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नवविवाहिता भूतनी का आतंक 3 अंतिम भाग

नवविवाहिता भूतनी का आतंक 3 अंतिम भाग

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम बात करेंगे नवविवाहिता भूतनी के आतंक के अगले भाग के बारे में अभी तक आपने जाना कि दो दोस्त कैसे एक भूतनी से पूरी तरह प्रभावित हो जाते हैं। चलिए पढ़ते हैं इनके पत्र को और जानते हैं इस अनुभव के आगे के भाग के विषय में ।

नमस्कार गुरु जी पिछली बार मैंने आपको बताया कि अब अगली रात को एक अद्भुत घटना घटी थी। गुरुजी रात के लगभग 2:00 बजे मेरे दोस्त को नींद नहीं आ रही थी। वह बार-बार सोच रहा था कि आखिर वह औरत कौन थी और न जाने इस प्रकार से कहां पर गायब हो गई। यह बात समझ से परे थी इसलिए उसे नींद नहीं आ रही थी कि तभी उसे अपने घर के बाहर किसी के चलने की आवाज आई। उसने कहा कौन है लेकिन उसे वहां कोई नजर नहीं आया। उसने अपना दरवाजा खोला और अपने बरामदे में घूमते हुए चारों तरफ यह पता लगाने की कोशिश की। वहां कोई मौजूद तो नहीं है लेकिन वहां पर कोई भी मौजूद नहीं था। तब उसने इधर-उधर घूम कर बड़ा अच्छे से मुआयना किया लेकिन उस को कोई नहीं मिला। वह अपने कमरे की ओर वापस जाने ही वाला था कि तभी उसे घर के बाहर किसी के चलने की आवाज आ रही थी तो उसने अपने घर का दरवाजा खोला और तभी वह सड़क पर देखता है कि एक नई सजी-धजी नवविवाहिता स्त्री जो कि वह अपने कपड़ों से लग रही थी और उसके शरीर से तेज चमक भी आ रही थी।

दिखाई दे रही थी तब उसने उसे देख कर जोर से चिल्लाते हुए कहा। आप कौन हैं और रात के 2:00 बजे इस प्रकार से यहां पर क्यों टहल रही हैं? लेकिन उस स्त्री ने इसकी और ध्यान तक नहीं दिया और वह धीरे-धीरे आगे की ओर चलने लगी। तब इसे ऐसा लगा इस औरत का पीछा करना चाहिए और वह उसे आवाज देकर लगातार बुलाने लगा लेकिन वह! पूरी तरह से उस से अनभिज्ञ बनी हुई आगे की ओर चलती चली जा रही थी। लेकिन यह सारा खेल जो हो रहा था, वह अजीब था। तब वह उस स्त्री के पीछे पीछे रात के 2:00 बजे उस रहस्य का पता लगाने के लिए चलता ही चला गया। वह स्त्री कहीं रुकने वाली नहीं थी। यह जितनी तेजी से उसकी ओर दौड़ता वह उतनी ही तेजी से आगे की ओर बढ़ जाती। दूसरी एक महत्वपूर्ण बात यह थी कि वह स्त्री और इसके बीच की दूरी उतनी ही बनी रही। जितनी शुरुआत में थी, यह भी एक असामान्य बात थी, लेकिन वह करता भी क्या आखिरकार वह चलते-चलते उसी तालाब के पास पहुंच गई और उस तालाब के अंदर जाने लगी। तब इसे पहली बार ऐसा लगा कि इस औरत को बचाना चाहिए और वह भी उसे तालाब में छलांग लगाने ही वाला था।

तभी अचानक से वहां पर जोर जोर से कुत्तों के भौंकने की आवाज आने लगी। इन कुत्तों की आवाजों से उसका ध्यान अब जाकर खुला, तब उसने चारों तरफ देखा कि वह तो उसी तालाब के बिल्कुल किनारे पर खड़ा है और पानी के अंदर कूदने ही वाला था। किंतु यह तो बहुत बड़ी गलती होती, क्योंकि यह तालाब दलदली है इसी वजह से अगर इसके अंदर वह प्रवेश कर गया तो शायद जीवित ना रहता कि तभी उसे एक बार फिर से एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला। उसने देखा कि उस तालाब के किनारे एक गाड़ी चलकर आ रही है और वह गाड़ी अचानक से तालाब में गिर जाती है। सभी लोग चीखने और चिल्लाने लगते हैं। यह देखकर यह उनकी मदद के लिए उस ओर दौड़ता है और तब उसके सामने ही पूरी की पूरी गाड़ी पानी के अंदर घुस जाती है। यह देखकर यह बहुत घबरा जाता है और वही बेहोश होकर गिर पड़ता है सुबह के समय जब मैंने अपने दोस्त को फोन किया तो उसने फोन नहीं उठाया। बार-बार रिंग जा रही थी, लेकिन इसके बावजूद भी वह फोन नहीं उठा रहा था। मैंने सोचा कि चलो। जिस स्त्री का सामान हमें मिला था, उसे बेच कर आ जाते हैं क्योंकि मेरा दोस्त ठीक ही कह रहा था। अब जब इतने दिनों से कोई उस सामान को लेने के लिए आया ही नहीं है तो फिर हम उसे बेचकर कुछ फायदा तो उठा ही सकते हैं।

