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काली माता का श्राप लगना एक सच्चा भयानक अनुभव

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज लेंगे ऐसे अनुभव को जिस समस्या में एक साधिका और उनके साथी फंसे हुए हैं। मां काली का किसी कारण से अपमान हो जाने की वजह से बहुत बड़ी मुसीबत में आ चुके हैं। क्या है वह घटना चलिए पढ़ते हैं और जानते हैं इनके पत्र के माध्यम से कि आखिर उनके जीवन में ऐसी कौन सी बात घटित हो गई है जिसके कारण से आज ऐसी स्थिति उत्पन्न है।

गुरुजी मेरा नाम!……… है मैं 22 साल की पंजाब से बोल रही हूं। मेरी ईमेल आईडी, नाम प्लीज ना दिखाएं। कहानी पर चाहे तो पोस्ट /वीडियो बना सकते हैं। कहानी बहुत ज्यादा लंबी है तो मैं आपको शार्ट में ही बताऊंगी। गुरु जी मैं विश्वास नहीं करती थी गुरु लोगों पर, क्योंकि वह ढोंगी होते हैं। ऐसा ही मानती थी, किंतु आप पहले गुरु हैं जिन पर मुझे यकीन हो रहा है। मैं आपसे गुरु दीक्षा भी लेना चाहती हूँ? अभी लेकिन पढ़ रही हूं, गुरु जी मैं बहुत तकलीफ में हूं। कृपया मेरी मदद करें।

मेरे घर के पास एक जंगल है। वहां काली माता की एक जगह है। वहां माता ने किसी से चुनरी मांग करके ली थी, जो वही बंधी हुई थी, इसी पेड़ में ही। मैं अपनी बात बताती हूं। मैं एक लड़के को पसंद करती हूं। वह जंगलात महकमे में काम करता है। जंगल में मेरे घर के पीछे उसने टावर से वह चुनर काट दी थी। वहां उसी पेड़ में कई सारी आत्माएं भी बंधी हुई थी। वह भी उसी चुनर के माध्यम से छूट गई। एक लड़की की आत्मा और काली माता ने इन्हें पकड़ लिया। गुरु जी बचपन में इनके साथ पीपल के पेड़ के पास कुछ हुआ भी था जिससे इनकी आंखों की लाइट चली गई थी।

इनके पापा एक तांत्रिक के पास इनको लेकर गए। उसने एक टावेल गले में पहनाया और कहा कि यह मेरी बरसों की मेहनत है। फिर भी इस बच्चे के लिए मैं इसे दे देता हूं। उनकी आंखें तो ठीक हो गई। वह टावेल आज भी इनके गले में है। उसमें इतनी शक्ति है कि आत्माएं इन के करीब नहीं आ पाती है। अगले दिन एक लड़की सड़क पर प्रसाद लेकर के खड़ी हुई थी। वहीं घटना जिसके बाद से वह चुनरी हटी थी। दोपहर को इनको उसने कुछ खाने के लिए दिया। एक नारियल! जो वहां पर बैठे थे, उन्होंने ले लिया।

कुछ दिन बाद कहते हैं कि इनके शरीर पर सूजन आ गई और आंखें भी पीली हो गई। ये जंगल में अकेले खड़े रहते और घर जाने को भी मना कर देते थे। मैंने 1 दिन से पूछा तो बताया कि एक लड़की इनको हर वक्त देखती रहती है। जहां यह होते हैं वह आस-पास ही होती है। उसकी हंसी सुनकर बहुत ज्यादा डर जाते हैं। उन्होंने बताया कि 1 दिन मैं उसके पीछे भी गया। वह हाथ दिखा कर मुझे कहती थी कि पीछे आ जाओ। मैं? उसके करीब पहुंच जाता जाता था। एक दिन जब मैं उसके पीछे पहुंच गया तभी तुम्हारा फोन भी आ गया। वह अंधेरा होने पर ही जरूर आती है ऐसा उन्होंने बताया है। काले कपड़े में या फिर लाल कपड़े पहन कर। बहुत दिखती है। वह इतनी अधिक खूबसूरत है कि चेहरे से उसके नजर ही नहीं हटती है । मुझको तो रात को अब कभी नींद ही नहीं आती ऐसा लगता है कि? वह मेरे आस-पास ही है।

