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चुड़ैल का श्राप भाग 2

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। चुड़ैल का श्राप भाग 1 में अभी तक आपने जाना कि एक व्यक्ति के दादा जी कैसे खजाना लेकर एक अंग्रेज औरत के साथ अपने घर पहुंच जाते हैं। अब आगे जानते हैं कि उनके साथ आगे क्या घटित हुआ था?

पत्र – नमस्कार गुरु जी! पिछले भाग में मैंने आपको बताया था अब उसके आगे की। कहानी सुनिए!

जमीदार के खजाने के साथ घर पहुंचकर दादाजी ने। उस अंग्रेज औरत को परिवार के बाकी लोगों से मिलाना शुरू कर दिया। उससे उन्होंने कहा, तुम भोजन करो तब तक मैं। इस खजाने का प्रबंध कर देता हूं।

और जब वह अंग्रेज औरत! बाकी घर वालों के साथ। भोजन कर रही थी तभी मेरे दादाजी ने उस बग्गी से वह सारा खजाना निकाल कर जंगल में ले जाकर कहीं गाड़ दिया। मेरे दादाजी बहुत ही अधिक चतुर थे। वह अवश्य ही उस अंग्रेज औरत को अपने साथ लाए थे लेकिन वह उस पर विश्वास नहीं करते थे। इतने बड़े खजाने से उनके जीवन की सारी परेशानियां दूर हो सकती थी इसी कारण से। उन्होंने! बिना बताए किसी गुप्त स्थान पर वह खजाना गाड़ दिया।

अब वह वापस उस अंग्रेज औरत के।

पास आ गए उस अंग्रेज औरत ने कहा। मुझे तुम्हारे साथ ही रहना है। इस पर मेरे दादाजी ने कहा, हम हिंदुस्तानी लोग इतने खुले मिजाज के नहीं होते हैं। आपको एक अलग कमरा दे दिया जाएगा जहां पर मैं आपसे मिलने के लिए आ जाया करूंगा। आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। इस पर वह अंग्रेज औरत तैयार हो गई।

घर का माहौल बहुत ही खुशनुमा था इसलिए उस अंग्रेज औरत को कोई परेशानी नहीं हो रही थी।

1 दिन रात के समय अचानक से ही। दूर से। लांनटेन का प्रकाश मेरे दादाजी के कमरे की ओर गया। दादा जी समझ चुके थे, उनका बुलावा आया है। उन्हें अभी के अभी उठ कर जंगल की ओर जाना होगा।

दादा जी की पत्नी ने उन्हें कहा, आप इतनी रात को क्यों उठ गए हैं इस पर दादाजी ने कहा यह तुम्हारी! बताने वाली कोई बात नहीं है।

इसलिए मुझे जाने दो मेरा बुलावा आया है। मुझे अभी के अभी जंगल में जाना होगा। दादी उन्हें रोक रही थी। दादा जी नहीं रुके वह चुपचाप। जंगल की ओर जाने लगे। दूसरे कमरे से अंग्रेज औरत यह सब कुछ देख रही थी।

दादा जी उस स्थान से आगे निकल गए। और दूर चमक! आ रही! उस लांनटेन की ओर जाने लगे थोड़ी देर बाद वह उस स्थान पर पहुंचे जहां पर दादाजी के गिरोह के लोग उनसे मिलने आए हुए थे। उन सब ने आपस में बातें की। उनका एक उद्देश्य था कि अंग्रेजों की कोई बग्गी आने वाली है जिसमें एक अंग्रेज अधिकारी है उसके पास काफी मात्रा में। चांदी के सिक्के मौजूद हैं। अगर उसे लूट लिया जाए तो? काफी मात्रा में धन प्राप्त किया जा सकता है।

इस पर दादाजी ने कहा, ठीक है मैं तुम लोगों के साथ चलूंगा। और दादा जी इस मंसूबे को।

अपनी जिंदगी में। करने के लिए। अगले दिन वहां से रवाना होना चाहते थे।

जब वह! शाम के वक्त निकलने के लिए घर से बाहर गए।

तो थोड़ी दूर पर। अंग्रेज औरत।

जंगल में उन्हें सामने खड़ी मिली।

उसने इन्हें गले लगा लिया। और कहा आज मैं तुम्हारे साथ एक बार फिर से? रात गुजारना चाहती हूं, बहुत दिन हुए तुम्हारे घर वालों के सामने।

इस तरह रहना मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता है?

अंग्रेज औरत की जिद के आगे मेरे दादाजी कमजोर पड़ गए। और वह और अंग्रेज औरत एक सुनसान स्थान पर चले गए।

अगले दिन एक बहुत बुरी खबर आई। दादा जी का गिरोह पकड़ लिया गया था।

सभी को फांसी की सजा। सुनाई गई थी।

दादा जी ने! अंग्रेज औरत को कहा शायद अगर तुम मुझे नहीं रोकती तो आज मेरा भी यही हाल होता।

अंग्रेज औरत ने पूछा। क्या कोई और भी है? जो लोग तुम्हारे साथ बच गए हो। तब दादाजी ने कहा, ऐसे दो गिरोह और हैं। हम सभी! अलग-अलग भागों में बैठकर जानकारी इकट्ठा करते हैं और फिर हम अंग्रेजों को लूटते हैं।

