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नाग बंधन तंत्र साई बाबा भी पूरी रक्षा नही कर पाये

नाग बंधन तंत्र साई बाबा भी पूरी रक्षा नही कर पाये

नमस्कार दोस्तो धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है आज एक काफी बड़े अनुभव को लेते हैं और जानते हैं इनके जीवन मे क्या समस्याए चल रही हैं तो चलिये शुरू करते हैं इनके पत्र को पढ्ना

प्रणाम गुरुजी

मैं महाराष्ट्र पनवेल मे रहता हु. मुझे माफ करीये मैं अपना नाम यहा नही लिखं रहा हुं l मै काफी समय से आपके व्हिडिओ देखता आ रहा हुं l मै जीवन मे काफी परेशान चल रहा हु और आप से गुरुदीक्षा लेना चाहता हु l उससे पूर्व मै आपको मेरे बारे मे थोडा बताना चाहता हु l अभी मेरी उमर 35 साल है l और मे जीवन मे कुछ खास नही कर पाया हू l मेरा जीवन सामान्य हि चल रहा था, लेकिन साल 2009 से मेरी जिंदगी को ग्रहण लग गया और आज तक तेरा साल हो गये है मेरा जीवन नरक समान हो गया है l कभी कभी तो ऐसा लगता है क्या मै सच मे जिंदा भी हू या मर गया हू l

सन 2009 मे होली के दो तीन दिन पहले मुझे एक भयानक सपना आया था जिस मे मैने देखा सुरज पर काले काले धब्बे पडे है, और सुरज बहुत ही तीव्रता से जल रहा है, ये सब देखकर मै डर के मारे बिस्तर से उठ गया और नहाके तयार होके अपने काम पे चला गया l फिर दुसरे दिन मुझे वही सपना आया और मै बहुत ज्यादा डर गया और फिर मै उठ के अपने काम पे गया l ऊस के दुसरे दिन होली दहन का त्योहार था l इसी लिये मै अपने बहन के घर गया था वहा पर मैने अपने बहन को मेरे सपने के बारे मे बताया लेकीन उसने इतना ध्यान नही दिया, नाही मैने इतना ध्यान दिया था l होलिका दहन के दुसरे दिन मैं, मेरी बहन जिजाजी और भांजे हम सब हमारे घर आये उस वक्त मेरे माथे पर एक मधुमक्खी ने काट लिया और उसका डंख मेरे माथे मे घुस गया l मैने वह डंक निकाला और हमारे घर पे पोहच गया l दोपहर को रंग खेलकर शाम हो गई तो मैने मेरे एक दोस्त ने दिया हुआ भांग का पावडर निकाल कर उसे पानी मे घोल दिया और सब को पिने दिया लेकिन किसी को भी व चीज पसंद नही आयी तो मैने अकेले ही एक पूरा लोटा भर के भांग पी लिया l उस समय मेरे माताजी और पिताजी मे झगडा हो रहा था, झगडा काफी दिनो से ऐसेही होते आ रहा था, तब  मैने बहन को बोला ये सब झगडा कितने दिनो से ऐसी हो रहा है, लगता है हमने कोई मन्नत मांगी होगी जो पुरी नही की इसलिये भगवान रुष्ट हो गये है या फिर किसी की बुरी नजर हमारे घर को लग गई है l यह सब बात करते करते मैं सो गया और नींद मे ही मुझे भांग का नशा होने लगा और मेरा दिमाग चक्राने लगा ऐसे लग रहा था मुझे कोई उपर से खाई मे फेक रहा है तो मैंने ऊठ कर मेरे मम्मी से निंबुपाणी मांगा मेरे मम्मी ने मुझे निंबुपाणी बना कर दिया वह पिके मै वापीस सो गया लेकिन मुझे फिर से चक्कर आने लगे, जैसे और खाई मे गिरने जैसा अहसास होने लगा तो मैंने फिर से नींबू पानी मांगा और फिर नींबू पानी पीने के बाद मै सोने की कोशिश कर रहा था लेकिन मुझे निंद नही आ रही थी l और सर बहुत ज्यादा चकरा रहा था,

मेरी हालत खराब हो रही थी तो मैने घर वालो को बोला के मुझे डॉक्टर के पास लेके चलो उस वक्त सब लोग मुझे नॉर्मली ले रहे थे लेकिन उनको मेरी तब्येत के बारे मे जरा भी अहसास नही हुआ था फिर मेरा भाई मुझे बाईक पर बिठा कर हॉस्पिटल लेके जाने लगा रात के साडे आठ का वक्त हो रहा था फिर घर से कुछ ही दूर लगबग 100 या 200 मीटर जाने के बाद मुझे बहुत ज्यादा घबराहट होने लगी और एक किलोमीटर दूर जाने के बाद मुझे ऐसे लगने लगा ये मेरा पुरा शरीर हलका हो रहा है और मेरे शरीर मे सिर्फ हड्डी बची हुई है उपर की त्वचा का मुझे बिल्कुल हसास नही हो रहा था थोडीही दूर जा कर मैंने भाई को बोला की तू बाईक रोक दे अभी मेरा अंतिम समय आ गया है l भाई बहुत डर गया और बोला के अभी बस हम डॉक्टर के पास पहुच ही रहे है l मैने बोला मैं डॉक्टर तक नही पोहोच पाऊंगा मेरी जान अभी निकलने वाली है घबराहट के मारे उसने बाईक रास्ते के किनारे लगाई और मुझे वही रास्ते के किनारे सुला के लोगो से मदत मांगने लगा कुछ ही दूरी पे कुत्ते रो रहे थे और मुझे एहसास हो रहा था की मेरे पैरो से मेरे कमर से मेरे पीठ से होते हुए मेरा खून सिर्फ मेरे मस्तिष्क मे जा रहा है मेरी गर्दन पुरी जाम हो गई थी मैंने भाई को भुला मेरा छाती पे तुम थोडासा मसाज कर देना ताकी रक्त का संचार अच्छे से होते रहे तब उसने मेरे छाती पे मलना शुरू किया मुझे मेरे सामने अलग ही दृश्य दिखाई दे रहा था जीस मे एक दिया जल रहा है और बुझने से पहले बहुत  फडफडा रहा है, मै समझ गया के ये दिया अब तो बुझने वाला है जब बुझने को आता था और मेरा प्राण मेरे शरीर से निकल जाने को होता था लेकिन कुछ समय बाद दिया वापीस से जलता था और मुझे होश आ रहा था वापीस थोडी समय मे दिया बुझने को होता था और मै अपने होश गवा बैठता था, मै भगवान का नाम लिये जा रहा था और भगवान को बोल रहा था भगवान मुझे और एक मोका देना, मै जहा पे गिरा हुआ था वही बाजूमे हमारे दोस्त के चाचा का घर था, तो मेरे भाई ने जोर जोर से चाचाजी को आवाज लगाई तो वहा पे चाचाजी आ गये और पूछा कि क्या हो गया है तो भाई ने बोला की मेरे भाई को फूड पॉयझनिंग हुआ है और इसे डॉक्टर के पास ले जाना है लेकिन बाईक पर बहुत थंड लग रही है इसीलिये यहा पे गिर गया है तो प्लीज आपकी कार लेके हमे डॉक्टर तक पोहोचा दिजीये l

तो वह चाचाजि घर पे चले गये और घर के बाहर जो लाईट चल रहा था वह लाईट बंद कर दी वो वापस देखने आये ही नही, मैने भाई को बोला जाने दो जब अंत समय आता है तो कोई मदत के लिये नही आता, मेरे भाई ने घर वालो को फोन करके जल्दी ही बुला लिया था तो मेरे घर वाले आये और मुझे ऑटो मे अस्पताल लेके गये, ऑटो मे मुझे ऐसे लग रहा था के मै अस्पताल तक नही पोहोच सकता बीच रास्ते मे मुझे कानो मे कुछ मंत्र सुनाई दे रहे थे l शायद मुझे लगा के श्रीमद्भगवद्गीता के मंत्र है जो मरते हुए इंसान के कानोमे बोले जा रहे हो और उस वक्त शिर्डी के साई बाबा मुझे दिखाई दे रहे थे मेरा कान पकडे थे और बहुत गुस्से मे थे और बोल रहे थे क्यू अब विश्वास हुआ ना के मेरा अस्तित्व है l मैने भी हात जोड कर उनसे कहा मै आपको मानता हू और आपका अस्तित्व मैं मान्य करता हु लेकिन उन का गुस्सा शांत नही हुआ वह बार बार मुझे पीट रहे थे और बोल रहे थे बोल क्या समझ मे आया मैने कहा साईबाबा है वापस से उन्होंने पूछा क्या समझ मे आया, मैने उनसे कहा साईबाबा है, ऐसे मे लगातार बोले जा रहा था साईबाबा है, साईबाबा है l और यह सब बात मैं अपने मन मे कर रहा था बाहर तो मै बेहोश था. मुझे बीच बीच मे होश रहा था और फिर से बेहोष हो रहा था l जब मुझे हॉस्पितल मे व्हील चेअर पे ICU मे लेके गये और मुझे ऍडमिट किया गया तब मेरे मुह से हलका झाग निकल रहा था, फिर मुझे बेड पर लिटा के मेरे हाथ और पैर बेड से बांध दिये गये l और मेरे शरीर पे सब इंस्ट्रूमेंट लगाये गये और एक सलाईन की बोटल मुझे चढाई गई l उस वक्त मुझे कुछ भी समझ मे नही आ रहा था  मेरे सामने शिर्डी के साईबाबा है और वह मोहोल शिर्डी के द्वारकामाई मज्जित का था l जो लोग शिर्डी गये है उन्हे पता है के शिर्डी मे एक द्वारकामाई नाम की मज्जित है जहा पर बाबा रहते थे, और उन्होने वहा पर एक धुनी जलाई हुई है l तो मै वहा पर लेटा हुआ था और बाजूमे साईबाबा बहुत ही गुस्से मे मुझे मार रहे थे और मेरा कान पकडे थे और मैं बार-बार उनसे क्षमा प्रार्थना कर रहा था l लेकिन यहापर अस्पताल मे मुझे बेड पे बांधा हुवा था इसलिये मुझे मेरे सूक्ष्म शरीर का जो अहसास हो रहा था वह अभी मुझे बंदा हुआ है ऐसे लग रहा था l मै द्वारकामाई मज्जिद मे लेटा हुआ हू और मेरे हाथ पैर बांध दिये गये है l बाजूमे धूनी जल रही है और साई बाबा मुझे पूछ रहे है बोल तुझे कहा पे जनम लेना है l और मै उन्हे नही नही कह रहा था लेकिन असल मे तो डॉक्टर मुझे पूछ रहे थे, तू कहा पे रहता है बोल तू कहा पे रहता है l नर्स ने मेरा कान पकडा हुआ था, और बोल रहे थे तू कहा रहता है? तेरा नाम क्या है ? और इधर साई बाबा मेरा सूक्ष्म शरीर को पकडते हुए पूछ रहे थे कहा जनम लेना है ? तो मैंने कुछ सोचा और बोला भारत मे l तो यहापे डॉक्टर को भी यही सुनाई दिया के भारत में मतलब के मैं भारत मे रहता हु l और साईबाबा को बोल रहा था मैं भारत मे जन्म लेना चाहता हु l मुझे मालूम पड गया मेरी मौत तय है l मैने साईबाबा को बोला के आप मेरे साथ हमेशा रहना तब वह बोले मै तो तुम्हारे साथ हमेशा से ही था लेकिन तुही मुझे पहचाना नही पाया, मुझे चारो तरफ सिर्फ जलती हुई जमीन नजर आ रही थी ऐसा लग रहा था के अंदर से ज्वालामुखी निकल रहा है और पूरा नरक जैसा मोहोल मुझे नजर आ रहा था l

