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जन्माष्टमी पर ललिता गोपिका साधना

जन्माष्टमी पर ललिता गोपिका साधना

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है क्योंकि भगवान श्री कृष्ण से संबंधित एक विशेष रात्रि इसे हम जन्माष्टमी कहते हैं। आ रही है। ऐसे समय में एक विशेष तांत्रिक साधना है जो कि गोपनीय समझी जाती है। इस साधना में हम ललिता नाम की एक गोपिका शक्ति को सिद्ध कर सकते हैं और उनसे मनचाहा वरदान और शक्तियां प्राप्त कर सकते हैं। यह कौन है और इनकी साधना के संबंध में जो विधान है वह मैंने अपने इंस्टामोजो में उपलब्ध करवा दिया है, लेकिन इनके संबंध में पूरी जानकारी और साधना का रहस्य इस वीडियो के माध्यम से बताया जाएगा। जैसे कि हम जानते हैं कि जन्माष्टमी का त्यौहार! उन् 4 महान रातों के बीच में आता है जिस वक्त सर्व सिद्धियां जागृत रहती हैं। होली दिवाली! शिवरात्रि और जन्माष्टमी! ऐसे समय है जब कोई भी सिद्धि प्राप्त की जा सकती है। ऐसे में अगर हम! उस दिन विभिन्न प्रकार की गोपनीय तांत्रिक साधना करें तो केवल एक रात्रि में इतना अधिक तपस्या का फल प्राप्त हो जाता है जो कि हम वर्षों साधना करने पर भी नहीं प्राप्त कर सकते हैं। ऐसी ही बहुत तरह की साधनाएं संसार में मौजूद हैं जो कि गोपनीय रखी गई है। उन्ही में से भगवान श्री कृष्ण के जन्म दिवस को समर्पित एक साधना है जिसे हम ललिता गोपिका साधना कहते हैं। यह गोपी कौन है और इसके संबंध में क्या वर्णन आता है यह हम आज जानते हैं? असल में गोपी एक संस्कृत शब्द है जिसकी उत्पत्ति गोप शब्द से हुई है। हिंदू धर्म में गोपिका ब्रज क्षेत्र में जो भी निवास करने वाली स्त्रियों का उनसे संबंधित वर्णन भागवत पुराण और अन्य पुराणों में मिलता है जहां पर भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में बहुत सारी गोपियां देखने को मिलती है। वैष्णव वाद के अंतर्गत इनकी पूजा पद्धति और साधना का वर्णन मिलता है।

गोपी बहुत सारी हैं, जिनमें 8 मुख्य रूप से हैं। हम जानते हैं भगवान श्री कृष्ण की मूल शक्ति राधा जी हैं, लेकिन उनके साथ उनकी सहायक शक्तियों के रूप में 8 मुख्य गोपीकाये मानी जाती है जो कि अधिकतर उनके साथ ही रहते हैं। वैसे मूलतः राधा जी के साथ गुप्त 108 गोपीकाओ का नाम आता है। और यह सभी बहुत अधिक शक्तिशाली दिव्य शक्तियों से युक्त देवी तत्वों को धारण करने वाली देवी मानी जाती है।

यह सभी प्रेम की प्रतीक है और प्रेम सौंदर्य जीवन में शुद्धता और वास्तविक आनंद की ओर ले जाने वाली है। 108 गोपीकाओं में से राधा रानी के साथ जो मुख्य 8 हैं वही सबसे ज्यादा शक्ति संपन्न गोपिका है। इनकी साधना का वर्णन आपको विरले ही देखने को मिलता है। इनमें भी! जो मुख्य नाम आते हैं, आज मैं आपको बताता हूं। यह भगवान श्री कृष्ण और राधा की 8 मित्र या अष्ट सखी के नाम से जानी जाती है।

देवी राधा! भगवान श्री कृष्ण की शक्ति और मुख्य गोपी है।

इसके अलावा देवी ललिता, देवी विशाखा, देवी चंपकलता, देवी चित्रा, देवी तुंगविद्या, देवी इंदुलेखा, देवी रंग देवी और देवी सुदेविक

इत्यादि यह सभी मिलकर अष्ट मित्र कहलाती है और यह सभी भगवान श्री कृष्ण की शक्तियां और शक्तियों के रूप में विद्यमान है। इनकी अगर सिद्धि की जाती है तो निश्चित रूप से आपको अतुलनीय लाभ प्राप्त होता है।

