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काली श्मशान यक्षिणी साधना केवल 2 दिन की

नमस्कार दोस्तो धर्म रहस्य पर आपका एक बार फिर से स्वागत है आज मैं आपके लिए यक्षिणी साधना में एक अनोखी यक्षिणी लेकर आया हूं इनकी साधना केवल और केवल 2 दिन में ही सिद्ध होती है लेकिन इसके लिए विशेष प्रयोजन की आवश्यकता होती है क्योंकि इनकी साधना विशेष शुभ मुहूर्त में जाकर श्मशान में करनी होती है इनको काली श्मशान यक्षिणी के नाम से जाना जाता है । देवी काली श्मशान मैं निवास करने वाली यक्षिणी, माता काली की सेविका शक्ति है उनकी पूजा से ही इनकी भी पूजा हो जाती है, इसलिए अलग से कोई पूजा नहीं करनी होती पर इसका जो विशेष विधि विधान है उसका विशेष ध्यान रखना होता है ।

इसके लिए आप चौदहवीं के दिन यानी जो चतुर्दशी होती है उसके बाद अमावस्या आती है तो आपको चतुर्दशी की रात को इनका संकल्प लेना है और जाप करना है । इसी प्रकार अमावस्या को जाप करके और हवन करके इस मंत्र का  सिद्धिकरण कर लेना है । मात्र यह दो दिन की साधना है,दो दिन में यक्षिणी आपसे सिद्ध हो जाती है लेकिन इसके लिए कठिन परिश्रम और तीव्र ध्यान लगाने की आवश्यकता है यह सहज नहीं है पर अगर आप में आत्म बल है तो आप विजयी होंगे। इसमें सिद्धि प्राप्त करने के लिए इसके बाद आप केवल एक माला का ही आपको जाप रोज करना होगा ताकि यह मंत्र जागृत रह सके ।

इसके एक वर्ष बाद आपको यही प्रक्रिया फिर से करनी होगी, इनको हम काली यक्षिणी के नाम से जानते हैं इनका मंत्र 9 अक्षरों का होता है इस मंत्र को आपको सिद्ध करना होता है तो सबसे पहले आपको यह साधना श्मशान मे ही करनी होगी, घर पर कभी नहीं हो सकती, यह आप जान लीजिए। श्मशान में भी अत्यंत गोपनीय और एकांत स्थान होना चाहिए ।आप पर किसी की भी नजर ना पड़े इसके लिए आप श्मशान में जाकर एक कुटिया बना सकते है और उसका दरवाजा बंद करके आप साधना कर सकते हैं, ताकि आपको किसी प्रकार का खतरा ना आए । श्मशान एकांत में होना चाहिए जहां कोई आता जाता न हो ।

उस स्थान पर जब आप साधना करेंगे तो रात्रि में भी कोई ना आए, दो दिन में आपको बहुत मेहनत करनी होगी, अगर पास में कोई नदी है तो बहुत अच्छी बात है; क्योंकि साधना के बाद आपको नहाते वक्त आप पूर्ण रुप से  नग्न  होगे नहाएगे ।उसके बाद आपको पूरी तरह से नग्न होकर ही यह  साधना करनी होगी ।आप काला कंबल बिछाकर उस पर बैठकर साधना कर सकते हैं ।क्योंकि काली देवी नग्नस्वरुपा है इसलिए जैसा देवता होता है वैसे ही पूजा करनी होती है जैसा देवता का रूप स्वरुप होता है उसी प्रकार से आपको साधना करनी होती है ।इनका  विधि विधान इस प्रकार से है  -आपको करना क्या है कि पहले आप नहा  लीजिए उसके बाद एक चौकी स्थापित कर लीजिए और उस चौकी पर माता कालिका की प्रतिमा स्थापित कर  लीजिए ।

उसी प्रतिमा में आप यक्षिणी का आवाहन करे आप ये मानिये कि उसी में देवी श्मशान यक्षिणी उपस्थित हैं, उसके बाद आप एक सरसो का दीपक जला लीजिए वह दीपक अखंड रूप से जलना चाहिए, जब तक आप की साधना पूरी ना हो जाए तब तक दीपक को बुझने नहीं दे, इस प्रकार आपको करना है । इसके बाद आप रुद्राक्ष या काले  हकीक की माला से, दो ही मालाओं का प्रयोग करना है, माला को अभिमंत्रित कर लीजिए  छोटा सा विधान होताा है माला को अभीमँत्रित्र करने का  उसके बाद सबसे पहलेे आपको गणेश भगवान  के मंत्र का जाप करना है  21बार,  एक माला गुरु मंत्र फिर आपको 1 माला भगवान शिव के मंत्रों का जाप करना है उसके बाद आप एक माला भेरुजी के मंत्रों का जाप करेंगे भेरुजी के किसी भी मँत्र को आप ले सकते हैै ।

