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नवरात्री में चुड़ैल का घर आना सच्ची घटना भाग 3

नवरात्री में चुड़ैल का घर आना सच्ची घटना भाग 3

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। अब कहानी को आगे बढ़ाते हुए पढ़ते हैं। इनके पत्र को गुरु जी आप मेरे उन पर दादा के सामने। यह बात स्पष्ट हो चुकी थी कि उन्हें अगर शादी करनी है तो बिना यज्ञ और हवन के करनी होगी तो उन्होंने पूछा, यह तो बताओ कि कम से कम यह शादी घर में होगी या आप इसे घर के बाहर करना चाहती हैं? क्योंकि अगर आप यह शादी घर के बाहर करने के बारे में सोच रहे हैं तो यह मुश्किल होने वाला है। मैं आपको स्पष्ट रूप से बता दूं कि परिवार वालों के सामने ही शादी होगी तो उसने मुस्कुराते हुए कहा ठीक है। इसमें कौन सी बड़ी बात है लेकिन क्योंकि नवरात्रि की अष्टमी को आपके घर में जो पूजन होगा। उस पूजन को ही बस बंद करना है क्योंकि।इस तरह की चीजें शादी। सिर्फ!  उनके आपसी प्रेम और शारीरिक संबंधों को भी जोड़ता है। इसलिए नवरात्रि में ऐसा करना ठीक नहीं है। नवरात्री पूजा इस बार मत कीजिए। उसने कहा, यह तो बड़ी विचित्र बात आप बता रही हो। मैंने कहीं नहीं सुना कि नवरात्रि की पूजा बंद करके इस प्रकार शादी की जाती है। फिर भी मैं पूछ लूंगा अपने बड़े बुजुर्गों से और भाभी से।

इसके बाद मेरे वह दादा जी! अपने पिताजी के पास पहुंचे। उनसे पूछा कि आप बताएं कि क्या इस बार नवरात्रि की पूजा के समय विवाह हो सकता है और अगर विवाह हो सकता है तो क्या? करूं और इस बार नवरात्रि की पूजन ना की जाए। परिवार के बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा, यह तो बड़ी अजीब सी बात है। नवरात्रि पूजन तो अवश्य ही करना चाहिए। वैसे भी शादी के समय गौरी पूजन तो होता ही है। तब यह अलग सी बात का क्या महत्व है?

तब मेरे उन परदादा ने कहा।

मुझे लगता है कि यह लड़की नहीं चाहती कि किसी को भी कुछ पता चले शायद इसीलिए गुपचुप तरीके से शादी करना चाहती है। ठीक है हम लोग ऐसा करेंगे क्योंकि हमारे यहां तो पूजन होता ही है। हम शादी कहीं और करेंगे और फिर वापस घर आ जाएंगे तो इस बात पर रजामंदी हो गई। यह बात जब उस लड़की को बताई गई तो वह खुशी के मारे उछलने लगी। उसने कहा, मैं अब जरूर शादी करूंगी। आपने कौन सा घर चुना है? एक बाहर पुराना आश्रम था अब वहां पर पर साधु जी अकेले रहते हैं। वहीं पर जाकर हम लोग शादी कर लेंगे। यही करना ही ठीक रहेगा क्योंकि जैसी घटनाएं हमारे गांव में हो रही हैं। कहीं किसी अंग्रेज की नजर उन पर गई तो फिर क्या होगा?

हंसने लगी, कहने लगी, कोई बात नहीं, मैं सबको देख लेती हूं। मेरे लिए कोई बड़ी बात नहीं है। अंग्रेज क्या है तब यह भी हंसने लगा और इस प्रकार शादी की तैयारियां होने लगी।

अब सभी लोग उस स्थान पर पहुंच गए। शादी वाले दिन सबके मन में बड़ा ही कौतूहल था। तैयार थे कि आज शादी कर ली जाएगी शादी इसके अलावा कोई और नहीं। तब उसने कहा ठीक है, मैं आपसे गंधर्व विवाह करूंगी। तब उसने एक बार फिर साधु महाराज से पूछा, क्या हम लोग गंधर्व विवाह कर सकते हैं? उन्होंने कहा, ठीक है, कोई बात नहीं। अगर आप लोग हवन या अग्नि के सात फेरे के माध्यम से शादी नहीं करना चाहते हैं तो भी आप माताजी का सिंदूर इन्हें लगा दीजिएगा। तब मेरे परदादा ने कहा, ठीक है। अरे अरे एक बात के लिए रुको!

