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पुनर्जीवित कर देने वाली माता त्रिपुर सुंदरी कथा भाग 4

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। पुनर्जीवित कर देने वाली माता त्रिपुर सुंदरी कथा भाग 3 में अभी तक आपने जाना किस प्रकार से गोद राज की पत्नी जलकर मर जाती है? आगे जानते हैं।

गोद राज अपने मंदिर में बैठकर! माता की आराधना कर रहा था तभी उसे अचानक से आभास होता है कि कहीं कुछ बहुत गलत हो गया है।

इसी कारण से उसका मन साधना में नहीं लगता है। उसका हृदय बेचैन होने लगता है और वह अपने घर जाने की सोचता है। गोद राज जल्दी ही वहां से अपने घर की ओर प्रस्थान कर जाता है।

घर पर अंदर से।

दरवाजा बंद होने के कारण। वह आश्चर्य में पड़ जाता है। और किसी प्रकार दरवाजा खोलता है। जैसे ही दरवाजा खुलता है, वहां चारों तरफ धुआं ही धुआं था। धुंवे को देखकर गोद राज आश्चर्य में पड़ गया साथ ही साथ उसके मन में एक अनजाना सा भय भी आ गया था। वह जानता था कि उसकी पत्नी अंदर ही थी।

वह उसे पुकारने लगता है।

लगातार उसे पुकारता है लेकिन उसकी आवाज अंदर कोई नहीं सुनता। तभी वह सामने जो देखता है उसे देखकर उसका हृदय टूट जाता है। सामने उसकी पत्नी जली हुई अवस्था में पड़ी हुई थी। उसे देखकर गोद राज! बहुत अधिक विलाप करने लगता है।

उसे इस बात का? बहुत ही बड़ा, दुख और झटका लगा कि वह स्वयं अपनी पत्नी की रक्षा नहीं कर पाया। आखिर कैसे वह जल गई? और वह लगातार रोता रहता है।

तभी बाहर से किसी साधु के पुकारने की आवाज आती है।

वह बाहर जाता है।

और? सामने उसे एक साधु दिखाई पड़ता है। घर के बाहर खड़ा हुआ वह साधु उससे कहता है भिक्षा दे दो।

मुझे! भोजन की प्राप्ति करनी है। अपनी साधना में लीन रहने के कारण मैं भिक्षा नहीं ले पाया। मैं दो-तीन दिनों से भूखा हूं। कृपया आप मुझे भिक्षा दे।

यह सुनकर गोद राज

अपने घर में वापस आता है। यद्यपि वह बहुत अधिक दुखी था। लेकिन अपने कर्तव्य के आगे उसने वर्तमान में घटित हुई। इस परेशानी को त्याग दिया था।

वह अंदर जाकर।

थोड़ी मात्रा में भोजन सामग्री बाहर ले आता है। और उस साधु को देते हुए। अचानक से रोने लगता है।

यह देखकर वह साधु उससे कहता है। क्या हुआ तुम बहुत अधिक परेशान दिखते हो? भिक्षा दे रहे हो लेकिन साथ ही साथ रो रहे हो। ऐसा क्या हो गया है जिसके कारण से तुम इतना अधिक परेशान हो?

इस पर गोद राज कहता है।

मैं क्या बताऊं, मैं अपने मंदिर में पूजा कर रहा था तभी मुझे ऐसा आभास हुआ कि घर में कुछ गलत हुआ है। जब मैं घर वापस आया तो मैंने अपनी पत्नी को। जला हुआ पाया है। मेरी पत्नी शायद मुझे पुकारते हुए मृत्यु को प्राप्त हो गई होगी।

यह मेरे लिए बहुत बड़े। दुख की बात है।

अभी मेरे विवाह को कुछ ही दिन हुए थे। और मेरी पत्नी इस संसार को छोड़कर जा चुकी है।

काश कि मैं उसे वापस ला पाता और उससे पूछ पाता क्या कि तुम्हारे साथ यह कैसे घटित हो गया? यह सुनकर साधु ने कहा, आपने मुझे भीक्षा दी है।

इसी कारण से मैं आपको कुछ देना चाहता हूं। मेरे पास एक बहुत बड़ी सिद्धि है।

लेकिन मैं जो करने वाला हूं। उसकी शर्त यह होगी कि आप अपनी पत्नी से कुछ भी नहीं पूछेंगे।

क्योंकि उसे पिछला कुछ भी याद नहीं रहेगा।

अगर आप इस बात के लिए तैयार हूं तो मैं आपकी पत्नी को पुनर्जीवित कर सकता हूं। यह सुनकर गोद राज को बहुत आश्चर्य हुआ। उन्होंने कहा, साधु महाराज!

यह असत्य है! क्योंकि संसार में कोई भी किसी को पुनर्जीवित नहीं कर सकता। इस पर वह साधु कहने लगा तुम्हें इस संसार की अंतिम परिधि तक की बातें ही मालूम है, पर मैं उससे आगे निकल चुका हूं। मैं तुम्हारी पत्नी को पुनर्जीवित करूंगा।

सुनो जाओ अपनी पत्नी को जीवित देखो।

और यह कहते हुए। वह साधु! मुड़ गया और अपने मार्ग पर निकल गया।

यह सब देख कर गोद राज को ऐसा लगा कि शायद यह साधु! केवल अपनी बड़ाई के लिए बड़ी-बड़ी बातें कह रहा है।

अब उनके सामने एक बात थी कि अब उन्हें अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार करना होगा। और वह अंदर गए पर जो उन्होंने देखा, वह संसार के सबसे बड़े आश्चर्य का जीता जागता प्रमाण था।

उन्होंने उनकी पत्नी को उनकी तरफ आते हुए देखा।

और कहने लगी आप आ गए?

