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दिवाली की रात की भयानक गलती भाग 2

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। सबसे पहले दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं। पिछले भाग में हम लोगों ने दिवाली की रात की भयानक अनुभव में जाना था कि कैसे एक व्यक्ति? मृत्यु का शिकार हो गया जो चार दोस्तों मे से एक था । जिसमे 4 दोस्त बाबा का अपमान कर दिए थे। अब आगे जानते हैं कि आगे क्या घटित हुआ था?

पत्र – नमस्कार गुरु जी और धर्म रहस्य चैनल को देखने वाले सभी दर्शकों को मेरा नमस्कार। पिछले भाग को आगे बढ़ाते हुए अब मैं आगे की कहानी आप लोगों को बताता हूं।

चारों दोस्तों में से एक दोस्त की मौत ने। चारों तरफ अजीब सा माहौल पैदा कर दिया था।

तीनों दोस्तों को जब इस बारे में पता चला कि उनका दोस्त! मृत्यु को प्राप्त हो चुका है तो वह तीनों उसके घर पर आए।

उसकी लाश को खाए जाने को देखकर उनके मन में बहुत ही ज्यादा गुस्सा भरा था। यह गुस्सा इसलिए भी था क्योंकि रात्रि में चारों ने एक साथ अपना मनोरंजन किया था। लेकिन यहां पर तो स्थिति बदल चुकी थी उनका एक दोस्त। दुनिया को छोड़ कर जा चुका था।

तीनों दोस्तों को अब कुछ समझ में नहीं आ रहा था। तीनों ने आपस में बात की और कहा- कहीं कल जो श्मशान में घटित हुआ उसी की वजह से तो ऐसा नहीं हुआ है।

चलो उस व्यक्ति को ढूंढते हैं उस व्यक्ति को ढूंढने के लिए श्मशान में पहुंच गए।

श्मशान में वह व्यक्ति कहीं पर भी दिखाई नहीं दिया।

तभी तीनों ने आपस में बात की और सोचा कि वह तो रात्रि के समय दिखाई दिया था। अभी अपने घर चलते हैं। और शाम को यहां पर आएंगे। अगर वह आता है तो उससे पूछेंगे।

तीनों अपने घरों को वापस लौट गए।

शाम के समय एक बार फिर से वह तीनों इकट्ठा हुए और श्मशान की ओर चलने लगे।

श्मशान में पहुंचकर उन्होंने चारों तरफ काफी ढूंढा। लेकिन वह व्यक्ति दिखाई नहीं पड़ा।

तभी। रात्रि का समय नजदीक आ गया और अंधेरा होने लगा।

वह शमशान से बाहर निकलने ही वाले थे। कि तभी उन्हें एक सियार जोर से चिल्लाता हुआ दिखाई पड़ा।

उसके मुंह से खून! अभी पूरी तरह सूखा नहीं था। लगता था जैसे उसने कहीं मांस खाया है।

उसे देखकर तीनों दोस्त छुप गए और एक पेड़ पर चढ़कर! वहीं से इस सारे दृश्य को देखने लगे।

सियार इधर उधर आवाज निकालता हुआ थोड़ी देर इधर-उधर विचारता रहा।

तभी अचानक से वह। एक तरफ देखकर। उधर की ओर बिल्कुल सावधान मुद्रा में खड़ा हो गया।

तब तीनों दोस्तों ने नजर डाली तो दूर से वही व्यक्ति आता दिखाई दिया जिसके साथ उन लोगों का पिछली रात में झगड़ा हुआ था। और उन्होंने उस व्यक्ति का बेहद अपमान किया था। वह व्यक्ति अब उस सियार के पास आकर खड़ा हो गया।

और उस सियार से कहने लगा।

ए जिन्नों के राजा! अपने असली रूप में आ जा!

