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जिन्नों से कुल देवता द्वारा मेरे पति की रक्षा

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। कुलदेवता द्वारा मेरे पति की रक्षा यह एक। कुलदेवता संबंधित अनुभव हमको आज प्राप्त हुआ है। पहले इन्होंने जब भेजा था तो। हिंदी टाइपिंग नहीं था जिसके कारण से उसे प्रकाशित करने में कठिनाई हो रही थी।

तो चलिए पढ़ते हैं इनके अनुभव को और जानते हैं। इनके पति की रक्षा आखिर कुलदेवता ने कैसे की थी?

पत्र -गुरु जी को मेरा नमस्कार! गुरुजी सबसे पहले माफी चाहती हूं। अनुभव को हिंदी में भेजने का अनुरोध आपने किया था पर मैं हिंदी की टाइपिंग नहीं जानती। इसलिए आपको अपना अनुभव नहीं भेज पाई थी पर अब मैं अपना अनुभव हिंदी में भेज रही हूं। गुरु जी कृपया मेरा नाम और ईमेल आईडी वगैरह मत बताएं। गुरु जी अब मैं अपने अनुभव पर आती हूं। मेरा नाम…….. है गुरु जी मेरे पति ज्यादातर पूजा पाठ वगैरह में विश्वास नहीं करते थे। मेरे पति की दुकान जिस शहर में है।

वह घर से 100 किलोमीटर दूर थी।

मेरे पति के साथ मेरे जेठ जी भी काम करते थे। एक बार काम करते समय मेरे पति के सर पर कुछ लग गया था। जिसके कारण उन्हें बहुत दर्द होने लगा। गुरु जी मैं यहां पर बता दूं कि मेरे पति!

वीक में यानी कि सप्ताह में 2 दिन हम लोग जहां रहते हैं वहां आ जाते थे। जब वह आए तो मेरे पति ने मेरे ससुर जी को बताया कि उनके सर में बहुत अधिक दर्द है। जब से सर में लग गई है तभी से, उस समय मेरे ससुर जी हमारे कुल देवता जो इलाहाबाद के पास हैं, वहां जा रहे थे। लेकिन मेरे पति के कहने पर पापा जी ने कहा, चलो पहले तुम्हें डॉक्टर को दिखा देते हैं। फिर हम कुल देवता के दर्शन के लिए चले जाएंगे। उसी रात मेरे पति और ससुर जी हमारे गांव से जो 2 लोग आए हुए थे। सभी लोग नागपुर के लिए निकल चले गए।

सभी लोग उस रास्ते में रुक गए थे। रास्ते में मेरे पति को जब गाड़ी चलाने पर नींद आने लगी तो पापा जी ने कहा कि एक जगह गाड़ी रुकवा लेते हैं। तब सामने चाय खरीदी और सभी लोगों ने वहां पर थोड़ा आराम भी किया। फिर सभी लोग नागपुर के लिए निकल लिये। मेरे पति को जब डॉक्टर को दिखा कर घर वापस आए तो। कुछ बदले से वह दिख रहे थे।

ना तो मुझसे बात कर रहे थे और ना बच्चों की ही तरफ जा रहे थे। मेरे जिठानी किसी से ज्यादा बात नहीं करते थे। बस कमरे में चुपचाप बैठे रहते। उसी दिन रात को जब हम सोए तो मैंने देखा कि मेरे पति नहीं थे। जिठानी के बेटे को वॉशरूम जाना था। वह दरवाजा खटखटाया। मैंने दरवाजा खोला। मैंने मेरे पति को देखा तो वह बाथरूम में नहीं थे और उनका पेंट बाथरूम में था। मैं डर गई। मैंने तुरंत ही उन्हें स्टोर रूम में भी देखा। तो यह वहां बैठे हुए थे। मैंने मेरी जिठानी से पूछा, आप क्या कर रहे हैं तो वह बोले कुछ नहीं? मैं जाने की तैयारी कर रहा हूं इसलिए गरम पानी कर रहा हूं। सुबह हो गई है ना मुझे जाना है।

