Site icon Dharam Rahasya

नवरात्री में चुड़ैल का घर आना सच्ची घटना भाग 8 अंतिम भाग

नवरात्री में चुड़ैल का घर आना सच्ची घटना भाग 8

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है आज हम लोग नवरात्रि में चुड़ैल का घर आना सच्ची घटना के अंतिम भाग के विषय में जाने गे तो चलिए पढ़ते हैं इनके ईमेल पत्र को
गुरूजी उसके बाद जैसे ही उस चुडैल ने इनकी ओर बहुत तेजी से कदम बढ़ाए अचानक वह रुक गई और रोने लगी सभी को इस बात पर बड़ा ही आश्चर्य हुआ असल में परिवार के अन्य सदस्य वहाँ आ गए थे यह बात केवल भाभी को पता थी इसीलिए वह सारी बात जानती थी लेकिन बाकी लोग जब इस बात को सुनें तो बड़े ही क्रोधित हो गए परिवार के सभी सदस्य थू थू करने लगे क्योंकि वह कहने लगे की जब तुम्हारे पास एक पत्नी थी तो दूसरी शादी करने की क्या जरूरत पड़ी और ऐसे ही किसी लड़की को क्यों लेकर आ गए हो तो किसी ने भी साथ नहीं दिया और सभी उस चुडैल के पास पहुँच गए वह ज़ोर ज़ोर से रो रही थी तब मेरे परदादा ने भाभी को इशारा किया और कहा यह मेरी समस्याओं को हल कर देंगी भाभी समझ चुकी थी कि जरूर गुरु जी ने किसी स्त्री को यहाँ भेजा है हो सकता है
यह कोई तांत्रिक स्त्री है जो की मेरे देवर के साथ ही यहाँ पर आयी है इसलिए उन्होंने तुरंत ही उसका स्वागत किया पूजा थाल और उनके पदचिन्ह भी बनवाए अब उनका प्रवेश घर में हो चुका था घर के सारे सदस्य उस चुडैल के पास थे और उसे कहने लगे बिटिया तुम्हारे जैसा दुर्भाग्य किसी का नहीं है हम लोग कुछ कह भी नहीं सकते क्योंकि वह तो हमारा ही बेटा है हमारे ही घर का वारिस हैं तब वह चुड़ैल कहने लगी आप लोग बस मेरा साथ दीजिए मैं सब कुछ संभाल लूंगी यह बात भाभी ने सुनी वह स्पष्ट रूप से समझ चुकी थी कि यह जरूर कुछ इस स्त्री के साथ बुरा करेगी इसीलिए उन्होंने जाकर वह बात देवर को बताइ उनके साथ खड़ी व दिव्य स्वरूप वाली स्त्री मधुमती कहने लगी भाभी आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है आप मेरी जेठानी हैं इस कारण से आप बिल्कुल भी चिंता मत कीजिए मैं आपकी और इस परिवार की सुरक्षा का पूरा प्रबंध करूँगी कोई भी इस परिवार पर बुरी दृष्टि नहीं डाल सकेगा और यह कहकर उन्होंने भाभी को साथ में ले लिया उनसे कहा अब आप ऐसा कीजिये पूरे घर को दीपों से सजा दीजिए यहाँ पर हम माता काली की आराधना करेंगे पूरा परिवार, यह बात परिवार वालों को तो ज्यादा आश्चर्य नहीं डाल रही थी लेकिन उस चुडैल को अवश्य ही प्रभावित कर रही थी, उसने कहा सब लोग यहाँ खुशियां मनाने में लगे हैं मेरे जीवन की किसी को नहीं पड़ी मैं यह दीप उत्सव नहीं होने दूंगी इस प्रकार उसके कहने से परिवार वाले न चाहते हुए भी उसे कुछ बोल ही नहीं सकते थे क्योंकि सब के मन में यह बात थी की यह क्रोधवश अपनी सौत के आ जाने के कारण ही ऐसा बोल रही है
