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नरसिंह देवी की राजसिक साधना

नमस्कार दोस्तो धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत करता हूं आज मैं आप लोगों के लिए लेकर आया हूं नरसिंही देवी की राजसिक साधना । नरसिंह देव को तो सभी जानते हैं वह भगवान विष्णु का अवतार है पर आज हम आप लोगों लेकर आए हैं उन्हीं की शक्ति जिनका देवी स्वरूप। जैसा कि सभी देवताओ कि शक्तियां का स्वरुप एक देवी होती है जैसे नरसिंह देव की साधना की जाती है उसी प्रकार अभी नरसिंह देवी की साधना है यह उनसे ज्यादा प्रचंड और शक्तिशाली उग्र साधना है । नरसिंह देवी अत्यधिक शक्तिशाली है क्योंकि जिस भी देवता की शक्ति का जो रुप देवी शक्ति में आते हैं तो वह अत्यंत ही शक्तिशाली और खतरनाक हो जाती है उसी प्रकार यह नरसिंह देवी की साधना है ।

देवी जब महिषासुर का वध कर रही थी तब उनके बहुत सारे रुप प्रकट हुए थे, उस समय देवताओं ने अपनी शक्ति देवी मां को समर्पित की थी उस समय भगवान नरसिंह ने अपनी शक्ति के रूप में उन्हें देवी नरसिंही दी थी । इनकी साधना आप नरसिंह जयंती पर भी कर सकते हैं और किसी भी रविवार की रात्रि को भी कर सकते हैं । इनकी साधना  इसलिए कि जाती है ताकि आप अत्यधिक बलवान और शक्तिशाली हो जाएं । आपको किसी भी बात का डर ना लगे आप खुद पर विश्वास रख सकें इसलिए ईनकी साधना की जाती है । जिस प्रकार भगवान नरसिंह की साधना की जाती है उसी तरह देवी नरसिंही की भी साधना की जाती है यह उन्हीं के शक्ति है देवताओं को प्रसन्न करना मुश्किल है पर देवियों को नहीं देवी स्वरूप में शक्तियों का नाम लेने पर आवाहन करने पर वह आती और अपने कार्यों का संपादन निश्चित रूप से करती हैं तो चलिए जानते हैं कि इनकी साधना में क्या-क्या चीजें लगेंगी।

इनकी साधना के लिए आपके पास नरसिंह  यंत्र होना चाहिए और काले हकीक कि माला का होना भी आवश्यक है कपड़े आपके काले होंगे और आपका मुंह दक्षिण दिशा की तरफ होगा और अगर आप इस साधना को श्मशान में करेंगे तो और भी प्रचंड रुप से देवि प्रकट होंगी । आप बैठने के लिए काले कंबल को ले सकते हैं या फिर काले भेड़ की खाल का भी आप इस में  उपयोग कर सकते हैं । पुराने समय में लोग भी यही करते थे अगर आप साधना के समय मैं डरते हैं या फिर आपको भय लगता है और आप अपने आप को आत्म विश्वास बनाना चाहते हैं  तो यह साधना आपके लिए उचित है । इस साधना को करने के बाद इंसान शेर की तरह हो जाता है यानि कि वह किसी भी बात से घबराता नहीं है अपने अंदर आत्मविश्वास भर लेता है कोई भी काम को कर लेने की छमता रखता है और बिना किसी संकोच के कर लेता है । कोई भी काम वह जो भी काम करेगा उसमे उसको सफलता निश्चित रूप से मिलेगी इसलिए इस साधना को बहुत ही अच्छा माना जाता है जैसा कि मैंने बताया है कि अगर आप यह साधना नरसिंह जयंती से शुरु करेंगे तो बहुत ही शुभ होगा और अगर आप ऐसा नहीं कर पाते तो किसी भी रविवार की रात्रि से शुरु कर सकते हैं एक सही समय होता है साधना के लिए। इनके मँत्र की ऋषि ब्रहमा जी और इनका विनियोग इस प्रकार से पढ़ा जाएगा ।।

विनियोग : ॐ अस्य श्री नृसिंह देवी मृत्रस्य  ब्रम्हर्षि अनुष्टछन्द सुरासूर नमसकुत नृसिंह देवी देवतायै सर्वष्ट सिद्धि सर्व विनियोग।। 

यानी कि यह बोलकर आप जल को अपने हाथ में और उस जल को जमीन पर गिरा देंगे। जल गिराने का मतलब है कि आप अभी इस साधना के लिए तैयार है इसके बाद आप इनका ध्यान करके चौकी पर लाल वस्त्रों बिछाकर अपने गुरु का पूजन करेंगे और अपने गुरमुख से इस मंत्र को लेंगे, क्योंकि कोई भी मंत्र अगर गुरु के मुंह से मिला हो तो वह अत्यंत ही शक्तिशाली और प्रभाव कार्यों सिद्ध होते हैं क्योंकि प्रचंड साधनाओं में गुरु आज्ञा अनिवार्य होती है । आप यंत्र को चित्र को स्नान करा कर उनको तिलक लगाकर उनका पूजन करके उनका ध्यान करके आज्ञा लेंगे और गुरु से प्रार्थना करेंगे कि मेरी साधना को सफल बनाएं गुरु प्रार्थना मंत्र इस प्रकार से है। 

गुरु प्राथना मंत्र:  गुरु ब्रहमा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परम ब्रम्ह तस्मै श्री गुरुवे नम।।