गुरु जी मैं आपको बताना चाहती हूं कि मेरे पति जहां हमारी दुकान थी, वहां जाने के लिए तैयार हो रहे थे क्योंकि वह हमेशा सुबह की बस से निकल जाते थे। इस पर मेरी जिठानी ने बोला कि रात को अभी 1:30 बजे क्यों तैयार हो रहे हैं। अभी तो बहुत समय सुबह होने में। मेरे पति बिना कुछ बोले तब सो गए। जब सुबह यह चले गए तो साथ में मेरे जेठ जी भी जाना चाहते थे और उनको कुछ काम था इसलिए मेरे पति अकेले ही निकल गए। फिर शाम को मेरे पति ने मुझे फोन किया कि तब मैं उस वक्त टीवी देख रही थी, लेकिन फोन नहीं देख पाई। तब इन्होंने मेरी जिठानी के पति को फोन किया और उनसे बोले भाई, मैंने सारी दवाई खा ली है और तब भी मुझे सर दर्द में आराम नहीं लग रहा है तो मेरे जेठ जी ने पूछा, कितनी गोली खाई। इस पर मेरे पति ने कहा कि पूरी नींद की गोली और जो महीने भर की दवाई थी सभी खाली ।

जेठ जी ने तुरंत ही हमारे रिश्तेदार को फोन किया जो वहीं रहते थे। जहां मेरे पति थे और जहां हम लोग रहते थे वहीं से हमारे पड़ोसियों को लेकर तुरंत निकल गए। रात के करीब 2:30 बजे एंबुलेंस से मेरे पति को जहां हम रहते थे, वहां पर लाया गया। फिर हम लोगों ने हमारे ससुर जी को भी फोन किया तो वह हमारे कुलदेवता के दर्शन करके लौट रहे थे। इधर मेरे पति की हालत बहुत नाजुक हो गई थी। सारे टेस्ट हुये लेकिन सभी टेस्ट नार्मल आए। हम लोगों को इस से कुछ राहत तो मिली। 10 दिन के बाद मेरे पति को हॉस्पिटल से छुट्टी मिल गई। डॉ ने कहा कि मेरे पति को ज्यादा टेंशन मत देना। 2 दिन बाद मेरे पति ने मुझे बोला कि वह फिल्म देखने जा रहे हैं। मैं उन्हें मना भी नहीं कर पा रही थी। मेरे पति अपने दोस्त को बोले कि तुम भी चलो साथ में। मेरे पति उनके साथ चलें गए थोड़ी देर बाद फोन आया तो मेरे पति मॉल में गिर गए हैं।

मेरे जेठ तुरंत उनको घर लेकर आए रात को जब खाना खाया तो मेरे पति नहीं खा रहे थे पर जैसे ही मैंने कहा कि दवाई खा लो तो तुरंत मुंह खोल लेते हैं और खाने के लिए कभी मुंह नहीं खोलते थे। रात को करीब 12:00 बजे मेरे पति बोलते कि बाथरूम जाना है। मैंने बोला कि मैं आपको पकड़ लेती हूँ क्योंकि मेरे पति को बहुत चक्कर आ रहे थे। वह जिद कर रहे थे कि वह अकेले ही जाएंगे। तभी इन्होंने अपने आप को बाथरूम में बंद कर लिया। मैंने कहा कि दरवाजा खोलो पर उन्हें तब मेरे जेठ ने ही दरवाजा खुलवाया, सब लोग सो गए। सुबह मेरे ससुर जी ने बोला कि इनको दिमाग वाले डॉक्टर को दिखा देना चाहिए। जब मेरे पति को दिमाग वाले डॉक्टर को दिखाने के लिए गए तो उन्होंने बताया कि मुझे उसी हॉस्पिटल ले चलो जहां पहले से गए थे। मैंने फिर से नींद की गोलियां खा ली।

