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नवरात्री में चुड़ैल का घर आना सच्ची घटना भाग 6

नवरात्री में चुड़ैल का घर आना सच्ची घटना भाग 6

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है आज हम चुड़ैल के घर आने वाली सच्ची घटना के अगले भाग के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे तो जैसा कि पिछली बार इनके पत्र में बताया गया था कि जब परदादा को चोट आ गई तो उन्होंने यह बात समझ ली थी यह कार्य अब कोई सरल कार्य बिल्कुल भी नहीं होगा क्योंकि हर एक शक्ति से लड़ने के लिए आप में विशेष तरह की सामर्थ्य होनी चाहिए जो कि यहाँ पर नहीं है इस कारण से अब क्या होगा भगवान जाने उन्होंने आगे उस कार्य को जारी रखा वह चुड़ैल यह बात को समझ चुकी थी की उसके लिए यहाँ प्रबंध किया जा रहा है इसीलिए उसने भी एक युक्ति लगाई उसने घर के सबसे वृद्ध व्यक्ति अर्थात मेरे उसने दूर के रिश्ते के परदादा के पिता जी को ही अपने वशीकरण में ले लिया और और उनसे एक विशेष कार्य करवा दिया उन्हें अपने वश में लेकर एक ऐसा कार्य करवाया जिसके बारे में कोई भी सोच ही नहीं सकता था उसने उन्हें क्रोधित कर दिया उनका क्रोध सातवें आसमान पर था अचानक उन्होंने अपनी पत्नी को पीटा अपने बच्चों को बुरा भरा बोला और सिर्फ इतना कहा की केवल मेरे यह बहू सबसे अच्छी है इसके अलावा सारे लोग मेरे दुश्मन हैं

जो मेरी जिंदगी में काल की तरह आ गये है यह सुनकर सारे लोग स्तब्ध थे उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा है कि आखिर यह सब क्या हो रहा है वह बड़े गुस्से से माता के मंदिर की ओर बढ़ें जो घर में पूजा स्थल के रूप में स्थापित था उन्होंने वह कलश माता की फोटो और दीपक उठाकर घर के बाहर फेंक दिया और कहने लगे यह सब ढोंग हमारे घर में नहीं चलेगा तुम सब ढोंगी हो और यहाँ कोई पूजा पाठ नहीं करेगा इस घर पर सबसे ज्यादा मेरा अधिकार है इसलिए मेरी ही बात सारे लोग मानेंगे यह बात को समझते हुए सारे लोग डर गए लेकिन इसके साथ ही मेरे उन पर दादा को यह बात समझ में आ चुकी थी कि अब कुछ नहीं किया जा सकता इसलिए वह चुपचाप रात को वहाँ से निकल गए और पहुंचे उसी साधु तांत्रिक के पास उन्होंने उससे कहा आपने जो विधि बताई थी वह अच्छे से काम कर जाती लेकिन समस्या यह है आपकी बताए गई विधि अच्छी थी लेकिन उस चुड़ैल ने सारा काम ही बिगाड़ दिया है वह अपने अनुसार सब को नियंत्रित कर लेती है उसने मेरे पिता को भी अपने नियंत्रण में ले लिया आपको यकीन नहीं होगा उन्होंने स्वयं माता के इस पूजन स्थल को स्वयं ही नष्ट कर दिया यह सुनकर उस साधु तांत्रिक इतनी बड़ी देर गंभीरतापूर्वक सोचा और कहा आपकी मदद कोई भी शक्ति नहीं कर पाएगी मैं यह बात समझ चुका हूँ क्योंकि आप ने उससे विवाह का लिया है और यही सबसे बड़ी कमी है