मैं सोच रहा था अब मैं यह दुनिया छोड के जाने वाला हू, तब मै सोच रहा था के मेरे घर वालो का क्या होगा ? और मुझे बहुत ही अफसोस हो रहा था l थोडी देर बाद मैने अपने नये जनम के बारेमे सोचना शुरू कर दिया l और सोचा क्यू ना नया जनम लेके मौज मस्ती की जाए, जो इस जनम मे नही कर सका अगले जनम मे मौज करेंगे l मेरे ऐसा सोचते ही तुरंत साई बाबा ने जलती हुई धुनी मे रखा हुआ उनका लोहे का सटका जो गरम हो के लाल लाल हो गया था व लेके मेरे दाये नाक मे घुसा दिया और मुझे ऐसा लगा के मेरे मस्तिष्क मे घुस गया है और मेरा मस्तिष्क अब फटने वाला है और बाबा ने बोला तेरे दिमाग मे किडे भरे हुए है वही निकालने थे l मुझे इतना ज्यादा दर्द हुआ के मैने मेरे हाथ और पैर सिकुडने चाहे लेकिन वह बंधे हुए है इसीलिए मै हात और पैर को सिकुड नही पाया l यहा अस्पताल मे डॉक्टर मेरे नाक मे सलाईन का ट्यूब डालने की कोशिश कर रहे थे और इसी वक्त बाबा ने मेरे नाक मे उनका लोहे का सटका डाल रहे थे l मै दर्द के मारे बेहोष हो गया और मुझे ऐसा लगा के मेरी मौत हो गई है l मुझे अपना शरीर पोस्टमार्टम के लिये लेके जा रहे है ऐसा लग रहा था l और मुझे हलकी हलकी रोशनी दिखाई दे रही थी जो की डॉक्टर मेरे आखो मे टॉर्च मार रहे थे उसकी रोशनी थी l किंतु सूक्ष्म रूप मे व मुझे दुसरी दूनिया की रोशनी लग रही थी और मुझे खुदको एक छोटे बच्चे जैसा बन गया हू ऐसा लग रहा था l मतलब की इस दुनिया मे मेरी मौत हो कर मेरा दुसरा जनम हो गया है ऐसा मुझे लग रहा था l

बाद में मुझे लगभग रात के एक बजे होश आया और मुझे जोरो से पेशाब लगी l तभी मेरे भाई ने नर्स को बोलके मेरे हाथ पैर खुलवा दिये और मै पेशाब करके आया l लेकिन जब मैने अपना चेहरा धोया और बेसिन मे थुका तब मेरे थुक के साथ थोडा सा खून भी निकला हुआ था l खून मेरे नाक के माध्यम से मेरे मूह मे आया था और थुक के साथ बाहर निकला था l अब मुझे यह पता नही था के ये खून साई बाबा ने मेरे नाक मे जो सटका गुसाया था ऊस वजहसे आ रहा था या फिर डॉक्टर ने जो सलाईन का ट्यूब डालने की कोशिश कर रहे है मेरे नाक मे उस वजह से खून आ रहा था उसके बाद मै आकर अपने बेड पर सो गया l जब सुबह हो गई तब मेरे घर वाले सब मुझे देखने आ गये थे और दोपहर के बाद मुझे जनरल वॉर्ड मे शिफ्ट किया गया और शाम को मुझे डिस्चार्ज किया गया l

इसके बाद मै अपने काम पर जाने लगा और लगभग 21 दिन गुजर गये और फिर एक रात लगबग आठ या नऊ बजे मुझे वापस चक्कर से आने लगे और मेरा शरीर वापस भांग के जैसे अनुभव महसूस करने लगा l मै बहुत ज्यादा डर गया और घर वालो को सब बताया फिर घर वाले मुझे वही हॉस्पिटल मे लेके गये, वहा डॉक्टर ने मुझे चेक किया और बताया के ईसे कुछ भी हुआ नही है l यह पूरी तरह से ठीक है, और फिर मुझे डॉक्टर ने तुरंत घर पे भेज दिया l मै बाहर से तो ठीक नजर आ रहा था लेकिन मुझे अंदर से ठीक नही लग रहा था l कुछ दिन ऐसे ही बीत गये लेकिन मेरे हालात ठीक नही हो रहे थे फिर हमारे पहचान के लोग मुझे देखने आये और उन्होने कहा के शायद इस कुछ बाहरी बाधा हो गयी है और उन्होने हमे एक तांत्रिक का पता बताया और वहा जाने को कहा वो तांत्रिक हमसे लगभग पचास किलोमीटर दूर था l गुरुवार के दिन मेरी माँ मुझे मीरा दातार दरगाह लेकर गयी उसके बाद हम दोनो तांत्रिक से मिलने गये l जाते समय जब हम ट्रेन मे बैठे तभी मुझे चक्कर सा आने लगा और मेरा मन आगे ना जाने को कह रहा था l ऐसे लग रहा था के ट्रेन से उतर जाऊ, लेकिन फिर भी हम वहा गये l तांत्रिक के पोहोचने के बाद हमने देखा एक छोटासा कमरा है लगभग 6 फूट लंबा और तीन फूट चौढा l बस इतने से कमरेमे ही वह तांत्रिक अपनी दुकान बनाये बैठा था और उसके दरवाजे पे काला परदा था l जब हम अंदर गये तो वहा पे अलग-अलग देवी देवताओं की तस्वीर लगी हुई थी l माता काली, साईबाबा, शंकर भगवान और अन्य भगवान की तस्वीरे थी, और वहा पे कुछ पुराने अखबार जिस मे उस तांत्रिक की फोटो छपी हुई थी वह अखबार के न्यूज को फ्रेम बनाके लटकाया हुआ था l मतलब के वह तांत्रिक बहुत है फेमस था l और कई सारे हिंदी और अंग्रेजी अखबार ने उसकी चर्चा अपने अखबार में छापी हुई थी l

थोडी देर वहा पर बैठने के बाद उसने मुझे पूछा क्या हुआ है? तब मैने बोला के मैने भांग पिया था बस इतना ही सुना, उसके बाद उसने हमे बाजू से एक नींबू खरीद कर लाने को बोला और हम निंबू लेकर आये l उसके बाद उसने मुठ्ठी मे मेरी एक उंगली पकडी और फिर उसने उसके हात को सुंघा और फिर निम्बू मेरे सिर पे घुमाया और मुझे आखे बंद करके मेरे मम्मी से रुमाल मांगा और वह रुमाल उसने वही खिडकी पे रख दिया l और मुझे उस पर फुक मारने को कहा थोडी देर मे रुमाल से धूवा निकलने लगा और रुमाल जल गया l मै और मेरी मम्मी हम दोनो भी हैरान थे l

उसके बाद वह तांत्रिक बोला के मेरे उपर मुठ मारी गई है l और इस वजह से मुझे तकलीफ हो रही है l हात पैर मे बेचैनी होगी, दिमाग की नस फटने से मेरी मौत हो सकती है या फिर मैं पागल हो सकता हु l और इसे ठीक करने के लिए 200000 रुपये लगेंगे l हमने पूछा इतना ज्यादा पैसा तब उसने कहा यह विधि करने के लिए नाग का बली देना होगा और नाग के खून से मुझे नहलाना होगा इसीलिए इस का खर्च ज्यादा है l

फिर हम लोग लगबग 300 रुपये दक्षिणा देकर वहा से निकल गये l लेकिन जैसे हे हम वहा से निकले मेरा पुरा शरीर थरथर कापने लगा l मैने खाने के लिए रेल्वे स्टेशन पर एक भेल पुरी ली हुई थी खाने के लिये, लेकिन खाते वक्त भी मेरा हात ऐसे काप रहा था जैसे कोई शराबी के हात कापते है, हमने हमारे घर के लिए ट्रेन पकडी और मेरी तब्येत बहुत ही बिगड ने लगी मेरा पुरा शरीर काप रहा था मान लो मुझे ऐसे लग रहा था के मैं घर तक नही पोहोच पाऊगा बीच मे ही मेरी जान निकलने वाली है l मेरी मा मुझे दर्गा से लाई हुईं विभूती मेरे माथे पर लगा रही थी और मेरे मुह मे चखने के लिए दे रही थी l हर दो तीन स्टेशन के बाद मुझे ऐसे ही लग रहा था के शायद मे घर तक नही पोहोच सकता हु l मेरी माँ बार बार मुझे विभूती लगा रही थी, जैसे तैसे हम हमारे घर पोहोच गये l और रात खाना खा के सो गये l लगबग रात बारा बजे मेरी हालत बहुत खराब हो गई और हमारे घर के बाहर कुत्ते जोरो से रोने लगे और मुझे ऐसे लग रहा था मै अपने शरीर को छोड कर मेरी आत्मा अब बाहर निकलने वाली है l मेरा पुरा शरीर हलका हो रहा था l मै अपने शरीर को हाथ लगा रहा था तो मुझे अपने शरीर के होने का अहसास भी नही हो रहा था l और कुत्ते जोरो से रो रहे थे l मैने हमारे घर में रखा हुआ साईबाबा का ग्रंथ उठाया उसको अपने सिर के नीचे रख कर सो गया l लेकिन निंद नही आ रही थी l फिर बाद मे मुझे जोरो से पेशाब लगा फिर में पेशाब करते आया तो मुझे थोडा आराम पडा l और में आराम से सो गया दुसरेही दिन हम उसी तांत्रिक के पास दुबारा गये और उसे बीस हजार रुपया दिया और कहा के आप हमे इस मुसिबत से बचाये l

