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तंत्र शक्तियां देने वाली योगिनी साधना

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नित्यकलींना तंत्रार्पिता स्वाहा।

नमस्कार दोस्तो धर्म रहस्य पर आपका एक बस फिर से स्वागत है आज मैं आपके लिए योगिनी साधना लिख रहा हूं योग्नियाँ बहुत सारी मानी जाती हैं लेकिन मुख्य रुप से 64 योगिनीया है ।  64 योगिनीयो में भी अलग अलग प्रकार के कार्य आपको देखने को मिलते हैं योगिनी शब्द जो है योग शक्ति से जोड़ने वाली मंत्र सिद्ध अद्भुत शक्तियां प्रदान करने वाली वाली माता कालिका से शक्ति प्राप्त विद्या शक्तियां होती हैं । हालाकि इनको कई प्रकार से सिद्ध किया जाता है । भिन्न रूपों में यह आपसे सिद्ध होती हैं पर मुख्य रूप से इनको 3 ही प्रकार से सिद्ध  किया जाता है मां बहन और पत्नी के या प्रेमिका के रूप में ।

आज मैं जो आपके लिए योगिनी सिद्धि लेकर आया हूं वह तंत्र की  शक्तियां प्रदान करने वाली देवी है। इनका नाम तंत्रार्पिता कहा जाता है नित्य क्लीना तंत्रार्पिता नाम से जानी जाती हैं असल में भैरवी शक्ति बाद में प्राप्त हो जाती है शुरुआत में यह योगिनी शक्ति के रूप में होती है और फिर भैरव शक्ति का रुप धारण कर लेती हैं तंत्रार्पिता इसीलिए हम उनको नित्य क्लीना तंत्रार्पिता देवी के नाम से जानते हैं तंत्र को अर्पित कर देने वाली यह शक्ति है इसलिए इनको तंत्रार्पिता देवी कहा जाता है।

तंत्र शक्ति ऐसी शक्ति है जो भिन्न-भिन्न रूपों में भिन्न-भिन्न शक्ति उत्पन्न की जा सकती है इन विद्याओं को प्राप्त करके मनुष्य में असाधारण शक्तियां उत्पन्न हो जाती हैं कहा जाता है कि एक बार एक महान तांत्रिक शक्ति थी जिसने अपने सिद्धियों के बल पर बन भिन्न भिन्न शक्ति उत्पन्न की कश्मीर के एक राजा थे प्रताप सिंह जी उन्होंने कहा कि मैं इन तंत्र मंत्र की शक्तियों को नहीं मानता तो उस समय एक स्त्री थी जिसे लोग डायन के नाम से पुकारते थे हालाकि वह बुरी नहीं थी फिर भी लोग उसे बड़े-बड़े बुरे-बुरे शब्द कहा करते थे तो एक बार जब उस औरत को कश्मीर के राजा प्रताप सिंह के पास लाया गया तो राजा ने उससे कहा कि मैं इन सब चीजों में नहीं मानता हूं और लोग तुम पर इल्जाम लगाते हैं आप मुझे कोई चमत्कार करके दिखाये मैं आपको छोड़ दूंगा और मान लूगा की इस प्रकार की शक्तियां होती है l

भरे दरबार में राजा ने कहा कि आप बिना छुए उस फल को खाकर दिखाइए  राजा ने उसके सामने एक सेब रख दिया फिर उस देवी ने जो तांत्रिक शक्तियों से संपन्न थी उसने फल को चबा चबा कर पूरा खा लिया,राजा से कहा कि इस फल को छूकर देखें राजा ने जब उस सेब को देखा तो उसे पूरा अंदर से खोखला हो चुका था सिर्फ बाहर बाहर उसका आवरण था राजा ने जैसे ही उसे पकड़ा पूरी तरह से पिचक गया वह फल को अंदर अंदर खा गई थी सामने रख पका फल वो पूरी तरह से खा चुकी थी ।इसलिए तंत्र शक्ति से बड़े-बड़े चमत्कार हो सकते हैं इसलिए तंत्र शक्ति को उच्च माना जाता है ।

यहां पर तंत्र को अर्पित करने वाली देवी तंत्रार्पिता के नाम से जानी जाने वाली शक्ति जो योगिनी के रूप नाम से जानते है तंत्रार्पिता, इन देवी की साधना में बहुत सारी विधि उपलब्ध हैं उन्हीं में से एक विधि मैं आपको बता रहा हूं कि किस प्रकार से इन देवी की साधना की जाती है मंत्र बहुत सरल है । तो आपको पहले करना क्या है कि आपको एक ऐसे स्थान का  चयन करना है जहां कोई आता जाता न हो उस स्थान पर आपको देवी की मानसिक प्रतिमा स्थापित करनी है की यहां पर एक देवी स्थित है । पुराने जमाने में लोग इस् प्रकार की साधनाओं के लिए पीपल का वृक्ष वट वृक्ष पर यह मान लिया जाता था कि इस पर एक देवी स्थित है या यहां देवी उपस्थित है उसी वृक्ष के नीचे आपको साधना उपासना करनी होती थी फिर पुराने जमाने में ऐसी जगह बहुत सी होती थी और पेड़  भी बहुत सारी संख्या मे होते थे पर अब ऐसा होना संभव नहीं है क्योंकि वहां लोग आते जाते हैं ।