यह साधना केवल मात्र 8 दिन की है और 8 दिन में आप इन शक्तियों में से किसी एक की भी साधना करके उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं। इनमें मैं आज आपके लिए देवी ललिता के विषय में। यह साधना लेकर के आया हूं।

भगवान श्री कृष्ण और राधा का प्रेम संसार में वर्णित है।

लेकिन? लोग यह नहीं जानते कि? कृष्ण और राधा के साथ जो सबसे ज्यादा रहती थी और अष्ट गोपियों में पहला स्थान रखती हैं, उनका नाम ललिता है। ये सारी शक्तियां दिव्य रूप में।

गोलोक में विद्यमान हैं। लेकिन अगर धरती पर इनकी आराधना और उपासना की जाए तो सर्वोत्तम दिन कृष्ण जन्माष्टमी का माना जाता है।

असल में। यह  श्री राधा कृष्ण की मित्र है। देवी ललिता की उम्र 14 साल 8 महीने और 27 दिन है। ऐसा वर्णन आता है। यह भगवान कृष्ण की गोपी का मित्रों में सबसे पुरानी है। ललिता यवत में निवास करती हैं और देवी राधा के साथ सदैव इनकी आवश्यकता है। यह परम प्रेम की साक्षी प्रतीक है।

इनका स्थान वृंदावन के उत्तर की दिशा की ओर माना जाता है। और? 8 पंखुड़ियों वाले कमल के द्वारा इनको प्रतीक माना जाता है।

यह सभी शक्तियों को निर्देश देती है।

प्रेम मिलन सुंदरता सौंदर्य सभी प्रकार से सुख प्रदान करने की शक्ति इनके अंदर विद्यमान है।

इनका रंग! पीले कलर का अत्यंत ही श्वेत प्रकार का नजर आता है। इससे यह बहुत सुंदर दिखाई देती हैं।

इनके साथ मोर विद्यमान रहते हैं।

यह!

विभिन्न प्रकार के।

प्रपंच रखती हैं और दिव्य शक्तियों का प्रदर्शन करती हैं।

इनकी कृपा से राधा और कृष्ण के साक्षात दर्शन करने योग्य साधक हो जाता है।

और जब भी कहते हैं भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के बीच विवाद होता था तब यह हमेशा राधा रानी का ही पक्ष लेती थी। इसलिए! यह गोपियों में सर्वोपरि मानी जाती है।

यह देवी!

भगवान कृष्ण के का अरिस्तासुर जो कि एक राक्षस था को मारने के बाद गौ हत्या के पाप से मुक्त होने के लिए इनके कुंड का दौरा किया था ताकि।

उस पाप से मुक्ति प्राप्त हो जाए देवी ललिता गर्भपात हत्या

कीसे और मकौड़े वालों की

हत्या, गौ हत्या, ब्रहम हत्या!, सोना हत्या और आत्महत्या जैसे पापों का भी नाश कर देती हैं।

इसलिए यह बहुत अधिक! शुद्धता का प्रतीक है।

14 वर्षीय कन्या के रूप में यह दिखाई पड़ती हैं। इसलिए यह बहुत ही अधिक सुंदर और सक्षम मानी जाती है।

प्रेम देने में।

और साधक पर प्रसन्न हो जाएं तो उसे सब कुछ प्रदान करने की शक्ति रखती हैं। अप्सराओं से कई गुना अधिक शक्ति इनके अंदर विद्यमान है।

इनकी साधना करने के लिए आपको क्या-क्या करना होगा?

इस? विषय में विधान इंस्टामोजो में उपलब्ध करवा दिया है। जिसका लिंक आपको इस वीडियो के नीचे डिस्क्रिप्शन बॉक्स में मिल जाएगा। वहां से क्लिक करके आप इस साधना को खरीद सकते हैं और अष्टमी यानि जन्माष्टमी के दिन से यह साधना 8 दिनों में करके इनकी सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि यह एक सात्विक साधना है इसलिए इसे कोई भी कर सकता है लेकिन याद रखें। इन के माया जाल से मुक्त होने की आवश्यकता है। अन्यथा आप इनकी सिद्धि को प्राप्त नहीं कर पाएंगे। तो याद था इनकी साधना और इनकी विशेष शक्तियों का वर्णन! अगर आपको आज का वीडियो पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

ललिता गोपिका साधना पीडीएफ़ प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करे 

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