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खूबसूरत अप्सराओं से दोस्ती भाग 1

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज लेंगे एक ऐसे अनुभव को जिसमें अप्सराओं से दोस्ती के संबंध में एक। व्यक्ति ने बताया है चलिए जानते हैं कैसा है अनुभव और क्या सच में अप्सराओं से दोस्ती हो सकती है। जानेंगे इस अनुभव के माध्यम से।

प्रणाम गुरुजी  मेरा नाम सुप्रकाश है।

मैं वेस्ट बंगाल के मालदा जिले में रहता हूं। मैं आपके यूट्यूब चैनल को 1 महीने से देख रहा हूं। आपके चैनल के कंटेंट मुझे बहुत अच्छे लगते हैं। इसलिए मैं आपको अपना एक अनुभव भेज रहा हूं। आशा करता हूं कि आपको पसंद आएगा। यह बात 2017 के जनवरी महीने की है जब मैं कॉलेज के प्रथम वर्ष में था। हमारे गांव के ठीक पास में एक बहुत बड़ा घना जंगल है सब लोग उस। जंगल को भूतिया जंगल कहते हैं और डर की वजह से वहां ज्यादा कोई नहीं जाता। जंगल! के ठीक सामने एक बड़ा मैदान है जिसमें गांव के हम सब लोग क्रिकेट खेलते थे। एक दिन उस मैदान में दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलते समय हमारा बाल सीधे जंगल में चला गया। डर के कारण कोई बाल वापस लाने को तैयार नहीं था। पर मुझे बाल वापस चाहिए था क्योंकि उस बाल पर मैं अपना! हक समझता था क्योंकि वह मेरा था। मैंने जंगल की तरफ जाना शुरू किया तो मेरे सारे दोस्त मुझे मना करने लगे और बहुत समझाने भी लगे।

लेकिन मैंने उनकी बात को नहीं माना और डरते हुए जंगल के अंदर घुस गया। मेरा दोस्त वही खड़े रह गए। मुझे वहां बाल तो नहीं मिली पर उसे खोजते हुए मैं जंगल के बहुत अंदर तक चला गया। मैंने जब समझा कि मैं बहुत अंदर आ गया हूं। तब मुझे बहुत डर लगने लगा और सोचने लगा कि मुझे दोस्तों की बात सुननी चाहिए थी तो मैं बाहर निकलने लगा। लेकिन जंगल घना होने के कारण मैं रास्ता भटक गया। जंगल में  चारों तरफ से बहुत अजीब सी आवाजें आ रही थी। मैं और भी ज्यादा डर गया, पर थक जाने के कारण मैं एक बहुत बड़े पेड़ के नीचे बैठ गया। अचानक मुझे कुछ लड़कियों की आवाज सुनाई दी। जो की जोर जोर से हंस रही थी और गाना भी गा रही थी। उनका वह गाना इतना सुरीला था और हंसी इतनी प्यारी थी कि उसे सुनकर मेरा पूरा डर ही दूर हो गया। मैंने सोचा कि इस भूतिया जंगल में भला लड़कियां कहां से आ सकती है मैंने इधर उधर देखा कि पेड़ के ठीक पीछे एक सुंदर सा तालाब था। तालाब के पास जाने पर मैंने देखा कि बहुत ही खूबसूरत दो लड़कियां। तालाब में पानी से खेल रही थी। वह दोनों लड़कियां इतनी खूबसूरत थी कि मेरे तो होश ही उड़ गए। इतनी खूबसूरती मैंने अपनी जिंदगी में कभी नहीं देखी थी। मैं क्या कोई भी अगर उन्हें देखता तो उसके भी होश उड़ जाते। वह दोनों ही बहुत ज्यादा गोरे रंग की और उनके खुले हुए बाल थे। वह उनके घुटनों तक आ रहे थे।

उनमें से एक लड़की ने गुलाबी कलर की साड़ी पहनी हुई थी। उसके बाल लाल कलर के और आंखों की पुतलियां भूरे रंग की नजर आ रही थी। उनमें से दूसरी लड़की ने पीले कलर की साड़ी पहनी हुई थी। उसके बाल पूरे गोल्डन कलर के थे और आंखों की पुतलियां समुंदर जैसे नीले रंग की थी। उन दोनों ने अपने शरीर में बहुत से गहने चूड़ियां हार पहने हुए थे। तो सब जंगल के सुंदर फूल और

