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नहाती हुयी परियां देखना बहुत खतरनाक 4 अंतिम भाग

नहाती हुयी परियां देखना बहुत खतरनाक 4 अंतिम भाग

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम लोग चंद्रा अप्सरा की कहानी को आगे बढ़ाते हुए जानेंगे कि आखिर परियों का यहां का कलयुग के समय का वास्तविक रहस्य क्या है? तो जैसा कि मैंने बताया था कि कलयुग में एक व्यक्ति जो कि अपनी बकरियां चराता था। इस स्थान पर आकर ठहर जाता है और अपना समय पास करने के लिए वह बांसुरी बजाने लगता है। उसकी बांसुरी की धुन बहुत ही मधुर थी क्योंकि उसे बांसुरी बजाना बहुत अच्छी तरह आता था। वह गद्दी समाज एक पशुपालक था जो अपनी बकरियां चराने के लिए यहां पर आया करता था। यह बहुत ही ठंडा स्थान था और यहां आने का मूल उद्देश्य बकरियों को अच्छी घास मिल जाए। वह मदमस्त होकर बहुत ही गहराई के साथ। अद्भुत रूप से बहुत ही सुंदर बांसुरी बजाने लगा। उसकी बांसुरी की धुन बड़ी दूर तक जा रही थी कि तभी चंद्रताल में हरकत होती है। उसके अंदर नहाने के लिए आई हुई कई सारी अप्सराएं और परियां उसे देखकर आकर्षित होती हैं।

लेकिन उनमें से एक परी उसकी बांसुरी की धुन को और अधिक सुनने की सोच से जल से बाहर निकल कर आ जाती है और उसकी ओर धीरे-धीरे बढ़ती जाती है। उसमें एक अजीब सा आकर्षण था। बांसुरी की धुन सुनकर उस परी से  रुका नहीं जा रहा था। वह उस व्यक्ति के बिल्कुल निकट पहुंच जाती है। अचानक से वह व्यक्ति बांसुरी बजाना बंद कर देता है और सामने अत्यंत ही सुंदर एक स्त्री को देखता है जो कि सर्वथा वस्त्र विहीन थी। उसके शरीर से अद्भुत सुगंध आ रही थी और उसके शरीर से टपकता हुआ जल और भी ज्यादा कामुक बनाने वाला था। व्यक्ति ने उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह भागकर जल में दौड़ कर चली गई। यह देखकर व्यक्ति का दिल धक से रह गया? क्योंकि अभी तक संसार में इतनी ज्यादा सुंदर लड़की और वह भी ऐसी अवस्था में जब वह पूरी तरह वस्त्र विहीन हो नहीं देखी थी। उसका दिन का चैन रातों की नींद उड़ गई। इसलिए उसने उपर ही रुकने का फैसला किया। वह हर रोज बांसुरी बजाने लगा। उसकी बांसुरी की मधुर धुन सुनकर वह परी बार-बार जल से निकल कर बाहर आ जाती और इसके पास तक पहुंच जाती। एक दिन जानबूझकर पशुपालक ने अपनी धुन को बजाए रखा काफी देर। क्योंकि वह जानता था कि जब वह परी बिल्कुल निकट आ जाएगी तभी वह उसे पकड़ सकता है।

और जब वह परी उस मधुर धुन को सुनते हुए उसके बिल्कुल निकट आ गई तब उसने उसे! जबरजस्ती गले से लगा कर पकड़ लिया।

और कहने लगा तुम्हारी याद में ही मैं बार-बार बांसुरी बजा रहा हूं। तुम्हें देखकर पता नहीं क्या हो गया है? अब तुम्हारे बिना यह जिंदगी में नहीं जी सकता और उसने बिल्कुल शक्तिशाली भुजाओं ने उसे पकड़ लिया। परी भी उसे छुड़ाने की कोशिश करने लगी, लेकिन वह असफल रही और कहने लगी पता नहीं मुझे भी तुमसे आकर्षण हो ही गया है। इसलिए अब मैं तुम्हारी हुई। मैं तुमसे शादी करूंगी। दोनों ने शादी कर ली तब उस व्यक्ति ने बताया कि मेरी तो पहले से पत्नी है लेकिन वादा करता हूं कि मैं जितने दिन तुम्हारे पास रहूंगा उतने दिन अपनी पत्नी से दूर रहूंगा। इस प्रकार उस व्यक्ति की 6 महीने उसी स्थान पर निवास करने की गतिविधि बन गई थी। वह उस परी के साथ रहता। उसके साथ जीवन के सारे सुखों का उपभोग कर रहा था। वह उसे लाकर भोजन वस्त्र, आभूषण और शारीरिक सुख रोजाना प्रदान करती थी। परी ने उसे एक वचन दिया। उसने कहा कुछ भी हो जाए। इस संसार में कभी किसी को यह नहीं पता चले कि मैं तुम्हारी पत्नी हूं और तुम यहां क्यों आते हो? 6 महीने बीत जाने के बाद वह वापस अपने घर लौट गया। वहां पत्नी के पास वह 6 महीने रहा और वापस फिर यहां आया तब उसे फिर बांसुरी बजाई और परी पानी से बाहर निकल कर आ गई। इस प्रकार दोनों का वर्षों तक प्रेम संबंध रहा। इसी बीच परी मां भी बन गई और उसने एक सुंदर से बच्चे को जन्म दिया। लेकिन उस दौरान उसका पति वहां नहीं था। वह अपनी पत्नी के पास गया हुआ था। वहां उससे एक भारी भूल हो जाती है। पत्नी से उसकी लड़ाई हो जाती है।

