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खाट वाली चुड़ैल भाग 1

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। एक ऐसा अनुभव जिसके माध्यम से आप और छोटे बच्चे भी डर जाते हैं। ऐसी चीजों को लेकर तो चलिए पढ़ते हैं। इनके अनुभव को और जानने की कोशिश करते हैं कि किस प्रकार से हम इस भयानक अनुभव के माध्यम से पुराने समय में घटित हो चुकी विभिन्न प्रकार की घटनाओं के बारे में जान सकते हैं।

नमस्कार गुरु जी, मेरा नाम राकेश है और मैं जिला बहराइच उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं।इसके अतिरिक्त मैं आपको अभी और कुछ भी नहीं बता सकता। आप को समझना होगा।

मैं जिस घटना के विषय में बताना चाहता हूं यह आज से कई वर्ष पहले मेरे दादा परदादा के समय में मेरे ही गांव में घटित हुई एक घटना थी। लेकिन इन बातों पर लोग जल्दी विश्वास नहीं करते हैं। इसी कारण से मैंने सोचा कि इस बात को मैं आपको भेजूं क्योंकि आपके यहां मैंने अधिकतर देखा है कि लोग अपने अपने अनुभव भेजा करते हैं। जब भी मैं देखता हूं कि कोई विशेष तरह का अनुभव आया है तो उस अनुभव के माध्यम से हम पुराने समय में घटित हुई भयानक से भयानक बातों और घटनाओं को जान पाते हैं।

मैं अब उस घटना के विषय में बताना चाहता हूं जो हमारे गांव में प्रसिद्धि प्राप्त की हुई है। जी हां, मैं बात कर रहा हूं खाट वाली चुड़ैल की।

खाट के विषय में शायद बाकी लोग नहीं जानते हो तो मैं उनको बताना चाहूंगा कि घाट माने खटिया होता है या एक पलंग होता है जो लकड़ी का और रस्सी का बना हुआ होता है। पुराने समय में ज्यादातर लोग। खाट का इस्तेमाल करते थे। यह खाट ऐसी होती थी जिस पर कहीं पर भी लेटा और बैठा जा सकता था। इसी कारण से ज्यादातर लोग इसका इस्तेमाल करते थे। खाट आज इतनी अधिक प्रसिद्ध शहरी क्षेत्रों में नहीं है, लेकिन अगर आप गांव में चले जाइए तब आपको खाट का असली महत्व पता लगेगा।

ज्यादातर लोग इसे नहीं जान पाते हैं। क्या खाट? पहले के जमाने में ज्यादा क्यों इस्तेमाल की जाती थी पर मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि खाट पुराने जमाने में लोग खुद ही बना लेते थे। इसी कारण से खाट बहुत ही सरल होती थी इस्तेमाल करने में और इसको आप घर के अंदर घर के बाहर कहीं भी रख सकते थे। लोग गर्मियों में पेड़ों की छांव के नीचे अपनी खाट लगा लेते थे और उसी पर बैठकर चौपाल मे कितने लोग गप्पे मार कर बातें किया करते थे।

यह कहानी सुनाने से पहले मैं भी आपको कहना चाहूंगा कि ठीक ऐसा ही। हमारे गांव में भी हुआ, एक दिन चौपाल लगी हुई थी और वहां पर मेरे कई सारे मित्र बैठे हुए थे। उन्हीं के बीच में बैठकर मैंने सोचा कि चलो क्यों ना? कुछ? मसालेदार बातें की जाए। और उन मसालेदार बातों में ही भूत प्रेत की बातें अधिकतर लोग किया करते हैं। सभी लोग बैठे अपनी अपनी बातें कहने लगे तभी उनमें से मेरा एक मित्र बोला, भूत प्रेतों की जहां तक बात है। मैं दावे से कहता हूं। इस बात पर सभी लोग विश्वास करेंगे। तभी अन्य लोगों ने भी कहा, तुम सही कह रहे हो हमारे ही गांव की उस खतरनाक घटना के बारे में जो अभी भी लोगों की जुबान पर है। मैंने पूछा कौन सी घटना? तब सब ने कहा कि शायद तुम्हें पता नहीं है लेकिन जितने भी पुराने लोग हैं वह इस बात के बारे में जानते हैं।

तो मैंने पूछा, अच्छा तो बताओ फिर? कौन सी घटना और कौन सी बात?