ऐसा लगता था उन से वो बनी है। पानी में खेलते हुए वह दोनों हंस भी रही थी और बहुत सुरीला गाना भी गा रही थी। उन्हें देखते और सुनते हुए मेरा बहुत समय उस दौरान निकल गया। पर लग रहा था कि बस उन्हें देखता ही जाऊं तो वह दोनों लड़कियां कुछ देर तक पानी में खेलने के बाद नहाने लगी। इतने में ही दोपहर का समय हो गया। अब वह दोनों लड़कियां नहाकर तालाब से बाहर निकल गई और दोपहर की धूप में अपने आप को सुखाने लगी और एक दूसरे के बालों को।

उलझाने लगी। इतने में ही उनकी नजर मेरे ऊपर पड़ी और वह भी मुझे ऐसे घूरने लगी। जैसे उन्होंने पहली बार कोई इंसान देखा हो।

उन्हें मुझे घूरते देख मैं बहुत शर्मा गया और जितना जल्दी हो सके, वहां से भागने लगा। तभी उन्होंने पीछे से जोर से आवाज लगाई। सुनो रुको भागो मत क्या तुम हम दोनों को देख सकते हो? उनका ऐसा सवाल सुनकर मैं रुक गया और फिर से उनकी तरफ मुड़ा। उन्होंने फिर से पूछा, क्या तुम हम दोनों को देख सकते हो? मैंने दूर से अपना सिर हिलाकर कहा हां!

हां सुनकर पता नहीं क्यों वह दोनों बहुत खुश हो गई और जोर-जोर से हंसने और कूदने लगी। उनका यह हरकत देखकर मुझे बहुत अजीब लगा। मैं फिर से उनके पास गया। पास जाने पर उन्होंने फिर से पूछा, तुम सच बोल रहे हो ना। मैंने बोला हां, तुम दोनों भूत थोड़े ही हो कि मैं तुम्हें नहीं देख पाऊंगा।

यानी कि मैं तुम्हें देख सकता हूं। यह सुनकर वह दोनों हंस पड़ी और मुझे दोनों ने अपने गले लगाया। मैंने उन दोनों से पूछा कि कौन हो तुम लोग? और इस भूतिया जंगल में अकेले क्या कर रही हो, डर नहीं लगता है क्या ? उन्होंने बोला नहीं, क्यों तुमको लगता है क्या मैंने बोला, हां बहुत डर लगता है तो उन दोनों ने हंसते हुए बोला, डरो मत हम हैं ना तुम्हारे साथ कोई तुम्हें कुछ नहीं करेगा। मैंने पूछा कहां रहती हो, तुम दोनों पहले तो कभी नहीं देखा। यहां पर वह दोनों बोली हमारे घर तो यहां से इतना दूर है कि तुम सोच भी नहीं सकते। लेकिन वैसे तो हम अभी इस जंगल में इस तालाब के पास रहते हैं। वह बड़ा सा पेड़ देख रहे हो उसी की टहनियों में रात हम सो जाते हैं, मैंने बोला, ऐसा क्यों घर क्यों नहीं जाती तो वह दोनों हंसते हुए बोली बहुत लंबी कहानी है। दोस्त फिर कभी बताएंगे। उन दोनों ने पूछा, तुम कहां रहते हो? और यहां क्यों आए हो? मैंने बोला, मैं जंगल के बाहर गांव में रहता हूं। यहां अपनी खोई हुई बॉल ढूंढने आया हूं पर भटक गया। तभी तुम लोगों का गाना सुना और यहां चला आया । मेरा नाम सुप्रकाश है। वह दोनों बोली अरे! तुम्हारा नाम तो बहुत बड़ा है, कोई छोटा नाम नहीं है। मैं बोला हां घरवाले मुझे प्यार से रिकी बुलाते हैं और मेरे दोस्त मुझे रिकू बुलाते हैं। उन दोनों ने हंसकर बोला, क्या तुम हम दोनों के भी दोस्त बनोगे। हमारा कोई दोस्त नहीं है। हम भी तुम्हें प्यार से रिकू बुलाएंगे। मैंने बोला, ठीक है हम तीनों आज से दोस्त हैं। तुम लोग पहले अपना नाम बताओ तो फिर गुलाबी साड़ी वाली लड़की बोली मै प्रमाणिका हूं और यह मेरी बहन है तब पीली साड़ी वाली लड़की बोली मैं। प्रभोदिका हूं। और यह मेरी दीदी है। तब मैंने भी उन्हें बोला, तुम लोगों के नाम तो मुझसे भी बड़े हैं। कोई छोटा नाम नहीं है। वह दोनों हंस पड़ी और बोली नहीं। मैंने बोला कोई बात नहीं मैं प्रमाणिका को पिंकी और प्रभोदिका को पीलू बुला लूंगा ठीक है। तक उन्होंने हंसते हुए बोला, ठीक है तुम जैसा चाहो, लेकिन तुम्हें देखकर लगता है कि बहुत थक गए हो, कुछ खाओगे।