इसलिए मैं तैयार होकर अपने दोस्त के घर में पहुंच गया। मैंने आंटी जी से पूछा आंटी इस वक्त वह कहां है तब उन्होंने कहा, सुबह से वह दिखाई नहीं दिया। मुझे लगा कि शायद वह तुम्हारे ही घर पर गया होगा। पर तुम बता रहे हो कि वह तुम्हारे यहां नहीं गया है। गांव में यहीं कहीं होगा। तब मैंने लगभग आसपास के सभी घरों में जहां वह बैठता था और जिन दोस्तों से मिलता था, उन सबके घरों में पता किया, लेकिन किसी को भी उसके बारे में कोई नॉलेज नहीं थी। अचानक से मुझे लगा कहीं यह तालाब की ओर तो नहीं गया है इसलिए मैं भी तेजी से तालाब की और जाने लगा और जो सोचा था, बिल्कुल वही देखने को मिला। तालाब के किनारे वह बेहोश पड़ा हुआ था। मैं दौड़ता हुआ उसके पास पहुंचा और उसे कंधे पर उठाया और किसी प्रकार उसका वजन उठाकर मैं गांव में दोबारा अपने घर पर लेकर आया क्योंकि तालाब से मेरा घर पहले पढ़ता था और मैं यह बात आंटी को भी नहीं बताना चाहता था कि आजकल उनका लड़का क्या कर रहा है और वैसे भी वह तो मुंबई से घूमने के लिए आया हुआ है।

ऐसे में उसके घरवालों को परेशान करना ठीक नहीं है इसी वजह से मैं जब उसके मुंह पर पानी की छिटी मारी तब वह उठा और जब वह जागा तब मैंने उससे पूछा कि तुम आखिर तालाब के पास क्यों गए थे तब उसने रात में घटित हुई। वह सारी घटना बता दी और कहा कि ऐसा-ऐसा पूरी उस रात में। हुआ था। मैं यह सब अच्छी तरह समझ गया। मैंने उससे कहा देखा। मैंने तुमसे कहा था कि इन चीजों के पीछे नहीं भागते हैं। इस तालाब से दूर रहो, लेकिन तुम नहीं माने तुम्हारी जान बची है। तुम इस बात को नहीं समझ पा रहे हो जाओ और उस पायल को उस तालाब में फेंक दो और इस चीज से हमेशा के लिए छुटकारा पाओ क्योंकि जो आत्माएं मर चुकी हैं और लगातार भटक रही है। उनसे संपर्क करना बहुत खतरनाक होता है। वह तुम्हारे साथ भी वही करने की कोशिश करते हैं जो उनके साथ हुआ होता है इसीलिए यह जगह बहुत खतरनाक है। खासतौर से वह भूतनी तब उसने कहा, तुमने ठीक कहा, मैं इस बात को समझ गया हूं कि इस दुनिया में उस दुनिया की चीजें भी घटित होती है। इस बात को मैं अच्छी तरह मानू।

लेकिन एक बात जो मैंने तुमको नहीं बताई है। वह यह है कि वह लड़की जब पानी के अंदर जा रही थी तो उसने कहा, मेरे प्रियतम मैं तुमसे दूर नहीं रह पाऊंगी। उसके बाद ही कुत्ते भोंकने लगे थे। तब मैंने उससे कहा दोस्त मेरी एक बात मान तू यहां से चला जा। अब तेरा यहां रहना बहुत खतरनाक होने वाला है। मेरी यह बात बिल्कुल सच साबित होने वाली थी। गुरु जी मुझे यह बात कहते हुए भी रोना आता है क्योंकि वह मेरा सच्चा दोस्त था और मुंबई से अधिकतर मैं उससे बात भी किया करता था ।

वह कुछ दिन रुका और उसके बाद मुंबई चला गया। एक दिन जब होली का समय था तब मैं आंटी के घर पहुंचा तो उनके यहां सब लोग रो रहे थे। तब मैंने उनसे पूछा तो पता चला कि मेरा दोस्त अब इस दुनिया में नहीं है।

मैंने सारी बात पता की तो पता चला कि वह स्विमिंग पूल में डूब कर मर गया है। गुरु जी उसके साथ आखिर क्या हुआ होगा। आप बताइए और यह एक पूरी तरह सच्ची घटना है। उस परिवार की मैं नहीं चाहता। इसीलिए उनके बारे में कुछ भी नहीं बताया और जिसे इस बात को सच समझना है। सच समझे और जिसे झूठ समझना है, वह इसे झूठ ही समझे। आप सभी को मेरी तरफ से नमस्कार गुरु जी को चरण स्पर्श ।

सन्देश- देखिए यहां पर इनके दोस्त के साथ आखिरकार वह घटना घट गई और उस आत्मा ने अपना प्रियतम मानकर इनकी जान भी ले ली। शायद उन्होंने उसकी पायल को अपने पास से नहीं हटाया होगा और मुंबई जाने के बावजूद वह आत्मा इनके पीछे आई होगी। इसकी वजह से इतना बड़ा हादसा आखिरकार उस आत्मा ने करवा ही लिया। तो ऐसी आत्माओं से संपर्क जब तक आपके पास कोई शक्ति ना हो या गुरु मंत्र ना हो या फिर आप पूरी तरह साधक ना हो शक्ति आप को वश में करके कुछ भी करवा सकती हैं। इस उदाहरण से पता चलता है तथा इनका एक सच्चा अनुभव अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

 

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