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नवरात्रि में चुड़ैल का हमला

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज जो हम अनुभव लेने जा रहे हैं, यह अनुभव नवरात्रि में चुड़ैल दिखने से संबंधित है। आखिर कैसे नवरात्रि में चुड़ैल दिख सकती है। इस अनुभव के माध्यम से हम लोग जानेंगे तो चलिए पढ़ते हैं। इनके पत्र को और जानते हैं कि क्या है यह अनुभव?

नमस्कार गुरु जी! मेरे दादाजी!

के गुरु एक अघोरी थे। अघोरी गुरु उस जमाने में मिलना आसान बात नहीं हुआ करती थी। लेकिन जो जिसे मानता था उसके प्रति पूरी तरह से समर्पित भी रहता था।

मेरा यह अनुभव पूरी तरह सत्य है और यह परंपरा के माध्यम से मुझे पता चला है। गुरु जी, यह कहीं और प्रकाशित नहीं किया गया है और ना ही किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी मैं लेता हूं। अब मैं अपने इस अनुभव के विषय में आपको बताता हूं। गुरु जी यह मेरे दादाजी की कहानी है। मेरे दादाजी के एक! लौकिक और बहुत ही सिद्ध! अघोरी गुरु थे।

उनके पास अधिकतर मेरे दादाजी जाया करते थे। जीवन की परेशानियां लेकर के साथ ही साथ। अन्य प्रकार के मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए।

एक बार वो नवरात्रि पर उनके पास गए थे। तब बात ही बात में अचानक से मेरे दादाजी ने उनसे पूछा। क्या सच में? भूत प्रेत चुड़ैल होती है। इस पर?

अघोरी गुरु ने कहा, हां, यह पूरी तरह सत्य बात है और हम अघोरियों का तो इनसे विशेष तरह का संबंध है। हम इनसे अपना संपर्क बहुत ही आसानी से स्थापित कर लेते हैं।

इन बातों के कौतूहल में आने पर मेरे दादाजी ने कहा, क्या आप मुझे चुड़ैल दिखा सकते हैं? इस पर अघोरी बाबा ने कहा। देखना और। उसके साथ जुड़ना दो अलग बातें हैं। पर इन चीजों से। तुम जैसे सांसारिक लोग दूर ही रहो तो ज्यादा अच्छा है क्योंकि अगर तुमने कोई लापरवाही की तो तुम्हारी जान पर भी बन सकती है। लेकिन अगर तुम्हारे में दृढ़ संकल्प हो तो अवश्य ही तुम ऐसी चीजों से जुड़ कर अपना फायदा भी उठा सकते हो?

मेरे दादाजी ने कहा। बाबा! मैं सिर्फ देखना चाहता हूं।

मुझे क्या करना है इन सब से जुड़ कर। लेकिन मन में एक! संदेह रहता है कि क्या सच में यह चीजें मौजूद भी है?

और आजकल तो नवरात्रि चल रही है।

ऐसे में यह चीजें तो और भी अधिक नहीं दिखेंगे।

इसीलिए इस दौरान अगर मैं देखूं तो मुझे पूरा यकीन हो जाएगा कि ऐसी शक्तियां होती है।

उन बाबा जी ने कहा, तुम्हें इतना अधिक सोचने की आवश्यकता नहीं है? नवरात्रि! किसी तांत्रिक सिद्धि को प्राप्त करने के लिए सबसे अच्छा समय होता है। इसलिए ऐसी चीजों को बड़ी ही आसानी से इसी दौरान देखा जा सकता है।

ठीक है अगर तुम अपनी बात पर अड़े हो? और डरकर भागोगे नहीं तो मैं तुम्हें अवश्य ही चुड़ैल दिखा सकता हूं। इस पर मेरे दादाजी ने कहा, गुरु जी जब आप साथ में है तो मुझे डर कैसा? आपने मेरी जिंदगी की बहुत सारी समस्याओं को हल किया है। यह तो सिर्फ चुड़ैल देखना है।

और चुड़ैल तो?

