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गोलोक गोपिका साधना

गोलोक गोपिका साधना

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। भगवान श्री कृष्ण के जन्म का दिवस एक ऐसा दिन होता है। जब हम अपनी सभी प्रकार की मनोकामनाएं और इच्छाओं को बहुत ही आसानी के साथ प्राप्त कर सकते हैं। इस दिन साधना करने से विशेष तरह के लाभ होते हैं और अगर एक रात्रि में ही हम सिद्धि प्राप्त कर पाए तो यह तो हमारा परम सौभाग्य होगा। उस दिन भगवान्की श्री कृष्ण की साधना समस्त ब्रह्मांड करता करता है ऐसे में गोलोक में। उनकी गोपीका बहुत सारी सेविका शक्तियां भी उनकी साधना कहती है। इस पृथ्वी पर इस दिन इस पृथ्वी लोक में जब उनका विचरण इस पृथ्वी लोक में होता है। अगर उनकी नजर किसी भक्तों के ऊपर पड़ जाती है जो भगवान श्री कृष्ण के मंत्र के द्वारा अगर वहां उन्हें पुकार रहा हो तो निश्चित है कि वहां उन्हें सिद्धि प्रदान कर देती हैं। ऐसा हो ही नहीं सकता कि वह उन्हें सिद्धि ना दे लेकिन मद लोभ भय यह सारे ऐसी चीजें हैं जिनकी परीक्षा अवश्य ही ली जाती है, लेकिन इसमें सफल होने वाला साधक गोपिका को अपने प्रिय मित्र के रुप में सिद्ध कर लेता है और भगवान श्री कृष्ण के गोलोक जाने के लायक हो जाता है। अगर वह आजीवन उसे अपने साथ जोड़ कर रख पाया क्योंकि वह तो स्वयं गोलोक की निवासी है। इसलिए अपने साधक को उस लोक में पहुंचा सकती है। इसे करके महान सिद्धि प्राप्त की जा सकती है, यह साधना साधकों को करनी चाहिए।

इस साधना के विषय में जो पुराना विवरण है, वह इस प्रकार है। सतयुग में एक ब्राम्हण बहुत ज्यादा दुखी रहता था। तब उसने भगवान विष्णु को प्रसन्न किया और उन्होंने कहा कि तुमने मेरी साधना की  थी और साधना के लिए जब मैं द्वापर में आऊंगा तो तुम्हारा भी जन्म होगा। तब तुम मुझे प्राप्त करने का पूरा प्रयास करना अगर तुम्हें इस संसार चक्र आवागमन से मुक्ति चाहिए। तब जब भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ और उसका भी जन्म हुआ तो उसे अपनी साधनों के पूर्व काल के ज्ञान की वजह से आभास हो गया कि स्वयं नारायण पृथ्वी पर आ चुके हैं। उसने साधना शुरू कर दी भगवान श्रीकृष्ण यह देखकर उसकी परीक्षा लेने को गोपिकाओ को भेजते हैं और उस! पंडित के रूप में जन्मे व्यक्ति द्वारा सुन्दर गोपिका देखकर अपना ब्रम्हचर्य खो देता है इसके कारण उसकी साधना नष्ट हो जाती है वह बहुत दुखी होता है।

तब नारद जी स्वयं उसकी मदद करते हैं तब भगवान श्रीकृष्ण उसे दर्शन देते हैं और मुक्ति प्रदान करते हैं। तब वह कहता है आपकी गोपीका शक्तियां पृथ्वी पर जब-जब इस प्रकार की घटनाएं होंगी। इनका आना होगा । इनका तो कार्य ही है जो इस योग्य नहीं उसे मेरे लोक की प्राप्ति भी नहीं हो। लेकिन मैं एक वरदान देता हूं जो कि गुप्त रहेगा, मेरी एक गोपनीय मंत्र की साधना अगर जन्माष्टमी जिस दिन मेरा जन्म दिवस पूरे संसार में मनाया जाता है, पूरे काल में करेगा कोई व्यक्ति तो गोपीका उसके पास आएगी और अगर वह इसे योग्य हुआ तो उसे गोपीका सिद्धि की प्राप्ति होगी। यह मेरा कथन है। वह कवच अवश्य लगाएं। भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं गुप्त तरीके बताएं कि किस प्रकार से यह साधना की जा सकती है। यह साधना गुरु शिष्य परंपरा से गोपनीय रखी गई ताकि किसी को पता ना हो। गोपीका शक्तियों का दुरुपयोग करके ब्रह्मांड में तबाही मचाई जा सकती है। इसीलिए इस ज्ञान को को गोपनीय कर दिया गया। तब से कोई व्यक्ति इसे नहीं जानता। भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्ति केवल एक रात्रि में संभव है और यह उन चार महान रात्रियों मैं सम्मिलित है जिसके एक रात्रि मंत्र जाप से ही हम करोड़ गुना सिद्धियों को प्राप्त कर सकते हैं।

