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काम पिशाच का भयानक अनुभव भाग 1

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज लेंगे एक महत्वपूर्ण और बहुत ही खतरनाक अनुभव को भेजने वाले तांत्रिक रहे हैं। देखते हैं कि उनके जीवन में क्या घटित हुआ है। जिसको उन्होंने हमें पत्र के माध्यम से भेजा है।

नमस्कार गुरु जी और धर्म रहस्य चैनल के सभी देखने वालों को मेरा नमस्ते। मैं इस क्षेत्र में काफी समय से हूं। मैं तांत्रिक क्रियाएं करता रहता हूं और छोटे-मोटे भूत प्रेतों को भी भगाता रहता हूं। लेकिन इससे पहले मैं यह कहना चाहता हूं कि कृपया मेरा ईमेल आईडी और अन्य जानकारी किसी को ना बताएं। मैं कोई बहुत बड़ा तांत्रिक नहीं हूं लेकिन मेरे जीवन में जो यह विशेष तरह का अनुभव घटित हुआ है। उसको उस पिशाच के कारण आपको बताना चाहता हूं। सुनने में जरा अजीब सा लगेगा। पर उसी के कहने पर मैं कर रहा हूं। इसके पीछे क्या कारण थे, मैं नहीं जानता? चलिए देर न करते हुए मैं अपने असली अनुभव पर आता हूं।

मैं छोटे-मोटे भूत प्रेत भगाने के कार्यों को करता था। मेरा काम धंधा इसी से चलता था और मैं इससे काफी ज्यादा खुश भी था। लोग आते थे और अपनी समस्याओं को मुझे बताते थे। जो मंत्र मुझे अपने गुरु से प्राप्त है, मैं उसी का प्रयोग करके लोगों का भला किया करता था। धीरे-धीरे करके काफी संख्या में लोग मेरे पास आने लगे। मैंने एक छोटी सी फीस निर्धारित की थी और उसी के अनुसार लोगों को सेवाएं दिया करता था। यह काम धंधा अच्छा चल रहा था। फिर एक बार एक ऐसा केस मेरे सामने आया जो मेरी समझ से बिल्कुल ही परे था। हुआ यूं कि रात के समय 9:00 में दरवाजे पर एक व्यक्ति ने खटखटाया।

उसने कहा तांत्रिक महोदय बाहर आइए। मैं खाना पीना खाकर सोने की तैयारी कर रहा था। मैंने दरवाजा खोल दिया और बाहर आ गया। जिस गांव में मैं यह कार्य करता हूं, वहां पर इतनी देर तक कोई नहीं जगता है और लोग जल्दी ही सो जाया करते हैं। यह शहरी जिंदगी की तरह नहीं होता कि आप बहुत देर तक रात को जागते रहे। मैंने पूछा क्या हुआ? उसने कहा, हमारे ही गांव में एक व्यक्ति की औरत जोर जोर से चिल्ला रही है। समस्या यह है कि वह गर्भवती भी है? मैंने कहा, किसी डॉक्टर के पास जाकर दिखाओ क्योंकि गर्भवती महिलाओं का इलाज में नहीं करता। इस पर उसने कहा, उस पर कोई ऊपरी बाधा है तभी हम आपके पास आए हैं। उन्होंने कहा, तांत्रिक महोदय चलिए! मैंने सोचा चलो ठीक है। अगर यह मुझे बुला रहे हैं तो मुझे जाना चाहिए।

मैंने अपना झोला उठाया और उसमें सभी जरूरी तांत्रिक सामानों को रख लिया। भगवान शिव का नाम लेकर मैं अपने इस कार्य के लिए चल पड़ा। थोड़ी ही दूर जाने पर उस गांव से एक अलग ही दूरी पर वह एक गांव था। जिस गांव में मुझे इस कार्य के लिए जाना था, मैं उस गांव में पहुंचा। तो? थोड़ी बहुत रोशनी में उनका घर! चमक सा रहा था। मैंने दरवाजा खोला और अंदर प्रवेश कर गया। वहां! मेरे सामने परिवार के सारे लोग उस औरत को घेरे हुए खड़े थे। औरत जोर जोर से चिल्ला रही थी। कि कोई है जो उसके शरीर के साथ खिलवाड़ करता है। उसके स्तनों को दबाता है। और पेट में! हाथ डाल कर के उसे घुमाता है।

