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कायाकल्प करने और शिवरात्रि मोहिनी सिद्धि प्रयोग सच्चा अनुभव भाग 3

कायाकल्प करने और शिवरात्रि मोहिनी सिद्धि प्रयोग सच्चा अनुभव भाग 3

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। शिवरात्रि मोहिनी साधना सिद्धि प्रयोग अनुभव में अभी तक आपने जाना कि किस प्रकार से साधक महोदय के गुरु कायाकल्प विधि करते हैं और जब वह अपने शरीर और उस बालक के शरीर के बीच कायाकल्प विधि का प्रयोग करते हैं तब वहां बहुत सारी प्रेत आत्माएं आ जाती हैं। आगे हम इस कहानी को बढ़ाते हैं। इसके बाद तब मेरे सामने वहां पर बहुत सारी आत्माएं मौजूद थी। पर मैं करता भी क्या मुझे तो? ना किसी शक्ति को रोकने की विद्या का ज्ञान था और ना ही इतनी सारी प्रेत आत्माएं। अगर मैं भगा दूं तो वह अच्छा होगा या नहीं, यह भी नहीं जानता था। तभी वह बालक अचानक से उस दूध के भरे बर्तन से बाहर निकल आया और आकर उसने मुझे कहा, भाग जा यहां से मैं तेरा गला दबा दूंगा। तब मैंने उससे कहा, मेरे हाथ में तलवार है। अगर तूने कुछ भी किया तो अच्छा नहीं होगा।

तब वह कहने लगा तू कर क्या लेगा?

मैंने देखा कि वहां पर मेरे जो गुरु की लाश थी उसे उस बालक ने उठा लिया और उस स्थान से दूर ले जाकर भागने लगा। उस बालक में बहुत शक्ति थी। इतना छोटा होने के बावजूद भी मेरे उन वृद्ध गुरु के वजन को लेकर भागना कोई आसान कार्य नहीं था, लेकिन वह बालक तो यह करके दिखा रहा था। नदी के किनारे जाकर अचानक से उसने उस गुरु के शरीर को पानी में उठा कर फेंक दिया। मैं तेजी से उस ओर दौड़ा तभी उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा वह शरीर जाने दे रुक जा। मेरी क्षमता नहीं थी कि मैं उस बालक से अपना हाथ छुड़ा पाऊं। लेकिन तभी मैंने देखा कि वह कहने लगे। अरे रुक तो जा दूध के बर्तन तो खत्म हो चुके हैं। पर मुझे तो दूध पीना भी है। मेरे लिए इसकी व्यवस्था कर मैंने जब इस शब्द को सुना तो मुझे लगा कि यह तो बोलने का तरीका मेरे गुरु का ही है।

मैंने उन्हें थोड़ी देर घूरा और तब उस बालक ने हंसते हुए कहा, अरे मूर्ख मैं ही हूं। मेरा शरीर पुराना हो चुका था और अब किसी वक्त भी मुझे मृत्यु का आलिंगन करना पड़ता। इसीलिए मैंने कायाकल्प विधि करके इस बालक का शरीर प्राप्त कर लिया है और अपना पुराना शरीर छोड़ दिया है जो मिट्टी पानी और हवा में बिखर जाएगा। तब मैंने उनसे कहा, प्रमाण दो कि तुम मेरे ही गुरु हो तो उन्होंने जितनी भी बातें अभी हम दोनों के बीच में हुई थी। सारी बातें बताई तब मैं समझ गया कि यह बालक और कोई नहीं बल्कि मेरे गुरु ही है जिन्होंने कायाकल्प कर लिया है। इसके बाद गुरुजी ने कहा, तुम्हें अब सब कुछ भूलना पड़ेगा। क्योंकि ऐसी विद्याओं का ज्ञान किसी को नहीं दिया जा सकता। सिर्फ तुम्हें दिखाने और अपने शरीर को परिवर्तित करने के लिए नया शरीर पाने के लिए मैंने ऐसा किया। बिल्कुल ऐसा ही जीवात्मा भी करती है लेकिन वह तो गर्भ में प्रवेश करती है। मैं तो किसी उम्र दराज बालक के शरीर में प्रवेश कर चुका हूं। तब मैंने कहा गुरुदेव आपने मुझे यह विद्या नहीं सिखाई। तब उन्होंने कहा, तुझे इसका ज्ञान अपने आप ही हो जाएगा। अगर सत्य के पथ पर और साधना के पथ पर तू चलता रहा आजीवन, वरना तुझे कभी इसका ज्ञान नहीं हो पाएगा। और तू यह सब कुछ याद रखें पर मुझे हमेशा के लिए भूल जाए। इसलिए मैं तुझे और अपने लिए एक साधना प्रयोग कर रहा हूं।