तब मेरे दोस्तों में से एक ने कहा। सुनो हमारे ही गांव में एक खाट वाली चुड़ैल हुआ करती थी। और चुड़ैल इतनी अधिक खतरनाक थी कि लोगों की जान तक ले लेती थी। मैंने कहा, ऐसा तो मैंने कुछ भी नहीं सुना। तब सभी दोस्त कहने लगे तू गांव में रहता ही कब है जब तू इन बातों को जाने ।

मैंने कहा अच्छा ठीक है पूरी बात सुनाओ ताकि मेरा भी मनोरंजन हो और पुराने समय में यहां पर क्या हुआ था, मैं यह भी जानना चाहता हूं। क्योंकि मैं तो अधिकतर शहर में रहने के कारण गांव कम आता हूं। और दोस्तों की ऐसी चौपाल कहां देखने को मिलती है? इसीलिए जब मैं तुम लोगों के साथ होता हूं अपने आपको काफी आनंदित और माहौल को काफी अच्छा महसूस करता हूं। लोगों के पास इतना समय नहीं है। शहर में कि वह एक दूसरे को इतना अधिक समय दे सकें।

सभी ने कहा, ठीक है तो उन्हीं में से एक दोस्त ने बताया। एक काफी समय पहले की ही बात है। हमारे गांव में एक बुढ़िया। जो तंत्र-मंत्र की अच्छी जानकारी थी। लोगों को ठीक किया करती थी। लेकिन उसमें एक खराब आदत भी थी। वह खराब आदत यह थी कि वह किसी से भी गुस्सा हो जाया करती थी। कभी-कभी जब उसके मन के अनुसार कोई उसे दक्षिणा नहीं देता था तो भी वह गुस्सा हो जाती थी। हालांकि उसके पास एक बहुत अच्छी बात थी कि वह तांत्रिक सिद्धि प्राप्त थी।

कहते हैं एक दिन अचानक से उसकी मौत हो गई। और जब उसे ले जाने लगे तो रास्ते में ही बारिश शुरु हो गई थी।

उसकी लाश को लेकर के श्मशान घाट में रखा गया था और सब सोच रहे थे जैसे ही बारिश रुकेगी, हम लोग इस की लाश को जला देंगे पर कई घंटे तक बारिश नहीं रुकी। लोगों ने उसकी लाश को शमशान में ही वहीं पर खाट पर छोड़ दिया। क्योंकि अधिकतर उस जमाने में जब लाश ले जाई जाती थी तो सरल चीजों को इस्तेमाल किया जाता था। उसमें से उसी के घर की खाट पर उसको ले जाया गया था, क्योंकि खाट में चार पाए होते हैं और चारों पायों पर एक-एक व्यक्ति पकड़ कर उसे उठाकर लेकर गया था। इस पर? घर से श्मशान में उसकी लाश को वहीं पर रख दिया गया। और सभी लोग वहां से अपने घर को लौट आए। बारिश अधिक होने के कारण किसी के पास इतना समय नहीं था कि उसकी लाश पर बैठा रहता। या वहां उस लाश की देखरेख करता? सबने सोचा जब बारिश समाप्त हो जाएगी तब हम आएंगे और इसकी लाश को जला देंगे।

वहां पर उसके ऊपर कुछ पोलीथीन थी, डाल दी गई थी। ताकि! उसका शरीर भीगे नहीं। और क्योंकि उसके परिवार में और कोई नहीं था। इसी कारण से गांव वालों को ही है। सब कार्य करना था शायद अगर उस दिन उसका कोई रिश्तेदार होता तो यह कार्य आसान हो जाता और कोई न कोई तो देखरेख अवश्य करता पर ऐसा हुआ नहीं और उस को छोड़कर सभी को जाना पड़ा।

इस प्रकार जब अगली शाम तक बारिश समाप्त हुई तो लोगों ने सोचा चलो जा कर के देखते हैं कि आखिर अब उसकी लाश को जलाना जाना चाहिए या नहीं?