पत्नी कहती है कि मैं अपने मायके चली जाऊंगी और तुम्हारे पास कौन सी परी है जो तुम उसके लिए मुझे छोड़ दोगे तब वह गुस्से से कहता है। हां, मेरे पास एक परी है और वह ऊपर चंद्रताल में रहती है। यह सुनकर वह औरत अचानक से घबरा गई। उसने अपने पति का हाथ पकड़ा और चंद्रताल की ओर चल पड़ी। वहां पर परी एक बार फिर से प्रकट हुई और उसने कहा, तुमने मेरा भेद खोल दिया है इसलिए आज से सदैव के लिए मैं तुम्हें छोड़कर इस दुनिया से जा रही हूं। यह लो मेरी संतान। क्योंकि यह तुम्हारे और मेरे मिलन से पैदा हुई है। इसलिए इसे तुम अपने पास ही रखो, कहते हैं गद्दी समाज के लोग आज भी चंद्रताल को अपनी मां की तरह ही मानते हैं क्योंकि वहीं से परी के माध्यम से उनका वंश आगे बढ़ रहा है। अब इस? कथा के बाद से लोगों के मन में यह विश्वास पैदा रहा है कि परियां यहां स्नान करने आती है और जो भी उन्हें देखता है, मंत्रमुग्ध हो जाता है, लेकिन उनके शारीरिक सौंदर्य से प्रभावित होकर कोई उनके पीछे ना जाए क्योंकि अगर कोई ऐसा करता है तो उसे ऊपर से ही पानी के अंदर खींच लेती है जिससे उसकी मृत्यु तक हो सकती है। यह एक! के बात है क्योंकि यहां आने वाले कई पर्यटक जिन्हें अच्छी तरह तैरना आता है। मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं।

आज भी इस रहस्य को कोई समझ नहीं पाया है कि आखिर कोई पानी में जब गहरा उतरता है उसके बावजूद कभी-कभी वह वापस नहीं आ पाता है क्योंकि उसे कोई पकड़ कर अंदर खींचने लगता है। यह चंद्रताल बहुत ही प्रसिद्ध स्थान है। यहां जाने के लिए आप हिमाचल प्रदेश पहुंचकर मनाली से आगे रोहतांग दर्रे के पास से होते हुए 7 से 8 घंटे का सफर करके यहां से पहुंच सकते हैं। रोहतांग दर्रा पार करने के बाद पहला गाँव ग्राम्फू है जहाँ से एक रास्ता लद्दाख की ओर चला जाता है तथा दूसरा लाहौल स्पीति की ओर। चंद्रताल यहाँ से ५० किमी है। मुख्य सड़क छतड़ू, छोटा दड़ा, होते हुए बातल तक है। बातल में कुल दो इमारतें हैं जिनमें से एक है सरकारी विश्राम गृह और दूसरा है ४० साल पुराना चंद्रा ढाबा, जो अपने आप में एक विशिष्ट स्थान है। इस ढाबे को चला रहे दंपत्ति पिछले ४० वर्षों में सैकड़ों पर्यटकों की जान बचा चुके हैं  यह स्थान इस इन्सानी बस्ती से बहुत दूर है। लेकिन यह इतना ज्यादा प्रसिद्ध है और यहां की परियों से जुड़ी हुई सत्य घटनाएं इतनी ज्यादा प्रसिद्ध है। कि यहां पर खुद? सरकार ने बोर्ड लगा रखा है। यह स्थान परियों के नहाने के लिए है। इसे कृपया गंदा ना करें और यह स्वर्ग जाने का मार्ग है।

यहीं से युधिष्ठिर स्वर्ग की ओर गए थे तो इस प्रकार यह स्थान बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है जिसके चित्र मैंने यहां पर डाले हैं। यह चंद्रताल पर अगर कोई व्यक्ति चंद्रा अप्सरा की साधना करता है तो अद्भुत रूप से उसे परियों की सिद्धियां मिलती हैं क्योंकि चंद्रा स्वयं उन्हें परियां प्रदान करती है। यही नहीं यह अद्भुत सत्य है जो आज भी पूरी तरह जागृत है। आपको अगर चंदा अप्सरा की साधना करनी है तो नीचे इंस्टामोजो का लिंक दे रखा है-

चंद्रा अप्सरा साधना खरीदने के लिए यहाँ क्लिक करे 

वहां से क्लिक करके आप चंद्रा की साधना खरीद सकते हैं और इसे या तो यहां आकर अथवा अपने आसपास के तालाब या झील में कर सकते हैं।

इसके अलावा यहां पर कई पर्यटक जो परियों के द्वारा खींच लिए गए, जबकि उन्हें अच्छी तरह तैरना आता था। इसका वीडियो भी एक मैं आपको नीचे दे रहा हूं।-

चंद्रताल झील विडियो –

आप इस वीडियो को देखकर समझ सकते हैं कि कैसे इस जगह पर कितना खतरा है? मेरी वेबसाइट का लिंक नीचे दिया हुआ है जहां से आप चाहें तो परियों द्वारा मनुष्यों को खींचने का एक यह वीडियो देख सकते हैं कि अलावा इस क्षेत्र में कई बार। पुरुषों को ऐसे ही डूबते हुए देखा गया है। तो यह भी जानकारी चंद्रा अप्सरा की जो की अद्भुत सुंदरता लिए हुए झील है और दिन में कई बार अपने रंग भी बदल चुकी है। यह बहुत ही सुंदर झील है। अवश्य ही यहां पर आप लोग जाएं और इस का दर्शन करें और नमन करें। इस में निवास करने वाली वहां तपस्विनी चंद्रा अप्सरा को तो अगर आज का यह वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

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