उन्होंने वहां पास ही रखें। एक दिव्य पौधे को सामने रखकर। उस पर कुछ मंत्र! याद किया और फूंका। इसके बाद मैंने देखा कि मैं उन गुरुजी के आश्रम में हूं। गुरु जी कहीं पर नहीं थे। मैंने चारों तरफ ढूंढा, लेकिन कहीं गुरु नहीं मिले। और उनके शिष्यों का कहना था कि गुरुदेव ने कहा था कि वह जीवन से मुक्त हो रहे हैं। सदैव के लिए पर मैं यह बात जानता था कि उन्होंने नया शरीर लेकर एक बालक के शरीर में प्रवेश कर लिया है और वह बालक अगर मेरी आंखों के सामने से भी गुजर जाए तो भी मैं उसे कभी पहचान नहीं पाऊंगा क्योंकि मुझ पर जिस मोहिनी शक्ति का प्रयोग किया गया था, उसी की साधना आज मैं आप लोगों के लिए भेज रहा हूं। इसे शिवरात्रि मोहिनी साधना के नाम से आप जान सकते हैं। इसका विधान गुरुदेव ने जाते-जाते मुझे सिखा दिया था। केवल एक शिवरात्रि में आप इसे सिद्ध कर सकते हैं और स्वयं भगवान शिव मोहिनी सिद्धि आपको प्रदान करते हैं। इसके माध्यम से आप किसी का भी वशीकरण कर सकते हैं किंतु मैंने इसका प्रयोग विशेष तरह से किया।

गुरुदेव ने इसका प्रयोग मुझ पर किया ताकि मैं उस बालक को कभी ना पहचान पाऊं। जो स्वरूप मेरे उन 91 वर्ष के गुरु ने धरा था। अब इस कथा को आगे बढ़ाते हुए इस सत्य अनुभव को मैं अब आपको बताता हूं क्योंकि इसके बाद मेरे मन की जिज्ञासा ने। मुझे इसी कायाकल्प प्रयोग को करने के लिए आतुर बना दिया। लेकिन मेरे पास कोई शिष्य नहीं था। और बिना किसी की सहायता के आप यह नहीं कर सकते तो फिर मैंने वहां पर इन्हीं देवी मोहिनी की शक्ति का इस्तेमाल किया था। वह क्या था, मैं अब आपको अपने इस अनुभव के माध्यम से बताता हूं। मैंने इन्हें देवी की साधना कर इन्हें सिद्ध किया। शिवरात्रि की सुबह देवी ने मुझे दर्शन दिए और तब मैंने इनसे कायाकल्प विधि की जानकारी प्राप्त की और देवी ने कहा, इसे तुम केवल एक बार ही कर पाओगे क्योंकि तुम पर स्वयं तुम्हारे गुरु ने बंधन लगा रखा है। इसे करते ही तुम भूल जाओगे। दोबारा इसे नहीं कर पाओगे। पर मैंने कहा, आप मेरी सहायता कीजिएगा तो उन्होंने कहा, मैं किसी को भी वश में कर सकती हूं और तुम्हारे काल को और स्वयं इतनी सारी प्रेत आत्माओं को उस दौरान वशीभूत कर दूंगी। जब तुम यह साधना कर रहे होगे।