ऐसा अनुभव उसे बार-बार होता है। रात को एकाएक उठकर चीखने लगती थी। उस औरत की चीख की वजह से। सभी लोग घबरा जाते थे और गांव के ही नहीं आसपास के सभी लोग। उसे देखने के लिए आ जाया करते थे। जबकि वह 6 महीने की गर्भवती भी थी। मैंने कहा ठीक है, मैं देखता हूं। मैंने उस पर तुरंत ही अभिमंत्रित जल को प्रयोग किया। जैसे ही मैंने उस पर अभिमंत्रित जल छिड़का अचानक से मुझे एहसास हुआ कि इसके अंदर तो कोई भयंकर पिशाच शक्ति का वास है। यह शक्ति कोई साधारण शक्ति नहीं लग रही थी क्योंकि यह बहुत ही अधिक बलवान था। मैंने उस पर छोटे-मोटे तंत्रों का प्रयोग किया।

तो इससे कुछ देर के लिए उस औरत को आसानी तो हो गई लेकिन वह उस समस्या से मुक्त नहीं हो पा रही थी। इस प्रकार हमारी रात कट गई, सुबह के समय। सब लोगों ने मेरे लिए चाय को पेश किया। मैं चाय पी कर के उन लोगों से बात करने लगा। मैंने कहा ठीक है, मैं इसकी कमर में काला धागा बांध देता हूं और फिर से पूछता हूं कि वास्तविकता क्या है? मैंने उसकी कमर में जब काला धागा बांध लिया, उसके बाद उसे कहा कि चलिए कमरे में और आप मुझे सारी बातें बताइए जो आपने अपने पति को भी ना बताई हो। मैंने उसे जब इस तरह कहा तो उसने कहा ठीक है और हम लोग अंदर कमरे में चले गए। मैंने अंदर से कुंडी लगा ली।

उसे बैठाकर पूछने लगा। तो उस औरत ने कहा कि मैं अभी अभी कुछ दिनों पहले शहर गई थी। एक ऑफिस में काम था और जब वहां से वापस आए, अचानक से ही मेरे पेट में तेज दर्द होने लगा। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है? और तब से दर्द बढ़ता गया। दर्द होता तो मैं डॉक्टर के पास दिखाती रहती। पर कुछ दिनों से मुझे काला साया दिखाई देता है। जैसे काला साया मुझे दिखाई देता है, वह तेजी से मेरे शरीर से आकर खिलवाड़ करता है। मेरे स्तनों को दबाता है और फिर अपना हाथ मेरे पेट के अंदर डाल देता है और मेरे पेट में तेज दर्द होने लगता है। मुझे डर है कि कहीं मेरा बच्चा मर ना जाए।

मै बता भी नही सकती मुझे किस तरह दबा देता है कि मैं हिल डुल भी नहीं पाती हूं। एक खतरा मेरे पास लगातार बना रहता है। वो एकदम से ही आता है। कभी मैं सोचती नहीं हूं कि वह कब आएगा और किस वक्त वो एकदम से मेरे शरीर पर हावी हो जाएगा। मैं इस वक्त गर्भवती भी हूं। इस वजह से मुझे सबसे ज्यादा समस्याएं झेलनी पड़ रही है। मैं सबसे ज्यादा अपने बच्चे को ले करके परेशान हूं। कहीं उस भूत प्रेत की वजह से मेरे बच्चे को कुछ ना हो जाए। आप ही मेरे बच्चे को बचा सकते हैं क्योंकि आप यह काम अच्छी तरह से करते हैं। कई गांव वालों से यह बात सुन चुकी हूं। मैंने उसे सांत्वना दी और कहा कि आप परेशान मत होइए, मैं इसका हल अवश्य ही ढूंढ लूंगा।

पर मुझे यह समझ में नहीं आ रहा था कि रात भर उस पर तांत्रिक प्रयोग करने के बावजूद यह पिशाच हट क्यों नहीं रहा? यह कोई बहुत ही शक्तिशाली पिशाच है। इस पिशाच की शक्ति अलग ही नजर आ रही है। क्योंकि जिन मंत्रों का प्रयोग करके मैं बड़ी आसानी से किसी भी भूत प्रेत पिशाच को हटा देता था, पर यहां पर तो ऐसा कुछ भी मैं नहीं कर पा रहा हूं। आखिर इसके पीछे राज क्या हो सकता है? मेरी गुरु की बताई हुई विद्या का प्रयोग करना मेरे लिए आवश्यक था। तो मैंने कहा, मैं घर जाता हूं और आज रात को वापस फिर आऊंगा। मैं रात को आने का वादा इसलिए करके गया था। ताकि लोगों को विश्वास रहे कि मैंने। इस औरत को यूंही बीच में नहीं छोड़ दिया है। मैं इसका इलाज अवश्य ही करूंगा।

