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डाकिनी साधना

नमस्कार दोस्तो धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है । आज मैं आप लोगों के लेकर आया हूं डाकिनी साधना । यह देवी छिन्न मस्ता के समान है यह बहुत शक्तिशाली मानी जाती है । तामसिक देवी श्मशान की शक्ति है भूत प्रेत पिशाच यक्ष गंधर्व सभी को अपने वश में करने की शक्ति रखती है । यह संतान भोग समृद्धि के साथ कलाएं भी प्रदान करती हैं । इनकी साधना से सभी असंभव कार्य संभव हो जाते हैं ।

इसकी साधना कृष्ण पक्ष की मध्य रात्रि से शुरु करने चाहिए यह साधना श्मशान में एकांत निर्जन स्थान पर ही करनी चाहिए । इसकी विधि इस प्रकार से हैं मांस मदिरा सरसो का तेल रक्त चंदन लाल पुष्प चंदन सुखे मेवे  इत्यादि चीजें लेकर ही साधना में बैठे । सिंदूर, सरसो का तेल मिलाकर  सुरक्षा घेरा बना ले सामने देवी की मूर्ति स्थापित कर के पूजा अर्चना करें । सामने खोपड़ी स्थापित कर के उसके ऊपर सिंदूर लगाएं और उसकी पूजा करें अब नारियल की जटाऔ को जलाकर 1100  बार मँत्र का जाप करेंगे । अब हर दिन बीतने के साथ एक माला बढ़ाते जाएं इस प्रकार 108 दिन करेंगे तो डाकिनी की सिद्धि प्राप्ति होगी। इसका मंत्र इस प्रकार से हैं-

मँत्रः ॐ क्रीं क्रीं क्रीं क्लीं ह्रीं ऐं डाकिनी हुं हुं हुं फट स्वाहा 

यह पहले डराती है अगर साधक नहीं डरा तो उसके बाद आपको काम क्रीड़ा का प्रलोभन देती है । इससे आपको बचना चाहिए । अघोर तंत्र में इसे काली सिद्धि ही मानते हैं । इसकी सिद्धि के बाद साधक को भूत भविष्य वर्तमान सभी का ज्ञान प्राप्त हो जाता है । इससे त्रिलोक वशीभूत कर सकता है पर इससे साधक को संभोग करने से बचना चाहिए । अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो धन्यवाद।।

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