ऐसा उसने तीन बार कहा।

और बस सियार वहां पर एक।

12-13 फुट की ऊंचाई के इंसान के रूप में प्रकट हो गया।

और उसने कहा बाबा तुम्हारा एक दुश्मन मैंने मार दिया है।

बाकी। बचे तीन को भी मैं अगर तुम कहो तो निपटा दूं?

इस पर उस व्यक्ति ने कहा।

ठीक है एक-एक करके सब से बदला ले लो।

उन लोगों ने बिना कारण से मेरी शक्ति को नष्ट कर दिया।

मैं आसमानी विद्या का इस्तेमाल कर।

अपने आप को बहुत ही अधिक शक्तिशाली बनाने की उस रात कोशिश कर रहा था। लेकिन मैं वह शक्ति तुम्हें नहीं दे पाया। और तुम्हारे माध्यम से उसका फायदा भी नहीं उठा पाया क्योंकि जब वो वह शक्ति तुम्हें मिली ही नहीं। तो भला मैं उसका फायदा कैसे उठाता?

तीनों दोस्त चुप कर यह सब कुछ सुन रहे थे। अब तीनों की हालत खराब थी। तीनों यह बात जान गए थे। क्यों उन्होंने पिछली रात बड़ी गलती कर दी है?

अधिकतर दिवाली की रात में बड़ी-बड़ी तंत्र सिद्धियां की जाती है। यह कोई व्यक्ति साधारण नहीं था। यह एक तांत्रिक था जिसने एक जिन्न को पहले ही सिद्ध किया हुआ था। और उसी दिन की शक्ति को और बढ़ाने के लिए दिवाली की रात का उसने इस्तेमाल किया था।

उस तांत्रिक व्यक्ति ने जिन्न से कहा, आज रात दूसरे को भी मार डालना। और इसके बाद वह कुछ देर उस जगह! अपनी साधना को करता रहा। जिन भी थोड़ी देर में गायब हो गया।

अब तीनों दोस्त बहुत ही ज्यादा डर गए। क्योंकि तीनों में से यह नहीं पता था कि किसका नंबर आने वाला है?

और जिन किसको मृत्यु देगा?

अब समस्या यह थी कि अगर वह अपनी जान की रक्षा करें तो करें कैसे?

वह तो इस तांत्रिक को सबक सिखाने के लिए आए थे लेकिन इसकी शक्ति को देखकर अब वह आश्चर्य में पड़ चुके थे।

अब उनके पास कोई और विकल्प नहीं था।

तो उन्होंने सोचा ऐसा करते हैं, किसी मंदिर में जाकर बैठ जाते हैं।

क्योंकि मंदिर के अंदर जिन्न नहीं आ पाएगा।

और जिनसे हमारी रक्षा हो सकेगी।

जिन्नको रोकने के लिए अब केवल मंदिर ही उनके पास एकमात्र विकल्प था।

तीनों ने आपसी सलाह की और पास के ही भैरव मंदिर में शरण लेने की कोशिश उन्होंने की।

तीनों जल्दी-जल्दी पेड़ से नीचे उतरे और वहां से बहुत ही तीव्रता के साथ में भैरव मंदिर के अंदर जाकर बैठ गए।

उन्हें ऐसा लगता था कि अगर वह इस मंदिर में बैठे रहेंगे तो जिन्न वहां पर नहीं आ पाएगा और इसी कारण से उनकी रक्षा हो सकेगी।

उस जिन्न की शक्ति को वह देख चुके थे।

वह जिन कोई साधारण जिन्न नहीं था।

उसने सियार के रूप में उनके एक साथी को मार डाला था।

इस प्रकार से रात्रि के समय अचानक से ही।

एक लड़की मंदिर के पास खड़ी होकर चिल्लाने लगती है।

और वह कहती है कि कोई उसकी पुकार सुने। अगर कोई मंदिर के भीतर है तो आकर उसकी मदद करें।

मंदिर के भीतर बैठे हुए तीनों उस सुंदर लड़की को देखते हैं।

जो फटे पुराने वस्त्र पहने। उनको मदद के लिए पुकार रही थी। तीनों कहते हैं कि आखिर यह कौन सी स्त्री है और यहां पर इतनी रात गए क्या कर रही है?