यह देखकर गोद राज आश्चर्य में भर गया। उन्होंने उससे कहा, क्या तुम ठीक हो? उसने कहा मुझे क्या हुआ?

उसकी पत्नी उसके सामने खड़ी थी। वह भी जीवित अवस्था में।

गोद राज इस महान आश्चर्य को समझ नहीं पा रहे थे। वह भागकर घर से बाहर आए लेकिन तब तक। वहां से साधू गायब हो चुका था।

गोद राज को यह बातें समझ में नहीं आ रही थी कि आखिर यह सब घटित क्या हो रहा है। मेरी पत्नी की मृत्यु हो चुकी थी और संसार से जा चुकी थी। वह मेरे सामने खड़ी है। जले हुए का कोई भी चिन्ह यहां पर मौजूद नहीं है।

तो यह सब कैसी माया थी जो अभी घटित हुई है? फिर मैं मंदिर में जब बैठा था तो मेरे मिलने में ऐसे विचार क्यों आ रहे थे कि घर पर कुछ बहुत अधिक बुरा घटित हुआ है?

लेकिन छोड़ो!

जो भी हुआ अंततोगत्वा मेरी पत्नी मेरे पास है और मुझे क्या चाहिए?

पत्नी ने गोद राज को कहा आप आ गए हैं, चलिए भोजन कर लीजिए और आराम करने मेरे साथ कमरे मे चलिए।

इस प्रकार गोद राज भोजन करके उसके साथ सोने के लिए चला जाता है।

पत्नी उसके साथ प्रेम पूर्वक समागम करने लगती है। इसके बाद दोनों सो जाते हैं।

उन दोनों के सोते ही अचानक से अर्धरात्रि में गोद राज को।

ऐसा आभास होता है जैसे कि उसके सामने कोई खड़ा है।

आंखें खोल देता है। आंखें खोल का जो वह देखता है वह और भी बड़ा आश्चर्य था। सामने उसकी पत्नी खड़ी थी।

उसकी पत्नी उसे देख कर कहती है। आप इस प्रकार कैसे कर सकते हैं? आपने मेरा अंतिम संस्कार भी नहीं किया? और यहां आनंद पूर्वक जीवन बिताना शुरू कर दिया।

यह देख कर!

गोद राज एक बार फिर से और भौचक्का रह जाता है।

वह अपने बगल में लेटी हुई अपनी पत्नी को देखता है। और सामने खड़ी एक दूसरी स्त्री जो कि उसकी पत्नी थी उसे भी देखता है।

यह कैसे संभव है?

वह सिर्फ सोचता रह जाता है। सामने खड़ी स्त्री कहती है आप! मुझे पहले इस जीवन से तो मुक्त कीजिए। मेरा अंतिम संस्कार करें।

इस पर गोद राज स्त्री से पूछता है। तुम कौन हो मेरी पत्नी तो मेरे बगल में लेटी हुई है? यह कैसे संभव है? तुम सामने हो और तुम मेरे बगल में भी लेटी हुई भी हो।

इस बार! वह हंसने लगती है और कहती है।

आपने मुझे छोड़ दिया, मुझे जीवन मुक्त होने दिया। लेकिन फिर भी! आप मुझे भूले नहीं है?

यह अच्छी बात है। कृपया मेरे शरीर का अंतिम विसर्जन कीजिए। जो कि जंगल में पड़ा हुआ है।

इस पर गोद राज कहता है, यह कैसे संभव है यह तुम क्या बातें कह रही हो?

इस बात से आश्चर्य में पड़ चुका गोद राज अपनी पत्नी को जगा देता है। और कहता है सामने देखो, यह सब क्या है?

उसकी पत्नी जाग जाती है। और सामने!

अपनी रूप वाली दूसरी स्त्री को देखती है।

आखिर यह कौन है?

यह कहते हुए अचानक से ही वह अपने पति से कहती है। ऐसा करें आप तुरंत ही मंत्रों का जाप शुरू कर दे। जो यह सामने खड़ी हुई है इस आत्मा पर अपने मंत्रों का उपयोग करें। यह कोई शक्तिशाली बुरी आत्मा है जो आ गई है। यह सुनकर!

गोद राज को एक बार फिर से।

विश्वास हो जाता है कि मेरी पत्नी ऐसा अगर कह रही है तो अवश्य ही यह कोई सत्य बात होगी। उन्होंने मंत्र का उच्चारण करना शुरू कर दिया। जैसे ही उन्होंने उसके ऊपर मंत्रों का प्रयोग किया। वो चिल्लाने लगी और कहने लगी। आप ऐसा क्यों कर रहे हैं? कृपया ऐसा मत कीजिए।

इसके बाद क्या घटित हुआ हम लोग जानेंगे अगले भाग में तो अगर आपको यह कहानी पसंद आ रही है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। चैनल को आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

पुनर्जीवित कर देने वाली माता त्रिपुर सुंदरी कथा 5 वां अंतिम भाग

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