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गुप्त दुर्गा यक्षिणी साधना

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आम का एक बार फिर से स्वागत है। क्योंकि नवरात्रि आ चुकी है और इस पावन अवसर पर हम कोई भी तांत्रिक साधनाएं कर सकते हैं क्योंकि यह 9 दिन बहुत ही अधिक शुभ माने जाते हैं। चाहे मां भगवती की प्रसन्नता के लिए की जाने वाली साधना हो या फिर उनकी ही सहायक सेविका शक्तियों की पूजा हो। जिन को सिद्ध करके हम जीवन में कई तरह के लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ऐसी ही एक साधना जोकि अत्यंत ही गुप्त है और केवल गुरु शिष्य परंपरा में ही बताई जाती है। इसे हम मां दुर्गा की गुप्त यक्षिणी साधना के नाम से जानते हैं। माता दुर्गा के साथ उनकी बहुत सारी सेविका शक्तियां विराजमान रहती हैं। जब माता क्रोध में भरकर विभिन्न प्रकार के दैत्यों का वध कर रही होती हैं। तब उनकी सहायक शक्तियां भी उनके साथ युद्ध में सम्मिलित होती हैं और वह भी अपनी शक्ति का परिचय दानवों को दे रही होती हैं और वह सभी अपने हाथों में विभिन्न प्रकार के अस्त्र-शस्त्र धारण किए हुए घूमती हैं। सामने पड़ने वाली कोई भी दैत्य शक्ति इनका सामना नहीं कर सकती है।

वैसे तो इस संबंध में हम योगिनी शक्तियों को जानते ही हैं। लेकिन देवी मां के साथ में कुछ यक्षिणी शक्तियां भी विद्यमान रहती हैं जो यक्ष लोक से संबंधित होती हैं क्योंकि देवी मां जब। राक्षसों का वध करती हैं तो उनके जितने भी रूप और स्वरूप जिस भी लोक में मौजूद हैं, वह सारे इकट्ठा होकर उनके साथ युद्ध में सम्मिलित हो जाते हैं। इन्हें देवीगण कहा जाता है। ऐसी देवी मां! के बहुत सारी शक्तियां उनके साथ विराजमान नजर आती हैं और उन्हीं में एक ऐसी शक्ति भी है जिसको हम दुर्गा यक्षिणी नाम से जानते हैं। जब माता सिंह पर सवार होकर युद्ध के लिए निकलती हैं तो उनके आगे आगे उनकी सेना में यक्षिणी भी चलती है। और इस विशेष यक्षिणी को दुर्गा यक्षिणी नाम से जाना जाता है। इसकी साधना अत्यंत ही गुप्त है क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है और इनका स्वरूप भी यक्ष लोक में विलीन हो जाता है शक्ति के रूप में। किंतु युद्ध के समय या फिर से प्रकट हो जाती हैं। और फिर सामान्य होकर यक्ष में जाकर देवी मां की आराधना करने लग जाती है। इसलिए इनकी साधना और इनके विषय में किसी को भी स्पष्ट रूप से कुछ भी नहीं मालूम है। वैदिक युग से इनकी गोपनीय साधना चली आ रही है और इनकी साधना से सभी प्रकार के लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। क्योंकि हम जानते हैं कि हम बड़े देवी और देवताओं की उपासना तो कर लेते हैं, लेकिन उन्हें सिद्ध नहीं कर पाते हैं। सिर्फ उनकी कृपा ही प्राप्त की जा सकती है।

किंतु योगिनी यक्षिणी। इत्यादि। शक्तियां जिन्हें हम प्रत्यक्ष सिद्ध भी कर सकते हैं और मित्र के रुप में साथ रहते हुए यह शक्तियां आपके सारे कार्य करने में सक्षम भी मानी जाती है। ऐसी ही दुर्गा यक्षिणी भी है। मां दुर्गा के साथ चलने के कारण इसके अंदर बहुत अधिक शक्ति भरी हुई है। यह कुछ भी कर सकने में समर्थ मानी जाती है। इसकी साधना के विषय में यह कहा जाता है कि यह साधना हमेशा नवरात्रि में शुरू करनी चाहिए। नवरात्रि के किसी भी दिन इस साधना को शुरू किया जा सकता है। यह शक्ति मां दुर्गा के स्वरूप वाली ही है किंतु इसके केवल दो ही हाथ दिखाई पड़ते हैं। जिस प्रकार देवी मां के हर स्वरूप में 4-8, 18 या 10 इत्यादि हाथों के स्वरूप में देवी मां दिखाई पड़ती हैं। किंतु इनकी सहायक सेविका शक्तियां। केवल मनुष्य शरीर में 2 भुजा रूप में ही दिखाई पड़ते हैं। इसलिए जो भी इनकी साधना करना चाहता है, वह इनकी ऐसी प्रतिमा बनवाए। जिस स्त्री के एक हाथ में तलवार होनी चाहिए और वह सामान्य स्त्री की तरह दिखने में नजर आनी चाहिए। ऐसी शक्ति को लाल वस्त्र पहनाए गए हो। देवी की यह प्रतिमा की पूजन में प्रयोग की जानी चाहिए। तभी इनकी सिद्धि प्राप्त होती है। आप इनकी साधना किसी भी नवरात्रि से शुरू कर सकते हैं। लेकिन शारदीय नवरात्रि इनकी साधना के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है। यानी जो आ चुकी है। इनकी साधना से सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं।