अब कोई भी कुछ भी नहीं कर सकता था परिवार का अंदरूनी मामला था इसलिए आखिरकार सब ने नवविवाहिता मधुमति की बात मानी उसका नाम भी मधुमति ही था इसलिए सबने कहा मधुमति तुम दीपोत्सव मनाओ माता काली की आराधना सभी लोग मिलकर करेंगे और वहाँ दीप जला दिए गए इससे चुड़ैल की शक्ति कम पड़ने लगी वह क्रोधित हो गई उसने दीपक फेंकने की कोशिश की लेकिन मधुमति की शक्ति के आगे उसकी एक न चली तो वह गुस्से से सबको कहने लगी ठीक है मैं घर के बाहर जा रही हूँ और तब तक कदम नहीं रखूंगी जब तक यह औरत यहाँ से नहीं चली जाती और इसी प्रकार फिर वह वहाँ से बाहर निकल गयी, वहाँ जाकर घर के बाहर थोड़ी ही देर में बहुत सारे लोगों को लेकर आ गयी गांव के लोग वहाँ इकट्ठा थे तो सभी ने कहा इस बात का फैसला तो करना ही पड़ेगा आखिर एक औरत के होते हुए दूसरी औरत से शादी करना बिल्कुल गलत है एक ही पत्नी पुरुष को रखनी चाहिए हम किसी दूसरे धर्म को नहीं मानते हम सभी हिंदू हैं इसलिये समाज में गलत प्रभाव न पड़े इसलिए केवल एक स्त्री ही रखनी चाहिए तब बहुत सारे लोग बोलने लगे की ये नई लड़की को इस घर से बाहर निकाल दो क्योंकि पहले जिससे शादी की है वहीं इस घर में रहने के लायक है यह सुनकर परिवार वाले भी कुछ नहीं बोल पा रहे थे तब मधुमती ने आगे आकर कहा मैं आप सभी से विनम्र निवेदन करती हूँ आप पहली बार मेरी मुंह दिखाई में आए हैं इसलिए आप सभी का स्वागत है इस फैसले से पहले आप सभी मेरे मेहमान है आप सभी बैठिये मैं आप सभी के लिए भोजन का प्रबंध करती हूँ
यह सुनकर अब गांववाले और भी ज्यादा आश्चर्य में आ गए उन्हें इस तरह के व्यवहार की तो कोई कल्पना ही नहीं थी मधुमति ने सभी को बैठा दिया और उनके लिए सुंदर व्यंजन घर से ले कर आने लगी पूरे गांव वाले उस भोजन को खाकर तृप्त हो गए ओर तब चुड़ैल ने कहा आप सब पागल हो आप सबने मेरा वादा भी तोड़ दिया आपने कहा था कि आप सभी मेरा सहयोग करेंगे किंतु आपने सहयोग के स्थान पर इसका भोजन ग्रहण करना शुरू कर दिया है जैसे कि आप मुँह दिखाई दे रहे हो यह सुनकर वहाँ पर सारे के सारे वह भोजन फेंक दिए और सभी वहाँ पर गुस्से से खड़े हो गए तब चुड़ैल ने मेरे परदादा के पास आकर पूछा आप से मैं आखिरी बार और सिर्फ एक बार पूछती हूँ क्या आप मुझसे प्रेम करते हैं और अगर प्रेम करते हैं तो आपको इसी वक्त स्त्री को छोड़ना होगा अन्यथा मैं आपके साथ आपके पूरे परिवार के प्राण ले लूँगी यह सुनकर मेरे परदादा ने हंसते हुए कहा प्यार कोई जबरदस्ती का खेल नहीं है मैं आप से प्रेम नहीं करता मेरा प्रेम तो इनके साथ है और आज से यही मेरी पत्नी है आपने पत्नी का दर्जा भी खो दिया है इतना ही सुना था कि चुड़ैल ने कहा मैं आपसे आखिरी बार पूछ रही हूँ क्या आप मुझे अपनी पत्नी नहीं स्वीकार करते तब मेरे परदादा ने कहा मैं तुम्हें अपनी पत्नी नहीं मानता चली जाओ यहाँ से इस प्रकार जैसे ही मेरे परदादा ने वह शब्द कहें वहाँ पर एक भयानक बिखरे हुए बालों वाली बहुत ही भयानक स्वरूप में एक चुड़ैल प्रकट हो गई