अब ऐसे में एक ही विकल्प बचता है उसकी सौत? आखिरी तान्त्रिक इस बात से उन्होंने क्या समझाना चाहता था यह बात उनकी समझ से परे थी तो उन्होंने स्पष्ट रूप से उस्से पूछा यह सौत या नइ मेरी दूसरी पत्नी का क्या मतलब है आप उसके बारे में बताएं तो कहने लगा अगर आप की दूसरी पत्नी हो तो इसे आप को छोड़ना पड़ेगा एक विकल्प है इसके अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है लेकिन मेरे परदादा ने कहा यह जो आप बात कह रहे हैं यह बात सुनने में सरल है परन्तु जब वह घर में इतना कुछ कर सकती है तो जिससे मैं विवाह करूँगा उसको तो जान से ही मार देगी और मैं उसकी रक्षा भी नहीं कर पाऊंगा तब मुस्कुराते हुए उस स्थान  साधु ने कहा इसका विकल्प भी हर तांत्रिक के पास होता है तंत्र विद्या में हम शक्तिओं को भी अपने वश में करके उनसे मनचाहा कार्य करवा सकते हैं इतना ही नहीं हम दिव्यशक्तियों को अपने साथ शारीरिक रूप से भी जोड़ सकते हैं तब परदादा ने उनसे पूछा इसका क्या मतलब हुआ आप मुझे बिल्कुल स्पष्ट बताये तो उस तांत्रिक ने कहा आपको एक विद्या को सिद्ध करना होगा हमारे यहाँ इसे तांत्रिक विद्या कहा जाता है आपको एक दिव्य योगिनी को सिद्ध करना होगा अगर आप उन देवी को सिद्ध कर पत्नी स्वरूप में प्राप्त कर पायें तो वह आपकी इस मुसीबत को सदैव के लिए समाप्त कर देगी यह सुनकर मेरे पापा दादा को पहले आश्चर्य हुआ उन्होंने कहा एक तो मुझसे झेली ही नहीं जाती को मैं इसे कैसे संभालूंगा आप ध्यानपूर्वक विचार करके जिस कार्य को मैं कर पाऊँ वही मुझे बताएगा लेकिन मैं आपको एक बात का वचन देता हूँ अपने परिवार और स्वयं को बचाने के लिए मैं किसी भी हद तक जा सकता हूँ

बस वह कार्य मेरे वश में हो तब उस तांत्रिक ने कहा अपने घर जाओ और अपने परिवार और पत्नी से दूसरे शहर जाकर जायजाद की कुछ धनराशि लाने की एक ऐसी तरकीब बनाओ जिससे तुम्हे एक मास तक घर से बाहर रहना पड़े वह भी अकेले इस एक महीने में तुम मेरे पास आ जाओगे और मैं तुम्हें सिद्धि करवा दूंगा तुम्हें सिद्धि प्राप्त होते ही सब कुछ सही होगा आगे का सारा मार्ग मैं तुम्हें बताऊँगा अभी फिलहाल इस योजना पर कार्य करना क्योंकि अब स्वयं तुम्हें अपनी मदद करनी होंगी इस संसार में अब तुम्हारी दूसरा कोई मदद नहीं कर सकता चुड़ैल को बाहर निकलना स्वयं तुम्हारा ही कार्य हैं दूसरा कोई भी तुम्हें नहीं निकाल सकता क्योंकि स्वयं तुमने ही उसे अपनी पत्नी के रूप में चुना है यह बात मेरे परदादा को अच्छी तरह समझ में आ चुकी थी इसलिए उन्होंने इस बात को बड़े ध्यान पूर्वक समझा और पहुँच गए अपने घर उस चुड़ैल ने पूछा आज आप मुझे बिना बताए कहाँ चले गए थे तो उन्होंने कहा यो ही गांव के बाहर टहलने का मन किया था तब उसने कहा मुझे बिना बताए आप कहीं मत जाइयों मेरा दिल नहीं लगता और फिर उसने वही किया जो वह हमेशा करती थी उनके साथ भोग करना और इस प्रकार मेरे परदादा रोजाना शक्तिहीन हो जाते थे उनकी शक्ति समाप्त हो जाती थी आप जब वह सोकर उठे तो तांत्रिक की बतायी गई बात को उन्होंने ध्यानपूर्वक उस पर नई रणनीति बनाने का विचार किया सबसे पहले वह भाभी के पास गए और उनसे कहा की तांत्रिक ने यह कार्य करने का बोला है भाभी ने कहा ठीक है मैं सबको इकट्ठा करती हूँ और थोड़ी ही देर में परिवार के सारे लोग वहाँ इकट्ठा थे वहाँ चुड़ैल भी वहाँ पर मौजूद थीं

