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तंत्र बंधन लगाना और उसे खोलने की विद्या

तंत्र बंधन लगाना और उसे खोलने की विद्या

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हमारा जो विषय है वह इस बात को लेकर है कि तंत्र साधना में हमारे जो दुश्मन होते हैं या फिर किसी अन्य कारण की वजह से जब तांत्रिक चौकी अथवा जिसे हम तांत्रिक बंधन कहते हैं, चाहे वह हमारे काम के सिलसिले में हो। हमारे घर पर हो। हमारे देवी देवताओं को बांधने के संबंध में हो। और इसी तरह की अन्य चीजों से संबंधित अगर हो। इन सभी बंधनो को कैसे तोड़ा जाए और अगर आपको ही किसी का बंधन करना हो तो कैसे करें। इस संबंध में दो तरह के शाबर मंत्र सिद्धि करण की विधि में आज मैं आपको बता रहा हूं क्योंकि शाबर मंत्र जल्दी सिद्ध हो जाते हैं और ग्रहण काल अथवा किसी विशेष मुहूर्त पर सिद्ध करके आप इन्हें प्रयोग में ला सकते हैं। तो चलिए शुरू करते हैं आज के तंत्र को बांधने से संबंधित और तंत्र खोलने से संबंधित शक्तिशाली मंत्रों के विषय में।

जैसे कि हम इस बात को जानते हैं कि कोई भी तांत्रिक अगर उससे आपका युद्ध होता है या आपसे बहुत चिढ़ जाता है तब निश्चित रूप से एक काम को सबसे ज्यादा करता है और वह होता है। आपके परिवार का बंधन करना आपकी तरक्की का बंधन करना विद्या का बंधन करना। या फिर इसी तरह की किसी चीज का बंधन कर देना जिसके कारण से व्यक्ति की तरक्की उसके काम सब कुछ बिगड़ने लगते हैं। ऐसे तांत्रिकों से बचने के लिए हालांकि जो भी गुरु मंत्र के साधक हैं, उन पर साधारणतंत्र कार्य करते ही नहीं है। बहुत ही उच्च कोटि का साधक ही उन पर हल्के-फुल्के तंत्र प्रयोग कर सकता है। लेकिन बंधन करने की सामर्थ्य उसमें नहीं होती। लेकिन सारी जनता जो गुरु मंत्र नहीं ली है और इतना अधिक! इष्ट मंत्र का भी जाप नहीं किया कि उनकी रक्षा के लिए कोई शक्ति मौजूद नहीं है। उन पर इस तरह के तंत्र बहुत ही तीव्रता से कार्य करते हैं और सभी प्रकार से उनका भविष्य बर्बाद कर देते हैं।

तो सबसे पहले? कैसे आप मंत्र को सिद्ध करेंगे और अपने तांत्रिक बंधन को खोलेंगे? इस संबंध में एक सिद्ध शाबर मंत्र आता है। जिस की सिद्धि के लिए आपको कुछ विशेष बातें करनी पड़ती है तो सबसे पहले महत्वपूर्ण बात है कि आप ग्रहण काल का चुनाव करें। अगर आप ग्रहण पर यह कार्य नहीं करते हैं तो किसी विशेष सिद्धि मुहूर्त में भी इस तरह की साधना की जा सकती है। तो सबसे पहले अगर आपको इस तरह की कोई तांत्रिक साधना करनी है तो किसी विशेष स्थान पर लाल कपड़ा बिछाकर उसके ऊपर हनुमान जी! भगवान राम सीता सहित। भगवान शिव माता सती के साथ में। विराजित कर लीजिए अब वहां पर।

आप विशेष मुहूर्त में यानी जैसे कि कोई भी ग्रहण काल हो?

10000 बार मंत्र का जाप करेंगे तो मंत्र सिद्ध हो जाता है।

और फिर उसके बाद आप काले तिल से हवन कर दीजिए। वह दशांश किया जाता है और मंत्र के अंत में स्वाहा शब्द जोड़ दिया जाता है। इस प्रकार यह विधिक कंप्लीट हो जाती है।

सामने!

