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दुर्गा बीसा यंत्र साधना

दुर्गा बीसा यंत्र साधना

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। दर्शकों की मांग पर आज मैं आप लोगों के लिए माता भगवती दुर्गा का बीसा यंत्र साधना के विषय में जानकारी लेकर आया हूं। कैसा है यह यंत्र और क्या-क्या इसके फायदे हैं इसके विषय में आज हम लोग बात करेंगे। जैसा कि हम किसी भी यंत्र के विषय में यह जानते हैं कि यंत्रों के माध्यम से देवी और देवताओं को आकर्षित किया जा सकता है। इसी में मां दुर्गा का बीसा यंत्र बहुत ही शक्तिशाली माना जाता है और कहते हैं। यदि इसकी संपूर्ण सिद्धि हो जाए तो इंसान को धन, वैभव, सुख, समृद्धि, अनेक प्रकार के कष्ट और रोगों को दूर करने वाला इसे माना जाता है। कहते बीसा यंत्र की सिद्धि कर यदि प्रतिदिन पूजा पाठ किया जाए तो मां दुर्गा स्वयं उसकी रक्षा करती हैं। इस यंत्र को शक्तिपुंज के रूप में भी हम जानते हैं। इसमें शक्तियों का भंडार माना जाता है। यंत्र में देवी मां का मंत्र ओम दुम दुम दुम दुर्गाय नमः यह लिखा रहता है और यह सिद्ध होता है। आप इसे सिद्ध करने के लिए कैसे प्रयोग करेंगे और किस प्रकार इसका वर्णन हमें शास्त्रों में मिलता है। यही हम आज जानते हैं?

तंत्र शास्त्र में बीसा यंत्र का उल्लेख कई स्वरूपों में मिलता है। वहां पर इसे धन, समृद्धि, वैभव की प्राप्ति, तनाव या कष्ट दूर करने के लिए विपदाओं से बचने के लिए रोग और व्याधियों से मुक्ति की प्राप्ति के लिए इनका प्रयोग शास्त्र विधि से शुभ मुहूर्त में अभिमंत्रित कर पूजा अर्चना के द्वारा किया जाता है। इस यंत्र को हम रवि रवि पुष्य, गुरु पुष्य, नवरात्रि, धनतेरस दीपावली सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय।

इसको प्रयोग करना या सिद्ध करना चाहिए। इसे कैसे प्रयोग किया जाता है? इसमें आप किसी भी इनमें से शुभ मुहूर्त के समय।

अनार की डाली जो है, उसको तोड़कर लाएं। फिर पत्थर पर घिसकर उससे कलम तैयार करनी चाहिए। इसी यंत्र को भोजपत्र पर जो कि आपको। किसी भी पंसारी की दुकान पर उपलब्ध हो जाएगा। अगर आपको किसी कारणवश भोजपत्र उपलब्ध नहीं हो पाता है तो किसी कोरे कागज पर अष्टगंध की स्याही से इसका प्रयोग करना चाहिए। अब कई लोग कहेंगे कि अष्टगंध क्या होता है? तो देखिए केसर कस्तूरी, गोरोचन, लाल चंदन, सफेद चंदन, कपूर, अगर तगर और कुमकुम को मिलाकर जो स्याही बनाई गई हो उसे हम अष्टगंध की स्याही कहते हैं। अगर यह भी आपके पास उपलब्ध ना हो पाए, तब क्या करेंगे कि आप केसर की स्याही से भी इससे लिखकर बना सकते हैं?

इस संयंत्र का विधिवत पूजन कर मंत्रोच्चारण के साथ। फिर माता भगवती दुर्गा का ध्यान करें। और कार्य सिद्धि और विपत्ति निवारण के लिए इसका प्रयोग करें बीसा यंत्रों की आकृतियां।

अलग-अलग तरीकों से कार्य करती हैं। धन संपत्ति व्यापार में सफलता निरंतर उन्नति के लिए बीसा यंत्र को अपने कार्य स्थान यह जहां पर भी आप बिजनेस करते हैं, पढ़ाई करते हैं। या कोई व्यापार करते हैं वहां पर आप एक करना चाहिए।

इसमें आप विभिन्न प्रकार के शुभ मुहूर्त ओं का इस्तेमाल कर सकते हैं। दीपावली के समय इसका प्रयोग विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। कैसे करेंगे इसके विषय में भी जान लेते हैं। दीपावली के पूर्व आने वाले पुष्य नक्षत्र में धनतेरस पर या दीपावली के दिन लाभ के चौघड़िए में घर में या पूजा गृह में। विशेष मंदिर पर दुकान में या व्यापार के स्थान पर ईशान कोण की पश्चिम मुखी दीवार पर।

वहां पर आपको इसे शुद्ध घी और सिंदूर से अंकित करना चाहिए। इससे सुख समृद्धि एवं वैभव बना रहता है। उसी शुभ मुहूर्त में ओम्‌ हीं हीं श्रीं श्रीं क्रीं क्रीं स्थिरां ओम्‌ को इस मंत्र का। 11 बार जाप करें। साथ में लक्ष्मी माता एवं गणेश जी का अष्टकम स्तोत्र का पाठ भी करें। इसके साथ-साथ माता लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन भी करें तो अति उत्तम यह प्रयोग माना जाता है। समस्या तनाव विपत्ति दूर करने के लिए शत्रु नाश के लिए बीसा यंत्र को विधिवत तैयार करके पूजा और आराधना करनी चाहिए। इसके साथ ही मां दुर्गा के विभिन्न दुर्गा स्त्रोतों का अवश्य ही पाठ करना चाहिए ताकि माता की विशेष कृपा अवश्य प्राप्त हो। यंत्र जागृत रहे इसके अलावा आप जब भी ग्रहण काल पड़े तो इस यंत्र को विधिवत पूजा उस वक्त अवश्य करें ताकि ऊर्जा बनी रहे के अलावा यंत्र संबंधित कुछ बातें अवश्य जान लीजिए। पहली बात है यंत्र को किसी को छूने से बचाना चाहिए। कहीं पर भी जहां अपने यंत्र को स्थापित किया है उस स्थान पर कोई जाकर उसे अपने हाथ की उंगलियों से ना छुएं। आपके अतिरिक्त कोई यह कार्य ना करें। इसके अलावा आप भी अपने हाथ धोकर यह साफ करके ही उस यंत्र को छुएं। हमेशा यंत्र का पूजन करके ही व्यापार संबंधी या दुकान का कोई भी कार्य शुरू करें। इसके लिए अगर आपको अधिक जानकारी नहीं है तो भी संक्षिप्त में केवल उसके आगे।

धूप, दीप, अगरबत्ती इत्यादि जला करके उसका मन ही मन मंत्र जाप करते हुए प्रणाम करें और उस स्वरूप में माता को देखें कि इस बीसा यंत्र के माध्यम से माता अपना प्रकाश फैला रही है। जब आप इस प्रकार मन में कल्पना करते हैं तो बीसा यंत्र अधिक शक्ति से कार्य करता है। इस प्रकार आप बीसा यंत्र का फायदा उठा सकते हैं। यंत्र का पूजन करना हो तो उस पर धूप दीप पंचोपचार तरीके से पूजन करना चाहिए और यंत्र को जागृत करते वक्त देवी अथर्वशीर्ष का पाठ अवश्य करें ताकि यंत्र पूरी तरह जाग जाए तो यह था माता के चमत्कारी बीसा यंत्र की साधना और इसका विधान। अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें, आपका दिन मंगलमय हो धन्यवाद।

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