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जिन्न परी साधना

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज लेंगे एक साधना जो की है परी की। परी साधना के विषय में बहुत ही कम विवरण देखने को मिलता है। उनमें भी कुछ दुर्लभ परियां मानी जाती है। आज मैं जिस परी को आप लोगों के लिए लेकर आया हूं इसको हम जिन परी के नाम से जानते हैं। तो इसमें उस शक्तियां इन जिन्नों की तरह ही हैं। इसलिए छलावा करने में बहुत अधिक माहिर भी होती हैं तो इन बातों को समझते हुए और किसी योग्य गुरु निर्देशन से ही ऐसी साधनाएं लेनी चाहिए। ताकि आपको कोई समस्या भविष्य में ना हो इस साधना के मंत्र को मैं नीचे दे दूंगा। जहां से आप मंत्र को पढ़ सकते हैं। बाकी पूरी जानकारी मैं यहां पर उपलब्ध करवा रहा हूं। चलिए शुरू करते हैं।

परी साधना में जब हम जिन परी की बात करते हैं तो यह जिन्नों की तरह ही शक्ति रखती है और उग्रता भी रखती है तो इसलिए ध्यान पूर्वक इसकी साधना करनी चाहिए। इसकी साधना में आपको विशेष रूप से जो नियमावली है, उसका अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। प्रत्यक्षीकरण होने पर आपको अपने हृदय की बात उसे बतानी चाहिए और जैसे भी आप उसके साथ रिश्ता रखना चाहते हैं, उस रिश्ते की अपनी मर्यादा को बिल्कुल वैसा बना लेना चाहिए।

प्रेमिका के रूप में सिद्ध कर सकते हैं या फिर एक दोस्त बना करके भी इसे सिद्ध कर सकते हैं।

सिद्धि हो जाने पर लोगों से आपको कभी नहीं बताना है कि आपको इस शक्ति की सिद्धि है, वरना सिद्धि चली जाएगी। तंत्र में यह बात हमेशा ध्यान रखें कि कोई भी साधना अगर आप सिद्ध करते हैं तो वह बात किसी को भी बताई नहीं जाती है। सिर्फ अपने शिष्य को देने की सूरत में उसे बताया जाता है। बाकी और कोई बात नहीं कही जाती है।

यहां पर इस साधना में विशेष रूप से ऐसा है।

अगर आप इसे अपने साथ रखते हैं तो आपके बीच की बात है अन्यथा आप इसे एक समय दे सकते हैं। प्रकट होने के लिए या फिर किसी वस्तु के सहारे के माध्यम से भी बुलाने की कोई शर्त रख सकते हैं। जैसे कि कोई लैंप हो सकता है, कोई अंगूठी हो सकती है, चिराग हो सकता है। जैसा आपको उपयुक्त लगे आप दोनों एक दूसरे को वचनों में बांध सकते हैं।

जो नियमावली है उसके बारे में बात करते हैं।

परी साधना में कुछ नियम आवश्यक रूप से पालन करने होते हैं जो इस परी में भी करने होते हैं। आपको इस साधना में वज्रासन का प्रयोग करना है यानी कि जैसे नमाज अदा की जाती है, उसी तरह से आपको बैठना होता है। साधना मे स्वच्छ वस्त्र और धुले हुए वस्त्रों का ही इस्तेमाल बार-बार करें, जब भी साधना में बैठे। हमेशा झूठ बोलने से इस दौरान बचना चाहिए। जहां तक हो सके कम बोले। ताकि आपकी सिद्धि जाने के कोई कारण ही उपलब्ध ना हो।

आपका जो साधना स्थल है, वह साफ और शांत होना चाहिए। वहां पर गंदगी बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए। हर रोज पोछा लगा लीजिए वहां पर और किसी भी शौचालय के आसपास क्षेत्र नहीं होना चाहिए। साधना स्थल बिल्कुल अकेला होना चाहिए और साधना काल में किसी और का प्रवेश वहां पर वर्जित होना चाहिए। साधक को मन वचन और कर्म से पूरी तरह ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। याद रखिए साधना के दौरान आपका ब्रह्मचर्य सपने में भी नहीं टूटना चाहिए। इससे आप की सिद्धि नष्ट हो जाती है। तो मन को बिल्कुल कंट्रोल में अवश्य रखें।

साधक जो है स्नान और लघु शंका जाने के बाद हाथ पैर जरूर धो लें और तभी साधना में बैठे। परी साधना में चमड़े की जो वस्तुएं होती हैं, उनसे आपको परहेज करना चाहिए।

साधना को करने के दिनों में आप किसी भी। शुद्ध मंत्र का उच्चारण नहीं करेंगे जिससे शक्ति संचार होता। जैसे की माता के नर्वाण मंत्र भगवान शिव के ओम नमः शिवाय या त्रयम्बक मंत्र भगवान विष्णु के मंत्र गायत्री मंत्र इत्यादि। हो सके तो इस दौरान किसी और मंत्र की साधना ना करें। केवल गुरु मंत्र को भी बस इतना जपे ताकि शक्ति को आने में अवरोध ना।