एक दिमागी उपज भी हो सकती है। लोग जिन चीजों का बहन बना लेते हैं, उन्हें सत्य मानने लगते हैं।

इस पर बाबा ने हंसते हुए कहा। ठीक है तुम आज की दुनिया के व्यक्ति हो, लेकिन यह मत भूलो कि इस दुनिया से परे भी बहुत सारी छिपी हुई दुनिया है। यह दुनिया किसी के सामने प्रकट नहीं होती।

जब तक कि आप जबरजस्ती?

इन्हें देखने की कोशिश ना करें या फिर इनके? जीवन में घुसने की कोशिश ना करें।

इसलिए अब तुम तैयार हो जाओ। मैं तुम्हें अवश्य ही चुड़ैल दिखाऊंगा।

लेकिन एक बात के लिए मैं तुम्हें सावधान कर देना चाहता हूं।

किसी प्रकार से चुड़ैल के मोह जाल में मत आना। क्योंकि ऐसा होने पर तुम्हारी जिंदगी खतरे में पड़ सकती है। मेरे दादा जी तैयार हो गए और उन्होंने कहा, आप इसी नवरात्रि में मुझे चुड़ैल दिखाइए।

अघोरी गुरु ने कहा, ठीक है आज रात 11:30 बजे। तुम मेरे साथ पास के ही श्मशान में चलना। और वहां मैं जो कहूं वही करना। इस प्रकार से दोनों लोग रात्रि को उस श्मशान में उपस्थित हो गए। शमशान के पास में ही।

समुंदर की लहरें भी आती थी। क्योंकि वह समंदर से जुड़ी हुई जगह थी। इसलिए वह जगह और भी अधिक डरावनी और खतरनाक थी।

अघोरी गुरु ने कहा। मैं तुम्हें एक मंत्र बताता हूं। इस मंत्र का जाप करते हुए इस पूरे शमशान के चक्कर लगाओ। और अगर कोई तुम्हें बुलाए। तो उसके पीछे मत जाना। कुछ ही देर में तुम्हें सब कुछ दिख जाएगा और समझ में भी आ जाएगा।

मेरे दादाजी ने कहा, ठीक है गुरु जी आज तो मैं भूत देखकर ही जाऊंगा। क्योंकि आज मेरी इच्छा पूरी हो जाएगी कि सच में दूसरी दुनिया की कोई चीज है, होती भी है या नहीं?

इस प्रकार से अघोरी बाबा ने मेरे दादाजी को एक गोपनीय मंत्र दिया। अघोरी बाबा एक किनारे बैठ गए। और अपने ध्यान और पूजन में लग गए। उन्होंने कहा, अगर कोई खतरा महसूस हो तो दिल से मुझे पुकार लेना। मैं तुम्हारी मदद के लिए तुरंत ही वहां पर प्रकट हो जाऊंगा।

क्योंकि मैं तुमसे जुड़ा हुआ हूँ ।

इस प्रकार मेरे दादा जी तैयार हो गए उस मंत्र का जाप करने के लिए। कुछ श्मशान भूमि में वह मंत्र जाप करते हुए आगे बढ़ने लगे। क्योंकि बाबा ने कहा था कि पूरे क्षण क्षण भर में मंत्र जाप करते हुए चक्कर लगाते रहना। थोड़ी देर बाद अचानक से ही एक लड़की पानी में।

नहाती हुई उन्हें नजर आई। बोल जोर जोर से कह रही थी। आओ आओ मेरे साथ खेलो!

लेकिन मेरे दादाजी ने सोचा कि कोई लड़की है जो रात को इस तरह शरारत करने आई है। उन्होंने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया और मंत्र जाप करते हुए उसे श्मशान में पहनने लगे। समंदर के किनारे वह नहाते नहाते अचानक से जोर से चिल्लाने लगी।

उसने कहा बचा लो, मुझे बचा लो मुझे। मैं डूब रही हूं। अचानक से मेरे दादाजी को ऐसा लगा कि? कोई लड़की मर जाएगी इसलिए उसकी रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने मंत्र जपना छोड़कर उसकी ओर दौड़ लगा दी।