घी के दीपक को जलाकर आप बैठकर मंत्र जाप करेंगे। मंत्र मैं आपको पढ़कर सुना देता हूं-

जय श्री राम! राम नाम से कर मेरा यह काम जल खोलू, जलवायु खोलू, खोलू जल की काई, आमुक के बंधी विद्या खोलू, तेरी ज्योत जलाई। यह बंधन खोलें, खुद कालका माई घरवत के पित्र खोलें, देवी खोलें देवता खोलें, मरघट से, मैदान से चौगान से,खिदर से, सैयद से, धरती से, आसमान से, जो मेरा खोला ना खुले तो राजा रामचंद्र की आन पड़े, महादेव की आन पड़े, माता सती की आन पड़े, जय श्री राम राम राम राम स्वाहा।

इस मंत्र को आपको ग्रहण काल में देवताओं की प्रतिमा स्थापित कर शुद्ध घी का दीपक जलाकर अखंड जाप 10000 मंत्रों का करके सिद्ध कर लेना चाहिए। उसके बाद फिर शुभ मुहूर्त में दशांश हवन करते हुए यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। अब इसका जहां भी आपको प्रयोग करना हो। उस स्थान पर बैठ जाए आप इसी प्रकार सारे देवी देवताओं को स्थापित कीजिए और उसके बाद उनके आगे एक पान का पत्ता 7 लॉन्ग दो इलायची सात बताशे।

और हनुमान जी के लिए।

लड्डू का भोग माता काली के लिए।

तिल के गुड़ के लड्डू!

इत्यादि रखकर प्रार्थना करें। अब एक तांबे के लोटे में जल को लेकर उस स्थान पर उस व्यक्ति विशेष पर। छिड़क दें जिसकी विद्या या भाग्य अथवा कोई भी चीज बंधी हुई है। अब उसको फिर से उस शक्ति को स्थापित करने के लिए कहें और फिर उसके बाद जब वह उस की प्राण प्रतिष्ठा करेगा तो वह शक्ति वहां पर फिर से विद्यमान हो जाएगी। जैसे कि घर के कुल देवी देवता, इसी प्रकार अगर आपको किसी का बंधन करना है। तब कौन से मंत्र कार्य करेंगे, उसके विषय में भी जानते हैं लेकिन याद रखें। किसी भी गलत काम के लिए इसका प्रयोग ना करें। अन्यथा नुकसान आवश्यक होता है।

तो फिर इसी प्रकार?

सारी विधि विधान को जैसे पहले किया गया ग्रहण काल में ही मंत्र को सिद्ध करें। 10000 मंत्र जाप कंप्लीट करें और फिर दशांश हवन करें। मंत्र इस प्रकार है-

आगे बांधू, पीछे बांधू, ऊपर बांधू, नीचे बांधू, बंधन 10 दिशाओं का बांधू, रहने का स्थान बांधू, सारे मनुष्य की नज़र बांधू, ग्रह भूत पिशाच सारी बुरी बलाये बांधू, हनुमान करे यह काम लगे श्री राम की आन, भैरव बंधन करे लेकर माता कालिका का आन ॥

इस मंत्र को भी आप उसी विधि से उसी प्रकार सिद्ध करके प्रयोग में ला सकते हैं। अब जिस भी स्थान का बंधन करना है। वहां पर? कीले लेकर जाएं कीलो पे मंत्र को।

इस बार पढ़ें और जिस भी जगह को बांधना है वहां पर कीले चारों तरफ ठोक दे तो वह जगह बंध जाती है।

और मनुष्य और उनकी विद्या बांधने के लिए दूसरे प्रयोग है, लेकिन उसके विषय में मैं आपको नहीं बताऊंगा क्योंकि यह गलत कर्म है और इससे दूसरे का नुकसान निश्चित रूप से तय होता है। जिसका बाद में फल साधक को भी भोगना पड़ता है।

यह हिंदू मंत्र एक मंत्र से आप किसी भी प्रकार के बंधन चौकी और इसी प्रकार की तंत्र क्रियाओं को खोल सकते हैं और दूसरे से बांध सकते हैं। उच्च स्तर में विभिन्न प्रकार के अन्य प्रयोग आते हैं, लेकिन मैंने आपको यहां पर सरल प्रयोग बताए हैं जो कि शाबर मंत्रों के रूप में है।

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