मैंने यही वचन लेकर देवी से सिद्धि प्राप्त की थी। हालांकि मोहिनी देवी की सिद्धि का प्रयोग वशीकरण करने विभिन्न प्रकार की मनोवांछित कामनाओं को पूरा करने के अलावा। भिन्न प्रकार के प्रयोग करने किसी को भी अपने वश में घर बैठे ही कर लेने और बड़ी शक्तियों को भी अपने वश में करने के लिए इनकी साधना की जाती है। इसकी विधि मैंने आपको भेज दी है। आप चाहें तो इसे अपने इंस्टामोजो अकाउंट में डाल कर अपने प्रयोग में ला सकते हैं और सर्वजन के लिए उपलब्ध करवा सकते हैं। अब मेरे जीवन में जो आगे घटनाक्रम घटित हुआ, उसके विषय में आपको बताता हूं। अब आगे मुझे कायाकल्प करनी थी। इसके लिए मैं एक विशेष स्थान पर ढूंढने लगा एक शरीर को। क्योंकि इसमें जो सबसे महत्वपूर्ण बात होती है कि मृत्यु के 24 घंटे पुराना ही शव होना चाहिए। ऐसा शव जो 24 घंटे पहले ही मृत्यु को प्राप्त हुआ हो उससे अधिक पुराना शरीर इसमें सिद्ध नहीं हो पाता है। इसीलिए मैंने इस प्रयोग को करने के लिए पानी में बहती लाश ढूंढनी शुरू कर दी, लेकिन यह एक कठिन कार्य था क्योंकि कोई पानी में जो डूब कर मरा हो और 24 घंटे से भी अधिक पुराना ऐसा शरीर मिलना आसान नहीं होता है, लेकिन मुझे तो इस प्रयोग को करना ही था और ऐसा करने के लिए मुझे बार-बार नदी के किनारे बैठकर प्रतीक्षा करनी थी

मैं प्रतीक्षा करता रहा और एक दिन अचानक मेरी मनोकामना पूर्ण हो गई। मैंने देखा एक लड़की का शरीर पानी में चलता हुआ जा रहा था और उस शरीर को देखकर मैंने तुरंत ही पता लगा लिया कि हां यह जल्दी ही मृत्यु को प्राप्त हुई है। मैंने पानी में छलांग लगा दी और फिर उस ताजा शरीर को लेकर नदी से बाहर आ गया। मैंने सामान की व्यवस्था बहुत पहले से ही कर दी थी और अब मैं तैयार था। इस साधना को करने के लिए मैंने अपनी रक्षा के लिए वहां पर देवी मोहिनी के उस दिव्य वृक्ष को लाकर उनका आवाहन कर लिया था ताकि अगर साधना के दौरान कहीं गड़बड़ी हो जाए। तो देवी उस वक्त मेरी रक्षा कर सकें और फिर मैंने यह साधना शुरू कि उस लड़की के शरीर में जाने के आगे क्या घटित हुआ, हम लोग जानेंगे अगले भाग में तो आगर इस साधना को आप लोग डाउनलोड करना चाहते हैं तो नीचे वीडियो के डिस्क्रिप्शन बॉक्स में लिंक दिया हुआ है। वहां पर क्लिक करके इंस्टामोजो में जाकर इस साधना को आप ले सकते हैं तो यह था आज का इनका अनुभव, आगे के अनुभव के विषय में जानेंगे अगले भाग में, तो अगर यह जानकारी आपको पसंद आ रही है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

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कायाकल्प करने और शिवरात्रि मोहिनी सिद्धि प्रयोग सच्चा अनुभव भाग 4

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