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कुश्ती जीतने की प्राचीन मंत्र साधना

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य पर आपका एक बार फिर से स्वागत है आज नया कोतूहल भरा विषय लेकर आया हूं और यह विषय हैं कुश्ती जीतने के संबंध में प्राचीन काल से ही कुश्ती हमारी देश में खेल के तरह  परंपरा के रूप में प्रचलित है । कुश्ती हमारे देश में प्रसिद्ध खेलो में कुश्ती माना जाता है । लेकिन पुराने जमाने में कुश्ती को युद्ध के रूप में लिया जाता था। बाद में यह खेल के तरह परिवर्तित होता चला गया जैसे जैसे समय बीतता चला गया इस खेल ने बहुत ज्यादा प्रसिद्धि प्राप्त कर रखी थी ।

मध्यकाल मैं और प्राचीन काल मैं यह मलयुद्ध के रूप में बहुत ज्यादा प्रसिद्ध था । हर व्यक्ति इसे सीखता था और खासतौर पर इसका संबंध एक देवता से हैं जिसे हम हनुमान जी के नाम से जानते हैं । हनुमान जी की साधना उपासना लोग मल युद्ध में जाने से पहले  करते थे । बहुत ही अच्छे खेल के रूप में इसकी प्रसिद्धि हो गई  और शक्ति प्रदर्शन के लिए विशेष रूप से राजाओं के द्वारा। दो राजा लोग आपस में अपने मल्लयोद्धा को लडा लेते थे । इसे फैसला हो जाता था  की किस राज्य का दूसरे राज्य पर अधिकार होगा ।

स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने भी जब कंस का वध किया था तो उससे पहले उन्होंने मल युद्ध लड़ा था ।उसके बाद  कंस का वध किया था । उनके जितने भी मल योद्धा थे उनके पश्चात ही फिर कंस का  वध किया था इतना ही नहीं भीम ने भी कई बार मल युद्ध किया और मल युद्ध से लोगों को को पराजित किया । जरासंध को भी बीच से चीर फाड़ डाला था और उनकी मृत्यु कर दी थी केवल इसी कला के कारण ।

कहते हैं कि अगर मल युद्ध जीतना है तो ऐसे मंत्र का प्रयोग करना चाहिए जिससे कि विजय प्राप्त हो सके मलयुद्ध  भारत की पारंपरिक युद्ध कला है यह जो है हमारे देश में ही नहीं अपितु पाकिस्तान बांग्लादेश श्रीलंका में भी प्रचलित थी । दक्षिण पूर्वी एशियाई जितनी भी देश हैं वहां कुश्ती की शैलियों में हमारी शैली का निकट संबंधी भी माना जाता है । ऐसा पुराने समय में कहा जाता था  मल्ल युद्ध जो है चार भागों  में विभाजित थे। जिसमें प्रत्येक हिंदू देवता और पौराणिक योद्धा के नाम पर हनुमंत तकनीकी,  श्रेष्ठता पर केंद्रित हनुमंते यानी हनुमान जी से निकली है ।

इसलिए इसी तरह जामवंती प्रतिद्वंदी को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर होने के लिए लॉक्स या होल्ड टेक्निक होती है, जरासंधि में अंगों को जोड़ने और तोड़ने की एक प्रक्रिया पर होती है जिन्हे जोड़ तोड़  दिए जाते हैं जिसकी वजह से सामने वाले को पराजित किया जाए। इसी प्रकार से भीम सैनी विशुद्ध रुप से अपनी ताकत पर केंद्रित है जिसमें अपनी ताकत दिखाकर सामने वाले को पराजित किया जाता है ।

यह सब कुश्ती के  प्राचीन रूप हैं इसमें दो प्रमुख प्रकार है एक है धरनी पट और दूसरा है आसुरा, जो धरनि पट है उसमें हार जीत का पक्ष विरोधी को धरती पर गिरा कर पेट के बल गिराना होता है जिससे उसकी हार हो जाती है । इसे धरनी पट कहा  जाता है इसी प्रकार भीमसेनी और हनुमंती इसी प्रकार के उदाहरण है ।