जैसे होली की रात, दिवाली की रात, जन्माष्टमी और शिवरात्रि! की संपन्न की जा सकने वाली तांत्रिक साधनाओं में जो साधना जन्माष्टमी पर की जाती है और इससे साक्षात गोलोक में प्राप्त हो जाती है।

इसी कारण इस साधना को करने वाला साधक दुर्लभ और अपनी साधना की सामर्थ्य के अनुसार ही गोलोक की किसी गोपीका को प्राप्त करता है। इसलिए इस साधना को करने के लिए देवता भी लालायित रहते हैं।

यहां पर मैंने इस संदर्भ में आपको बताया है।

जब गोलोक में।

अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम राम नारायणम जानकी वल्लभम इस प्रकार कई गोपीकाये अपने अपने स्वभाव के अनुसार कृष्ण वंदना कर रही थी तब? उन्हें भगवान् कृष्ण दर्शन दिए अपनी राधा रानी के साथ साक्षात दिव्य रूप में उन्हें दर्शन देकर कहा जाओ। पृथ्वी लोक का कल्याण करो जहां जहां मेरे भक्त हैं उन सब में कोई साधना करते दिखे  तो उसका भला करो।

पूरे वर्ष में की गई भगवान की साधना से कई गुना ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है। इस दिन व्रत रखते हुए अगर कोई व्यक्ति भगवान की साधना और उनके गोपनीय तंत्र का इस्तेमाल कर साधना करता है तो उसे अद्भुत लाभ प्राप्त होते हैं। और उनके कार्यों का संपादन करने के लिए गोप और गोपियां दिव्य शक्तियां बनकर पूरे पृथ्वी लोक में विचरण करती है और साधकों के उनके सामर्थ्य के अनुसार ही उन्हें वरदान प्रदान करती है।

इसीलिए इस अगर तांत्रिक तरीके से गोपनीय गोपीका साधना की जाए तो भगवान कृष्ण की कोई ना कोई गोपीका सिद्ध की जा सकती है। इसकी सिद्धि को प्राप्त कर भगवान कृष्ण की साक्षात शक्ति को प्राप्त करना संभव हो जाता है। कहते भी है कि अगर आप उनके साथ साथ सिद्धि नहीं प्राप्त कर पाते हैं तो भी आपके अंदर गजब का आकर्षण आता है क्योंकि भगवान श्री कृष्ण माया शक्ति को अपने वश में रखते थे इस कारण माया। आपको अवश्य प्राप्त होती है और माया के कई रूप हैं। इसमें आकर्षण वशीकरण धन संपदा वैभव कीर्ति। किसी को सम्मोहित करने की विद्या। अपने अनुसार कार्य कराने की क्षमता विकसित करना और स्वयं कामदेव जैसा सुंदर स्वरूप प्राप्त करना। यह सब कुछ इस साधना से संभव है। भगवान कृष्ण को जो भी प्रसन्न कर लेता है उसके लिए संसार में कुछ भी असंभव नही है । कृष्ण भगवान साक्षात नारायण स्वरूप है पालन करता है जीवन कुछ प्राप्त करने के सुख सुविधाएं ऐश्वर्य आनंद सब कुछ लिए भगवान की साधना होती है। जन्माष्टमी के दिन  छोटे प्रयोग के माध्यम से गोपीका सिद्धि की  कोशिश किया जाए तो कृष्ण कृपा अपने आप आप को सहज रूप में मिल सकती है। यह साधना अत्यंत ही गोपनीय है और इसका ज्ञान संसार में बहुत ही कम लोगों को है तो इस साधना को मैंने आपके इंस्टामोजो पर उपलब्ध करवा दिया है। इस साधना को केवल आप एक रात में संपन्न कर सकते हैं। और विधि विधान सरल है क्योंकि भगवान कृष्ण से जुड़ी हुई जितनी भी साधनाएं होती हैं, वह सभी बहुत सरल मानी जाती है। आप भगवान कृष्ण की कृपा और गोपी को साक्षात सिद्ध करके समस्त संसार को भी जीत कर सकते हैं। गोपनीय सिद्धियां भी प्राप्त कर सकते हैं।

आप अपने जीवन में अद्भुत परिवर्तन ला सकते हैं और इस साधना को अवश्य करें ताकि आप अपने जीवन को एक रात्रि में ही बदल सकें।

इस साधना का विवरण और लिंक मैंने इस वीडियो के नीचे डिस्क्रिप्शन बॉक्स में दे दिया है। वहां से क्लिक करके आप इस साधना को इंस्टामोजो पर जाकर खरीद कर डाउनलोड कर सकते हैं और अवश्य ही भगवान कृष्ण की कृपा को गोपीका के रूप में प्राप्त कर सकते हैं।

जन्माष्टमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं जय मां पराशक्ति।

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