मैंने बोला हां, क्यों नहीं थक तो गया हूं। फिर उन्होंने मुझे कुछ फल दिये जिनको मैंने कभी नहीं देखा था। वह सब इतने मीठे थे कि मेरा दिल और पेट दोनों भर गया। मुझे जंगल में घूमते हुए बहुत देर हो चुकी थी तो मैंने पिंकी और पीलू से कहा, क्या तुम लोग मुझे जंगल से बाहर निकाल दोगी, मुझे घर जाना है सब मेरा राह देख रहे होंगे। पीलू और पिंकी बोली ठीक है, पर पहले हमसे वादा करो। जब भी तुमसे हो पाएगा। यहां हमसे मिलने जरूर आओगे और हमारे बारे में किसी से कुछ नहीं कहोगे। मैंने बोला, ठीक है वादा रहा। फिर पीलू पिंकी ने मेरे दोनों हाथ पकड़े और पता नहीं। कैसे एक सेकंड में ही मैं जंगल के बाहर खड़ा था जहां से मैदान शुरू होता था। वहां पर पहुंच गया। यह सब देखकर मेरे दो होश ही उड़ गए।

मैंने उनसे बोला, तुम दोनों ने ऐसा कैसे किया तो पीलू पिंकी हंसते हुए बोली फिर कभी बताएंगे रिकू? अभी घर जाओ पर अपना वादा याद रखना और मेरे हाथ में, मेरा खोया हुआ बाल भी दे दिया। मैंने फिर खुशी-खुशी अलविदा कहा और अपने दोस्तों की तरफ चलने लगा। पीलू पिंकी को देखने के लिए पीछे मुड़ा तो देखा कि वहां कोई नहीं है। दोनों ही गायब हो चुकी थी। दोस्तों के पास गया तो देखा कि सब मेरा इंतजार करते-करते मैदान में ही सो गए हैं। मैंने सब को जगाया और बोला की बॉल मिल चुकी है। सब मुझे देख हैरानी में बोले, वहां अंदर क्या हुआ, मैंने बोला। भूत आया और बाल दे कर चला गया। सब मेरी बात पर हंसने लगे और फिर उस दिन हम घर चले गए। मेरा बाकी का अनुभव में अगले पार्ट में जल्द ही भेज दूंगा गुरुजी तब तक के लिए प्रणाम!

संदेश – तो देखे यहां पर इनके जीवन में इस तरह की घटना घटी है। अगर आप से हो सके तो अवश्य ही उस जंगल और उस स्थान का नाम बताएं जहां पर यह घटना घटित हुई थी ताकि सभी दर्शकों को इस पर विश्वास हो सके और बाद में कोई वहां जाकर के उनके रहस्य खोजने की कोशिश भी कर सके। जब पार्ट 2 प्राप्त होगा तो फिर आगे की कहानी को जानेंगे।

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खूबसूरत अप्सराओं से दोस्ती भाग 2

 

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