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जरमहायोगिनी ने धन वर्षा करवाई

जरमहायोगिनी ने धन वर्षा करवाई

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज जो अनुभव हमें प्राप्त हुआ है, यह पहली सिद्धि का अनुभव है जो कि मैंने कुछ माह पूर्व जर योगिनी साधना दीपावली के शुभ अवसर पर उपलब्ध करवाई थी। इस साधना का पहला अनुभव आज हमें प्राप्त हुआ है और जिसके कई प्रकार के सकारात्मक परिणाम हमें देखने को मिले हैं तो चलिए पढ़ते हैं। इनके पत्र को और जानते हैं। कैसे जर महायोगिनी ने इनकी साधना को सफल बनाया।

नमस्कार गुरु जी, सबसे पहले मैं आपको कोटि-कोटि धन्यवाद करना चाहूंगा, क्योंकि आप जैसा गुरु इस वक्त यूट्यूब में नहीं मौजूद है। आप सच में एक चमत्कार करने वाले पुरुष हैं क्योंकि आपने? जो भी साधनाये, कहीं से भी उपलब्ध करवाई हो, सभी प्रमाणित सिद्ध होती जा रही हैं। ऐसी ही एक साधना जिसे जर महा योगिनी साधना के नाम से आपने यूट्यूब पर उपलब्ध करवाया था। जब मैंने इस साधना का ज्ञान प्राप्त किया तो मुझे लगा कि मुझे यह साधना करनी चाहिए क्योंकि मैं गुरु मंत्र से दीक्षित नहीं था। इसके बावजूद भी इस साधना को किया जा सकता है। ऐसा सोच कर मैंने यह साधना करनी चाही और आपकी कृपा और आप को ही मन में गुरु मानकर मैंने यह साधना संपन्न की थी। गुरुजी! मैं सबसे पहले बता दूं कि हम एक व्यापारी वर्ग से आते हैं क्योंकि हमें हर बात छुपानी पड़ती है। इसीलिए आप मेरा नाम पता और बाकी जानकारी भी गोपनीय रखे। गुरुजी सबसे मुश्किल काम था। इसके लिए एक शुद्ध कन्या की व्यवस्था करना और इसके लिए मैंने एक अति सुंदर कन्या का चयन किया था जो कि मेरी प्रेमिका अभी जल्दी ही बनी थी। हालांकि वह मुझ से 8 साल छोटी है, लेकिन फिर भी इसके लिए मुझे उपयुक्त लगी। आपकी बताई गई विधि के अनुसार हम लोगों ने जैसा खानपान आपने पीडीएफ में बताया है। उसी के अनुसार करना शुरू कर दिया।

अब समय आ गया था। इस साधना को करने का गुरु जी मैंने यह साधना क्योंकि इसके बारे में भी मैं आपको बताता हूं। हमारे घर पर लगभग ₹4000000 का कर्जा था। इसी कारण से हम कोई भी काम कर रहे थे उसमें असफलता ही मिलती थी। धन की बहुत ज्यादा जरूरत थी। इसीलिए मैंने यूट्यूब पर बहुत सारी साधना करने की कोशिश भी की, लेकिन सभी असफल रही थी फिर आपके बोलने के तरीके और? आपके माध्यम से जितने भी शिष्य आपके हुए हैं, उनसे बातचीत की और मैं यह समझ गया कि मुझे आपके द्वारा दी गई कोई भी साधना अवश्य ही सफलता दिलवा देगी। मन में मैंने यह प्रार्थना की और संकल्प लिया कि अगर मेरी यह साधना सफल होती है तो मैं आपसे गुरु दीक्षा भी अवश्य लूंगा और गुरुजी फिर मैंने इस साधना को करने के बारे में सोचा। जैसा कि आपने बताया कि यह साधना होली दिवाली शिवरात्रि और कृष्ण जन्माष्टमी पर की जा सकती है। इसलिए मैंने उस वक्त दीपावली का चयन किया। हर प्रकार से मैंने इस को व्यवस्थित तरीके से करने की पूरी कोशिश की। मैंने उस स्थान का चयन किया जहां मुझे यह साधना करनी थी। बाकी चीजें भी की जिनका वर्णन मैं यहां पर नहीं करूंगा क्योंकि आपने बताया है कि इस साधना को पूरी तरह गोपनीय रखना चाहिए। लेकिन यह आवश्यक है कि इनके अनुभव प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचे। इसलिए मैं यहां पर मूल बातें बता रहा हूं।
फिर गुरुजी लगभग रात के 2:30 बज रहे होंगे। साधना के दौरान अचानक से ही उस कन्या के शरीर में अजीब सी हरकत होने लगी। वह कांपने लगी और फिर चिल्लाने लगी। मुझे अपनी बाहों में लो और बार-बार यही कहती जा रही थी। मैंने अपनी साधना संपन्न की उसे गले लगाया और उसके बाद हम दोनों में पहली बार शारीरिक संबंध भी बन गए। तब मैंने देवी को उस वक्त अपनी पत्नी के रूप में ही स्वीकार किया और इस प्रकार जब वह कन्या और मैं संतुष्ट हो गए, उसके बाद अचानक से मेरी प्रेमिका उठी और कहने लगी। मैं घर जा रही हूं और फिर वह वहां से चली गई। उसके अलावा बाकी सारी गोपनीय बातें। मैं यहां पर नहीं बता सकता। अब मैंने यह सोचा कि सब कुछ तो हो गया, लेकिन अब धन की प्राप्ति कैसे होगी। इसीलिए मैंने एक और प्रयोग जारी रखा और वह था। गुरुजी कि मैं उसके मंत्रों का रोजाना जाप करने लगा। मुझे मंत्र जाप करते हुए लगभग 21 दिन और ज्यादा हो गया जिसमें साधारण पूजा की तरह ही उनके मंत्र का जाप देवी मां की फोटो के आगे कर रहा था। अचानक से एक रात्रि में मैं सपने देखता हूं।