पर बड़ी ही अजीब बात घटित हो गई थी।

उसकी लाश गायब थी। उसकी लाश का अता पता नहीं मिला।

लोगों ने सोचा लगता कोई जानवर इसे खींच कर ले गया। काफी ज्यादा ढूंढने के बाद भी शमशान और उसके आसपास के क्षेत्र में कहीं भी उसकी लाश नहीं मिली। इसी कारण से सभी लोगों ने सोचा, अब करें भी तो क्या?

क्योंकि लाश गायब हो गई थी। इसी कारण से लोगों ने सोचा कि इसकी खाट को। घर ले जाना अब उचित नहीं होगा। क्योंकि वैसे भी यह तांत्रिक औरत थी। इसी कारण से मन में सबके एक भय रहता था।

इन सब वजहों के कारण लोगों ने आपस में कुछ देर वार्तालाप किया लेकिन उसकी लाश को उसकी खाट को वहीं छोड़कर चले आए। शायद अब लोगों ने सोचा होगा कि लाश मिलने से रही और खाट को घर ले जाना उपयुक्त नहीं है क्योंकि ऐसी चीजें खतरनाक भी होती हैं। और इस प्रकार! बिना लाश जलाए और साथ ही उस खाट को उस श्मशान में छोड़ दिया गया।

कुछ दिन बाद। गांव में एक व्यापारी आया और उसने अपना घर वही बना लिया।

वह व्यापारी दूसरे गांव का था और उसने कहा कि हमारे गांव में बाढ़ आ गई थी। इसी वजह से हमें गांव छोड़ना पड़ा। अब हमारी इच्छा है कि हम इसी गांव में बस जाए। गांव के सभी चौधरियों ने। यह बात समझी और उसकी बात को मान लिया उसे गांव के बाहर! आखरी कोने का एक मकान दे दिया गया। वह व्यक्ति भी अब अपने घर में सुकून से रहने लगा।

कुछ दिनों बाद अचानक से गांव में एक आश्चर्य हुआ। सभी लोग उस नए व्यापारी के घर की ओर दौड़ते हुए जा रहे थे। सब ने आपस में बात की और कहा कि उसके घर में एक बड़ी मुसीबत आ गई है।

क्योंकि कोई भी समस्या गांव में जब आती है तो सारे लोग उसका निपटारा करने के लिए उसके पास पहुंच जाते हैं।

व्यापारी के घर में है, बाहर उसकी पत्नी उसके बच्चे चिल्ला रहे थे। कि व्यापारी को कुछ हो गया है। सब लोग अंदर गए और व्यापारी को देखने लगे। व्यापारी जोर जोर से चिल्ला रहा था। मुझे छोड़ दो। मुझे छोड़ दो!

लोगों ने कहा, किससे और किस बात के लिए छोड़ दो? पर वह कह रहा मुझे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। वह मेरा गला दबा रही है। सभी ने पूछा कि कौन गला दबा रही है और क्यों दबा रही है? पर वह कुछ नहीं बोल पा रहा था। वह सिर्फ कह रहा था। एक औरत मेरा गला दबा रही है। वही मुझे दिखाई दे रही है। बाकी कुछ भी नजर नहीं आ रहा है।

आखिर उसके आगे क्या हुआ आगे के भाग में गुरु जी मैं आपको अवश्य भेजूंगा। तो भाग 2 का इंतजार कीजिए और अगर आपको यह कहानी पसंद आए तो कमेंट में जरूर लिखिएगा।

प्रणाम गुरुजी!

यहां पर इन्होंने उनके गांव में घटित। एक घटना का एक विवरण दिया है। और हम लोग भाग 2 में जानेंगे कि उस व्यापारी के साथ में आखिर हुआ क्या था तो अगर यह कहानी आपको पसंद आ रही है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। चैनल को अगर चैनल पर नए हैं तो आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

खाट वाली चुड़ैल भाग 2

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