मैंने सुना है कि अगर! कुंवारी लड़की को सिंदूर रात में लगाया जाए तो अपशकुन होता है। इसलिए मेरी एक शर्त है जब आप मुझे सिंदूर लगाएंगे तब आप मुझे नहीं देखेंगे तो मेरे परदादा ऐसी फिर से विचित्र शर्त को सुनकर बड़ा ही अचरज से उससे पूछा। ऐसा क्या है अरे जब पत्नी की मांग भरी जाएगी तो पति तो अवश्य ही उसे देखेगा क्योंकि उसी के बाद तो वह उसकी बन जाती है तो वह कहने लगी नहीं, पर मेरी शर्त है कि आप मुझे उस वक्त नहीं देखेंगे। तब उसने कहा ठीक है तुम्हारी हर बात मानने को तैयार हूं। उस उस वक्त उस वक्त उस वक्त जब सिंदूर लगा लूंगा, मैं सिर्फ नीचे देख लूंगा।

तो उसने कहा ठीक है और बाकी कोई भी मुझे उस वक्त ना देखें। तो? इस बात पर भी दादा जी मान गए। उन्होंने कहा, ठीक है कोई बात नहीं। मैं इस बात के लिए भी तैयार हूं। मैं जा कर यह बात परिवार वालों को बता देता हूं।

तब उन्होंने कहा ठीक है आप बता दीजिए, लेकिन आपको एक बात और माननी होगी जो बातें हमारे बीच शर्त के रूप में हैं। इनका पालन सबको करना पड़ेगा। तब उसने कहा, ठीक है कोई बात नहीं। अब मेरे वह दादाजी परिवार के अन्य सदस्यों के पास जाकर उन्हें सारी शर्त बता दिए लेकिन मेरे!

भाभी! उन्होंने मन में कुछ सोच लिया। उन्होंने सोचा भले ही बाकी लोग वहां पर उपस्थित ना हो और विवाह ना देखें। पर मैं तो चुप के अवश्य ही देखूंगी। यह बहुत जरूरी है। अगर मैंने देख लिया तभी मेरी आंखों को चैन पड़ेगा कि आखिर ऐसी शर्ते यह लड़की क्यों देती जा रही है। अंदर रात्रि का समय होने पर वह लड़की और मेरे वह परदादा अंदर चले गए। अरे! माला पहनाई एक दूसरे की अंगूठियां एक दूसरे को पहना दी और सच्चे हृदय से एक दूसरे को स्वीकार कर लिया और वह क्षण आ गया। जब मांग में सिंदूर भरना था तो माताजी का सिंदूर ला कर उन्होंने उसके माथे में लगाना शुरू कर दिया और आंखें नीचे उन्होंने एक विचित्र बात देखी। सिंदूर लगाते ही वहां पर अजीब सी आवाजें आने लगी थी और क्योंकि उनका सिर नीचे था तो उन्होंने अपनी पत्नी के सुंदर पैरों को देखना शुरू किया था। लेकिन वहां पर केवल उनका लहंगा दिखाई दे रहा था जो पूरा ढक दे रहा था पैरों को। यह सोच कर! कि कम से कम अपनी पत्नी के सुंदर पैर तो देख लूंगा। अपनी इच्छा पूरी नहीं कर पाए।

लेकिन तभी! एक कोने से छिपकर भाभी वहां से देख रही थी। और वह बड़ी जोर से चिल्लाई। जैसे कि कुछ हो गया हो अचानक से इस प्रकार तेजी से आवाज सुनकर। सारे रिश्तेदार उस कमरे की ओर भागे जहां पर उस कन्या को मेरे परदादा सिंदूर लगा रहे थे। इस प्रकार वहां सभी पहुंच गए। भाभी बेहोश जमीन पर गिरी हुई थी। किसी को समझ में नहीं आया कि आखिर यह बेहोश क्यों हो गई है?

पर कुछ अंग्रेज लोग अपने घोड़ों पर सवार होकर आते हुए नजर आए। यह देखकर परिवार वाले घबरा गए और सभी छिपने का प्रयास करने लगे। एक अंग्रेज की नजर इस नव विवाहिता स्त्री पर पड़ गई थी जो कि बहुत ज्यादा सुंदर दिखाई पड़ रही थी। अंग्रेजों ने एक दूसरे को इशारा करते हुए कहा की? यह सुहागरात हम लोग बनाएंगे और बड़ी तेजी से वह इस लड़की की तरफ दौड़े। रास्ते में परिवार के लोगों ने इन्हें रोकने के लिए बहुत कोशिशें की, लेकिन उनकी चाबुक के आगे किसी की कोई ना चली। सभी को बेरहमी से पीटा गया और आखिरकार उस लड़की को उठा लिया गया।