तब मेरे जेठ जी ने कहा कि तुम्हारे पास पैसे आए कहां से? तुम घर के बाहर गए नहीं हो। तुम ने गोलियां कहां से खरीदी। इस पर मेरे पति ने बताया कि मैंने पैसे फिल्म देखने के लिए लिए थे और उसी से मैंने दवाई खरीदने का पर्चा था कि मेरे पास, मैंने फाइल में से वह निकाल लिया था। तब मेरे ससुर जी ने मेरे पति को उसी अस्पताल में एडमिट कराया, जिसमें उन्हें एंबुलेंस मेरे ससुर जी ने हमारे कुल देवता को अर्जी लगाएं कि क्या कारण है जिसके वजह से पति बार-बार ऐसा काम कर रहा है? जेपी हॉस्पिटल पहुंचकर इनको प्रसाद खिलाया। मेरे पति ने तुरंत बोलना शुरु कर दिया। इसने यानी मेरे पति ने बिना देखे? मजार पर पेशाब कर दिया और थूक भी दिया। इसलिए 10 दिन के अंदर इसे अपने साथ ले जाऊंगा।

इन्होने मजार पर पेशाब की थी इसलिए कोई शक्ति इन पर हावी थी। मेरे ससुर जी तुरंत हॉस्पिटल से वापस आए और हमारे गांव के लिए निकल लिए। हॉस्पिटल में मेरे पति के साथ मेरे जेठ जी रुकते थे तब दिन में मेरे पति को खाना लेकर जाती थी तो रास्ते में साईं बाबा का मंदिर आता था। तब मेरे जिठानी ने कहा, चलो मंदिर चलते हैं। फिर हॉस्पिटल चलेंगे। हमने वहां मंदिर में प्रसाद दिया और मैंने अपने पति को खिला दिया। मेरे पति के अंदर जो था वह बोला कि ऐसा करने से ऐसे नहीं छोड़ दूंगा। इसकी मौत तो होगी ही ।

यह सुनकर मैं बहुत रोने लगी और अपने पति के पैरों पर गिर कर माफी मांगते हुए। बोलने लगी। इनके साथ ऐसा ना करो, मेरे जेठ मुझे रोके और बोला ऐसा नहीं करना चाहिए। अभी यह जो है वह तुम्हारे पीछे भी लग जाएगा। शाम को जब मैं घर आई तो पापा जी घर आ गए थे। तब पापा जी ने बताया कि मेरे पति के पीछे 3 दिन जिन्न लगे हैं और यह वही है जहां हम लोगों ने चाय पीने के रुके थे। असली जिन्न वह इस बच्चे को परेशान कर रहा है।

लेकिन इस बच्चे का कुलदेवता बहुत ताकतवर है। तब भी वह जिन नहीं मान रहा, ऐसा सुनकर के मैं डर गई और और रोने लगी। तब पापा जी ने मुझे बोला, अब रोना तुमको नहीं है। अब वह जिन रोएंगे और मुझे समझाया कि अगले दिन। फिर से पापाजी हॉस्पिटल जा रहे थे तो पापा जी बोले कि अब हम दीपक यानी कि मेरे पति को जल्द घर वापस ले आएंगे। अब उसको दवाई की जरूरत नहीं है। हम आज ही डॉक्टर से बात करते हैं। जब पापा जी ने डॉक्टर से बात की तो उन्होंने अगले 2 दिन और अस्पताल में रोकने के लिए कहा था। पापा जी ने हां कर दी थी रोज शाम को मैं और मेरे जेठानी हॉस्पिटल जाते थे। जब हम हॉस्पिटल पहुंचे तो मेरे पति बहुत पति जो बहुत अच्छे से बात कर रहे थे। उन्होंने पापा जी से कहा पापा जी चाय पीनी है। इस पर पापा जी ने चाय खरीदी और हम सब ने वहीं पर जहां मेरे एडमिट थे मेरे पति।

