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किसी भी ग्रहण काल में सिद्ध करे यह मंत्र

नमस्कार दोस्तो धर्म रहस्य पर आपका एक बार फिर से स्वागत है ग्रहण काल आ रहा है तो बहुत से लोग कह रहे थे कि हमें कोई ऐसा मंत्र दीजिए जिससे हमें फायदा हो l तो मैं आप लोगों के लिए रक्षा मंत्र लेकर आया हूं ।ग्रहण काल का समय ज्यादा बहुत बड़ा नहीं होता इसलिए पहले से कोई मंत्र जितने भी घंटे होते उतनी देर में और तो कोई मंत्र पहले से सिद्ध नहीं हो सकता या तो आप पहले से कोई मंत्र का जाप करते हुए चले आ रहे हो और इसकी समाप्ति ग्रहण काल में हो या आप सिद्ध कर लेंगे उस मंत्र को, लेकिन एक ही ग्रहण काल के लिए रक्षा मंत्र सिद्ध करना बहुत ही उत्तम माना जाता है ।

क्योंकि उसमें रक्षा मंत्र सिद्ध हो जाता है कम जाप  में ही सिद्ध हो जाता है तो अगर आप कोई साधना करना चाहते हैं या कोई तामसिक साधना करना चाहते हैं जिसमें आपको लगे कि इसमें आपको खतरा हो सकता है अथवा कोई देवी देवता आपको परेशान कर सकता है कोई  भूत प्रेत के जैसी समस्या या ऐसे चीजें हैं तो इसके लिए रक्षा मंत्र सबसे उत्तम होता है । रक्षा मंत्र ना केवल देवी देवताओं के लिए अपितु आपके स्वयं की रक्षा के लिए भी उपयोगी होता है ।अगर आप किसी संकट में पड़ जाते हैं तो आपका जो रक्षा मंत्र सिद्ध है उसका सात बार जाप करने से आपको रक्षा की प्राप्ति होती है । मेरे हिसाब से आप लोगों को रक्षा मंत्र सिद्ध कर लेनी चाहिए जो लोग भी रक्षा मंत्र का सिद्धि के  लिए जाप करे वो पूर्ण विधि विधान से करेंगे ।

ग्रहण काल इसके लिए सर्वोत्तम माना जाता है ग्रह काल में जब कोई साधना करते हैं तो उसका फल आपको हजार गुना मिलता है । एक ही समय में एक ही बार में आप साधना संपन्न कर सकते हैं यह जो ग्रहण काल आ रहा है उसके लिए मैं आप लोगों के लिए साबर मंत्र लेकर आया हूं जो माता कालिका मंत्र है ।माता काली के रक्षा मंत्र को आप सिद्ध कर लीजिए फिर माता काली सदेव आपकी रक्षा करेंगी । अगर आप किसी साधना में रक्षा मंत्र को पढ़कर सुरक्षा घेरा लगा लेते हैं तो यह अति उत्तम होता है ।

सबसे पहले आप जान लीजिए की रक्षा मंत्र के लिए जो मानसिक रक्षा मंत्र कैसे बनाया जाता है पहले उसके बारे में जान लेते हैं फिर मैं आपको मंत्र प्रयोग बताऊंगा कैसे किया जाता है  । चलिए शुरू करते हैं- अगर आप रक्षा मंत्र  सिद्ध करते हैं तो उसका फायदा क्या होता है अगर आप उसका कुछ दिन जाप करेंगे तो आपके इर्द-गिर्द एक कवच का निर्माण हो जाता है वो दिखाई नहीं देता पर, वह औरा की तरह आपके चारों तरफ रहता है । किस वजह से आपके अंदर किसी भी तरह की नकारात्मक शक्ति नहीं घुसती है ।अगर आप यक्षिणी योगिनी अप्सरा  की साधना में जो जाल उन्होंने फेका है आप उससे बच जाते हैं क्योंकि आपके चारों तरफ एक सुरक्षा घेरा बना हुआ है ऐसा कहते हैं कि अगर आंखों ने कुछ देख बुद्धि ने कोई निर्णय ले लिया तो उस समय इंद्रियां मन को खींच लेती है और मंन बुद्धि से संपत्ति लेकर आपको नर्क में गिराने की कोशिश करता है यानि की आपको गलत रास्ते पर ले जाता है  ।