जब भी मैं जंगल में जाता हूं, उससे मिलने तो बहुत बात भी करती है। लेकिन मैं जब भी उससे बात करता हूं तो बात करते-करते ही हमेशा ही सो जाता हूं। पता नहीं ऐसा क्यों होता है? गुरुजी रात को घर जाता, तो उसे नींद ही नहीं आती। मजबूरी में मैं उसके साथ रोज जंगल जाती और रात को वह सो पाए इसलिए मैं उसके साथ ही रहती। एक दिन मेरे को मुझे महसूस हुआ कि डॉक्टर के पास दिखाये ! जब उसकी रिपोर्ट देखी तो मेरे होश फाख्ता हो गए। उसे लीवर कैंसर की लास्ट स्टेज थी।

एक दिन तो वह सोते-सोते जमीन पर गिर पड़ा। सामने जैसे कुछ पत्ते हिलते हैं, वैसा ही कुछ हिलता सा नजर आया। जो मेरी तरफ तेजी से आया और फिर पीछे मुड़कर चला गया। मुझे उस जगह के बारे में कुछ नहीं कहना मैं क्या बताऊं? किन चीजों ने उनको बीमार किया है जो लड़की उनको दिखती है उसके लिए किसी बाबा की मदद लेनी चाहिए, तो हमने ऐसा ही किया। हम लोग बाबा को लेकर आए तो बाबा ने जैसे ही जंगल में पैर रखा तो वो एक जगह पर रुक गए। उन्होंने वहां पर बैठकर ध्यान करना प्रारंभ किया।

उन्होने बताया कि इस जगह पर एक चुनर बंधी हुई थी जो तुमने तलवार से काट दी है। यहां कहीं पर काली माता की कोई जगह थी। वह स्थान पर बैठती थी। यह उन्हीं की चुनरी है। तुमने माता को अप्रसन्न कर दिया है, उनका श्राप पा लिया है। इसलिए यह बीमारी तो तुम्हें होनी ही थी। अगर ठीक होना है तो वह जगह ढूंढ कर उसी जगह माता की भक्ति करो। बाबाजी माता के नाम से वहाँ दिया जलाने लग गए और वहां घूमने लगे। जिस जगह हम मिले जहां वह चीज आई थी वहीं पर जोत अपने आप जल रही थी और उस जगह से उठते ही वह बुझ जाती थी। बाबा ने कहा, यहां तुम्हें माथा टेकना है। वह लड़की माता की कोई भक्त रही थी। यहीं पर उसकी मौत हो गई। इसी वजह से वह यहां पर भटक रही है।

वह तुम्हें मार कर अपने साथ ले जाना चाहती है। उसे पकड़कर मुक्ति देनी आवश्यक है। बाबा ने उसी जगह सारी रात बैठ कर हवन किया। उसे वह ले गए हरिद्वार में कहते हैं, उसे मुक्ति दिलाई गुरुजी। अब वह उसी जगह पिछले 1 साल से माथा भी टेक रहे हैं। माता उन्हें दिखाई भी देती है। वहां दर्शन भी देती हैं। इन्होंने माता के मंत्रों की दीक्षा भी ली है। लेकिन जिस बाबा से इन्होंने सब कुछ करवाया था, कुछ दिन बाद उसकी भी मौत हो गई। उसे कैंसर ही हुआ था। मैं व्रत रख के माता टेक के इनकी दवाई के लिए प्रार्थना करने लगी। एक दिन एक आदमी ने इनको दवाई दी जिससे इनका चमत्कारिक रूप से कैंसर सेकंड स्टेज में आ गया जो कि पहले तीसरे स्टेज में था। गुरुजी! फिर हर शुक्रवार को इनका एक्सीडेंट होता फिर कुछ बुरा होने लगता। इनके सर पर भी कुछ सवार सा हो जाता था।

इन्होंने वह दवाई अपने हाथों से फेंक दी। फिर मैं माथा टेक गई और इनको कुछ ऐसी जड़ी बूटी। मिल जाए इसकी प्रार्थना कि जिससे यह स्वस्थ हो जाएं। अगले दिन माथा टेकते ही ध्यान में इन्हें एक जड़ी-बूटी दिखाई दी। इन्हें याद आया कि एक काली माता मंदिर के बाहर लगी है। यह बूटी और वह उस जगह पर गए। उस जड़ी-बूटी को एक खाने लगे, किंतु अगले शुक्रवार वह हाथ से उनके छूटकर लैट्रिन में गिर गई और जिस जगह वह थी, वहां भी आग लग गई थी। वह जड़ी बूटी नष्ट हो गई जो आदमी दवाई द्वारा इन्हें ठीक करने वाली बात करता था। उस जगह के सभी पेड़ जल गए थे। इस तरह की हजारों बातें अभी तक हो चुकी हैं। गुरु जी यह आज तक ठीक नहीं हुए हैं।