इसी प्रकार आसरा मुख्य युद्ध है जिसमें विपक्षी को चोट पहुंचाई जाए एक रणनीति शक्ति है किंतु उसमे विरोधी की मौत नहीं होनी चाहिए । इस प्रकार से यह पहले से ही युद्ध होते चले आए हैं । कुश्ती में अगर आपको कामयाब होना  है और इस खेल में विजय प्राप्त करनी है और गोल्ड मेडल लेकर आना है या ओलंपिक वगैरह में भाग लेना है तो इसके लिए  कुछ मंत्र हमारे धर्म ग्रंथों में पहले से ही बताए गए हैं जिसमें साबर मंत्र काफी ज्यादा प्रसिद्ध रहे हैं ।

उनको करके बड़े-बड़े युद्ध लड़े जाते थे और अपने प्रतिद्वंदी को पराजित भी करते थे तो वही साधना लेकर आया हूं । मैं आप लोगों के लिए तो इसमें जो मंत्र है वह मैं आपको सुना देता हूं मंत्र इस प्रकार से है  

मँत्र :ॐ नमो आदेश कामरु कामाक्षा देवी। अडग पहरू भुजग पहरू लोहे।आवत हाथ तोडु पाँव तोडु।सहारा वीर हनुमंत उठ अबनरसिह।  वीर तेरी सोलह सौ  श्रृंगार मेरी पीठ।लगे नही तो वीर हनुमंत लगाने तू।  लेहु पुजा पान सुपारी नारियल ।सिदुर अपनी देह सबल मोही पर ।देहु मेरी भक्ति गूरु कि शक्ति ।फूरो मँत्र ईशवरो वाचा।।  

यह कुश्ती जीतने का मंत्र है अब इसकी साधना जो है इस प्रकार से की जाती है इसमे हनुमान जी की साधना करनी पड़ती है और इसके लिए मंगलवार से जाप को प्रारंभ करना है । 40 दिन गेरु का चौका लगा कर लाल  लंगोट पहनकर हनुमान जी की मुरती के समक्ष बैठकर लड्डू का भोग लगाकर रोज-रोज 1000 मंत्र का जाप करेंगे  ।

आपको धीरे-धीरे इस मंत्र की सिद्धि मिलने लग जाती है और दंगल में विजय प्राप्त होने लग जाती है इसमें आपको ब्रम्हचर्य का सदैव पालन करना होगा ।  हनुमान जी के साधना में ब्रहमचर्य की बहुत  आवश्यकता है और वर्जिश लगातार करते रहना चाहिए तभी आपकी साधना सफल होती है इसके लिए आपको भेट चढ़ा कर 41 दिन की साधना आपको करनी है और फिर रोज  हनुमानजी की पूजा करें तो भोग लगाएं ।

108 बार इस मंत्र का जाप करे बाद मे धीरे-धीरे यह मंत्र आपको  जीत की तरफ लेता जाएगा कार्य सिद्ध हो जाएगा  । उसके बाद कुश्ती  के जहां भी युद्ध होंगे, जिस स्थान पर होंगे ऐसे प्रयोग किए जाएंगे ।जहां इस तरह की लड़ाई होती इस तरह के युद्ध  होते हैं जिस तरह की खेल होते हैं और उन युद्ध में आप निश्चित रूप से जीतेंगे  यह भारतीय परंपरा से प्राप्त मंत्र श्रृंखला है इसको लगातार करने से शक्ति बल इच्छाशक्ति है  ज्ञान सब कुछ आपका बढ़ता है तो यह था कुश्ती जीतने का मंत्र जो आज आपको आज मैंने बताया है धन्यवाद।।

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