और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगीं मैं सभी को मार डालूंगी किसी को नहीं छोड़ूंगी सबसे पहले तो मैं इस स्त्री को खा जाऊंगी और तब उस ने कहा मेरी सेना जागृत हो वहाँ पर जीतने भी गांव वाले आए थे सारे के सारे भूत और प्रेत ही थे वहाँ पर पूरी मंडली जागृत हो गई और जैसे ही सब पूरे परिवार पर हमला करने के लिए दौड़ने लगे तब मधुमति ने कहा 1 मिनट रुको पहले मैं यह दीपक माता काली के सामने रखकर आ जाऊं उतनी देर जितना उत्पाद करना है कर लो और वह दीपक उठाकर माता काली की प्रतिमा के सामने रखने के लिए चली गई इधर प्रेतों ने परिवार वालों को मारना पीटना शुरू कर दिया चुड़ैल भी बड़ी तेजी से अपने ही पति यानी मेरे उन पर दादा के ऊपर लपकी उसने उन्हें नीचे गिरा दिया और चढ गई उनकी छाती पर बैठकर दबाने लगी उनका गला, उनका सांस लेना मुश्किल हो गया इधर मधुमती ने जैसे ही माता काली के आगे दीपक रखा अद्भुत रूप से दृश्य बदल गया मधुमति भयंकर स्वरूप को धारण कर ली हाथ में तलवार और नरमुंड पकड़े हुए तेजी से वह बाहर आई वह सच में देवी माता काली नजर आ रही थी उसकी शक्ति बहुत थी और अपनी भयानक आवाज में चिल्लाते हुए वह बाहर आ गई और कहने लगी मेरा सौम्य रूप तो सब ने देख लिया अब मेरा भयानक रूप देखो उसने वहाँ तलवार चलाना शुरू कर दिया और भूत प्रेतों के शरीरों को बिलकुल झाड़ियों के ऊपर चलाकर जैसे तलवार से झाड़ियां काट दी जाती है इसी प्रकार वहाँ पर सभी भूत प्रेतों के शरीर को उसने काट कर फेंक दिया अब बारी थी उस चुडैल की और तब चुड़ैल ने पति के गर्दन को पकड़ कर कहा अगर तू मेरी ओर बढी तो मैं अभी इसके प्राण ले लूँगी तब मेरे परदादा ने कहा देवी आप चली जाइये मेरी चिंता मत कीजिए आप मेरे परिवार की रक्षा कीजिये बस मेरी इतनी ही प्रार्थना है तब देवी ने कहा नहीं मेरा उद्देश्य सिर्फ आपको ही बचाना नहीं है सब की रक्षा करना भी है इसीलिए लेकिन सबसे पहले आप मेरे पति हैं इसलिए मेरा कर्तव्य भी सबसे पहले आपका ही है चुडैल ने तभी वहा पर अन्य चुड़ैल शक्तियों का आह्वान कर दिया और सब ने पूरे परिवार को पकड़ लिया सब की गर्दन दबा दी गई
सभी का सांस लेना मुश्किल हो गया तब मधुमति ने कहा चुडैल तू अभी के अभी इन सभी को छोड़ दें वरना मुझे आह्वान करना पड़ेगा उस शक्ति का जिसके आगे तुम्हारी सबकी कोई सामर्थ्य नहीं है कि तब चुडैल ने कहा तू अगर हमेशा के लिए यहाँ से चली जाए तो मैं इसके परिवार को छोड़ दूंगी अन्यथा इनके परिवार की एक ना एक सदस्य की मृत्यु तो हो ही जाएगी अब तुझे सोचना है और उसने अपने उस पति को भी कहा इसे कह यहाँ से हमेशा के लिए चली जाए और वचन दे तभी मैं तेरे परिवार को छोडूंगी अन्यथा आज किसी न किसी सदस्य की मृत्यु तय है तब मेरे परदादा ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए मधुमति से कहा देवी आप यहाँ से चली जाइये मेरी यह इच्छा है बस हम सब की रक्षा कर दीजिये मैं नहीं चाहता कि आपकी वजह से यहाँ पर बुरी शक्तियां हमेशा आती रहे तब मधुमती ने कहा मैंने आपसे