लेकिन इनकी साधना की एक विशेष बात यह है कि इनकी साधना में आपको इनसे पहले मां दुर्गा की विधिवत साधना करनी पड़ती है और उनकी साधना करने के बाद ही उनके आगे इन की प्रतिमा स्थापित करके उसका पूजन किया जाता है। मां दुर्गा की प्रतिमा के आगे एक लाल वस्त्र बिछाकर बाजोट पर इनकी प्रतिमा को स्थापित करें और उस प्रतिमा के ऊपर। फूल पुष्प इत्यादि चढ़ाते हुए। मंत्रों का प्रयोग करना चाहिए और पहले ऋषिन्यास और उसके बाद अंगन्यास पढ़ते हुए उसके बाद मां। दुर्गा की यक्षिणी के मूल मंत्र का जाप करना चाहिए। इसकी 41 माला का जाप रात में 11:00 बजे से शुरू करना सर्वोत्तम माना जाता है। इसके लिए आपके पास लाल मूंगे की माला होनी चाहिए और आप स्वयं भी लाल वस्त्र पहने हुए होने चाहिए। इनके सामने शुद्ध घी के दीपक का ही इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा अन्य चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इनकी साधना से धन वैभव संपन्नता दुर्लभ प्रकार की तंत्र विद्या यह प्रदान करती हैं। की साधना जितेंद्र होकर शांत भाव से एक निश्चित मंत्र जाप करते हुए करनी चाहिए। इनका साधक उत्साह से भरा होता है। उसके जीवन से भय समाप्त हो जाता है। वह किसी भी चीज को देखकर नहीं डरता है। इसके अलावा इनकी सिद्धि के विषय में अगर बात की जाए तो इनकी साधना सिद्धि केवल। मां बहन या पुत्री के रूप में ही करनी चाहिए। हालांकि प्रेमिका या पत्नी के रूप में भी की जा सकती है। किंतु यहां पर ध्यान देने योग्य बात यह है कि आप स्वयं महा तपस्वी होने चाहिए। तभी आप इनकी प्रेमिका या पत्नी रूप में साधना करें क्योंकि। जिन ऋषि मुनि ने इनकी साधना।

पत्नी रूप में या प्रेमिका के रूप में की है। उनके साथ देखने में यह आया है कि वह शरीर समेत हमेशा के लिए अदृश्य हो गए। यानी हमेशा के लिए वह साधना करते ही गायब हो गए और उसके बाद फिर कभी दिखाई नहीं पड़े। इसलिए इनकी साधना में अगर आपके अंदर तपोबल बहुत अधिक नहीं है। या अपने माता के मंत्रों का कम से कम नौ दस लाख बार जाप नहीं किया है तो इनकी साधना मां बहन या पुत्री के रूप में ही करें। हालांकि, प्रेमिका और पत्नी के रूप में इनकी शक्तियां चरमोत्कर्ष पर होती हैं और आप स्वयं मां दुर्गा के दर्शन भी इनके कारण कर ले जाते हैं क्योंकि आप भी देवी के गणों में शामिल हो जाते हैं। इसलिए यह देवी बहुत अधिक शक्तिशाली है और कहा जाता है। यह सभी प्रकार की सिद्धियां देने में सक्षम है तो यह एक अत्यंत ही गोपनीय साधना है। देवी मां की संपूर्ण विधि विधान से कैसे साधना की जाएगी? इन यक्षिणी देवी का मंत्र क्या है और ऋषि न्यास और अंग न्यास कैसे करेंगे। इस संबंध में मैंने पीडीएफ़ अपने इंस्टामोजो पर डाल दिया है। अगर इस साधना को कोई करना चाहता है तो अवश्य ही इस वीडियो के नीचे डिस्क्रिप्शन बॉक्स में जो लिंक दिया हुआ है वहां से क्लिक करके अपना ईमेल आईडी फोन नंबर इत्यादि डिटेल भरकर आप। इस साधना को खरीद सकते हैं और अपने जीवन में खुशियां और विभिन्न प्रकार की गुप्त सिद्धियां ला सकते हैं। साधना के लिए एकांत स्थल का चुनाव कीजिए। इसे घर पर भी किया जा सकता है। किंतु उस कमरे में किसी का भी प्रवेश साधना काल में वर्जित रखें। भोजन स्वयं बनाएं क्योंकि इस दौरान किसी भी अन्य पुरुष या स्त्री को टच ना करें। तो यह थी एक विशेष दुर्गा यक्षिणी साधना। अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब

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