मुझे यह तो पता चल ही चुका था कि यह डॉक्टरी केस नहीं है। क्योंकि अगर ऐसा होता तो उसे बार-बार काला साया ना दिखता और उसके शरीर के साथ खिलवाड़ भी नहीं करता। इसलिए मैं तैयार था, मैं जब अपने घर पहुंचा तो मैंने यहां आकर अपने गुरु मंत्र का प्रयोग करते हुए उस सत्य के बारे में जानना चाह पूरी कोशिश की, लेकिन वह आने को तैयार नहीं था। फिर मुझे भैरव मंत्रों का प्रयोग करना पड़ा। भैरव शक्ति के वजह से उस पिशाच को आखिरकार रात्रि के समय मेरे पास आना ही पड़ा। पर मेरा समय हो चुका था उस स्त्री के पास जाने का। लेकिन ऐसे कैसे छोड़ दूं। यही सोचकर मैंने संदेशा भिजवा दिया कि किसी काम की वजह से आज मैं नहीं आ पाऊंगा। मैं कल रात को ही उस औरत के पास जाऊंगा।

क्योंकि अब मुझे पता था कि पिशाच से बात करके ही मुझे सारी बातों के बारे में जानकारी मिल सकती है। रात को 12:00 बजे मैंने वह प्रयोग फिर से शुरू कर दिया। अबकी बार पिशाच ब्नधकर कर सामने आ चुका था। मैंने उससे कहा कि क्यों तू उस स्त्री के पीछे पड़ा हुआ है? और क्यों उसे नहीं छोड़ रहा है? उस पिशाच ने कहा, वह मेरी प्रेमिका है इसलिए मैं उसे नहीं छोडूंगा और क्यों वह दूसरे के बच्चे की मां बन रही है? इस पर मैंने उससे कहा, तेरी प्रेमिका कहां से हो गई? वह तो किसी की पत्नी है।

तब उसने कहा नहीं, वह मेरी ही प्रेमिका है और किसी भी तरह मैं उसे नहीं छोड़ने वाला। वह मुझे आनंदित करती थी और बीच ही रास्ते में मुझे छोड़ गई। अब मैं उसे नहीं छोड़ने वाला मैं उसकी जान ले लूंगा और अपने साथ लेकर जाऊंगा। मैंने उसे धमकाते हुए कहा कि ऐसा करने पर। तू कभी मुक्त नहीं हो पाएगा। तो वह जोर जोर से हंसने लगा। उसने कहा कैसी मुक्ति? क्या होती है मुक्ति? मुझे तो उसे भोगना है। मैं उससे आनंद प्राप्त करना चाहता हूं जो पहले करता था। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि पिशाच आखिर कह क्या रहा है? उसकी बातों को ना समझते हुए मैंने उससे कहा ठीक है भाई तू अपने बारे में तो सारी बात बता क्योंकि अगर मैं सारी बात नहीं जान लूंगा तो तेरी मदद कैसे करूंगा? उसने कहा, आपको मेरी मदद करने की जरूरत नहीं है।

जल्दी ही मैं उसके बच्चे को मार डालूंगा क्योंकि वह मेरा नहीं है। उसके बाद फिर मैं उसे भी मार डालूंगा। अपने साथ लेकर चला जाऊंगा हमेशा-हमेशा के लिए मेरी ही दुनिया में। मैं यह सोच कर दंग था कि पिशाच में आखिर कितना बल कहां से है? और क्या है इसकी कहानी यह जानना बहुत जरूरी है। मैंने उसे कहा, तू जो कुछ करना चाहता है वो कर ले लेकिन अपने बारे में तो बता? उसने मुझे सुनाना शुरू किया। कि मैं एक कॉर्पोरेट कंपनी का मालिक था। आगे क्या हुआ, यह मैं आपको अवश्य ही भाग 2 मे बता दूंगा। तब तक के लिए धन्यवाद गुरु जी। ….आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

काम पिशाच का भयानक अनुभव भाग 2

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