उसमे मैंने पहली बार पूर्ण सज्जा के साथ अद्भुत सुंदरी एक कन्या को देखा। वह मुझसे आकर कहने लगी। तुम्हारी साधना तो उसी रात्रि को पूर्ण हो चुकी थी। अब बताओ तुम्हें क्या चाहिए तब मैंने उनसे कहा, मेरा सारा कर्जा समाप्त हो जाए और धन की प्राप्ति हो। ऐसा कुछ मार्ग निकालिए। तब उस दिन देवी ने मुझसे कहा, देखो, धन किसी माध्यम से ही प्राप्त होता है। तुम्हें कौन सा माध्यम चाहिए। मैंने उनसे कहा, चाहे आप मेरे व्यापार में मदद कीजिए या फिर मुझे कहीं से धन दिलवा दीजिए और मेरे परिवार का कर्जा नष्ट कीजिए देवी, तब उन्होंने कहा कि अब मैं तुम्हारे परिवार की इस समस्या को नष्ट कर दूंगी। उन्होंने कहा, तुमने अपनी जिस प्रेमिका के माध्यम से मेरा आवाहन किया था, उसे पूर्वजों वाले घर में लेकर पहुंचो। तब उनकी कही हुई बात को मानते हुए अगले दिन मैंने अपनी उस प्रेमिका को किसी प्रकार तैयार किया। वह इतनी दूर जाने को तैयार नहीं थी। उसे भी घर में बताना पड़ता है। तब वह कहने लगी। ठीक है। कितने बजे देवी ने रात्रि का समय बताया था तो उसने दूसरे शहर जाने की बात कह कर अपने घर वालों से इस बात की रजामंदी ले ली थी। हम दोनों ही अपनी बस से। उस स्थान पर पहुंच गए जो कि हमारा पूर्वजों वाला घर गांव में है। हम वहां पहुंचे और वहां का दरवाजा खोला अंदर गए और जैसा की देवी ने हमें बताया था। मैंने बिल्कुल वैसा ही किया। उसे एक स्थान पर बैठा दिया और उसके ऊपर देवी के मंत्रों को पढ़ने लगा इस प्रकार अचानक से ही कुछ देर बाद वह बेहोश होकर एक तरफ गिर गई। तब मैं जल्दी से जाकर उसके लिए पानी लेने दौड़ा। क्योंकि मैं समझ गया था कि यह देवी की ऊर्जा को शायद सहन नहीं कर पा रही है तब वह! एकदम से उठी मैं पानी का गिलास लेकर उसके पास पहुंचा था, लेकिन वह तो एकदम से खड़ी हो गई और उसने मेरा हाथ पकड़ा। मुझे अंदर किचन वाले कमरे की ओर ले कर गई। हालांकि हमारा यह पुश्तैनी घर बहुत दिनों से बंद पड़ा है। इसलिए सारी व्यवस्था वहां की अच्छी थी ही नहीं, तब एक स्थान पर जाकर उसने अपने पैर पटकने शुरू कर दिए और जोर-जोर से नाचने लगी। मैंने कहा, पागल हो गई हो क्या? पर वह मेरी बात सुनने को तैयार नहीं थी और उसी स्थान पर नाचते-नाचते नीचे बैठ कर सो गई।