फिर उस तांत्रिक ने न्यूज पेपर के कुछ तुकडे लिये और आठ या दस तुकडे बनाकर उस न्यूज पेपर के तुकडो पर उसने सिंदूर भोजपत्र और बाकी कूछ सामान डालकर उनकी छोटी छोटी पूडिया तयार की l और बोला यह पुडिया लेके आप हर शाम को मेरे उपर से उतार कर गॅस पर एक बर्तन गरम करिये और उस मे हर रोज एक पुडी जला दे l

फिर उसकी राख दुसरे दिन किसी चार रस्ते पर डाल दे l तो हम तांत्रिकी यहा से पुडीया लेके निकले l निकलते वक्त उसने एक काले कलर का बीज दिया लगबग इमली के अंदर का जो काला बीज रहता है उसी आकार का कोई बीज था l उसने कहा आगे जाने के बाद जो चार रस्ता आयेगा वहा पे वो बीज मेरे सर के ऊपर से पीछे की तरफ फेक दे और पीछे मुडके ना देखे सीधा घर चले जाये l

हमने वैसे ही किया और हम लोग घर पे चले आये फिर उस तांत्रिक ने बताया हुये विधि से हम घर पे मेरे उपर से उतार कर हर शाम वो पुडिया जलाने लगे l और दुसरे दिन मेरे पिताजी उसकी राख चार रस्ते पर फेक आते थे l हर रोज रात को मुझे बहुत डरावने सपने आते थे मुझे सोने मे भी डर लगता था l ऐसे करते करते व सब पुडिया आठ दस दिन मे खतम हो गई l

हम वापस उसे तांत्रिक के पास गये और उसने हमे उतनी ही पुडिया बना के दि और उसी तरह मेरे उपर से उतार कर हम वह पूडिया जलाने लगे l अब मुझे आने वाले सपने बदल गये थे ऐसे लग रहा था के कोई मेरे अंदर से बुरी नकारात्मक शक्तियों को बाहर खीच रहा है l और हर रोज ऐसे सपने आने लगे और एक दिन मुझे सपना आया के मै किसी एक अंधेरे कमरे मे हु और वहा पर मेरी मौसिकी लडकी भी है और कोई एक औरत है जो मुझे बोल रही है ये कुमकुम मौसिकी लडकी के मुह मे डाल दो और मेरी मौसी की लडकी डर रही थी l लेकिन मैने वो कुमकुम उसके मूह मे डाल दिया तो वह चिल्लाते हुए भागने लगी और मै जो सोया हुआ था तो मै जागते हुए जोर से चिल्लाया और मेरे मुह से नकारात्मक ऊर्जा हवा के झोके जैसे होते हुए हमारे खिडकी से बहार चली गई l मैं मेरे पिताजी के बाजूमे सोया हुआ था l मेरे पिताजी डर के उठ गये और मै खुशी से हस रहा था l मुझे ऐसा लगा के इस बुरी शक्ती से मेरा छुटकारा हो गया है l

बादमे तांत्रिक ने हमे बुलाया, और कहा के नाग का बंदोबस्त हो गया है l और हमे एक दिन शाम के वक्त उसके स्थान पर उसने बुला लिया l इस बार मेरे मम्मी और मेरे साथ मेरा छोटा भाई भी आया हुआ था l

इस बार ऊस तांत्रिक ने हमे जहा पर बुलाया था वह स्थान किसी और जगह पर था l मतलब हम जो पहली बार मिलने गये थे वह तो एक छोटासा 3 x 6 का दुकान था l लेकिन इस बार उसने हमे एक औरत के साथ हमे एक मकान पे आगे भेज दिया l और वहा पर काफी सारे लोग लाइन में खडे थे अपने अपने नंबर आने का इंतजार कर रहे थे l सुरज ढल चुका था , हमारा नंबर आया तभी उस तांत्रिक ने हमे एक सफेद रंग का कपडा लाने को बोला l मै और मेरे भाई ने वही एक दुकान मे जाके एक सफेद रंग का कपडा हम लेके आये l और फिर उस तांत्रिक ने मुझे कमरे के अंदर बुलाया l मेरा भाई और मम्मी कमरे के बाहर ही खडे थे l उस कमरेमे तांत्रिक के साथ उसके दो चेले भी थे , और माता काली की एक लगबग तीन साडेतीन फिट उंची मूर्ती भी रखी हुई थी l और उसके खुले बाल देखकर मुझे बहुत डर लग रहा था l माता कालिका स्वरूप बहुत डरावना लग रहा था, वहा पर उस तांत्रिक ने मेरे उपर कुछ मंत्र पडे और मुझे माता काली के सामने जमीन पर सुला दिया l और उसने एक काच के बडे से बोतल में रखे हुए 2 नाग बाहर निकाले l बोतल मतलब जैसे आचार का जार मार्केट मे मिलता है उस तरह का काच का जार था, उसका मुह ढक्कन लगा के बंद किया गया था l उसने उन सोये हुए नागो को जगाया और व काच का बोतल मेरे सीने पे रखा l

और मुझे दोनो हाथो से पकडने को बोला l मै नाग देख कर बहुत ही डर गया था l उसके बाद मे उसने कुछ मंत्र बोले कमरे की लाईट बंद कर दी l और उसके चेले वहा पर मंत्र बोलते हुए जमीन के उपर लकडी मार मार के जैसे ढोलक बजाते है वैसे जमीन के उपर लकडी मारकर ध्वनि निर्माण कर रहे थे l उसके बाद उसने लाईट ऑन किया और मेरे उपर से नागो को हटाकर मेरे उपर सफेद कपडा सर से लेके पाव तक डाल दिया l और मुझे आखे बंद करने को बोला l कहा के अभी मै नागो की बली देने जा रहा हू l और इस के खून से तुझे स्नान कराया जायेगा l और उसने वापीस लाईट बंद किया l मेरे उपर खून की बूंदे छिडक रहा था l उसने मेरे उपर डाले हुए सफेद कपडे पर पुरा खून छिडक दिया l उसके बाद किसी पेड दो लकडीया एक दुसरे के उपर मार रहा था जीस वजहसे उस लकडी की छोटी छोटी छाल मेरे उपर गिर रही थी, यह सब क्रिया करते हुए वह कुछ मंत्र बोले जा रहा था l उसके साथी जमीन पर आवाज किये जा रहे थे l उसके बाद उसने लाईट ओन किया l और मेरे उपरसे कपडा निकाल कर उसने उसकी एक पोटली बना ली l और जमीन के उपर माता काली के सामने रख दी l और मुझे बोला इस पोटली के ऊपर से लांघ कर दुसरी बाजू जाना है l उसने मुझे ऐसे सात या आठ बार करने को कहा l और जब मै उस पोटली के उपर से लांघ कर दुसरी बाजू जाता था तभी वह तांत्रिक कुछ शाबर मंत्र पढ़ रहा था l मुझे पूरा मंत्र याद तो नही है लेकिन वह कुछ बोल रहा था l मुरदा लांघे 1, मुर्दा लांगे दो, मुर्दा लांघे 3 ऐसा उसने लगभग मुर्दा लांघे 7 तक बोला l

बादमे उसने मुझे माता काली को प्रणाम करते हूये बोलने को कहा के मैने आपको खून दिया है तो मैंने वैसे ही कहा l और बहुत कुछ था लेकिन मुझे ज्यादा याद नही आ रहा है क्यू के इस घटना को लगभग तेरा साल हो चुके है l बाद में हम लोग वहा से निकल कर हमारे घर आ रहे थे l रात हो चुकी थी, हम स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे और जो ट्रेन आने का इंडिकेटर लगा होता है उसकी लाईट देख कर मुझे ऐसा लग रहा था के मेरी देखने की क्षमता कुछ कम हो गई है l अक्सर जैसे हम नींद से उठने के बाद हमे क्लियर नजर नही आता है वैसे ही मुझे वह इंडिकेटर पर टाइमिंग दिखाई दे रहा था l लेकिन कुछ क्लिअर नही दिख रहा था l मै अपने आँखे बार बार मल कर मेरा विजन क्लियर करने की कोशिश कर रहा था l मैने मेरे भाई को भी पूछा तुमको क्लियर दिख रहा है क्या l उसने बोला हा मुझे क्लियर दीख रहा है l लेकिन मुझे कुछ क्लिअर नही दिख रहा था l पता नही मेरे आखो पर कोनसा परदा पड गया था l बादमे हम लोग ट्रेन पकडकर हमारे घर पर आ गये l

घर आने के बाद मै नहाया l मैने देखा मेरे कपडो पर भी कुछ बुंदे खून की गिरी हुई है l उस तांत्रिक ने बोला था कि वो नाग की बली दे रहा है, मुझे नही मालूम क्या सच में उसने नाग को काटा था या फिर नही l क्युकी मेरी आखे बंद थी और मेरे सिर से पाव तक कपडा डाला हुआ था l उसके बाद उसने जो खून मेरे उपर छिडक दिया था वो खून भी नाग का था या किसी बकरे का या मुर्गे का था मुझे मालूम नही l कभी कभी तो मुझे लगता है के शायद  किसी औरत की मासिक धर्म का खून हो सकता है l या फिर किसी चमगादड का खून भी हो सकता है, क्युकी बाद मे मेरे साथ जो बुरा हुआ था उससे मैं अंदाजा लगा रहा हू बाकी तो यह सिर्फ मेरा अंदाजा ही है l सच क्या है मुझे पता नही l

लगभग एक हप्ता गुजर जाने के बाद उस तांत्रिक ने हमे फिर से वहा बुला लिया और इस बार उसने आते वक्त हमे एक छोटी मटकी लाने को बोला और उस मटकी मे डालने के लिए चावल और पाच लिटर खाने का तेल लानें को कहा, हम सब चीज लेके उस तांत्रिक के यहा वापस गये l इस बार मै और मेरी माँ हम दोनो ही गये हुए थे l

