Site icon Dharam Rahasya

तांत्रिक भैरवी मंजूषा साधना सीखना भाग 10

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। मंजूषा भैरवी की यात्रा में पिछली बार हमने जाना था कि एक व्यक्ति जो पूरी तरह से हड्डियों का ढांचा प्रतीत हो रहा था। वह मंजूषा से मिलने के लिए आता है और उससे! अपनी साधना के कारण। अपनी बुरी स्थिति को बताता है। वह कहता है कि एक पिशाचिनी साधना के कारण मेरे साथ ऐसा घटित हो गया है। अब आगे जानते हैं कि इस घटना में क्या हुआ था?मंजूषा ने उससे पूछा। तुम कहां से आए हो और पूरी बात क्या है कृपया मुझे विस्तार से बताओ? तब वह व्यक्ति मंजूषा से कहता है। आपको मैं अपनी आपबीती सुनाना चाहता हूं। एक श्मशान में रहने वाले तांत्रिक से मैंने आकर्षित होकर।रक्त पिशाचीनी। साधना को करने के बारे में सोचा था। इस पिशाचिनी को अगर रक्त दिया जाए तो यह आपके सारे कार्य संपन्न कर देती है और सभी प्रकार के सुख सुविधाएं धन और किसी भी कार्य को करने में सक्षम है। इसकी साधना 41 दिन तक श्मशान में रहकर करनी पड़ती है। इसीलिए मैंने इस साधना को। स्वयं करने के लिए।अपने आपको तैयार किया था।मैंने उस तांत्रिक गुरु से इसकी दीक्षा प्राप्त की और फिर मैं लग गया इस पिशाचिनी को सिद्ध करने में।कुछ दिन तो कोई अनुभव नहीं हुए पर एक दिन एक स्त्री मेरी छाती पर आकर बैठ गई। मैं हिलडुल भी नहीं पा रहा था। मेरा सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। पर तांत्रिक गुरु के बताए गए गुरु मंत्र के प्रयोग के कारण मैं उस स्त्री को हटा पाया। इस प्रकार समय बीतता चला गया। और 40 दिन समाप्त हो गए।मैं हर रोज साधना में अपने रक्त की एक बूंद। इस पिशाचिनी को सिद्ध करने में खर्च करता था। और इससे वह मेरे रक्त को अदृश्य रूप में आकर चाट कर खा जाती थी। इसके बाद फिर वह वहां से चली जाती थी। 41 वे दिन मैंने साधना पूर्ण कर ली। पर रक्त समर्पित नहीं किया। तभी सामने से अत्यंत ही भयानक स्वरूप में मेरे सामने यह शक्ति प्रकट हो गई।और कहने लगी तूने आज मुझे रक्त नहीं पिलाया है।मैं तेरा रक्त प्राप्त करना चाहती हूं। जल्दी से मुझे अपना रक्त दे।मैंने उस रक्त पिशाचिनी से कहा देवी आपको सबसे पहले मुझे तीन वचन देने होंगे तभी मैं आपको अपना रक्त समर्पित करूंगा।तब उससे पिशाचीनी ने कहा, ठीक है! तो बता? तब मैंने कहा। आप मुझसे सदैव सिद्ध रहेंगी। मेरी आज्ञा से मेरे हर कार्य को पूर्ण करेंगी। और कभी मुझे नुकसान नहीं पहुंचाएंगी।यह तीनों वचन मैंने उस पिशाचिनी से मांग लिया। तब उस पिशाचिनी ने कहा के? तेरा मेरा संबंध क्या होगा अब इसके बारे में भी मुझे बता दे। तब मैंने उनसे कहा मेरे पास ना तो प्रेमिका है ना ही पत्नी! इसलिए आप मेरी पत्नी या प्रेमिका बन जाइए। तब उसने कहा। तू मुझे प्रेमिका बनाना चाहता है या पत्नी स्पष्ट कर?तब मैंने उससे पूछा कि मेरे लिए पत्नी ज्यादा उत्तम है या प्रेमिका?तब उस पिशाचीनी ने कहा, अगर तू मुझे प्रेमिका बनाता है। तो मैं तेरे साथ शारीरिक संबंध बनाने और तेरी इच्छाओं को पूरा करने के लिए आती रहूंगी।

लेकिन अगर तू मुझे पत्नी बनाता है। तो फिर मैं तेरी ही शरीर में वास करूंगी। तेरी हर इच्छा मेरी ही इच्छा होगी। मेरी सारी शक्तियों का उपयोग तू कर पाएगा। और? जितनी शक्तियां मेरे पास हैं, वह सब तेरे अधीन रहेंगे।अब बता तुझे प्रेमिका रूप में मुझे प्राप्त करना है या पत्नी रूप में?तब मैंने उसे कहा कि मैं आपको प्रेमिका रूप में ही प्राप्त करना चाहूंगा। क्योंकि मुझे संसार की और स्त्रियां भी अपने उपयोग के लिए चाहिए। और अगर मैं आपको पत्नी बना हूं तो आप मुझे किसी और स्त्री को प्राप्त करने से रोकेंगी।तब उस पिशाचिनी ने कहा, जैसी तेरी इच्छा! मैं आज से तेरी प्रेमिका बनती हूं।अपने मन में सबसे सुंदर स्त्री की कल्पना कर।और मैं तेरे मन को परखती हुई वैसा ही रूप धारण कर लूंगी। तब मैंने! बहुत अधिक सुंदर नारी की कल्पना की। जैसे ही मैंने आंखें खोली सामने बहुत अधिक सुंदर एक स्त्री खड़ी थी। उसके हर रंग रूप और शरीर से आती खुशबू से मैं बहुत अधिक प्रसन्न हो रहा था।सच में। अप्सराओं को मात करने वाले सौंदर्य से भरी हुई थी। मैंने उसे देख कर कहा। आपसे मुझे हर प्रकार के सुख प्राप्त होंगे या नहीं? तब उसने कहा, तुम अपनी इच्छा बताओ? और मैंने उस रात उस पिशाचिनी से संभोग किया। उसने मुझे रात्रि भर प्रेम दिया। सुबह जाते वक्त उसने कहा, कोई और इच्छा हो तो बताना।

