाहर निकाला। मैं तालाब के किनारे बैठ कर सोचने लगा। मैं कब यहां आया, मैं तो घर में सो रहा था जो कुछ मैंने देखा। क्या सच्चाई थी किंतु यहां पर तो सच्चाई ही लग रही है?

मैंने स्वप्न में जो जो देखा वही वास्तव में हो गया था क्या?, गुरुजी वह कन्या और कोई नहीं उर्वशी ही थी। शायद उसने मेरी परीक्षा ली थी जिसमें मैं पूरी तरह असफल हुआ था। फिर भी उसने मेरे प्राण जाने नहीं दिए। लेकिन सिद्धि कितनी शक्तिशाली होती है। सभी लोग इस बात से अनुमान लगाएं कि मैं जल के भीतर सांस लेता रहा और उन सब के साथ खेलता रहा। जब मैंने उससे अपना हाथ छुड़ाकर अप्सराओं से प्रेम व्यवहार किया तभी सारी गड़बड़ी हो गई।गुरु जी आज भी मेरे पास एक छोटी सी सिद्धि है। उस उर्वशी साधना के द्वारा ही। मै बस यही कहना चाहता हूं कि भविष्य में मैं दोबारा फिर से पूर्ण प्रयास करूंगा और अब गलती नहीं करूंगा। मैं उर्वशी को दिल से प्रेम करता हूं। मैंने उसके प्रेम को नहीं समझा और भोग विलास में फंस गया। उसकी सिद्धि आते-आते रह गई।मैं इस साधना के विषय में यही कहना चाहता हूं कि आप पूरी तरह संतुष्ट होकर और पूर्ण विश्वास के साथ अगर उर्वशी की गुरु जी द्वारा बताई गई साधना को करेंगे तो आपको सफलता निश्चित मिलेगी। केवल जनसंपर्क से दूर रहें और गुप्त! एकांत स्थल में चाहे वह आपका घर ही क्यों ना हो? साधना। विश्वास के साथ करें तो उर्वशी आपसे पूर्ण सिद्ध जरूर होगी।

रही बात साधना में सफलता की तो यह आप पर निर्भर करता है क्योंकि जब देवी आपकी परीक्षा लेती है तो आपको उसमें सफल होने के लिए उसकी माया को जीतना तो होगा ही। इसका दूसरा कोई विकल्प नहीं है। उर्वशी सच्चा प्रेम करती हैं बस उसके प्रेम को आपको स्वीकार करना आना चाहिए।यह साधना गुरुजी के इंस्टामोजो अकाउंट में आज भी उपलब्ध है। बस आपको विश्वास से यह साधना करनी चाहिए तभी आपको इसमें सफलता मिलेगी। गुरुजी तो यह था मेरा सत्य अनुभव आप चाहे तो इस पर वीडियो अवश्य बनाएं और धर्म रहस्य के सभी दर्शकों को उर्वशी के सत्य अनुभव और साधना की जानकारी जरूर दें। नमस्कार गुरु जी। संदेश -देखिए यहां पर इन्होंने उर्वशी साधना को पूरी तन्मयता के साथ किया, लेकिन उसकी माया शक्ति में फंस गए और इसी वजह से उसे सिद्ध नहीं कर पाये। यह साधना मेरे इंस्टामोजो अकाउंट में है जिसका लिंक में नीचे अपने डिस्क्रिप्शन बॉक्स में है । वहां से आप इस साधना को खरीद सकते हैं और उर्वशी साधना को कर सकते हैं तो अगर यह अनुभव आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। चैनल को आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।
Exit mobile version