उस तांत्रिक ने हमे उस कमरे के अंदर बुलाया और हम जो मटकी और चावल लेके गये थे उस मटकी मे उसने चावल भरे और मटके मे उसने मुझे थुकने को बोला l बादमे उस चावल पर उसने मुझे एक लोटा पानी डालने को कहा l जब मैने पानी डाला उसके बाद उसने उस मटके के ऊपर ढक्कन रख दिया l देखते ही देखते मटका गरम होने लगा और व तांत्रिक हमे डराने लगा खुद भी डरने का नाटक करने लगा l और मटके को बाहर से मेरा मम्मी का हात पकडकर उस मटके के उपर रखकर बोलने लगा देखो मटका कितना गरम है l किसी दुसरी दुनिया की चीज है जिसे तुरंत हटाना पडेगा और इस विधी के लिये दस हजार रुपये लगेंगे l यह चीज हमे काशी मे भेजना पडेगा, गंगा मे विसर्जित करना पडेगा l

मैने कहा अभी तो इतने पैसे नही है हमारे पास, तब वो बोला दो तीन दीन मे लाके देना l हमने उन्हे प्रणाम किया और वहासे निकल पडे l बाहर निकल कर मैने अपने मां से कहा के यह तांत्रिक हमसे पैसे लूटना चाहता है अब चाहे जो हो जाये हम यहा पर दोबारा नही आयेंगे l

गुरुजी हमने वहा देखा के माता काली के सामने बहुत सारे मटके रखे हुए है l मतलब की ऐसे बहुत सारे लोगोके उपर उसने तंत्र क्रिया कर रखी होगी l

हम वहा से निकल कर हमारे घर चले आये l दो तीन दिन के बाद उसी तांत्रिक का फोन मुझे आया l मैने डरते हुए उसका फोन उठाया तब उसने बोला के पैसे का इंतजाम हो गया है क्या ? कब लेके आ रहे हो पैसा ? तो मैने उसे बोला के हमारे पास पैसा नही है l तब तांत्रिक ने बोला के ऐसा जरुरी नही है कि इस चीज को कही ले जाकर गंगा मे ही विसर्जित करना पडेगा, हम इसे कोई समंदर या गटर मे भी फेक सकते है लेकिन वो वापस तुम्हारे पीछे पडेगी l तब मैने उसे बोला के आप तो इतने बडे बाबाजी है तो आप ही इस चीज का सोच समझकर बंदोबस्त कीजिए उसके बाद उन्होने फोन काट दिया l

मै अपने काम पर जाने लगा और एक दिन जब मेरी नाईट शिफ्ट चल रही थी तो रात के एक बजे हमारा चाय का टाईम था तो उस वक्त मै थोडे देर के लिये सो गया था l लेकिन उसी वक्त सपने मे किसी ने मेरे सिर के ऊपर बहुत जोर से हातोडा मारने जैसा सपना मुझे आया और मेरे सिर मे और पूरे शरीर मे एक बिजलीसी दौड गई l मै बहुत डर गया और डर के मारे मै उठ गया l

उसके बाद से मेरी जिंदगी मानो नरक बन गई l हर रोज मुझे डरावने सपने आने लगे l मेरे हाथ पैर मे बेचैनी होने लगी l मुझे ऐसे लगने लगा सिर पर कोई चोट लगी हो और इंटर्नल ब्लीडिंग मेरे सर मे हो रही हो l मुझे ऐसे लग रहा था के मैं इस दुनिया का नही हू l मै अपने हर रोज के काम भी ठीक तरह से नही कर पा रहा था l मान लिजिये के मै किसी सपने मे जिंदगी जी रहा था l मेरे घर में झगडे इतने बढ गये उसकी कोई सीमा ना रही l मेरे पिताजी और मेरे मा मे बहुत झगडे होने लगे l मम्मी को मारना, गाली गलोज करना यह तो आम बात हो गई थी l झगडे का कोई समय फिक्स नही था l मान लो वह दोनो तो एक दुसरे को देखना ही पसंद नही कर रहे है l सुबह का समय हो चाहे रात का या रात के दो ही क्यू ना बज रहे हो, हर वक्त घर मे झगडा चल रहा था l हमारे आजू बाजू वाले देख रहे थे लेकिन कोई कुछ नही बोल रहा था l मुझे तो डर लग रहा था के इस मे किसी की जान चली जाये या कोई आत्महत्या ना करले l घर के झगडे की वजहसे मै अपने काम मे भी ठीक तरह से मन नही लगा पा रहा था l क्योंकि घर पे झगडा होता था l तो मेरी मा मुझे फोन करती थी और में तुरंत काम से निकल कर घर पे आ जाता था l बाईक इतनी तेज चला कर घर पे आ जाता था के मान लो भगवान की दया से ही मै बच जाता, वरना एक्सीडेंट होने का खतरा तो बना रहता था l कभी कभी तो मै जैसे ही काम पर पोहोच जाता था तो तुरंत घर से फोन आ जाता, तो मै काम शुरू करने से पहले ही वापस छुट्टी लेके घर पे आ जाता था l हमे कुछ समझ मे नही आ रहा था ये सब क्या हो रहा है l

घर के झगडे तो लगातार चल ही रहे थे l मेरी तब्येत तो हमेशा खराब ही रहने लगी थी l डरावने सपने जैसे कोई मुझे खाई मे फेक रहा हो l या कोई डरावना जानवर मेरे पीछे पडा हो l कोई भूत प्रेत स्मशान मे चीता का जलना l यह सपने तो मुझे रोज आने लगे थे l मुझे सपनो मे नाग का बार बार दिखाई देना और कभी कभी तो इतने बडे बडे विशाल काय सर्प सपने मे मुझे दिखाई देते थे के मानलो लगबग पचास से सौ फिट लंबे साप मुझे सपने मे दिखाई देते थे कभी कभी तो सापो का झुंड मुझे दिखाई देता था l इतने अलग अलग तरह के साप और वो भी एकदम नजदीक से मुझे दिखाई देते थे रात को नींद मे कोई मुझसे लिपट जाता था l कभी कभी ऐसे लगता था कोई साप पैरो से होते हुए उपर की तरफ आ रहा है और मेरे गुप्त अंग से और मेरे पूरे शरीर को लिपट रहा है l ऐसा आभास मुझे होने लगा था मै बहुत डर गया था l और परेशान रहने लगा था l मेरी तब्येत तो बहुत कमजोर हो गई थी l सब लोग मुझे देख कर हैरान थे के मे इतना दुबला पतला कैसे हो गया हूँ l मेरे दोस्त भी मुझे पूछ ने लगे थे की तुझे क्या हो गया है l घर के झगडे की वजहसे तो एक दो बार मैने अपने पापा के उपर हात भी उठाया था l और मेरे पापा ने भी मुझे मारा था l मै अब हमारे यहा पे एक साई बाबा का मंदिर है उस मंदिर में रोजाना जाने लगा l बाबा से कहने लगा आप हमे इस मुसीबत से बाहर निकालीये l घर मे झगडा होता था तो मै उठकर मंदिर जाता था l मंदिर जाने का कोई समय फिक्स नही था l कभी कभी तो सुबह साडेतीन बजे मंदिर खुलता है तो मै उसी समय वहा पर पोहोच जाता l मुझे समझ मे नही आ रहा था मै क्या करू l इस दौरान हम घर के सब लोग मिलकर साई बाबा के स्थान शिर्डी और वहा से नजदीक शनिशिंगणापुर भी जाकर आये l लेकीन हमारे हालात मे कोई सुधार नही हो रहा था l मेरी मम्मी और पप्पा की झगडो को देखकर हम लोगोने सोचाके हम इन दोनो का तलाक करवा देते है और दोनो को अलग अलग रहने देंगे क्यू कि हम सब लोग बहुत परेशान हो गये थे l घर से कभी भी फोन आता था तो फोन उठाते हुए मुझे बहुत डर लगने लगा था l हम बहुत सारे तंत्र मंत्र वाले, झाड फुक करने वालो के पास और मौलवी के पास चक्कर लगाने लगे l डॉक्टर के पास भी आना जाना शूरूही था l लेकिन डॉक्टर के पास जाते थे तो वह हमेशा यही कहकर वापस भेज देते थे के ईसे कूछ भी हुआ नही है l इसने जो भांग पिया था इस वजह से इस के दिमाग में डर बैठ गया है और यह पूरी तरह से ठीक हैl

ऐसेही हम दरदर के ठोकरे खा रहे थे l तभी हमे किसीने हमारे नजदीक के गाव मे एक औरत का पता बताये जो झाडा फुक करवाती थी l तो हम उसके यहा चले गये और उसने मेरे उपर से कुछ क्रिया करवाई l उतारा करवाया और एक छोटी मटकी मे कुछ भोजपत्र, लोहे के कील और बाकी कुछ सामान डाला और वह चीज मेरे उपर से उतार कर जमीन मे गाडने ने को बोला l जिस दिन ये क्रिया करवाई उस रात मुझे एक सपना आया और मुझे ऐसे लगा के कोई तो चीज मेरे अंदर से निकल कर बाहर चली गई l मुझे काफी आराम महसूस हुआ और धीरे धीरे मेरी तब्येत पहले से बेहतर हो गई l लेकिन मेरे सिर में भारीपन हमेशा बना रहता था l मै जब से उस तांत्रिक के यहा से आया था तब से मेरे लेफ्ट कान मे खुजली बार बार हो रही थी और मेरे लेफ्ट दात जिससे हम खाना चबाते है उसके नीचे मुझे कुछ चीज होने का अहसास बार-बार हो रहा था l

मुझे इस बार अलग तरह का दिक्कत का सामना करने पडने वाला था l मेरे सपने मे हमारे बाजू मे रहने वाली एक मुस्लिम औरत बार-बार आने लगी थी l और मै धीरे-धीरे करके उसकी सोच में डूबते जा रहा था l मै हमारे बाजू के औरत के वशीकरण मे फस गया l मुझे नही पता यह वशीकरण उसी औरत ने किया था या उसी तांत्रिक ने मेरा और उस औरत का वशीकरण करवाया था l क्युकी मुझे उस औरत से बाते करना अच्छे लगने लगा l वह औरत भी मुझसे बात करने आया करती थी वो भी उसका पती काम पे जाता था उसके बाद वो आती थी, उस वक्त हमारे घर पर भी कोई नहीं रहता था l क्यो की मेरी नाईट शिफ्ट रहती थी तो मैं दिनभर घर पे अकेला होता था l लेकीन मुझे रात मे भी काम पर जाने का मन नही करता था, बस उस औरत के खयालो मे मैं डुबा रहता था l मैं खाना खाते वक्त, काम करते वक्त, सोते समय हरवक्त उसके खयालो मे डुबा रहता था l मेरी माँ मुझे पूछती तुझे क्या हो गया है l किस खयालो मे गुमसुम रहते हो l

