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जमाल खान और असम की जादूगरनियाँ भाग 3

जमाल खान और असम की जादूगरनियां भाग 3

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल में आपका एक बार फिर से स्वागत है । जैसा कि कहानी चली रही है जमाल खान को किस प्रकार से आगे उसके जीवन में परिस्थितियां बदली । और जमाल खान कैसे उन मुसीबतों से बचा या नहीं । यह आप जान चुके हैं कि बकरे के रूप में उसने वहां से निकलने की कोशिश की थी । कि वह ताबीज अपने नीचे गिरा ले और यह कोशिश उसकी सफल हो गई । और वह ताबीज जमीन पर गिर लिया । जमीन पर उसका पैर ताबीज पर लगते ही खुरो से । तुरंत ही उसे मानव रूप प्राप्त हो गया  । और फिर खुरो की जगह उसके हाथ आ गए और वह इंसान बन गया । इसके बाद फिर उसने ताबीज़ अपनी तरफ खींचा । और ताबीज कर खोल कर देखा तो उसमें लिखी गई दुआ को वह पढ़ने लगा । वह दुआ इस तरह थी अल अहमद के द्वारा ही लाली अल अहमद के द्वारा ही लाली अल अहमद के द्वारा ही लाली वह इसी प्रकार लिखी हुई दुआ को लगातार पढ़ता रहा । और लगातार पढ़ते पढ़ते उसमें इतनी शक्ति आ गई । अपने गर्दन की रस्सी को उसने तोड़ दिया । अभी अभी वह आगे बढ़ा ही था कि अचानक से गलती से उसका पैर किसी जानवर की हड्डी से टकरा गया ।

और वह मुंह के बल गिर पड़ा । मुंह के बल गिरते ही उसके हाथ से ताबीज छूटकर आगे की तरफ गिरा । तभी एक बार फिर से वही स्त्री उसके सामने आ गई । और उसने कहा बड़ी अच्छी कोशिश की तूने । तूने अपने आप को आजाद भी करा लिया था लेकिन अब तू फिर से मेरी कैद में होगा । उसने एक बार फिर मंत्र का जाल उसके ऊपर डाल दिया मंत्र का जाल डालने की वजह से अब उसका मुंह सिल गया । अब वह मुंह से कुछ नहीं बोल सकता था । और हाथ पाव ढीले पडकर वहीं पर गिर गया । उसने कहा अब तुम मुंह से कुछ नहीं बोल पाओगे और शाम के वक्त में तुमसे वही सब करूंगी जो कल रात में नहीं कर पाई थी । और आज रात फिर से मैं तुम्हें अपना गुलाम बना लूंगी । इसके बाद मैं तुम्हारी गर्दन काट कर के अपनी उस चुड़ैल देवी को प्रस्तुत करूंगी । और वह मुझे बहुत सारी शक्तियां और सिद्धियां देगी । तुम्हारे मरने के बाद तुम्हारी रूह भी मेरी काबू में होगी और साथ ही हमेशा हमेशा के लिए तुम मेरे गुलाम बन जाओगे । अपनी आंखों से आशु बहते देखते हुए भी बिचारा जमाल खान कुछ नहीं बोल सकता था । उसके लिए हर चीज बहुत कठिन थी ।

जमाल खान के पास अब कोई विकल्प नहीं था वह बेचारा करता भी तो क्या । वह कोशिश यही कर रहा था कि । शायद वह कुछ कर पाए । लेकिन उसने बहुत कोशिश की लेकिन उसका मुंह नहीं खुला । उसका मुंह बंद सा हो गया था । उसके मंत्रों के द्वारा वह जमाल खान दुआ नहीं बोल पाया जो दुआ वह पढ़ रहा था । और फिर उस स्त्री ने जमाल खान को बकरा बना करके लेटा दिया । कुछ देर शाम बीतने के बाद एक बार फिर से उसके शरीर पर रक्त मला गया । रक्त मलते मलते अब उसने एक बार फिर से वही तांत्रिक क्रिया शुरू कर दी । और अब जमाल खान इंसान बनने लगा । इसके पास अब कोई रास्ता नहीं था । कोशिश करने के बावजूद जब उसे कोई राह ना दिखी फिर उसने एक बात सोची जो चीज मुंह से बोल कर के ना बने उसे मन ही मन भी तो पढ़ा जा सकता है । क्योंकि मेरे पास कोई और रास्ता नहीं है अगर वह दुआ मुझे इंसान बना सकती है तो वही दुआ मुझे मुक्त भी करा सकती है । लेकिन मैं वह दुआ मुंह से नहीं बोल पा रहा हूं । क्या मैं उस दुआ को मन ही मन नहीं पढ़ सकता उसने मन ही अल अहमद के द्वारा ही लाली…..