वहां पर चाय पी थी और जैसे ही पति ने चाय पी और कंबल में से मुंह निकाला तो मेरे ससुर जी को बोलते हैं कि मुझे दारू और मटन दे । मैं यहां पर आपको बताना चाहती हूं कि मेरे पति ने लहसुन प्याज गुरु दीक्षा में छोड़ दिया था तो फिर शराब और मटन की बात तो बहुत दूर है। तब पापा जी ने बोला, कौन है तू अपना नाम तो बता मेरे पति ने बोला, तेरे लड़के को 10 दिन में लेकर जाऊंगा और तू कुछ भी नहीं कर पाएगा। तब पापा जी ने बोला कि तुमको जब तुम्हारे पीर ने मना किया कि उस घर के बच्चे को परेशान मत कर फिर भी तुम नहीं माने।

पापा जी और उस व्यक्ति में बहस होने लगी जो मेरे पति के अंदर था। पापा जी ने कहा चल तू हमारे कुल देवता का नाम ले। इस पर उसने कहा कि ऐसे देवताओं के नाम लेकर मैं अपना समय खराब नहीं करता। ईश्वर पापा जी ने बोला एक बार नाम ले पर वह नाम नहीं ले पा रहा । मेरे पति के शरीर से वह बाहर निकल गया। इस पर मेरे पापा जी ने बोला देखा इस जिंदगी इतनी भी ताकत नहीं है कि वह नाम ले सके तो वह दीपक का क्या बिगाड़ लेगा?

अब घर हम लोग आगे 2 दिन बाद।

हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने की तैयारी में थे तभी पापा जी का मेरे पास फोन आया कि नागपुर वाले डॉक्टर ने दवाई का पर्चा है वह कहां है?

मैंने कहा नहीं वही फाइल बगैरा में पड़ा होगा तब पापा जी ने बोला, घर में सब से पूछो। मैंने सब से पूछा तो सब ने मना कर दिया और बात खत्म हो गई। जब सभी लोग हॉस्पिटल घर से घर आए तो मुझसे कहा कि तुम भी नहा लो। हॉस्पिटल से आई हो तो उन्होंने बोला, मैं बाहर नहीं नहा रहा। मैं बाथरूम में जाना चाहता हूं। बाथरूम का दरवाजा बंद कर लिया। इस पर मेरे पिताजी! बोले

तुम दरवाजा खोल करके ही नहाओ इस पर उन्होंने दरवाजे की कुंडी खोल दी। मेरे जेठ जी नहा कर भगवान को अगरबत्ती लगा रहे थे और मेरे पति नहा कर बाहर निकले और जैसे ही कहा, चलो पूजा कर ले तो यह बोले नहीं, मैं नहाया नहीं। मैंने बोला। चलो खाना खा लो और मैंने खाना परोस दिया। हाथ धोने के लिए जैसे ही उठे तो पेंट की जेब से कुछ गिरा। इस पर मेरी सास ने बोला। कुछ गिरा है देखो। पास ही में तो मैंने देखा तो कोई कागज था। यह वही कागज था जिसे हम लोग सब लोग खोज रहे थे। यानी दवाई की पर्ची जिसमें नींद की दवाइयां लिखी हुई थी।

जैसे ही मैंने पर्चा देखा। मैंने पर्चा फाड़ दिया। उसके बाद तुरंत जला दिया। इस पर मेरे पति के शरीर में वहीं आ गया और बोला, पहले तेरे लड़के को लेके जाऊंगा। फिर तुझे यानी तेरी सास को इतनी में मेरे जेठ को हमारे कुल देवता आ गए थे। उन्होंने पूजा वाले कमरे से आवाज लगाई और मेरे पति से कहा, चलो अंदर । वह जाने को तैयार नहीं हो रहे थे। तब पापाजी ने जबरदस्ती पूजा वाले कमरे में लेकर गए, मेरे जेठ जी ने पापा जी से बोला, इसको कुछ खिलाया है उन जिन्नों ने यह बात हमारे कुलदेवता बता रहे हैं जो मेरे जेठ जी के अंदर थे । गुरुजी आप विश्वास नहीं करोगे कि मेरे पति किस प्रकार बैठे थे जैसे कि किसी बच्चे को डर लगता है और वह बोल रहे थे कि मुझे जाने दो मुझे नहीं पता था कि आपके घर में देवी देवता कितने ताकतवर हैं? और इतना कहा और पापा जी बोला।

इस पर पापा जी ने कहा, अपना नाम बता उसने बोला मेरा नाम शेख मोहम्मद है। पापा जी ने पूछा कि तुम्हारे साथ और कितने लोग हैं। इस पर उन्होंने कहा कि मेरे साथ दो लोग और है। वह डर की वजह से घर के बाहर हैं इस पर मेरे पापा जी ने पूछा, तुमने कुछ खिलाया है क्या इसे?