मैं कुछ भी नहीं बोलता था l बस अपने सपनो मे खोया रहता l रात मे सोते वक्त भी उसके खयाल रहते l मैं सूबह 4 /5 बजे तक उसके बारे मे सोचते रहता l दीन के शिफ्ट मे या रात के शिफ्ट मे काम पे भी जाता तो कब घर वापस आता हू ऐसे मुझे होता था l वह मेरे सपने मे बार बार आने लगी l कभी कभी बोहोत कामुक रूप मे वह मुझे नजर आती l मैं क्या सही क्या गलत यह समझने के कंडीशन मे नही था l वह किधर जाती हुइ नजर आती तो मैं बाईक लेकर उसके पीछे जाता और उसे लिफ्ट देता था l मेरे पैर अपने आप उसके पीछे पीछे जाते थे l वो किसी और से बात करती तो मुझे बोहोत तकलीफ होती थी l मैंने ट्रेन मे लगे पोस्टर से या टीव्ही पर दिखाने वाले तांत्रिक के advertising से बात करके उनसे मिला l लगबग 3 / 4 तांत्रिक ने यही कहा की तुम्हारा वशीकरण किया गया है l मै इस बात से बहुत खुश हुआ क्योंकि मुझे ऐसे लगा के शायद वह मुस्लिम औरत भी मुझे चाहती है इसीलिए उसने मेरे उपर वशीकरण प्रयोग किया होगा l फिर मेरी हिंमत बढने लगी और मै दिन और रात भर उसी के बारेमे सोचने लगा मै उससे ज्यादा से ज्यादा बात करने की कोशिश करने लगा वह भी मुझे कुछ ना कुछ खाने को देती थी जैसे कोई सब्जी या चाय वगैरा l वह मुझसे हमारे घर से कभी दूध लेने आती तो कभी प्याज लहसुन या फिर कोई सब्जी वगैरा l

मै उसे वही चीज दे दिया करता था l और सब मै अपने घर वालो से छूप कर दिया करता था मेरे घर वाले उसे ज्यादा पसंद नही करते थे l और मुझे भी कहा करते थे तुम उस औरत से ज्यादा बात मत किया करो l लेकिन वह तो मेरे दिल और दिमाग पर हावी हो चुकी थी l मै भी उसके लिये कभी आईस्क्रीम लेके आता था तो कभी चॉकलेट लेके आता था l लेकिन मुझे उससे प्यार का इजहार करने की हिम्मत नही हो रही थी l मै मन ही मन उससे प्यार कर रहा था l लेकिन उसे मालूम था मेरे मन मे क्या है l दिन भर मेरे मन मे उसी का खयाल रहता था l और रात मे सोने के बाद मेरे सपनो मे भी वही औरत आती थी l कभी कभी कुछ कामुक तरह के सपने मुझे दिखाई देते थे l मुझे उससे अब प्यार का इजहार करना था लेकिन मेरी हिम्मत नही बन रही थी l तो मैने सोचा क्यू ना बियर पी लिया जाय तो शायद इससे मेरी हिंमत बढेगी l तो मैंने बियर पीना शुरू किया लेकिन फिर भी मेरे हिम्मत नही बन पा रही थी l और मै उससे नजदीक जाने की कोशिश करने लगा मेरा यह बरताव देखकर शायद उसके पती को कुछ शक हो गया होगा और शायद उनके घर मे मेरे बारे में कुछ कहा सुनी भी हो रही होगी l उसका पती भी मेरा अच्छा दोस्त है इसीलिए मुझे सिधे तौर पर उसने कभी कुछ नही कहा l वह औरत मुझसे कभी 100 / 200 रुपया मांग लिया करती थी l और मै भी उसे दे दिया करता था l वो मुझे कभी भी कुछ कहती के आज मेरा यह चीज खाने का मन हो रहा है तो मै काम से आते वक्त वो चीज लेके आया करता था और उसे दे दिया करता था l मेरे मन मे एक डर भी था के कही यह वशीकरण उसी तांत्रिक ने तो नही करवाया है l क्युकी मुझे सपने मे वह तांत्रिक भी दिखाई देता था और मेरे उपर खून छिडकाता था l

कभी मेरे सपनो मे नाग आते थे और वह मेरे उपर नजर रखे हुए थे l डरावने सपने , नागो का सपने मे आना, कभी जलती हुई चिता दिखाई देना यह सब सपने तो मेरे जारी ही थे l लेकिन इस मुस्लिम औरत के प्यार के वजह से मै बाकी चीजो के उपर इतना ध्यान नही दे रहा था l मेरा सर हमेशा भारी ही रहता था l मै इस चीज का इलाज करवाने उस झाड फुक करने वाली महिला के पास लगातार जा रहा था, लेकिन अभी उसका प्रभाव मेरे उपर नही पड रहा था l मेरी समस्या खतम नही हो रही थी l लेकिन एक तरफ इस मुस्लिम महिला से मेरा लगाव मुझे मन ही मन बहुत आनंदित कर रहा था l मेरा ध्यान मेरे खाने पीने के उपर नही था l मै अब अच्छा दिखने की कोशिश करने लगा, मै घर मे ही थोडा कसरत कर लिया करता था l और जब आप अंदर से खुश रहते है तो उसकी चमक आपके चेहरे के ऊपर दिखाई देती है l तो मै थोडा सुंदर दिखने लगा था l और मेरे कसरत की वजहसे मेरी तब्येत भी अच्छी दिखने लगी थी l मतलब के मेरी पर्सनालिटी सुधर रही थी ll लेकिन इसके साथ साथ मुझे शराब की आदत लग गई थी मै जब भी वक्त मिलता  मैं बियर पीने लगा और एक दिन उस औरत ने उसके पती के सामने मुझसे कहा के मै तुम्हे अपना भाई समझकर तुमसे बात किया करती हु l मेरे तो पैरो के नीचे से जमीन सरक गयी l मानलो मुझे किसी पहाड की चोटी के उपर से नीचे फेक दिया गया हो l उस वक्त मै थोडा संभल गया लेकिन अब तो मेरा बुरा वक्त शुरू होने वाला था l

दुसरे दिन वो औरत मुझसे फिर बाते करने आई लेकिन इस बार मैने उसके तरफ जादा ध्यान नही दिया l वह बोलने लगी के कितना अच्छा होता के मेरी भी शादी किसी हिंदू से हो जाती l मै समझ गया के यह औरत कल मुझे भाई कहा इसीलिए मुझे दुसरे तरीके से झासे से मे लेना चाहती है l सच कहू तो मै उसे पसंद करता था लेकिन उसने मुझे भाई क्यू कहा इसके मन मे क्या है ? इन सब सवालों से मेरा दिमाग परेशान हो गया l हो सकता है उसके और उसके पती के बीच में कुछ कहा सुनी हो गई हो मेरे बारे मे इसिलिये उसने मुझे भाई कहा हो l जो भी हो अब तो मै परेशान रहने लगा l लेकिन उस औरत के बारे मे मेरे मन मे जो अट्रॅक्शन था वो वैसे के वैसे ही था l मन उसकी एक झलक पाने के लिए तडप जाता था l वह कभी हमारे दरवाजे से गुजरती तो मै खिडकी से उसे देखते रहता था l वह किसी और से बाते करती तो मेरा दिलं अंदर ही अंदर बहुत तडप जाता था l मुझे समझ मे नही आ रहा था मै करू तो क्या करू l मेरे सपनो मे तो वह लगातार आ रही थी l मै अब ज्यादा से ज्यादा शराब पीने लगा l बियर की जगह मै दुसरी शराब पीने लगा l और इस बात की खबर मेरे घर वालो को या किसी और को नही थी l क्यूकी मै शराब पी के सो जाया करता था l मेरी कामवासना कंट्रोल से बहार हो गई थी l मै उस औरत को पाना चाहता था l इसीलिए मै टीव्ही पर दिखाये जाने वाले तांत्रिक के एडवर्टाइजमेंट देखकर उस जगह पर जाने लगा l और उस महिला के उपर वशीकरण करने के लिए पैसा खर्च करने लगा लेकीन ऐसे तीन चार जगह जाने के बाद भी मेरा काम नही बन रहा था l मै और परेशान हो जाता था l और, और ज्यादा शराब पिता था l मैं कभी काम पर छूट्टी मारकर शराब पिने लगा l हमारे गाव के नदी किनारे झाडियो मे शराब पी कर मैं वही सो जाया करता l कभी कभी रात को काम से आते समय नदी मे उतरकर शराब पीता था फिर रात के अंधेरे मे नदी के घुटने भर पानी मे नंगा होकर नहाता था l नदी का कीचड अपने शरीर पर लगाता था l फिर घर जाने से पहले ठीक से साफ साफ नहाकर घर जाता था l मैं पुरी तरह से विक्षिप्त हो गया था l

फिर मुझे ऐसे लगने लगा के मै यह सब क्या कर रहा हू मुझे ऐसे नही करना चाहिये l मै तो भगवान की पूजा करने वाला मंदिर मे जानेवाला एक सत्संग मे जाने वाला लडका था l फिर यह सब क्या कर रहा हु मै l लेकिन उस औरत के बारेमे सोच कर मेरा दिल तडप उठता था l मेरा दिमाग काम नही कर पाता l मै सही डिसिजन नही ले पा रहा था l क्योंकि दिन भर वह औरत मेरे आखो के सामने से आती जाती रहती थी l और रात को मेरे सपनो मे आया करती थी l मतलब के चौबिस घंटे मै उसी के खयालो मे रहता था l मैने सोचा क्यू ना इस वशीकरण को काट दिया जाये इसीलिए मै वापस एक एडवर्टाइजमेंट देखकर एक तांत्रिक से मिला l और उसे मेरी समस्या बताइ l और मै ने कहा मुझे इस वशीकरण से छुटकारा दीलाओ l तब् उसने मुझे एक तावीज बना कर दिया लगबग चार या पाच हजार रुपये उसने लिये होगे l अभी मुझे ठीक ठीक याद नही है l यह सब बात मै 2009 और 2010 के बीच की बता रहा हु l जब मैंने वह तावीज घर पर लाया l और तांत्रिक ने कहे अनुसार एक नोटबुक मे रख दिया l फिर मुझे जो सपने आते थे उन सपनों में कोई एक शक्ती जो मेरी तरफ से कुछ बुरी शक्तीओ का सामना कर रही थी मुझे दिखाई देती थी l मान लिजिये कोई लढाई चल रही हो और मेरे तरफ से लढने वाली शक्ती कभी घुस पैठीया बनकर दुश्मन के इलाके मे जाकर उसे भ्रमित कर रही हो l लेकिन इस सब के ऊपर हमेशा एक नाग की नजर बनी रहती थी l और अब मुझे सपनो मे दिखाई देता था l वशीकरण खतम तो नही हुआ लेकिन औरत के चेहरे पर फोडे आने लगे थे l