तब मैंने! उससे कहा, मुझे धन और स्त्रियां प्राप्त करनी है। उनकी व्यवस्था तुम मेरे लिए अवश्य ही कर दो। तब वह हंसकर कहने लगी, ठीक है। अब मैं तुम्हारे लिए सबसे सुंदर नगर की स्त्री लेकर आऊंगी और उसके साथ!तुम्हें धन की प्राप्ति भी करवाऊंगी। यह कहकर वह अदृश्य हो गई।उसने मुझे यह कहा था कि एक समय पर ही मैं उसे बुला सकता हूं। वह केवल कुछ ही देर मेरे साथ रहा करेंगी। केवल संभोग करने के लिए ही वह कुछ ज्यादा देर मेरे साथ रहेगी बाकी केवल इच्छा पूर्ति के लिए।मुझे जब उसे बुलाना होगा तो वह आएगी और मेरी इच्छा पूरी करते ही चली जाएगी।शाम के वक्त मैंने उसके मंत्रों का उच्चारण किया और बस साक्षात सामने प्रकट हो गई।उसने मुझे कहा।तुम पेड़ के नीचे जाकर बैठ जाओ। मंत्रों का उच्चारण करना शुरू कर दो। कुछ ही देर में यहां पर लोगों की भीड़ लग जाएगी। उनकी इच्छाओं और समस्याओं को हल करो।अब! 1 दिन बाद यहां पर एक।राजा की पत्नी आएगी। उसकी कुछ इच्छा होगी तो उसे पूरी कर देना।इस प्रकार वह कह कर चली गई और मैंने उसके बताए तरीके के अनुसार ही सारे कार्य किए। कुछ ही देर में उसी स्थान पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। और मैं लोगों के प्रश्नों के जवाब देने लगा।

उससे पिशाचिनी की शक्ति के कारण मैं सभी के प्रश्नों के जवाब तो दे ही रहा था। उनकी समस्याएं भी हल करना बता देता था और लोगों को इससे फायदा हो रहा था। सभी इसी प्रकार मेरे पास आते रहे और अगली शाम! मेरे घर के आगे। एक रथ रुका! उस रथ से सच में उस राज्य के राजा की पत्नी! अपनी कुछ सखियों के साथ मेरे पास आकर रुक गई। और तब उसने कहा।आपका नाम मैंने बहुत अधिक सुना है आप एक सिद्धि वन पुरुष हो। आप मेरी समस्या को हल कीजिए।कुछ देर बाद।उसे लेकर अंदर कुटिया में चला गया और मैंने उससे कहा, आप की क्या समस्या है?तब उसने कहा, मुझे पुत्र की प्राप्ति नहीं हो पा रही। राजा दूसरा विवाह कर लेगा इसलिए मुझे कैसे भी पुत्र की प्राप्ति करनी है?तब मैंने उससे कहा। ठीक है, तुम्हें पुत्र की प्राप्ति हो जाएगी। लेकिन इसके लिए तुम्हें मेरे साथ संभोग करना होगा। क्योंकि? मैं उस स्त्री पर आकर्षित हो गया था। वह उस पिशाचिनी के समान ही सुंदर थी। क्योंकि राजा अपने लिए सबसे सुंदर नारी ही ढूंढ कर लाते थे।मेरी वशीकरण के कारण उस स्त्री ने तनिक भी विरोध नहीं किया और मैंने उस रात उस स्त्री के साथ संभोग किया।

तीसरे दिन वह खुशी खुशी आई। अपने साथ! सोने की कई सारी पोटलिया लेकर आई। और कहने लगी यह सब आप रखिए इसमें सोना भरा हुआ है।मैं अत्यधिक प्रसन्न हूं। मैंने वैद्य जी से पता करवाया है। उनका कहना है मेरे गर्भ में संतान आ चुकी है। यह सब आपकी कृपा से ही संभव हुआ है। और इस प्रकार!वह स्त्री मुझे बहुत सारा धन देकर चली गई।पर पता नहीं किसने मेरी और उस रानी की बातें सुन ली। और यह सब बातें उसने जाकर राजा को बता दी।अब मेरे ऊपर बड़ी गाज गिरने वाली थी।इस घटना के बाद आगे क्या घटित हुआ जानेंगे अगले भाग में तो अगर आपको यह जानकारी और पुरानी कहानी पसंद आ रही है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। चैनल को आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

Exit mobile version