इस पर को बोला दवा ..ऐसी सी दवा है जिससे यह 10 दिन के अंदर मर जाएगा। मेरे जेठ ने

और पापा जी ने डिसाइड किया कि इनको हमारे गांव ले जाया जाएगा। रात को करीब 8:00 बजे मेरे पति और जेठ जी पापा जी उस स्थान ले गए और करीब 10 दिन बाद लौटे। मैं बहुत खुश थी क्योंकि अब यह ठीक हो गए थे और जो कुछ भी हुआ था, हमारे कुलदेवता की वजह से ही हुआ था। गुरु जी यदि आपको मेरा यह अनुभव पसंद आया हो तो आप वीडियो बना सकते हैं। गुरु जी मेरे कुल देवता का नाम आपको बता रही हूं पर आप वीडियो में मत बोलिएगा। इनके कुलदेवता यह है……. और इनकी देवी यह…….. हैं

गुरु जी मेरे कुछ सवाल थे। कृपया बताएं। दुर्गा सप्तशती के 108 माता के नामों का क्या महत्व है। माता के 108 नामों का रोज हवन करती हूं और मुझे मैंने एक बार सपने में देखा था कि? एक मंदिर में हम गए हैं तो वहां के पुजारी जी ने मुझसे कहा कि तुम माता के लिए 108 दिये जलाओ पर मुझे दिया, कहीं मिल नहीं रहे और मेरी नींद खुल गई। इस सपने के बाद गुरु जी मैंने माता के नाम के से घर में ही जला दिए थे। उस दिन से रोज हवन करते समय माता के 108 आहुति दे दिया करती हूँ । क्या यह सपना मेरे पिछले जन्म का है या कुछ और है प्लीज बताएं थैंक्यू गुरु जी आप को मेरा सादर नमन।

संदेश – यहां पर जो अनुभव आया है। यहां पर कुलदेवता की शक्ति के कारण के असर को समाप्त होना पड़ा तो देवी-देवता बहुत ही शक्तिशाली होते हैं और वह किसी भी। ऐसी नकारात्मक शक्ति को नष्ट कर देते हैं। अगर आपका पूरा नामों का महत्व और सिद्धिकरण आपको जल्दी ही पूरे वीडियो में दूंगा और यह बहुत ही शक्तिशाली नाम है। इसका ही प्रयोग एक बार चुड़ैल के खिलाफ मेरे पिताजी ने भी किया था। अगर आपने वह वीडियो नहीं देखा है तो आप लोग वीडियो भी देख सकते हैं तो यह मंत्र का 108 नाम बहुत ही अधिक शक्तिशाली है और 108 दिये जलाने का भी मतलब वही है कि हर एक मां के नाम का एक दिया जलाना। इससे निश्चित रूप से आपकी मनोकामना पूरी होंगी या पूर्व जन्म की कोई पूजा को आप इस जनम में करे संपूर्ण 108 नामों पर भी में वीडियो बनाऊंगा। वह चैनल मेंबर्स वीडियो में बनेगा।यहां पर इस अनुभव को अगर आप लोगों को।महत्वपूर्ण समझ में आया हो या इसका महत्व आपको समझ में आया हो तो अवश्य ही अपने कुल देवी देवताओं को मत छोड़िए और उनका सानिध्य बनाए रखें। इसी प्रकार माता की पूजा और ध्यान आप लोग करते रहें। आपका दिन मंगलमय हो धन्यवाद!

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