वह मंदिर के द्वार पर आते हैं और वहां से उसे स्त्री को कहते हैं। क्या बात है? आप हमें क्यों पुकार रहे हैं?

स्त्री कहती है पास के डाकुओं ने।

मेरे सारे वस्त्र छीन लिए। सारे गहने उतरवा लिए और मेरे परिवार के सभी लोगों को मार डाला है। मैं कहां जाऊं? मैं अपनी रक्षा के लिए आप लोगों के पास आई हूं। मुझे बचा लीजिए। किसी भी प्रकार से मेरी रक्षा कीजिए।

उसकी इस प्रकार से की गई विनती से तीनों द्रवित हो जाते हैं। मंदिर के बाहर आकर। उसे मंदिर में चलने के लिए आग्रह कहते हैं लेकिन मंदिर में चलने से वह इनकार कर देती हैं। वह कहती है मेरा मासिक धर्म है। इसी कारण से मैं मंदिर में नहीं जा सकती। मुझे किसी और स्थान पर ले चलिए। इस प्रकार से तीनों कहते हैं, ठीक है। हम तुम्हें गांव छोड़ देते हैं और हमारे घर में तब तक तुम आराम से रहो।

तीनों उसे लेकर के गांव चले चले जाते हैं। और गांव में पहुंचकर एक के घर में।

अंदर उसे छोड़ देते हैं।

और वहां से! मंदिर की ओर वह वापस आ जाते हैं। मंदिर पहुंचने पर।

केवल दो ही दोस्त वहां पर एक दूसरे को देखते हैं। और आपस में एक दूसरे से पूछते हैं।

कि हमारा तीसरा दोस्त पीछे कहां रह गया?

इस पर वह कहता है कहीं ऐसा तो नहीं वह उस लड़की के साथ। उसी गांव में रुक गया। कितना अधिक नालायक है वह? मुझे लग ही रहा था कि वह औरत देखकर फिसल जाएगा।

पर हमें क्या करना है हमें तो अपनी रक्षा करनी है।

और इस प्रकार वह! उस मंदिर में एक रात और बिताते हैं।

सुबह होते ही वह अपने गांव में जाते हैं तो एक और भयानक घटना सुनने को मिलती है। और वह घटना यह थी।

एक बार फिर से एक और मौत गांव में हो चुकी थी। और वह मौत थी उनके ही एक दूसरे साथी की। आखिर उनका दूसरा साथी मरा कैसे?

यह उनके लिए रहस्यमई बात थी।

वह तुरंत उसके घर पर पहुंचते हैं जहां लोगों का तांता लगा हुआ था। वह कहते हैं कि यहां पर एक औरत भी थी।

पर गांव वाले कहते हैं यहां कोई औरत आई ही नहीं।

आखिर! वह औरत कौन थी? अंदर जाकर देखते हैं तो वहां उस औरतों के कपड़े पड़े मिलते हैं।

इसके अलावा औरत का कोई नामोनिशान नहीं था। आखिर रात को वहां पर क्या हुआ था इसके बारे में मैं आपको अगले भाग में बताऊंगा।

नमस्कार गुरु जी!

संदेश – यहां पर देखे हैं इन्होंने गांव में घटित इस घटना के बारे में बताया है और कैसे उनके एक दोस्त की मृत्यु हुई और फिर दूसरे की भी हो गई। आगे क्या होगा अगले पत्र में हम को प्राप्त होगा तब तक के लिए आप करिये इंतजार! आप सभी का दिन मंगलमय हो धन्यवाद!

दिवाली की रात की भयानक गलती 3 अंतिम भाग

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