गुरुजी गुप्त नवरात्रि आ रही है। वह जगह काली माता की है। गुरु जी मैं आपकी। सारी जिंदगी! कर्जदार रहूंगी। कृपया काली माता से उनकी बीमारी ठीक करने के लिए मुझे कोई मंत्र बता दीजिए। बाबा ने कहा था कि माता ने श्राप दिया है और सिर्फ वही इसे ठीक भी कर सकती हैं। यह जगह ही काली माता ठीक कर सकती है। वरना कभी ठीक ही नहीं होंगे। गुरु जी मैं आपको। सोने का गहना बनवाकर का चढ़ा आऊंगी। मुझे काली माता की कोई मंत्र साधना बता दीजिए जिससे कि यह ठीक हो जाए। यह वहां जाते हैं और माथा टेकना कभी नहीं छोड़ते, भक्ति करते हैं। गुरु जी इनकी उम्मीद टूट रही है। गुप्त नवरात्रि में काली माता के कौन से मंत्र का जाप करु कि ठीक हो जाए। बता दीजिएगा। गुरु जी इनकी जान बचा लीजिए। गुरु जी यह मर जाएंगे। माता जी का श्राप की वजह से इस बीमारी से इनको लिवर कैंसर हुआ है।

गुरु जी वहां में माथा टेका है एक बार मैं यहां। पर मंदिर भी बनाऊंगी और जोत भी जगाया करूंगी। मूर्ति स्थापित भी करूंगी । सारी उम्र बस सेवा करूंगी। बस इन्हें ठीक कर दीजिए। माता क्रोधित हो गई है उनका जवाब! ध्यान में आकर इन्होंने एक वक्त कहा था कि यहां पर मंदिर भी होगा। जोत भी, जब मैं आऊंगी तब अपने आप बन जाएगा। तुम लोग बिना मेरी इच्छा से बनवाओगे तो मैं सर्वनाश कर डालूंगी। गुरु जी आज तक मैं उन्हें खुश नहीं कर सकी । बस गलतियां ही गलतियां होती रही है। कृपया मार्गदर्शन कर दीजिए गुरुजी गुप्त नवरात्रि के 10 दिन काली माता का कौन सा मंत्र कितनी संख्या में करूं तो वह ठीक होंगे । कृपया मदद करें गुरुजी।

संदेश – देखिए यहां पर इन्होंने अपनी कहानी को कहकर समाप्त कर दिया है। इनका अनुभव बहुत ही खतरनाक है और माता की किसी वजह से अवहेलना के कारण इनको श्राप लगा है और उनकी तामसिक शक्तियां इनके पीछे पड़ गई हैं। अब इसका सबसे बड़ा एक ही विकल्प है और वह है गुरु मंत्र इनको लेना और गुरु मंत्र का इनका जाप तो करना ही करना इनके साथ में। जिनको यह बीमारी हुई है और समस्या है उनको भी उस मंत्र का पूरी जिंदगी जाप करना चाहिए , क्योंकि माता को प्रसन्न करने के लिए उनके शक्तिशाली गुरु मंत्र के अलावा और कोई मंत्र काम नहीं करेगा। सबसे बड़ा और सबसे मुख्य वही है। इसके अलावा गुरु मंत्र की उर्जा भी पीछे से काम करेगी तो इनकी समस्या हल हो सकती है। लीवर कैंसर के लिए इलाज भी कराएं और साथ ही साथ दुआ भी करें। तभी इनका यह प्रयास सफल होगा। इसके अलावा आप सभी लोग भी इनको जो सलाह देना चाहते हैं, नीचे कमेंट बॉक्स में लिख कर के बता सकते हैं ताकि अगर किसी को ऐसा कोई अच्छा अनुभव है जिसकी वजह से मां काली के प्रकोप से आसानी से बचा जा सके तो नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताइए। लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

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