अहमद के द्वारा ही लाली पढ़ना शुरू कर दी । वह मन ही मन पड़ता रहा और धीरे-धीरे वह शब्द असर करने लगे । वह अब भले ही मन ही मन पढ़ रहा था लेकिन उसकी शक्तियां काम करने लगी । कुछ देर बाद वह देखता है कि बड़ा सा काला नाग आया हुआ है वह जिस झोपड़ी में था उस झोपडी  की छत पर लटक रहा था । और वहां से वह नाग लटकते लटकते एक छोटी सी पक्षी गौरैया की पिंजड़े के पास पहुंच गया । पिंजरे से गोरिया जोर जोर से चिल्लाने लगी लेकिन सांप नहीं रुका । उसने धीरे-धीरे करके उस पिंजड़े को चारों तरफ से घेर लिया । और अब अपने एक ही वार से उस गौरैया की जान ले ली । और उसके बाद फिर वह उस गौरैया को निगलने लगा । उसने पूरी की पूरी वह गोरिया निगल ली । जैसे ही उसने वह गोरिया निगली तुरंत ही एक छोटा सा प्रकाश बिंदु चमका और बस सीधे उस कमरे में प्रकट हुआ । और खिड़की से होते हुए बाहर निकल गया जमाल खान को यह सब बातें अजीब सी लग रही थी ।

उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था यह सब हो क्या रहा है । थोड़ी देर बाद वह साप एकदम से गायब हो गया । लेकिन इसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था । यह सब हो क्या रहा है । कुछ देर बाद वह स्त्री आई फिर से उसने जमाल खान के चारों तरफ मुर्गे लगाएं और उन मुर्गों के सिर काट दिए । उसके बाद उनके खून को उसके शरीर पर मलना शुरू कर दिया । एक बार फिर से वह स्त्री भयंकर चुड़ैल के रूप में आ गई । क्योंकि अब उसे रूपांतरण की आवश्यकता नहीं थी वह कोई जवान स्त्री बनकर दिखाई देना नहीं चाहती थी । क्योंकि वह जानती थी कि यह जान चुका है मैं बहुत ही बूढ़ी 90 साल की पुरानी चुड़ैल हूं । और मैं अपनी वहां चुड़ैल देवी को प्रसन्न करने के लिए कोशिश कर रही हूं । मुझसे ज्यादा ताकतवर यहां पे कोई और जादूगरनी नहीं है । और मैं जवान होने के लिए इस प्रयोग को कर रही हूं । अगर आज इसका सर काट कर के अपनी देवी को चढ़ा पाई तो मैं फिर से जवान हो जाऊंगी । तो वह एकदम बूढ़ी और इसकी हड्डी अभी बाहर निकली हुई है । मुह बहुत ही भयानक काला । शरीर पर कहीं पर मास दिखाई ही नहीं पड़ता है ।

ऐसे खुले बालों वाली चुड़ैल के रूप में वह प्रकट हो गई । और उसने उसके शरीर को चाटना शुरु कर दिया । हर अंग को चाटने के साथ ही जमाल खान के मन में भय बढ़ता जा रहा था । कि आज यह मेरी जान ले ही लेगी । इसके बाद उसने कहा अब मेरा तुमसे विवाह होने वाला है । मैं तुम्हारी पत्नी बनूंगी । अच्छा मुझे तो पता ही नहीं था तुम्हारी चार पत्नियां पहले से है । लो आज मैं तुम्हारी पांचवीं बीवी बनती हूं । लेकिन तुम्हें मेरी मांग भरनी होगी लेकिन तुम बेचारे तो हिल भी नहीं सकते हो । तो भला मेरी मांग भरोगे कैसे । तुम्हें शायद पता नहीं है हम चुड़ैलों में यह रिवाज होता है कि अगर हमारी शादी होती है तो हम अपने प्रेमी के खून से ही अपनी मांग भरते हैं  । और पता है तुम्हें । वह खून कहां से निकाला जाता है वह हंसते हुए बोली । बेचारा जमाल खान वैसे ही मुसीबत में फंसा हुआ था । उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था । आखिर यह स्त्री करने क्या वाली है । और उस चुड़ैल ने एक चाकू उठाया नीचे के होंठ को बीच से काटा उससे जो खून निकला उसने वह खून चाकू में लगा करके अपनी मांग में भरा । और खुश हो कर के कहा यह देख मैं तेरी आज पांचवीं बीवी बन गई ।