उससे आप बच जाते  हो अगर अपका रक्षा  मंत्र सिद्ध  होता है ।वासना के जितने भी आवेग होते हैं उससे बचने के लिए गुरु और भगवान की जो रक्षा मंत्र की शक्ति होती है वह निश्चित रूप से आपकी रक्षा करती है । उससे आप सफलता प्राप्त कर लेते हैं । इसको मानसिक रुप से कैसे जगाया जाता है  कैसे इसके बारे में प्रयोग किया जाता है, वह मैं आपको बताता हूं  तो सबसे पहले आपको पद्मासन या सिद्धा आसन में से किसी भी एक मुद्रा में बैठ जाना है ।आपका मेरुदंड एकदम सीधा होना चाहिए, रीढ़ हड्डी बिल्कुल सीधी होनी चाहिए  आंखें आधी खुली आधी बंद रखें, इससे ध्यान अच्छा लगता है इसके बाद जो आपका रक्षा मंत्र है, गुरु मंत्र है, उसको जपते  हुए भावना करनी है मतलब सोचना है ।

सोचना है कि मेरे ईस्ट भगवान की कृपा शक्तिशाली प्रवाह मेरे चार तरफ से घूम रहा है और एक सुदर्शन सा चक्र मेरे चारों और घूमता है जो इंद्रधनुष के रंग में हैं और चार तरफ घूमते हुए वह मेरी रक्षा कर रहा है । वह तेज मेरी रक्षा कर रहा है इंद्रधनुषीय  प्रकाश घना  होता जा रहा है दुरभावना रुपी अंधकार नष्ट होता जा रहा है और सात्विक प्रकाश फैलता  जा रहा है,सूक्ष्म आसुरी शक्तियो से  मेरी रक्षा कर रहा है ।इसलिए मैं पूरी तरह से निश्चिंत हूं ।ऐसा आपको  सोचना चाहिए और  जितनी बार हो सके सास रोकिये और मन में यह बात दोहराइए, सोचिए ऐसा आपके साथ घटित रहा है और मंत्र का उच्चारण करते हुए। सास को बाहर निकाले और भावना करें कि मेरे शरीर  जितने भी विकार हैं सब बाहर निकल गए हैं ।

मन और बुद्धि सब शुद्ध हो गई है और श्वास खाली होने के बाद श्वास तुरंत नहीं लेनी है थोड़ी देर रुक जाइए फिर उसके बाद सास अंदर लेनी है ।उसके बाद मंत्र का मानसिक जाप करें  और कुछ देर प्राणायाम सहित उस मंत्र का मानसिक जाप करें । लंबा सास खींचे मंत्र को बोलने के लिए, कहते हैं जो आकाश है उसी के अंदर पृथ्वी है और  पृथ्वी के अंदर ही अनेकों देश है,  अनेक लोग रहते हैं, आपका शरीर आकाश के समान मान लेते हैं , मान लेते हैं कि आप शरीर नहीं हैं पूरा ब्रम्हांड है, सागर, ग्रह, नक्षत्र, तारे सब आप ही हैं  इस् प्रकार से अगर आप स्वयं मे सब कुछ देखेंगे तो आपकी हर प्रकार से रक्षा होती है । फिर आप अपने चारों तरफ देखते हुए बिल्कुल शांत होकर ध्यान मग्न हो जाएंगे, थोड़ी देर के लिए और सोचेंगे कि मेरे अंदर आत्म रूपी  सूर्य का प्रकाश  उत्पन्न हो रहा है जो मेरे शरीर के अंदर मेरी रक्षा कर रहा है ।

अपने आप में आप सीना तान कर मजबूत हो जाएंगे कि आपकी रक्षा आपका यह सिद्ध मंत्र हर प्रकार से करता है और आप देखेंगे कि आपके चार तरफ माता काली आपकी रक्षा के लिए हैं प्रकृति के रूप में माता काली आपके साथ की रक्षा के लिए हैं । हर तत्वों में वह शक्ति सामर्थ्यवान  बुद्धिमान है इसलिए  आप हर तरह से सुरक्षित हैं ।ऐसा आप सोचिए और ध्यान लगाइए की आपके चारो तरफ वही है वही है और कोइ नही है ।