देखते ही देखते वह लड़की पानी के अंदर। चली गई। मेरे दादा को लगा कि शायद वह मर जाएगी। और वह पानी में डूब रही है। इसलिए उन्होंने समुंदर में छलांग लगा दी। वह काफी देर पानी में उसे ढूंढते रहे।

अचानक से वह उन्हें पानी के अंदर दिखाई दी। और उसने इनके पैर पकड़ लिए। यह पूरी कोशिश करने लगे। किसी प्रकार उसके चंगुल से बाहर निकलकर सांस ले पाए। लेकिन उसने  कसके पकड़ लिया था? मेरे दादा जी को उनकी मृत्यु दिखाई देने लगी। उन्होंने अब अपने इन अघोरी गुरु को चोरी जोर से मन से याद करना शुरू कर दिया।

इस प्रकार उस लड़की ने अब भयानक रूप अपना दिखाया और कहने लगी। तुझे मैं अपने साथ ले जाऊंगी। इतना भयानक रूप देखकर मेरे दादाजी दंग रह गए थे। पर उन्होंने निर्देश से। अपने अघोरी गुरु को याद करना शुरू कर दिया। तभी वहां पर अघोरी गुरु प्रकट हुए और उन्होंने अपनी चमत्कारी प्रहार से उस चुड़ैल से उनके। शरीर के अंग छुड़वाए।

और आखिरकार यह ऊपर किसी प्रकार आ गए। इतना अधिक थक चुके थे कि समुंदर के पानी में ही।

वहीं पर पड़े रह गए।

थोड़ी देर बाद मेरे दादा के उन! तांत्रिक गुरु का वहां पर आना हुआ। और उन्होंने इन्हें उठाया और कहा, क्या हुआ तो उन्होंने उनके साथ घटित हुई सारी माया के विषय में? उन्हें बताया। और उन्होंने कहा। कि अगर आप नहीं होते तो मेरी रक्षा कोई नहीं करता।

इस पर अघोरी बाबा ने हंसते हुए कहा, मैं तो अपने पूजा पाठ में व्यस्त था। तुम्हारी रक्षा तुम्हारे ही सिद्ध मंत्र ने की है।

और देवताओं ने मेरा रूप धरकर शायद तुम्हारी रक्षा की होगी। क्यों अब समझ में आया कि इस दुनिया के परे भी बहुत सारी दुनिया है? मेरे दादाजी ने हाथ जोड़कर उन अघोरी गुरु को प्रणाम किया और कहा, आपने सच में मुझे सत्य का दर्शन करा दिया है। जब तक व्यक्ति के ऊपर सच्ची मुसीबत नहीं आ जाती तब तक वह किसी भी बात में विश्वास नहीं करता है। यही हाल मेरा था आज मैं उस चुड़ैल से बचा  नवरात्रि की इस रात में। देवी मां के दिए गए आपके छोटे से मंत्र के द्वारा। आप के रुप में आकर किसी देव शक्ति ने मेरी रक्षा की। मैंने यह सब कुछ प्रत्यक्ष देखा। उस चुडेल को भी और अपनी रक्षा करने वाले आपके रूप धारी एक देवदूत को।

इस प्रकार से गुरु जी उस दिन मेरे दादा के प्राण बचे थे। मैं बस यही कहना चाहता हूं कि जीवन में। अविश्वास! उतना कीजिए जो आपके लिए नुकसानदेह ना हो।

लेकिन?

अधिक  अविश्वास और अधिक विश्वास दोनों ही।

बुरी स्थितियों में फंसा देता है।

जैसे कि मेरे दादाजी उस दिन फस गए थे। यह एक सत्य अनुभव है जो मैं अपनी परंपरा में सुनते आ रहा हूं। कृपया मेरा नाम, ईमेल, आईडी इत्यादि गोपनीय रखे। नमस्कार गुरु जी!

संदेश – देखे यहां पर इनके दादा जी को चुड़ैल के साक्षात दर्शन हुए और उसने इन्हें मारने की भी कोशिश की, लेकिन गुरु द्वारा दिए गए मंत्र के कारण ही चमत्कारिक रूप से इनके दादाजी की रक्षा हुई थी। अगर आपको यह अनुभव पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। चैनल को आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

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