यह देखकर मेरे परदादा बहुत विचलित हो गए। उन्हें भी अंग्रेजों ने बहुत जोरदार चाबुक मारे थे। उनसे तो उठा ही नहीं जा रहा था। कैसे वह अपनी पत्नी की रक्षा कर पाते? कैसे उसकी तरफ दौड़ते इसलिए किसी प्रकार वह उठे और उन्होंने अंग्रेजों की कोठी जाने का निर्णय लिया। परिवार के अन्य पुरुष भी वहां पर इकट्ठे हो गए। आखिरकार किसी भी हालत में आज हमें अंग्रेजों से अपनी इज्जत बचाने ही होगी।

ऐसा कब तक चलेगा अंग्रेज अपनी मनमानी करते हैं? मेरे वह परदादा तो आग बबूला हो रहे थे।

क्योंकि वह इस बात को बर्दाश्त नहीं कर सकते थे कि कोई उनकी पत्नी के साथ ऐसा कर सकता है। उन्हें अपनी पत्नी की जान की बड़ी चिंता थी और इज्जत तो वैसे भी अंग्रेज लूट ही लेते हैं।

इसलिए इन सब ने अपनी अपनी तलवारे निकाली और चल दिए। अंग्रेजों की कोठी की ओर वह भी बड़ी तेजी के साथ। सभी दौड़ते हुए उस ओर जा रहे थे कि हमें किसी भी प्रकार से अंग्रेजों को जरूर मार देना होगा। इसके अलावा कोई और चारा नहीं है। अब उनके साथ कुछ गांव वाले भी हो गए क्योंकि बात फैलने में देर नहीं लगती है। मेरे परदादा को इस बात की चिंता थी कि अंग्रेज उनकी पत्नी के साथ कितना दुर्व्यवहार करेंगे। उन्होंने जो गहना  पहना  वह भी लूट  लिया जाएगा साथ में अगर! लड़की ने विरोध किया तो उसका कत्ल भी कर दिया जाएगा। इस वजह से उनके मन में बहुत ज्यादा डर भी था।

सब ने चुपचाप वहां पहुंचना जारी रखा। जंगल पार करके अंग्रेजों की कोठी नजर आ गई। जहां शराब की बोतलें अंग्रेज इस तरह पी रहे थे जैसे उन्हें आनंद आने वाला है। तभी चुपचाप पीछे के रास्ते से खिड़की तक पहुंचकर मेरे परदादा ने देखा। अंदर वह लड़की यानी जिसके साथ उनका विवाह होने वाला था, बंधी हुई पड़ी थी। लेकिन अभी तक उसके साथ कुछ गलत नहीं किया गया था। अंग्रेज नीचे समूह में शराब पी रहे थे।

इसलिए सब ने यह सोचा कि यही मौका है चुपचाप लड़की को छुड़ा लिया जाए। अगर अंग्रेजों से लड़ाई तलवारों के आगे बंदूक और बंदूक जब चलती है तो तलवार कहीं काम नहीं आती। इसीलिए अंग्रेजों से लड़ाई करना मूर्खता होगी तो किसी प्रकार सभी एक दूसरे के कंधे पर चढ़ते हुए पीछे से खिड़की के रास्ते अंदर पहुंच गए। उन्होंने लड़की के सारे बंधन खोल दिए कि तभी लड़की बहुत जोर से चिल्लाई चिल्लाने का कारण था। वहां पर? लड़की के ऊपर सांप गिर गया था जिसकी वजह से वह बहुत जोर से चिल्ला पड़ी। जबकि उसे बिल्कुल शांत होकर वहां से निकलना चाहिए था। इतनी तेज आवाज सुनकर अंग्रेज सतर्क हो गए। सभी तेजी के साथ ऊपर के कमरे की ओर दौड़े और वहां देखा तो उसे छुड़ाने के लिए कई सारे पुरुष मौजूद थे। अंग्रेजों ने तुरंत गोलियां बरसाना शुरू कर दिया।

कि लड़की ने सभी को धक्का दिया और तेजी से एक और भागी बाकी लोग खिड़की के रास्ते नीचे उतरने लगे। अंग्रेज कुछ देख नहीं पा रहे थे और अंधाधुंध गोलियां चला रहे थे। यह बात बाकी लोगों को भी समझ में नहीं आ रही थी कि आखिर अंग्रेज बिना देखे गोलियां क्यों चला रहे हैं? वह नीचे गई और मेरे परदादा के पास जाकर उनके गले लग गई और कहने लगी। तुरंत यहां से भागे और उसने गोली चला दी। वह गोली सीधी आकर लगी।

इसके आगे क्या हुआ आगे की घटना में अगले पत्र के माध्यम से गुरु जी आपको बताऊंगा आपका बहुत-बहुत धन्यवाद तो इसके आगे की कहानी हम अगले भाग में जानेंगे। अगर आज का वीडियो आप लोगों को पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें सब्सक्राइब करें आपका दिन मंगलमय हो जय मां पराशक्ति।

नवरात्री में चुड़ैल का घर आना सच्ची घटना भाग 4

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