पर तुम तो अपनी हो। अगर तुम नहीं होती? और तुम्हारा प्रेम नहीं होता तो शायद आज में पकड़ा गया होता।

तभी अचानक से।

इनके पास एक व्यक्ति दौड़ कर आता है। वह कहता है कि आपके घर में।

बच्चा होने वाला है।

दादाजी और वह अंग्रेज औरत घर की ओर तेजी से जाने लगते हैं। अभी तक दादाजी! यह जानते थे कि उन्होंने उस अंग्रेज औरत को। उनकी पत्नी की गर्भावस्था के बारे में कुछ भी नहीं बताया है।

लेकिन अब! तो सामने ही बच्चा पैदा होगा।

लेकिन अब मैं बात छुपा दूंगा कि पता ही नहीं चलेगा कि इस औरत का पति है कौन, यही दिमाग में सोचकर वह? दादी के पास पहुंच गए। दादी दर्द से कराह रही थी।

अंग्रेज औरत ने कहा कि वह!

वहां रहकर उनकी मदद करेगी। और परिवार में नए बच्चे को जन्म देने की। कोशिश करवाएगी। इस प्रकार से दादाजी भी संतुष्ट होकर बाहर निकल गए। गांव की औरतों और दाई के साथ में वह अंग्रेज औरत दादी की संतान को जन्म देने की कोशिश करवाती। अचानक से बहुत ही सुंदर 1 बच्चे का जन्म हुआ। वह बच्चा लड़का था। चारों और खुशियां दौड़ गई सभी लोग खुशियां मनाने लगे।

और इस प्रकार से पूरा परिवार उस दिन काफी खुश था, लेकिन घटना बदलने वाली थी।

थोड़ी देर बाद जब दादी को होश आया तो उन्होंने अपने बगल में लेटे हुए बच्चे की मांग की। क्योंकि वह उनके बगल में नहीं लेटा था। थोड़ी ही देर में हड़कंप मच गया। क्योंकि दादी ने जिस संतान को जन्म दिया था वह वहां मौजूद ही नहीं थी। चारों ओर! आए हुए सभी लोग उस बच्चे को ढूंढने लगते हैं पर उस बच्चे का कहीं भी अता पता नहीं चलता। वह बच्चा! उस रात में गायब हो चुका था।

यह सब क्या था, किसी को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था। यह घटना! बहुत ही विचित्र हो चुकी थी। परिवार वालों का शक उस अंग्रेज औरत पर जा रहा था। पर? दादा जी इस बात को मानने को तैयार ही नहीं थे। भला अंग्रेज औरत। क्यों मेरी पत्नी की संतान को? चुराने की कोशिश करेंगी।

और ऐसा करके उसे मिलेगा भी क्या ? जबकि वह तो यह भी नहीं जानती कि वास्तव में यह उसकी संतान है भी या नहीं है? क्योंकि अभी तक दादाजी ने उस अंग्रेज औरत को यह नहीं बताया था कि उनकी शादी हो चुकी है और यह संतान उन्हीं की है।

इसलिए!

उस अंग्रेज औरत पर। वह बिल्कुल भी शक नहीं कर रहे थे।

गांव के बाकी औरतों पर भी शक नहीं जा रहा था क्योंकि इससे पहले भी वह यही काम कई बार कर चुकी हैं। फिर भला बच्चा गायब कहां हो गया। आखिर उस बच्चे को ले कौन गया था?

अगली रात! अचानक से जब सभी लोग सो रहे थे अंग्रेज औरत दबे पाव। अपने कमरे से बाहर निकलती है। और एक घने जंगल की ओर जाने लगती है। वह अंग्रेज औरत थोड़ी दूर चलने के बाद में मशाल को जला देती है ताकि उसे अच्छी तरह से दिखाई दे।

अंधकार भरा वह वातावरण। उसमें अमावस की वो रात अचानक से और भी अधिक डर पैदा कर रही थी पर वह अंग्रेज औरत उस घने जंगल में अंदर जाती रही।

धीरे-धीरे वह एक स्थान पर बढ़ गई जहां पर एक गुफा मौजूद थी। उस गुफा के दरवाजे से अंदर होती हुई वह एक स्थान पर पहुंचती है जहां पर कोई तांत्रिक अपने तंत्र क्रिया कर रहा था।

वह अंग्रेज औरत उस तांत्रिक से मिलती है।अंग्रेज औरत उस तांत्रिक को देख कर मुस्कुराने लगती है। तांत्रिक भी उसे देखकर अपनी पूजा छोड़ कर मुस्कुराते हुए उससे आकर मिलता है। गुरु जी इसके बाद अगली घटना क्या घटी मैं आपको अगले भाग में बताऊंगा? नमस्कार गुरु जी!

संदेश – यहां पर उस अंग्रेज औरत के षड्यंत्र का पता लग रहा है। ऐसा लगता है कि अवश्य ही वह अंग्रेज औरत तांत्रिक से मिलकर कोई बड़ा ही कार्य करने वाली है। अगले भाग में हम लोग जानेंगे कि आगे क्या घटित हुआ था तो अगर आपको यह जानकारी और कहानी पसंद आ रही है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

चुड़ैल का श्राप 3 अंतिम भाग 

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