तब भाभी ने कहा हमारी जायजाद पास में ही दूसरे गांव में है उस जायदात के तहत हमारा पूरा सोना और चांदी उस व्यक्ति के पास है अब क्योंकि उन्होंने कहा था कि यह हम तुम्हे इतने वर्ष के बाद देंगे इसलिए कोई ऐसा चाहिए जो वहाँ जाकर इस बात को संभाल सके हमारे पति की तबियत सही नहीं रहती है इसलिए अगर देवर जी ये कार्य करें तो शायद काम बन जाए तब परिवार के सदस्यों ने कहा ठीक है इन्हें ही भेज दिया जाए अगर रुपये पैसे प्राप्त होंगे तो जीवन में आसानी ही होगी तो सब ने निर्णय लिया कि इन्हें जाना चाहिए कि तभी वहीं उनकी पत्नी बोलने लगी ठीक है मैं भी उनके साथ जाउंगी विचारे अकेले अकेले जब जाएंगे तो कौन भोजन देगा कौन कार्य करेगा इसके लिए मैं भी इनके साथ जाऊँगी कि तभी भाभी कहने लगी नहीं अगर आप गई तो फिर हमारे परिवार का ख्याल कौन रखेगा खाना भोजन सारी चीजें आप ही पर तो आश्रित हैं मैं भी अब बूढ़ी होती जा रही हूँ तो पूरे कार्य करने की क्षमता मेरे अंदर मौजूद नहीं है आप यही रुकिए और रही बात भोजन बाकी चीजों की तो वहाँ मेरे कई सारे रिश्तेदार हैं उनके परिवार है वही लोग भोजन पानी और बाकी सारी चीजों की व्यवस्था देवरजी के लिए कर देंगे

तब व चुड़ैल सोचने लगी तब भाभी ने कहा सोचो नहीं अब देवर जी को जाने दो ताकि वह वापस आए तो खुशियां लेकर आए इस प्रकार यह योजना पुरी तरह सफल हो चुकी थी और उन्हें जाने का पूरा मौका मिल चुका था अब वह घर से निकल लिए दूर धीरे धीरे उस साधु तांत्रिक के पास पहुँच गए उसने इन्हें पहले स्नान कराया मंत्र की दीक्षा प्रदान की और विधिवत तरीके से शुद्ध कपड़े पहनाएं और दिव्य मंत्र दिया गुरु जी वह बात इतनी है कि मुझे सिर्फ इतना पता चला है कि वह योगिनी मधुमती नाम की कोई योगनी थी यह मधुमती नाम की योगिनी कौन है इसके बारे में आप ही बताएगा इसके बाद वह मंत्र जाप करने लगे 1 दिन जब वह सो रहे थे तभी उनका किसी ने गला दबा दिया उनका सांस लेना मुश्किल हो गया वहाँ बहुत ज़ोर से तड़पने लगे वह कुछ भी बोल नहीं पा रहे थे अपने शरीर को हिला डुला तक नहीं पा रहे थे इसके आगे क्या हुआ मैं अगले भाग में आपको बताऊँगा गुरु जी आपको प्रणाम दर्शकों का धन्यवाद

अगले भाग की कहानी हम लोग अगले पत्र के माध्यम से ही जानेगे तो अगर आज का वीडियो आप लोगो को पसंद आया है लाइक करें शेयर करें सब्सक्राइब करे आपका दिन मंगलवार हो जय माँ पराशक्ति

नवरात्री में चुड़ैल का घर आना सच्ची घटना भाग 7

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