ऐसा कोई अनुभव जब आपके सामने आता है कि कोई यक्षिणी आ रही है और आप को डरा रही है कोई अप्सरा  किसी प्रकार से आपके अंदर काम भावना डाल रही है तो आप सारा ध्यान माता पर ही लगाइए और इन सब चीजों के बारे में बिल्कुल नहीं सोचेंगे ।यह सब चीजों से अपना ध्यान हटा लेंगे इस प्रकार से आप देखेंगे तो रक्षा का भाव आपके अंदर आ जाएगा ।आपकी रक्षा के लिए हर प्रकार से दिव्य शक्तियां मौजूद हो जाएंगी वहां पर ।अब आप जान लीजिए किया मंत्र क्या है और इस मंत्र को आप सुन लीजिए –
मंत्र: ॐ  कालका देवी कालरुपिणी महाकाल नौ नारी  ब्हतर जाली मम भयम हर हर सर्व रक्षाम कुरु कुरु स्वाहा
यह  मंत्र है तो यह आपके लिए व्यक्तिगत है अगर आप किसी और के लिए  करना चाहते हैं तो जहां मम शब्द का प्रयोग किया गया है, वहां आप उस व्यक्ति का नाम ले सकते हैं  तो उनकी भी रक्षा होगी ।जब आप यह मंत्र सिद्ध करेंगे । सिद्ध किस प्रकार करना है तो सबसे पहले आपको 51 सौ यानी इक्यावन माला जाप आपको करना है ग्रहण काल में,  अगर आपको लगता है कि जब तक मैं जप लूंगा तब तक ग्रहण काल खत्म हो जाएगा, तो आप क्या करेंगे कि आप ग्रहण काल से एक घंटा पहले ही जाप करना शुरु कर देंगे, ताकि ग्रहण काल खत्म होते होते आपका यह मंत्र पूरा हो जाए ।

इसके लिए आप अपने घर में जहां टेबल(बजोट) होगी उस लाल कपड़ा बिछाकर माता कालिका यंत्र रख लीजिए । उनकी मूर्ति का फोटो मत रखिए बल्कि उनका यंत्र रख लीजिए, कोई भी माता कालिका यंत्र रखिये उसके आगे आप चमेली के तेल का एक दीपक जलाकर रखे अगर चमेली का तेल ना मिले तो भी आप सरसो के तेल का दीपक जलाकर रख सकते हैं ।लोबान की धूप जला लीजिए और यह जो जाप होता है  रात्रि के 9:00 बजे से  और 4:00 बजे के बीच में ही समाप्त  कर लिया जाता है ।

यह सभी प्रकार से आपकी रक्षा करता है, जब यह मंत्र सिद्ध हो जाता है तब इसका प्रयोग आप  मंत्र  बाहर पढ़कर रेखा खीचेंगे, अपके चारों तरफ वह रक्षा चक्र बन जाता है इसके बाद आप भोजपत्र पर इसको लिखकर 108 बार पढ़कर सिद्ध करके आप इसे त्रिलोह  ताबीज में भरकर अपने गले में धारण कर सकते हैं । यह ताबीज आपकी रक्षा करेगा । यह विशेष रुप से तब किया जाता है किसी तरह से आपको अपनी साधना की रक्षा करनी है  ।

 आप कोई भयानक साधना कर रहे हैं तो काली मिर्च के दानो  पर 108 बार पढ़कर अपने घर के चारो ओर घेरा  बनाकर घर बंधन भी कर सकते हैं  घर बंधन दो प्रकार का होता है एक तो आपके के घर का बंधन  और दूसरा  आपके शरीर का बंधन । इस प्रयोग से आप अपने शरीर  की भी रक्षा कर सकते हैं और स्थान की रक्षा कर सकते हैं । जिस स्थान की यात्रा करना चाहते हैं तो इसी प्रकार काली मंत्र से  रक्षा प्रयोग कर सकते हैं ।इस मंत्र से आपको फायदा होगा, आप हर प्रकार की साधना में हर प्रकार के प्रयोग में सफल रहेंगे । इस साधना से आप लोगों का भला कर सकते हैं धन्यवाद ।

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