उसके बाद आप अपने गुरुद्वारा मिले हुए गुरु मंत्र का एक माला जाप करेंगे उसके बाद जो नरसिंह  देवी का जो यंत्र है उसकी प्राण प्रतिष्ठा करके चौकी पर स्थापित करेंगे उसके बाद आप इसकी पूजा कीजिए स्थापना करके और फिर आप अपनी साधना शुरू कर सकते हैं । उसके बाद आप एक दीपक जला लेंगे गाय के घी का। जब तक आप की साधना चलेगी तब तक आपका दीपक जलते रहना चाहिए बूझना नहीं चाहिए आपका दीपक साधना के बीच में इस बात आपको विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए उसके बाद आप यंत्र पर लौंग चढ़ाते हुए एक एक मंत्र पढ़ते जाएंगे इस प्रकार से। 

ॐ वम वजराय नम स्वाहा।।  ॐ शं शक्तयै नमः स्वाहा।। ॐ दं दणाय् नमः स्वाहा।।  ॐ धं धंगायै नमः स्वाहा।। ॐ कम पाशायै नमः स्वाहा।।ॐ अं अकुशाय नम स्वाहा।। ॐ गं गदायै नम स्वाहा।। ॐ त्रीं त्रिशुलायै नम: स्वाहा।। ॐ पं पद्मायै नमः स्वाहा।। ॐ चं  चकराय नम स्वाहा।। 

ऐसा करते हुए आप एक एक करके दस लॉग यंत्र पर चढ़ा देंगे उसके बाद नरसिंह देवी के मूल मंत्र जिसको आप देवी रूप में यहां स्थापित करेंगे उस मंत्र की 21 माला जाप करने होगी । आपको आपकी यह साधना 21 दिनों की होगी । उसके बाद जब आपको कभी भी इसका प्रयोग करना होगा तब आप क्या करेंगे यानि आप अपने सामने दो साबुत मछली रख लेंगे और उसका पेट फाड़ कर साफ कर लेंगे । उसके बाद गोबर  के कंडे पर गुगल जला देगे और ईस मछली की आहुति देंगे और अधिक से अधिक इस मंत्र  का जाप करेंगे ।

आप सूर्योदय तक इस मंत्र का जाप करेंगे इस प्रकार आपको 21 दिन तक करना है और थकने पर भी साधना नहीं छोड़नी है ना ही आसन पर से उठना और उसके बाद 22 वे दिन में आप अपनी साधना की सारी चीजें माला यंत्र जो भी कुछ होगा बचा हुआ आप उसको एक पोटली में बांधकर दक्षिण दिशा की ओर ले जाकर किसी सुनसान जगह पर एक गड्ढा खोद कर उसी के अंदर दबा दीजिए और उसके बाद चले आओ और पीछे मुड़कर मत देखिए ।  जो इनका मूल मंत्र है और मैं आपको यहां पर दे रहा हूं –

नरसिंह देवीमंत्र –
ॐ उग्रं वीरं देवी महाविष्णुं रूपं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम् I
नृसिंही भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम् II
ॐ नृम नृम नृम नर सिंह देव्ये नमः

अगर आप सात्विक साधना करते हैं तो पहले से सोच लीजिएगा क्योंकि इसमें आपको मछली से हवन वगेरा करना होगा तो जब भी आपको अपना काम करवाना होगा एक किस दिन की साधना के बाद हवन करने के बाद अगर आप अपना कोई भी काम करवाना चाहते हैं तो आपको जो भी काम करवाना हो उसका एक घंटे तक अपने मन में सोचते हुए मंत्र का जाप करें उसके बाद मछली को उसी प्रकार से आहुति देनी होगी । हवन में जैसा कि आपने पहले किया था उसी प्रकार से करना होगा उसके बाद आपकी सभी चीजो को एक निर्जन जंगल या फिर सुनसान जगह पर ले जाकर रख देना है और अगर आपको पीछे से कोई भी आवाज दे या आपको कुछ भी महसूस  हो तो फिर भी आपको पलट कर पीछे नहीं देखना है और घर चले आना है ।

आपका वह काम निश्चित रूप से संपन्न कर देंगी देवी नरसिंही, अगर आपने जंगल में रखा है और आपकी मछली को शेर खा गया तो आपका काम होने से कोई भी नहीं रोक सकता मंत्र वही रखें बाकि आप अपना मंत्रों का जाप करते रहे घर पर चाहे तो आप सात्विक साधना कर सकते हैं पर जब आपको अपना कोई काम करवाना होगा तो आपको दो मछली की जरूरत होगी और उसका पेट काटकर गोबर के कंडे पर सुलगाकर जंगल में रखकर आ जाना है मंत्र का जाप करते हुए। अगर आप लंबे समय तक इसी  के मंत्रों का जाप करते रहें तो आपको इन की सिद्धि भी हो जाएगी हो सकता है क्या आपको सपने में दर्शन भी दे दे जैसा कि नरसिंह देव पुरुष के रूप में होते हैं वैसे ही नरसिंही देवी स्त्री के रूप में दिखाई देंगी । बस इनका मुंह के शेर का होता है और इनका पूरा शरीर एक औरत की तरह होगा, जैसा कि एक स्त्री का शरीर दिखाई देता है अगर आपको यह साधना पसंद आई हो तो धन्यवाद।।

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