और यह सब देखकर मुझे भी अच्छा नही लग रहा था l मन ही मन सोच रहा था के मुझे इसके वशीकरण से छुटकारा चाहिये लेकिन इस का या इसके परिवार का कुछ भी अनिष्ट नही होना चाहिये l वह तावीज अभी मेरे घर मे नोटबुक मे रखा हुआ था और लगबग 20 दीन गुजर गये होंगे, अब मुझे रात को एक सपना आया और उस सपने मे जो शक्ती मेरे तरफ से लढ रही थी वह शक्ती बहुत जोर से भाग गई और भागते-भागते उसने मुझसे कहा के सामने वाला तांत्रिक बहुत ताकदवर है और उसके पास तरह तरह के नाग रखे हुए है, मै इन से नही लड सकता l और मुझे उसके बाद उस शक्ती के सपने मे आना बंद हुए जो मेरी तरफ से नकारात्मक शक्ती से लड रही थी l मै ऊस तांत्रिक के स्थान पर गया जिसने मुझे वशीकरण तोडने के लिये तावीज दिया था, तो वहा जाकर मैने देखा वह तांत्रिक अब अपना पता बदल कर कही और चला गया है l गुरुजी मैने अब तक लगबग लाखो रुपये शराब के ऊपर खर्च कर दिये थे l और लगबग बिस पच्चीस हजार नये नये तांत्रिक के पास जाकर खर्च कर दिये होंगे l लेकिन इसका कुछ भी फायदा मुझे नही हुआ l फिर मुझे अपने भांग पीये हुए दिन की याद आई l और जब साईबाबा मेरे सूक्ष्म शरीर को पकड कर मुझे पीट रहे थे तब उन्होंने मुझे कहा था के मै तो तुम्हारे साथ हमेशा था लेकिन तुम् ही मुझे पहचान नही पाये l तो मैने सोचा क्यू ना साईबाबा से ही मदत मांगी जाये l और फिर मैने घर मे रखा हुआ तावीज नदी मे प्रवाहीत कर दिया और साई बाबा के मंदिर जा कर हात जोड कर प्रार्थना की नमस्कार किया और उनके सामने बैठकर बोला के आप अगर सच मे है तो कृपया आप मुझे कोई दृष्टांत दिजीये l उस रात जब मै सोया तब मेरे सपने मे साईबाबा आये l आसमान मे जो बादल थे उसमे मुझे एक बादल के उपर साईबाबा का चेहरा नजर आया तो मैने सोचा के साईबाबा मेरी मदत जरुर करेंगे और फिर मैने सब तांत्रिक लोगो से अपना संबंध तोड दिया और सिर्फ साईबाबा की पूजा भक्ति करने लगा l अब मुझे जो सपने आ रहे थे वह सपनो मे काफी फरक नजर आ रहा था l मेरे सपनो में भूत प्रेत आते ही रहते थे l

बडे बडे नाग , साप मुझे दिखाई देते थे लेकिन सबसे रक्षा करने के लिए बीच मे कोई आ जाता था l कभी कभी मेरे पीछे नाग लग जाते तो उन नागो के और मेरे बीच मे साईबाबा की तसबीर रखी हुई दिखाई देती थी l और जो नाग मेरे पीछे लगे हुए होते थे वह नाग मुझ तक पोहोचने से पहले ही अपने आप मर जाते थे l ऐसे बहुत सारी बुरी शक्तियों का निपटारा होने लगा था l एक बार तो एक बुढा आदमी नदी किनारे आग जलाये बैठा है, और मै उसके सामने लेटा हु l उसने मेरे छाती के ऊपर जलती हुई लकडी रखी और मेरे अंदर से किसी औरत की आत्मा बाहर भाग गई l और वह चिल्लाई के मै दोबारा जरूर आऊंगी l गुरुजी साई बाबा की पूजा शुरू करने के बाद मुझे आराम तो आ रहा था l लेकिन मेरा वशीकरण नही तुटा था l सपनो मे नाग भी लगातार आ रहे थे l कभी कभी तो एक तांत्रिक ट्रक भर कर नाग मेरे उपर फेक देता था l अपने हाथो मे उठा उठा कर वह नाग मेरे तरफ फेक देता था l और मेरे बाजूमे साईबाबा होते थे और एक नेवला उन नागो को मारने की कोशिश करता रहता था l जब भी नागो की संख्या बढ जाती तब नेवलो की संख्या भी बढ जाती थी l गुरुजी मैने सोचा के मुझे मेरी भक्ती और बढानी होगी और मै हर साल हमारी जगह से साई बाबा कि शिर्डी स्थान तक पैदल यात्रा मे जाने लगा l यह अंतर लगभग 275 किलोमीटर है और वहा पोहोचने मे हमे आठ दिन का समय लग जाता था l मेरी हालत ऐसे हो गई थी के जैसे मै एक जिंदा लाश हू l मेरे पूरे शरीर मे एक अजब सी बेचैनी होती रहती थी l मेरा सर हर वक्त भारी रहता था और अंदर से कुछ दबाव पूरे शरीर मे महसूस करता था l हर वक्त ऐसे लगता था की कोई मेरे अंदर से मेरी प्राण ऊर्जा खिच रहा है l मै हर वक्त कामवासना के बारे मे सोचते रहता था l मै बहोत हि कामुक तरहे का इन्सान बन गया था l और मुझे बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस हो रही थी l हमारे घर के छत से बहुत बार बिच्छू गिरा करते थे l एक दो बार तो मुझे बिछु ने डंख भी मार दिया था l हर वक्त मै अपने दात दबाते रहता था जिस दात से हम खाना चबाते है वह लेफ्ट साईड का दात मै एक दुसरे के उपर हर वक्त चबाते रहने लगा l और मेरे लेफ्ट साईड के कान मे हर वक्त  खुजली सी रहने लगी थी l

मै शिर्डी पैदल यात्रा मे जाता था तो बीच मे एक दो बार ऐसे सपने भी आये के मेरे अंदर से कोई नकारात्मक शक्ती निकल गयी हो l कही बार तो ऐसे सपने भी आये के मेरे कान मे कुछ नकारात्मक ऊर्जा बैठी हुई है और वह मैल के रूप मे बाहर निकल रही है l और एक दो बार ऐसे सपना भी आया के मेरे दात मे कोई सुवर का दात फसा हुआ है और मैं उसे खीचकर निकाल रहा हू l लेकिन ऐसे भी सपने आते थे मेरे अंदर दुसरी नकारात्मक शक्ती समा गयी हो l मै उस औरत के बारे मे हमेशा सोचते ही रहता था lऔर वह औरत मेरे सपनो मे लगातार आ रही थी l मै मेरे पिताजी के बाजू में सोया करता था, तो मेरे पिताजी महसूस करते थे के मैं नींद मे रो रहा हू l गुरुजी असल मे मै उसी औरत के बारेमे सपने मे देख कर रोया करता था l मैने अब साईबाबा की पदयात्रा करने के बाद उनका 9 गुरुवार का उपवास भी रखना शुरू किया उनके 9 गुरुवार के एक पुस्तिका आती है ऊस मे दिये गये विधिविधान से मैने उनकी पूजा करना आरंभ किया l मुझे और बेहतर सपने आने लगे l मुझे अब सपनो मे देवी देवता के दर्शन होने लगे थे l खासकर कर मुझे भगवान शिव के दर्शन हमेशा होने लगे, कभी मेरे सपनो मे साईबाबा आते, तो कभी गणेश जी आते थे l एक बार मुझे ऐसे सपना आया के ऊस तांत्रिक ने मेरे नाम की क्रिया करवा कर कुछ चीजे एक मटकी मे रख दी हो l

और मै वह मटकी तांत्रिक के जगह से चुरा कर भागने की कोशिश कर रहा हू, लेकिन माता काली मुझे ऐसा नही करने दे रही थी l माता काली बहुत ही गुस्से मे मुझे मारने आ रही थी और मै वह मटकी नही चुरा पाया l मेरा सपना ऐसे हि तूट गया l मुझे गणेश भगवान की तुटी हुई मूर्ती हमेशा सपने में दिखाई देने लगी l एक दिन मुझे ऐसा सपना दिखाई दिया के मै शंकर भगवान के मंदिर में शिवलिंग के पास बैठा हु और शिवजी मेरे अंदर से सारी नकारात्मक ऊर्जा खीच रहे है l मेरे पैरोसे होते हुए धीरे धीरे वह नकारात्मक ऊर्जा उपर की तरफ मेरे कमर से, पेट से होते हुए, मेरे पीठ से होते हुए, मेरे कंधो से, बाद में मेरे सिर से होते हुए शंकर भगवान ऊस नकारात्मक ऊर्जा को खिच कर निकाल रहे है l और मै उनके सामने हात जोड कर कह रहा हू, के हे भोलेनाथ मुझे इस तकलीफ से बचाये l और जब मेरे पूरे शरीर के बाद नकारात्मक उर्जा मेरे सिर वाले हिस्से मे बची हुई रहती थी तब भोलेनाथ ने जो एक तरफ से ऊस नकारात्मक ऊर्जा को पकडा हुआ है उसे वह वापस छोड देते थे और मेरे शरीर से निकली हुई नकारात्मक ऊर्जा वापस मेरे शरीर मे ही आकर बैठ जाती थी l यह सपना मुझे सुबह लगबग सात बजे के आस पास आया होगा और इस दौरान हमारे बाजू की मुस्लिम औरत भी किसी काम का बहाना बना कर हमारे घर पर दौडते हुवे आई l जैसे मान लिजिये उसे पता चल गया हो के मेरे शरीर से पुरी नकारात्मक ऊर्जा निकलने वाली है l और वह उसे देखने आई हो l

गुरुजी ऐसा अनुभव मुझे चार साल मे दो बार हुआ था और दोनों वक्त भगवान शंकर के सामने शिवलिंग के पास लेटा हू और शिवजी मेरे अंदर से नकारात्मकता को खिच कर बाहर निकाल रहे होते थे, और जब वह नकारात्मक उर्जा मेरे सिर मे बची हुई होती थी, तो उसे शिवजी छोड देते और वह नकारात्मक ऊर्जा मेरे शरीर मे वापस बैठ जाती l जब अनुभव मुझे दुसरी बार हुआ तब शिवजी ने कहा के तेरे भोग तो तुझेही भुगतने पडेंगे l