इसके बाद आप हल्का सा प्राणायाम करेंगे और देवी  से कहेंगेे कि मैंं आपके आवाहन की इच्छा से आपको प्रकट करने की इच्छा से आपकी सिद्धि प्राप्ति की इच्छा से आपको पुकार रहा हूं ।इसकेेेे बाद सिंदूर या चाकू से सुरक्षा घेरा बनाएंगे । काली देवि का रक्षा मंत्र हो तो बहुत उत्तम होगा मैंने अपनी एक वीडियो में देवी काली का रक्षा मंत्र बताया है ।उसमे मैंने बताया था कि कैसेे रक्षा मंत्र प्रयोग कर सकते हैं आप उसी का रक्षा मंत्र प्रयोग कर सकते हैं, याद रहे किसी भी सात्विक देवी देवता का रक्षा मंत्र प्रयोग ना करें ।माता कालिका का ही होना चाहिए या भैरव का होना चाहिए या भगवान शिव केे किसी रुद्र रुप का कवच होना चाहिए वरना यक्षिणी प्रकट नहींं होगी ।

इस् प्रकार से आप अब कर लेंगे, उसके बाद आप रात्रि मेंं जैसे ही सूरज डूब जाये साधना शुरूूू कर देंगे और तब तक जाप करना है जब तक पचास हजार जाप पूरा न हो जाए, याद रखिए आपको 50 हजार जाप करना है अब मैं आपको मंत्र बता देता हूं-
मँत्र: ॐ  क्ली भगवतीभ्यो नमः 

यह मंत्र है 9 अक्षर का हैं आपको श्मशान में बैठना है और इसी मंत्र का जाप करना है जहां आपने जगह बनाई है । वहां पूरी तरह से नंगे होकर बैठेंगे और आपके बाल पूरी तरह से खुले होने चाहिए । इस प्रकार आपको 50 हजार जाप करना है चौदस को करना है और पन्द्रवः दिन होता है अमावस्या का, उस दिन भी आपको 50 हजार जाप पूरा करना है । यह सरल काम नहीं है 50हजार जाप करना अगर आप कठोर  व्यक्ति हैं तो ही कर सकते हैं अगर आप चाहे तो एक ही बैठक में आप एक लाख जाप पूरा कर सकते हैं यानी कि चौदस से शुरु कर के 15वीं को खत्म कर सकते हैं या फिर बीच में ही उठकर के दूसरे दिन आप रात्रि को 50 हजार जाप पूरा कर सकते हैं । इस प्रकार आप एक लाख मंत्रों का जाप पूजा करेंगे ।

श्मशान में जैसे ही आपका जाप पूरा  होगा देवी आपके सामने प्रसन्न होकर प्रकट हो जाएगी और तुरंत आपको वस्त्र देगी एक वस्त्र आपको पहनने के लिए देगी कि आप ईस वस्त्र को पहन लीजीए यह जो वस्त्र होता है  इससे ना सिर्फ आपका शरीर ढकेगा, बल्कि आप पूरी तरह से गायब हो जाएंगे तो यह आपको अदृश्य होने की भी शक्ति भी प्रदान  करती हैं जिससे आप अदृश्य हो सकते हैं । आपने इतनी मेहनत करके देवी की साधना की है तो देवी  प्रसन्न होकर आपको ऐसा वस्त्र  प्रदान करती है कि न सिर्फ तुम्हारा शरीर किसी को दिखाई ना दे बल्कि, तुम्हारा कुछ भी किसी को दिखाई ना दे। इस प्रकार आप इस शक्ति से अदृश्य होने सीख लेते है ।

इसी में एक प्रयोग और होता है जो किया जा सकता है जब आप अपना जप पूरी तरह से कर लेते हैं आप 3 घड़े मदिरा के भर के अपने पास रखें और आपको एक घड़ा खाली रखना होगा जिसमे आप अपना भोजन बनाकर रख लीजिए, उसके बाद आप भोजन करिए वह तीनों घड़े देवी मदिरा के पी जाएंगी जब आपकी साधना पूरी हो जाएगी तब देवी आकर उन तीनों बड़े-बड़े घड़ों में से मदिरा पी जाएगी और एक घड़े  में आप अपने अपना भोजन रखा था उसमें से जो कुछ भी बचा खुचा हो उसको खाकर उन घड़ों को धोकर रख दे तब  देवी आपके कान में तीनों लोको की बातें कहेंगी ।

आपके कान में आकर वो सारी बातें कहेंगी और आपको फल फूल सब कुछ लाकर देगी  जो फल फुल देवी आपको लाकर देती है वह फल इस लोक के नहीं होते बाहरी लोको की शक्तियों के फल फूल होते हैं ।देवी आपको लाकर  देती है इसके बारेेे में मै ज्यादा नहीं जानता क्योंकिि जिन लोगों ने भी यह साधना की है वह जन सामान्य से अपना संपर्क काट लेते हैं और पूरी तरह से हट जाते हैं इस दुनिया से  । जिन लोगों ने भी यह साधना नहीं की है वे कुछ नहीं जानते इसलिए जो सुनी बात है जो मंत्र से प्राप्त होती है वही कही है तो मंत्र आप जान ही  गए होंगे कि किस प्रकार आपको  यह साधना करनी है । यह साधना अगर कोई करना चाहता है तो  अपना दिल पक्का कर ले तभी वह यह साधना करें क्योंकि देवी बहुत कड़ी परीक्षा ले सकती है क्योंकि इसमें आपको सिर्फ 2 दिन में ही  सिद्धि प्राप्त हो जाती है और इससे आपको निश्चित रूप से सिद्धि प्राप्त हो जाती है धन्यवाद।।।

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