आपको ऐसे स्थान का चयन करना है जहां गांव घर मकान ना हो तो आपको ऐसे पेड़ का चुनाव कर लेना है और जाकर उस पेड़ के चारों तरफ लाल धागा बांध देना है और प्रार्थना करनी है कि हे देवी आप इस पेड़ में आ चुकी है अब मैं आपको इसी में मानकर आपकी साधना आराधना करूंगा अब मैं इस पेड़ के नीचे बैठ कर आप को पुकारूंगा  और आपको आना होगा । उसके बाद आपको लाल कंबल जो तंत्र में प्रयोग किया जाता है उस पर नग्न होकर बैठना होगा और सामने एक खोपड़ी रखनी होगी  उसी पर आपको मंत्रों का जाप करना होगा उस खोपड़ी को तिलक वगैरा लगा दीजिए  और सामने एक सरसो का दीपक  जला दीजिए और ध्यान  करिए कि इसी खोपड़ी के जरिए देवी के शक्तियां इसी खोपड़ी में आएंगी और खोपड़ी से आपके सामने प्रत्यक्ष होगी । धीरे धीरे करके वह खोपड़ी जो पेड़ के नीचे रखी है वह सिद्ध हो जाएगी इसके लिए आपको देवी के मंत्र को बताया गया है वो इस प्रकार से हैं-
मँत्र:  ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नित्यकलींना तंत्रार्पिता स्वाहा।
  इस मंत्र का आपको जाप करना है, इस मंत्र की आपको 51 माला 51 दिनों तक करनी है ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नित्यकलींना तंत्रार्पिता स्वाहा।51 माला जाप करने के बाद आपको एक माला यानी 108 मंत्र से रोज हवन भी करना होगा । हवन के लिए आपको लाल फूल जो कि घी मे सने हो मतलब की आपको लाल फूलो को घी में डुबोकर हवन करना है, कोई भी लाल फूल हो कहीं हो उसको अर्पित करे वह किसी भी पेड़ का फूल हो बस लाल होना चाहिए चाहे वो गुड़हल का फूल हो या गुलाब का बस लाल होने से मतलब है ।  वैसे गुड़हल की फूल को अधिक उत्तम माना जाता है ।

आपको गुड़हल के फूल को लेकर घी मे डुबोकर स्वाहा बोलते हुए अग्नि में अर्पित करना है 51 दिन तक लगातार आपको छुपकर रात्रि के 11:00 बजे के बाद यह साधना रोज करनी है, 51 माला जाप करने के बाद आपको एक माला हवन कर लेना है ।रोज यह प्रक्रिया आपको 51 दिन तक लगातार करनी है । माला जब आप जप लेंगे उसके बाद आपको जो सामने रखी खोपड़ी है उस पर फूंक मारेंगे । जब आप यहां प्रक्रिया कर लेंगे तो आपको 51  वे दिन यह बीच में भी आपको देवी के दर्शन हो सकते हैं साक्षात रुप से अभी हो सकती  है या आपको खोपड़ी के ऊपर नाचती हुई सी दिखेंगी आपको वह अपने एक हाथ में अपनी चुटिया लिए हुए दिखाई पड़ सकती है या वह आपके सामने खोपड़ी पर नृत्य मुद्रा में दर्शन दे सकती हैं इससे पहले वह आपको भयभीत करती है तो इसके लिए आप रक्षा घेरा बना लीजिए अपने चारों ओर रक्षा मंत्र से आप अपने शरीर को कीलीत कर लिजिए।

इसके लिए आपको पास  किसी बड़े देवी देवता का मंत्र होना आवश्यक है  क्योंकि यह देवी आपको भयभीत भी कर सकती हैं और साधना से पथ भ्रष्ट भी कर सकती हैं कामवासना इसमें पूरी तरह से वर्जित है । इन सब चीजों से आपको बचना होगा इस प्रकार आपको यह साधना करनी होगी जब आपके पूरे जाप हो जाएंगे तो आपको देवी के दर्शन प्राप्त होंगे फिर आप जो भी उनसे संबंध स्थापित करना चाहते हैं मां बहन यहाँ तक कि प्रेमिका का भी सम्बन्ध स्थापित कर सकते हैं और आपको उनकी सहायता मिल जाएगी । फिर आप वचन ले लीजिये इसके बाद यह देवी मूल वरदान जो देती है वह यह है कि यह आपको तंत्र शक्तियां प्रदान करेंगी अद्भुत शक्तिया प्रदान करती हैं जो ना आपको पता है ना मुझे पता है यह सिर्फ उसी साधकों पता होगा जिसने इनकी साधना की होगी ।

यह अलग-अलग विद्या प्रदान करती हैं किसी को रूप धारण करने की, किसी के बारे में सब कुछ जान लेने की, जल के ऊपर चलने, अग्नि मे भी अपना शरीर न जलने की या कौन सी शक्ति कौन सा तंत्र या कोई गुप्त मंत्र बता सकती है जिसके एक बार ही जाप से आप भूत प्रेत पिशाच को प्रकट कर अपना गुलाम बना सकतेे हैं । देवी देवताओं को अपने सम्मुख बुला सकते इस तरह की कौन सी शक्ति या कौन सा तंत्र देवी आपको प्रदान करेंगी, वह साधक पर निर्भर है और देवी पर निर्भर हैै इसमें आप एक बात जान लीजिए इनकी साधनाा से पहले आपको एक माला गणेश की एक माला गुरु मंत्र की और एक माला भगवान शिव की करनी होगी । यह तीन माला करना जरुरी हैं यह तीन माला जिसके बाद ही आप इनकी सााधना करेगेे । इस प्रकार जब आप करेंगे तभी आपको  सिद्धि मिलेगी, जैसा कि मैंने आपको बता दिया है कि आपको एकांत स्थान में ही साधना करनी है रात्रि के 11:00 बजे के बाद से ही, जब सफलता प्राप्त कर लेंगे तब आपको बहुत ही शक्तिशाली शक्ति  प्राप्त होगी क्योंकि यह देवी तंत्र की देवी है और तंत्र ही प्रदान करती हैं धन्यवाद ।

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