दुसरी बार भी वह मुस्लिम महिला हमारे घर पर दौंडते हुए किसी काम का बहाना बनाकर आ गई थी l मतलब मेरा सपना जब चल रहा होता था l तो शायद उसे पता चल जाता था और वह औरत मेरे घर पोहोच जाती थी l गुरुजी मुझे एक चीज बिलकुल समझ मे नही आ रही थी के यह वशीकरण उस औरत का किया हुआ है या ऊस तांत्रिक का किया हुआ है l

गुरुजी मेरे साथ या सब चीजे 2009 के होली से शुरू हो गई थी लेकीन इससे पहले वह मुस्लिम औरत मेरे सपने मे एक बार आई थी और सपने मे मैने देखा के वह औरत खेत मे टॉयलेट करने जा रही है और मैने उसे नंगि होते हुए देखा था और मैने क्या देख रहा हू सपने मे l और मेरा उस औरत के प्रति अट्रॅक्शन धीरे धीरे बढने लगा था बाकी चिजे तो 2009 के होली के बाद से शुरू हुई थी l

मै सपने मे हमेशा देखता था के माता काली मुझे मारने आ रही है और मै डर के मारे उठ जाता था l एक दिन तो मैंने देखा के एक काला साया जो हात मे तलवार लिया हुआ है वहा मेरे छाती मे घुस गया है मैने मेरी आखो से देखे मतलब के मैं नींद से उठा रहा था और उसी वक्त काला साया मेरे छाती मे घुस गया l जब हमने हमारे बाजू के गाव की महिला को दिखाया तब उसने कहा के है तुम्हारे कुलदेवता का प्रभाव है l तो हम हमारे कुलदेवता के स्थान पर भी जाकर आये l लेकिन इस का कुछ भी फरक हमे नजर नही आया l

एक रात जब मे सोया था तब माता काली मुझे मारने आई और बडे ही गुस्से मे बोली के तू साईबाबा की पूजा मत कर l और वह मुझे मारने लगी, मैने सोचा अब माता ही मारने आई है, तो अब मेरे पास कोई उपाय नही है l क्यू की जरूर मैने कोई पाप किये होंगे इसीलिए माता मुझे मार रही है l मै माता के सामने हात जोड कर बैठ गया और आखे बंद कर ली और सोचने लगा के अब माता मेरा सिर काट देंगी, और मन हि मन मैं साईबाबा का नाम लिये जा रहा था l माता ने मुझे मारा नही और मोहोल शांत हो गया मेरा सपना तूट गया और उठने के बाद मैं सोचने लगा के माता ने ऐसे क्यू कहा के साई बाबा की पूजा मत कर l मैने इस तरफ ध्यान नही दिया और अपनी पूजा नियमित रूप से करने लगा l मेरा शिर्डी को पैदल जाना हर साल जारी रहा मै हमेशा गुरुवार का व्रत किया करता था साई बाबा के मंदिर मे जाना, घर पर आरती करना, उनको भोग लगाना, बाबा की मूर्ती का अभिषेक करना, उनके चरित्र का पठन करना इस तरहा से मै उनकी पूजा करते रहा l मुझे कोई भी छोटी मोठी बिमारी हो जाती तो मै उसके तरफ ध्यान नही देता था और बोलता था के मेरे साईबाबा ही सब ठीक करेंगे l मेरी नोकरी भी छुट गई थी लगबग एक साल तक मै घर पे बेरोजगार पडा हुआ था l मै बस दिन भर सोया करता था कुछ भी काम करना मुझे पसंद नही था मेरे नोकरी से पीएफ का पैसा जो मिला था वह मैने एक फॅब्रिकेशन का बिजनेस मे लगा दिया लेकिन मेरे लगबग दो लाख रुपये मै उस मे गवा बैठा l अब मेरा इन्कम बंद हो गया था l जो कुछ भी जमा कर रखा था और पीएफ से मिला था, वह मैं खर्च कर चुका था l अभी मेरी हालत बहुत खराब थी मेरा छोटा भाई मुझे खर्चे के लिए कुछ पैसे दे दिया करता था l मै ना चाहते हुए भी वह पैसे ले लेता था l मैने अपने जॉब की चींता ना करते हुए सब चींता साईबाबा के उपर छोड दी थी l और ऐसे ही हुआ, लगभग एक साल के बाद मुझे दुसरी नोकरी मिल गई l मुझे उस औरत के वशीकरण से और बुरे सपनो से छुटकारा तो नही मिला था लेकिन अब मुझे सिगरेट पीने की आदत लग गई थी मै शराब कम और सिगरेट जादा पीने लगा था l ऐसेही लगभग 3 साल सिगरेट पीने के बाद मुझे एक दिन सपने मे मेरे सहयोगी कर्मचारी आये और बोले अब तुमने सिगरेट पिया तो तुझे कैंसर हो जायेगा l गुरुजी मैने दुसरे दिन भी सिगरेट पिया और तिसरे दिन से मेरा मुह लाल हो गया, मेरे जीभ के उपर और मेरे गले मे छोटे छोटे फोडे आने लगे l

मैने इंटरनेट पर सर्च किया और देखा के यह सब तो कॅन्सर के लक्षण है l मै बहुत डर गया और मैने साईबाबा से हाथ जोड कर मदत मांगी तो साईबाबा मेरे सपने मे आये और बोले तुझे कॅन्सर हो भी सकता है और नही भी हो सकता l कुछ साफ साफ नही कहा l मेरे मुह मे छाले और जीभ के उपर फोडे, गले मे दर्द हमेशा बना रहता था l मेरे मन मे एक बात घर कर कर बैठ गई थी के माता काली ने ऐसे क्यू बोला के साई बाबा की पुजा मत करो l और सपनो मे मुझे कइ बार काली औरत दिखाई देती थी और जब मै उससे बचने के लिए सपने मे ही साईबाबा का नाम लिया करता था तो वह औरत बोलती साईबाबा का नाम ले रहा है और हसते हुए मेरा मजाक उडाया करती थी l मान लिजिये जैसे उसे मेरे इस नाम लेने से कोई फरक ही ना पडा हो l एक दिन मैने सपने मे देखा के एक विशाल काय पर्वत के आकार के शिवजी, नंदी के ऊपर बैठकर मेरे ओर चले आ रहे है l और उनके साथ माता पार्वती भी है l जब वह मेरे नजदीक आये तो मैने उन्हे प्रणाम किया तब शिवजी मुझे बोले के, मुझे प्रणाम नही करोगे तो भी चलेगा तुम साईबाबा को मानते हो तो हम दोनो मे कोई भेद नही है l हम दोनो एक ही है l अब मेरी दुविधा पुन्हा बढ गई l एक तरफ माता काली कहती है साईबाबा की पूजा मत करो और दुसरी तरफ शिवजी बोलते है साईबाबा और मै एक ही है l मै करू तो क्या करू? लेकिन मैं शिवजी के उस स्वरूप को देखकर बडा प्रसन्न हुआ था l और मेरे मन मे साईबाबा के प्रति और भक्ती बढ गई थी l मै साई बाबा की पुजा हमेशा करता था l मै एक बात बता ना भूल गया के जब भी मुझे अच्छे सपने आते थे तो उसके बाद मेरे सपनो मे कोई आकर मुझे कोई चीज खिला देता था l कोई मुझे आईस्क्रीम खिलाता था, कभी कोई मुझे चॉकलेट देता था, तो कभी मांस के तुकडे मै खाया करता था l और जब भी मै सब चीज खाता था तो खाने के बाद मुझे पता चलता था यह चीज तो अंदर से सडी हुई है l ऐसे लगता था के अच्छा सपना आने के बाद बुरी शक्ती या उनका असर मेरे उपर डालने के लिए वापस मुझे इन खाने पीने की चीजो के माध्यम से दोबारा अपने कंट्रोल मे लेने की कोशिश करती हो l

गुरुजी शिर्डी पैदल जाते हुए मुझे लगभग सात साल हो गये थे लेकिन मेरी तकलीफ से मुझे छुटकारा नही मिला था l एक दिन मुझे सपने मे ऐसे नजारा दिखाई दिया जैसे तिरुअनंतपुरम के पद्मनाभन मंदिर के दरवाजे के उपर जो नागो का चित्र है वह चित्र मुझे सपने मे दिखाई दिया और मुझे एक आवाज सुनाई दी के तुम्हारे उपर नाग बंधन किया गया है l

मेरी शादी की उमर निकल जा रही थी घर वाले सब परेशान थे मेरी शादी के बारे में सोच कर लेकिन में शादी के लिए तयार नही था क्योकि मुझे लगता था के मेरे हालात ठीक नही है l मै हमेशा उदासीन रहता था l और इस तांत्रिक गती विधीओ मे मै फसा हुआ था l तो मैने सोचा किसी लडकी की जिंदगी खराब करने से अच्छा होगा के पहले इन तांत्रिक चीजो से बाहर निकलो तब शादी कर लेंगे l हमारे रिश्तेदार भी मेरे मम्मी को हमेशा पूछते थे की अपने लडकी की शादी कब करोगे ? सब लोगो को जवाब देते देते मेरी मम्मी परेशान हो जाती थी l आजू बाजू वाले भी मुझे पुछा करते थे के शादी कब करेगा? वह लोग मुझसे ये सवाल पुछते थे तो मै सिर्फ आसमान के तरफ देखकर बोलता था यह उपरवाले के हात मे है l मै लोगो मे मजाक का विषय बन गया था l लेकिन घर वालो के जादा प्रेशर डालने की वजह से शादी को तयार हो गया l और लडकी देखना शुरू किया लेकीन मै सपने मे देखता था एक काली औरत , चुडेल जैसी जो सब घरो के उपर से दोडती हुई आ रही है l मान लीजिये के जैसे कोई तुफान आ रहा है और बडे ही गुस्से में आकर मेरे पास बोली के मै तेरी शादी नही होने दुंगी l गुरुजी मैने सपना देख कर कॉफी डर गया l और लडकी देखना जब शुरू किया था तब हर जगह से मुझे रिजेक्ट कर दिया जाता था l लगभग दो या तीन जगह से मुझे सिलेक्ट कर दिया गया था और लडकी वाले हमारा घर देखने आने वाले थे तो पता नही क्यू वह लोग आज हा बोलते थे और दूसरे दिन उन लोगो का फोन आता था के हम नही आ रहे है l मेरी माँ मेरी शादी ना होने की वजह से बार बार रोया करती थी l तभी एक ज्योतिषी ने बताया के तुम लोग पहले अपने कुलदेवता के स्थान पर जाकर कुलदेवता को शादी तय होने के लिए मन्नत मांगे l हमने ऐसे ही किया और जैसे ही हम कुलदेवता को मन्नत मांग कर आये तब मेरी शादी फिक्स हो गयी l लेकिन सगाई होने के बाद बडी मुष्कीलो के बाद शादी होने मे एक साल का वक्त लग गया l