और उस चुड़ैल ने जमाल खान के साथ प्रेम करना शुरू कर दिया । इसी बीच दरवाजे पर जोर से बहुत तेजी से वार हुआ । और दरवाजा टूट कर बाहर गिर गया दरवाजे के टूटने के साथ ही एक स्त्री का वहां प्रवेश हुआ । और वह स्त्री थी रूपा यह वही लड़की थी जिसके साथ जमाल खान का प्रेम विवाह होने वाला था । वह आई और कहने लगी आज देख मैं तेरे चंगुल से छूट गई हूं आज तू मेरे हाथों से नहीं बचेगी । और तूने एक फिर नया बकरा फंसा लिया । तूने ही मुझ से वशीकरण करवाया था इस इंसान के प्रति । आज यह तेरे चंगुल में इसी लिए फस गया है । तूने मेरी जान को उस चिड़िया के कैद में कर रखा था । पता नहीं आज वह चिड़िया कैसे मर गई मेरी जान उस वशीकरण शक्ति वहां से आजाद हो गई । और उसकी वजह से मेरे ऊपर चढ़ा हुआ तेरा जादू अब हट चुका है । और मैं आ गई हूं और तुझ से बदला लेने के लिए यह कहते हुए उसने इफ्रा मंत्र का प्रयोग किया । इफ्रा मंत्र का प्रयोग करते ही वहां पर एक शेर प्रकट हो गया । और वह तेजी से चुड़ैल यानी उस स्त्री की तरफ दौड़ा । इफ्रा मंत्र का प्रयोग करने की वजह से । उस चुड़ैल ने भी वहां पर प्रेत की एक सेना जगा दी ।

वह प्रेत एक बड़े भैंसे के रूप में प्रकट हो गया ।और इस प्रकार भैंसे और शेर में लड़ाई छिड़ गई । वहा भयंकर लड़ाई चल ही रही थी कि । इस चुड़ैल ने सोच लिया कि अब लगता है यह मुझे पराजित कर देगी । इसलिए उसने अपने दाहिने और बाएं हाथ की उंगलियों को काट दिया और अपनी देवी का आवाहन किया । आवाहन करते हुए उसने कहा मुझे दो मुठकरनी दे दो मुठकरनी अर्थात दो मारण पात्र । ऐसे जो जिस पर चल जाएंगे वह दोनों मारे जाएंगे । यानी कि एक तो रूपा पर करना चाहती थी । और दूसरा प्रयोग वह जमाल खान पर करना चाहती थी । ताकि दोनों की मौत होने के साथ मेरी दोनों ही समस्या एक साथ हल हो जाए । देवी ने खुश होकर के उसको दो मुठकरनी तुरंत प्रदान कर दी । और दोनों मुठकरनीया आकाश में प्रकट हो गई । इधर शेर ने उस भेसे को जान से मार दिया ।यानी रूपा कामयाब हो रही थी । तभी उसने भयंकर रूप से मुठकरनी का पहला प्रयोग रूपा के ऊपर कर दिया । रूपा ने अपने सुरक्षा कवच से उसे थोड़ी देर रोक लिया । और स्तंभन मंत्र का प्रयोग करते हुए तुरंत दौड़ती हुई गई और उसने दोनों मुठकरनी या रोक दी ।

साथ ही साथ स्तंभन मंत्र का प्रयोग करने की वजह से वह पिशाचिनी देवी या चुड़ैल रूपा जो थी । वह और उसकी देवी दोनों ही रुक गए । स्तंभन मंत्र केवल आधे घंटे तक ही प्रयोग किया जा सकता था । इसलिए स्तंभन मंत्र का प्रयोग आधे घंटे तक ही असर कर सकता था । और वह तुरंत गई और उसने एक प्याले में रखा हुआ पानी तुरंत ही जमाल खान को पिलाया । और उस पानी को जैसे ही जमाल खान ने पिया जमाल खान को पूरी सुध बुध आ गई । और वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गया । अब रूपा ने कहा चलो यहां से भाग चलते हैं । चलो जल्दी चलो और मुझे माफ कर देना । मैंने तुम्हें अपने चंगुल में फंस आया था । इसके कहने पर ही मैंने ऐसा किया था ।

क्योंकि मेरी जान और उस वशीकरण शक्ति का प्रयोग पक्षी के रूप में किया हुआ था । मैं उसकी वजह से इसकी गुलाम थी । आज किसी सांप ने आकर इस चिड़िया को खा लिया । उसकी वजह से मेरी जान इसकी चंगुल से बच गई । और मैं आज यहां से बाहर निकल आई हूं । मैं बहुत ही शुक्रिया करती हूं उसका । तो यह बात जमाल खान ने सोचा कि यह उस पीर की ही शक्ति का कमाल है । वह कोई ना कोई शक्तिशाली एंजेल या यूं कहिए कि कोई देवदूत आया था । इसकी शक्ति की वजह से ही वह सांप के रूप में आकर उसने उस पक्षी को खा लिया । और एक राह बना दी । जिसकी वजह से आज तुम आजाद हो गई । और तुम निश्चित रूप से मुझे बचा लोगी । मुझे तुम पर विश्वास है । मैं और तुम तुरंत ही यहां से भागते हैं । वह दोनों भागते हुए तुरंत ही जंगल की तरफ भागने लगे । उनके पास केवल आधा घंटा ही था । इस आधे घंटे में उन्होंने ऐसा क्या किया कैसे आगे की कहानी बनेगी । और क्या हुआ रूपा का क्या हुआ जमाल खान का और उस चुड़ैल की देवी का । यह सब जानेंगे आप अगले भाग में ।

धन्यवाद आपका दिन मंगलमय हो ।

जमाल खान और असम की जादूगरनियाँ भाग 4

 

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