तभी मैंने देखा उसे जमीन के नीचे कुछ चमक रहा था। धरती के नीचे ऐसी चमक अपने आप देखना पूरी तरह से अविश्वसनीय था। ऐसा होता नहीं है कि धरती के अंदर की चीज ऊपर से दिखने लग जाए, लेकिन उस दिन ऐसा हुआ था। मेरे मन में अब पूरा ख्याल आ चुका था कि देवी शायद हमारे ही पूर्वजों का धन मुझे दिलवाना चाहती हैं। तब मैंने कपड़ा उठाया और उसी स्थान पर खोदना शुरू कर दिया और मुझे वहां से सोने और चांदी के कई सारे आभूषण मिले। उन सबको मैं लेकर आ गया और अपने घर पहुंचा। मैंने वह अपने परिवार वालों को दिखाया। उन्होंने उसे तुरंत ही रख लिया और जब उसे बेचने की बात आई तो पता चला कि इनका मूल्य तो लगभग सवा करोड़ है। इससे हमारे पुराने कर्जे तो खत्म हो ही जाएंगे। इसके अलावा और भी बहुत कुछ प्राप्त हो जाएगा। फिर हमने बिल्कुल अपने कर्जे को समाप्त कर दिया। यह चमत्कार करने वाली देवी जर महायोगिनी है।

तभी से हमने एक मिठाई की दुकान भी खोल दी और उसमें भी चमत्कार घटित हुआ। लोगों की इतनी बड़ी संख्या आना शुरू हो गया कि हम इतना माल रोज नहीं बना पाते हैं। जितना बिक जाता है यह सब कुछ जर महायोगिनी की कृपा है। और एक जो विशेष बात हो गई है जिसे मैं बताना नहीं चाहता था, किंतु बता रहा हूं। उस कन्या जिस कन्या की वजह से मुझे इतने बड़े धन की प्राप्ति हुई थी। वह अब इस दुनिया में नहीं रही क्योंकि गुरुजी उसने एक बड़ी गलती कर दी। उसका किसी अन्य लड़के के साथ भी अफेयर हो गया था, जिसका प्रभाव देखने को तुरंत ही सामने मिला और

एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई। गुरु जी मैं यह जानना चाहता हूं कि क्या देवी ने उसे दंडित किया है जिसकी वजह से उसके साथ ऐसा हुआ और मैं संपूर्ण परिवार के साथ आपसे गुरु दीक्षा लेना चाहता हूं। शुभ मुहूर्त बताइए? धन्यवाद गुरु जी!

सन्देश- देखिए आपने यह बात सही कही वह कन्या के माध्यम से देवी ही आपके जीवन में उतरकर आई थी लेकिन उस कन्या का किसी अन्य से संबंध बनना बहुत ही गलत बात थी जिसकी वजह से देवी क्रोधित हुई और उसे दंडित कर दिया। रही बात धन और समस्या की यह सब अब आप के जीवन से सदैव के लिए समाप्त हो जाएगा, क्योंकि देवी की सिद्धि आपको मिली थी। इसके अलावा एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि जो भी इस तरह की साधनाएं की जाती हैं, उन्हें गोपनीय रखा जाए और अपने कार्यों को संपादित कर अच्छे काम में उस धन को अवश्य ही लगाया जाना चाहिए जैसे कि मंदिर का निर्माण करना, पूजा गृह बनाना, गरीबों को दान देना इत्यादि अवश्य कीजिए, ताकि उस धन का शुभ फल भी आप सभी को मिल सके। तो यह था इनका एक अनुभव जिसके माध्यम से इन्होंने जर महायोगिनी को सिद्ध करके धन की प्राप्ति की और अपने जीवन को पूरी तरह बदल दिया।

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