सगाई के बाद हमे शादी तक एक साल का वक्त मिला था l तो हमारी फोन के उपर बाते हुआ करती थी लेकिन दो महीने के अंदर ही हम दोनो मे छोटी छोटी बात को लेकर झगडा होने लगा l पता नही सब मेरे अंदर की नकारात्मक शक्तियों का किया धराया था, या फिर हम लोगो के स्वभावही ऐसे है ईस वजह से झगडा हो रहा था l मेरा मन अब साईबाबा की भक्ति मे नही लग रहा था क्युके मेरी सालो की परेशानी दूर नही हो रही थी l फिर हम किसी एक मांत्रिक के पास गये उसने हमसे लगबग बारा तेरा हजार रुपये लिये और मेरे उपर कुछ क्रिया करवाई और बोला के चींता मत करो तुम्हारी शादी अच्छे से हो जायेंगी l बादमे मेरी पत्नी के उपर शायद उन्होने वशीकरण क्रिया करवाई होगी जिस वजहसे मेरी पत्नी मुझसे बहुत अधिक प्रेम करने लगी l लेकिन मेरे भाई की औरत को हमारे घर में एक काली औरत दिखाई देने लगी जो काले कपडे पहने हुए घर की सीडियो पर बैठा करती तो कभी उसके बेडरूम मे उसे दिखाई देती थी और मेरे भाई की औरत बहुत डर जाती थी l एक दिन तो हम लोग कार से आ रहे थे तब रात का समय था मेरे भाई की औरत पीछे की सीट पर बैठी हुई थी तब वह काली औरत उसके बगल मे ही बैठकर हस रही थी l ऊस काली औरत ने बोला तुम लोगो ने मुझे बांधकर रखा है ना, लेकिन कब तक बांधे रखोगे मै कही नही जाने वाली l जो करना है करलो l

शादी के बाद मैने सोचा के इस नकारात्मक ऊर्जा का कुछ बंदोबस्त किया जाये l उसके बाद ही हमे बच्चे के लिए कोशिश करने चाहिये और इसीलिए मैने युट्युब के ऊपर देख कर एक धाम मे जा कर अपना इलाज करवाया l वहा जाने के बाद मुझे हलका आराम आया है लेकिन मेरी तकलीफ पुरी तरहसे ठीक नही हुई l सब मिला कर मेरा लगबग एक लाख रुपया खर्च हो गया l

अब मेरी शादी को एक साल हो गया था l 2020 का समय था और सब जगह पर लॉकडाउन लग गया था मेरी पत्नी को वर्क फ्रॉम होम मिला था बाद में उसकी जोब चली गई l मेरी पत्नी प्रेग्नेंट हो गई थी और लगबग चौथा महिना सुरू होते होते उसका गर्भपात हो गया व 2020 के नवरात्र का समय था और मैने घर मे दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू किया था l गुरुजी इसके बाद हमारे घर के परिस्थिती और मोहोल बहुत खराब हो गया l हमारे घर में छोटी छोटी बातो को लेकर मेरी पत्नी और मेरी मम्मी मे अनबन होने लगे और इसकी वजह मेरे पत्नी के मम्मी पप्पा है l क्युकी उनहोने मेरी पत्नी को बताया के तेरी सास ने तुझे आराम नही करने दिया इसीलिये तेरा गर्भपात हो गया, इस बात के लिए मेरे ससुर ने आकर मेरे मम्मी को बहुत कुछ सुना दिया l गुरुजी असल मे तो मै खुद मेरे सामने देखता था मेरी मम्मी तो मेरे वाइफ का बहुत खयाल रखा करती थी l लेकिन मेरे ससुर ने मेरी पत्नी के दिमाग मे ऐसी ऐसी बाते भर दि के उसे मेरे मा से नफरत से होने लगी l और बहुत सारी बाते है गुरुजी जिस वजहसे घर मे छोटी छोटी बातो को लेकर कलह होने लगा है l एक दो बार मुझे सपने मे दिखाई दिया के मेरा और मेरे पत्नी का झगडा हो रहा है और एक काला साया बाजुमे रहकर ये सब देख रहा है l

गुरुजी मैने यूट्यूब से देख कर दो तीन साधना की हुई है l लेकिन कभी मेरा ब्रह्मचर्य तूट जाता था तो कभी कोई शक्ती आ कर मेरे गुप्त अंग असे खिलवाड करकर मेरा वीर्यपात हुए बगैर उसमे से ऊर्जा निकल जाती थी l तो कभी साधना के दोरान एक चिडिया आकर मेरे मुह से अपनी चोच लगाकर मेरा जो मंत्र जाप चलता था वो सपने के माध्यम से मंत्रजप उसके मुह मे लेकर चली जाती थी l मैने युट्युब देखकर दिल्ली मे एक जगह भी जा कर आया हू और लगबग मेरे तीस हजार रुपये खर्च हो गये है l लेकिन मैने वहा जाना छोड दिया है l क्यूकी मै काफी जगह भटक चुका हु और मुझे ऐसे लग रहा है के जो कुछ भी करना है हमे ही साधना करके सब ठीक करना होगा l

गुरुजी मै लगबग तीन महिने पहिले हमारे कुलदेवता के स्थान पर हमारे पूरे खानदान के साथ गया हुआ था और जानेके बाद हमने हमारे कुलदेवता का अभिषेक और बाकी जो पुजाविधी हमारे कुल परंपरा के अनुसार होती है वहा की l इसके बाद मैंने हमारे कुलदेवता को बिनती की के वह हमारे घर पर आये , और हमे अपने सेवा का मौका दे और अपना कृपा आशीर्वाद हमारे परिवार पर बनाये रखे l घर आने के बाद मैने सपने मे देखा के हमारे कुलदेवता आये हुए है लेकिन एक तांत्रिक जो भगवान शिव की तरह व्याघ्रांबर लपेटे हुआ है वह हमारे कुलदेवता के पीछे पडा है और कुलदेवता मंद मंद मुस्काते हुए वहा से भाग रहे है मान लिजिये सिर्फ उस तांत्रिक के साथ खेल रहे हो l लेकिन शायद तांत्रिक की कुछ विधी का मान रखने के लिए कुलदेवता वहा से भाग रहे है l और मुझे सपने मे दिखाई दिया के एक सफेद वस्त्र पहने हुई एक औरत को उस तांत्रिक ने बांधकर रखा हुआ है l

उसके बाद मैंने अपने कुलदेवता की 21 दिन की साधना की और उनके मंत्र का सव्वा लाख जप किया, दशांश हवन किया l  उस वक्त सपने मे मैने देखा के से सफेद कपडे पहने हुई एक औरत वटवृक्ष की तहनी मे बंदी हुई है l वह तहनिया उसकी ऊर्जा चुस रही है l उसकी ऊर्जा खिच रही है l लेकीन उस औरतं को मैने खिच कर बाहर नीकाला l

 

गुरुजी आज लगभग 13 साल हो गये है मेरी तकलीफ मे हलकी सी कमी आई हुई है l लेकिन मुझे इससे पूरी तरह से आराम नही मिला है l इसीलिए मै आपसे गुरुदीक्षा लेना चाहता हु, कृपया आप मुझे अपना शिष्य स्वीकार करे और मुझे गुरुमंत्र की दीक्षा प्रदान करे l गुरुजी मेरे कुछ सवाल भी है l

1) गुरु मंत्र का जाप बोल कर करना होता है या मानसिक जप करना होता है?

क्यू की मेरा यह अनुभव है कि मै बोल कर सव्वा लाख मंत्र का जप किया था तो मेरा गला बहुत दर्द करने लगता है l

2) क्या गुरुमंत्र का अनुष्ठान पूरा करने के बाद मेरी समस्या का समाधान हो जायेगा?

3) अगर सचमे उस तांत्रिक ने मुझे उस मटकी मे कैद करके रखा होगा या फिर नाग बंधन किया होगा तो मै तांत्रिक क्रिया से निकल सकता हु?

4) क्या गुरु मंत्र का अनुष्ठान घर मे प्रेग्नेंट महिला होते वक्त कर सकते है? या फिर बच्चा पैदा हुवा हो या फिर खानदान मे किसी की मौत हुई हो तो क्या गुरु मंत्र का जाप या हवन कर सकते है?

5) जैसे मैने सपने मे देखा के हमारे कुलदेवता आ रहे है लेकिन तांत्रिक उनके पीछे पडा है तो क्या गुरुमंत्र के जप से बंधन खतम हो जायेंगे?

6) अगर गृह क्लेश की वजह तांत्रिक क्रिया ही है तो क्या हमारे घर का वातावरण फिरसे शुद्ध और पवित्र हो जायेगा?

7) मैं सपने मे हमेशा देखता था के माता काली मुझे मारने आ रही है और मुझे माता से बोहोत डर लगता है l आप जो गुरुमंत्र देंगे वह माता का ही मंत्र है, तो मुझे माता से डरना चाहिए या नहीं l

8) मेरे इष्ट भगवान शिवजी है, तो क्या गुरुमंत्र शिवजी का ही होना चाहिए ?

प्रणाम गुरूजी

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संदेश-तो यहाँ पर इनके बहुत सारे प्रश्न हैं जिनके उत्तर मै ईमेल के माध्यम से दे दूंगा लेकिन इसका एक ही विकल्प है वह है गुरु मंत्र आप निश्चित होकर के जितनी जल्दी हो सके अपनी पत्नी के साथ गुरु मंत्र धारण करे तभी आपको इस समस्या से छुटकारा मिलेगा बाकी जवाब मै आपको ईमेल के माध्यम से भेज दूंगा तो यह था आजका इनका यह अनुभव अगर आपको पसंद आया है तो लाइक करे शेयर करे सब्सक्राइब करे आपका दिन मंगलमय हो धन्यवाद ॥

 

 

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