साधना में पुष्पों का प्रयोग अवश्य कीजिए और पुष्पो में आप चमेली के पुष्पों का इस्तेमाल कीजिए। यह बहुत ही उत्तम माना जाता है। साधना के बाद कुछ ना कुछ मीठी चीज लोगों को दान में अवश्य दें, जिसमें छोटे बच्चों को जरूर देना चाहिए। जब साधना में बैठे तो लोबान की धूप का इस्तेमाल करते रहे।

जब यह परी प्रकट होती है तो बहुत ही सुंदर होती है। और शरीर जो है उसका सुगंध से महकता रहता है। जब साधक इसे देखता है तो सब कुछ भूल जाता है। इसके आकर्षण में पड़कर अधिकतर लोग अपना ब्रह्मचर्य गवा देते हैं। पर याद रखिए ऐसा कुछ भी आपको नहीं करना है। इसे इसके हृदय से प्रेम कीजिए, इसके शरीर से नहीं। यह आपकी सारी ख्वाहिश पूर्ण कर देती है। इसका शरीर हल्का सा ठंडा शरीर होता है और आपके छूने पर बहुत ही नाजुक महसूस होता है।

आप याद रखें कि जो भी आपके बीच में। वचन हो उस वचन को कभी भंग ना होने दें।

इसके अलावा आप शारीरिक संबंध बनाने से इससे जरूर बचें क्योंकि ऐसा करने पर आप संसार की किसी भी स्त्री को काम भावना से देख भी नहीं सकते। ऐसा करके आप परी को नाराज कर देंगे इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आप इस परी के साथ हो सके तो शारीरिक संबंध न बनाए ।

इसके लिए आप एकांत कमरे में रात के 10:00 बजे से लेकर 12:00 बजे के समय को चुनाव करें। सुगंधित लोबान को जलाकर के। चमेली के तेल का दीपक सामने रखें और इस साधना को किसी भी शुक्रवार से शुरू करें।

33 दिन आपको उसके मंत्र का जाप करना होगा? मंत्र!-

बा हिसार हनसद हिसार जिन्न देवी परी ज़ेर

वह एक खाई दूसरी अगन पसारी गर्व दीगर जां मिलाईके असवार धनात ॥

जब आखिरी दिन हो उस दौरान जाप करते समय मिठाई अपने बाएं हाथ में रखे जब यह प्रकट हो तब सबसे पहले उसे आप कोई भी अंगूठी और मिठाई लेकर उसके हाथ को चूमते हुए अपनी प्रेमिका या दोस्त का रिश्ता कायम करें। तब आपको यह सारी चीजें प्रदान करती है।

अपनी लक्ष्य सिद्धि के लिए पहले 101 बार दुरूद शरीफ को जरूर पढ़ लें।

“अल्लाह हुम्मा सल्ले अला सैयदना मौलाना मुहदिव बारीक़ वसल्लम सलातो सलामोका या रसूलअल्लाह सल्ललाहो ताला अलैह वसल्लम”

जाप के लिए सफेद हकीक की माला का इस्तेमाल कर सकें।

अंगूठी आप इसे अवश्य पहना दे। अंगूठी को भी अभिमंत्रित कर दीजिए, उसी मंत्र से जो परी का मंत्र होता है।

इसके बाद आप साधना में हमेशा सफेद वस्त्रों का सफेद आसन और दूध की बनी हुई सफेद मिठाई का ही इस्तेमाल करेंगे।

सर के बाल आपके ढके होने चाहिए। अगर नहीं है तो जालीदार टोपी पहन सकते हैं या फिर सफेद रंग का रुमाल सर पर बांध सकते हैं।

सेंट के रुप में चमेली के इत्र का अपने कपड़ों पर प्रयोग करें। साधना के लिए आपको पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके बैठना है। किसी भी अवस्था में जाप को बीच में नहीं छोड़ना है।

मंत्र की आपको रोज!

11 मालाएं करनी है। 11 माला करने के बाद ही आप साधना से उठ सकते हैं। आसन छोड़ सकते हैं।

इस प्रकार से 33 वे या किसी भी दिन? रात्रि के समय व साक्षात प्रकट हो सकती है या फिर बीच में भी, किसी भी साधना के दिन आपकी परीक्षा वह ले सकती है।

उस दौरान सावधान रहें और किसी भी प्रकार से अपना ब्रह्मचर्य या फिर कोई गलत मांग ना करें ना रखें।

इस प्रकार आप साधना को संपन्न कर सकते हैं।

जिन्न परी बहुत ही अधिक मायावी शक्ति है इसलिए आप मायाधारी बन सकते हैं।

किसी ऐसे व्यक्ति से साधना सीखे जिसने यह साधना सिद्धि की हो बाकी जानकारी मैंने आपको दे ही दी है। तो यह थी साधना जिन्न परी साधना ।

आशा करता हूं कि आपको यह साधना पसंद आई होगी। आपका दिन मंगलमय हो धन्यवाद!

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