कहा था और वचन भी लिया था आप जब मुझे जाने को बोलेंगे मुझे तभी मैं जाऊँगी इसलिए आप की इच्छा को मैं पूरी करती हूँ आपने मुझे जाने को बोला है इसलिए यह शक्तियां अब हमेशा यहाँ पर रहेंगी लेकिन आपकी परेशानी और पूरे गांव की रक्षा भी मैं आज से करती रहूँगी, अदृश्य रूप में सदैव यहाँ विद्यमान रहूंगी और सभी को बचाऊंगी इस गांव में लोगों को बुरी से बुरी शक्तियां दिखाई पड़ेगी लेकिन किसी का बुरा वह नहीं कर पाएंगी क्योंकि मेरी शक्तियां यहाँ भी विद्यमान रहेंगी इस गांव का नाम भी चुडैल हो जाएगा क्योंकि यहाँ पर इतनी ज्यादा संख्या में भूत प्रेत और चुड़ैल वास करेंगे लेकिन मेरी शक्ति के कारण किसी का बुरा भी नहीं कर पाएंगे यह कहते हुए उन्होंने तुरंत ही माता काली का स्वरूप धारण कर लिया और सभी का वहाँ पर भक्षण कर लिया
सब उसके मुँह में समाते चले गए और वहाँ पर पूरी तरह सभी बुरी शक्तियां उस चुडैल सहित सबका नाश हो गया लेकिन धरती के अंदर से बहुत सारी भूत प्रेत चुड़ैल आत्माये प्रकट हो गई और खुशी से इधर उधर जाने लगी तब देवी मधुमति ने कहा माँ की कृपा से मैंने आपका और आपके परिवार सहित इस पूरे गांव की रक्षा कर दी है यह गांव चुड़ैल गांव के नाम से जाना जाएगा अब मेरे जाने का समय हो चुका है आप सभी का कल्याण हो यह कहते हुए वह देवी वहाँ से गायब हो गई जाने से पहले उन्होंने बताया की अभी तक उस तांत्रिक और इस चुड़ैल की माया से ही आपको सारे दृश्य दिखाई दिए जैसे नदी के पार जाना वहाँ जाकर सवस्थ होना इत्यादि आप इस माया से तभी बचे जब साधु की सहायता ली इसलिए सच्चा गुरु और सिद्ध व्यक्ति के हमेशा समीप में रहना चाहिए तभी आपका और सभी का कल्याण होगा और इस प्रकार मेरे परदादा बच पाए
बाद में उनका जीवन सामान्य हो गया लेकिन उस गांव में हमेशा लोगों को भूत प्रेत पिशाच चुड़ैल दिखती रही इसलिए समय के साथ लोगों ने इस गांव का नाम ही चुड़ैल रख दिया जैसा कि मैंने आपसे बताया था कि गुजरात राज्य के सूरत जिले में मांडवी तालुका में यह एक ऐसा चुड़ैल गांव हैं जो आज भी प्रेतबाधित जमीन पर स्थित है लेकिन भूत प्रेत यहाँ किसी का बुरा आज तक नहीं कर पाए यह सब उस देवी की ही कृपा है जो मधुमति योगिनी के नाम से जानी जाती है गुरूजी हालांकि उनकी पूजा और मंदिर इत्यादि कोई भी यहाँ नहीं है लेकिन इस दुर्लभ और बहुत ही गोपनीय कहानी को मैंने सुना कर उनके विषय में जानने और समझने का प्रयास किया है आपके अन्य वीडियो को देखकर मैं जान चुका हूँ की यह देवी एक योगिनी शक्ति है जो माता काली के ही कुल में जानी जाती है मैं सभी दर्शकों का धन्यवाद कहता हूँ जिन्होंने मेरी इस कहानी को पसंद किया है आपको प्रणाम गुरु जी
सन्देश- देखिए इस प्रकार से इन्होंने इस कथा के माध्यम से इस चुड़ैल गांव के विषय में बताया अगर यह कहानी और जानकारी आपको पसंद आयी हो तो चैनल को लाइक करें शेयर करें सब्सक्राइब करे आपका दिन मंगलमय हो जय माँ पराशक्ति ..

Exit mobile version