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पूर्व जन्म की अप्सरा इस जन्म मे साक्षात हो गयी

प्रणाम गुरुजी,

मेरा नाम रुद्र शर्मा हैं मैं हिमाचल प्रदेश से हु लेकिन job की वजह से  उत्तराखंड में रहता हूँ  मेरे परिवार मे मै ,मम्मी, पापा ,मेरी छोटी बहन और मेरे दादाजी और दादीजी है बच्चपन से मेरे साथ अजीब घटनाये हो रही हैं मैं २७ साल का हु गुरुजी  आज ऑफिस के कैन्टीन मे मेरा दोस्त आपकी वीडियो जो किसी का  अनुभव सून रहा था इसलिए मैंने उसे पूछा कि क्या सून रहा है तो उसने दिखाते हुए कहा कि यहाँ लोगो के परालौकिक अनुभव प्रकाशित होते है  तो  मैंने आपके चेंनल का नाम यूट्यूब पर डाला और मुझे तबी किसी  जिन्न का अनुभव मिला  परी भूत प्रेत की भी दो तीन वीडियो देखी मैं बचपन से अपने अनुभवो से परेशान और डरा हुवा हु

आशा करता हूँ मै जो अपना अनुभव आपको भेज रहा हु आपको अच्छा लगेगा  ये बात है जब मैं 5 class मे था  रात को उस रात  को पानी पीने उठा था तब किसी औरत की परछाई दिखी थी  तो मैंने मम्मी पापा को जगाया कि रूम में कोई है  तो मम्मी ने लाइट ऑन कर सारा रूम चेक किया  की कोई चोर तो नही है पर वहाँ कोई औरत नही थी मुझे समजाया गया कि मेरा वैहेम होगा बोल सुलाया फिर दूसरी रात से गुलाब की खुशबू आने लगी मैंने मम्मी को जगा के बोला कि लगता हैं परफ्यूम की  बोतल खुली है बहुत स्मेल आ रही है तो उनोने कहा कि कोई स्मेल नही आ रहीं है चुप चाप सो जाव  उस रात से रोज रात को गुलाब की खुशबू आने लगी  वो खुशबू सिर्फ मुझे आ रही थी बाकी घर वालों से पूछा तो वो साफ साफ इंकार करते थे

फिर ये चलता गया अब मैं 7 class मे पहुंच गया था तब मुझे लगता था कि कोई रात को मुझे घूर रहा है जब जब toilet या पानी पीने उठता तो खुशबू तो आती ही थी साथ ही साथ मुझे फील होता था की मेरे पीछे कोई चल रहा हूँ जब मैं पीछे मूड के देखता तब  कोई नहीं होता था ये देख मैं बहुत डर जाता था इसलिए पानी की bottle bed के side ही रख सोता था जब मैं नोवी class मे आया तब एक रात को तब 10 बज रहे थे मैं ऐसे ही टेरेस पे टहल रहा था तब  मुझे मेरे आस पास फिर से वही खुशबू आने लगी तो मेरे मन को सुकून मिल गया क्योंकि बहुत दिनों से वो खुशबू  नही आई थी  मुझे वो खुशबू अच्छी लगने लगी थी  इतने  हमारे टेरेस पे एक जुला है मेरे बगल में जुले के side से किसी जानवर की गुर्राने  कि आवाज़ आने लगीं इसलिये मैंने ठीक से  देखने के लिए आगे बढ़ा तबी शेर की दहाड़ सुनाय दी ये सून बहुत डर गया गिरता पड़ता वहाँ से भाग गया घरवालों से कहता तो कोई यकीन नहीं करता इसलिये चुप रहा

किसी को कुछ नही कहा  फिर जब मैं दसवीं class मे पहुचा रात को अक्सर मुझे कोई touch करता तो कबि मेरे बाल सहलाता   जब मेरी नीद खुलती तो कोई नही था तब तक मैं अकेला सोता था मुझे खुद पर ही शक हुवा की क्या मैं हर दिन सपना देखा करता हु ए फिर सच में ऐसा हो रहा है इसलिए एक रात मैं बस आँखे बंद कर लेट गया थोड़ी देर बाद ऐसा लगा कि कोई मेरे बिस्तर पे मेरे सीर के बगल में कोई बेट गया और मेरे सिर पे हाथ फैरानी लगी  गुरुजी उसके हाथ बहुत कोमल और मुलायम थे मैने जट से आँखे खोले पर मुझे कोई नहीं दिखा ये सब देख मैं औऱ भी डर गया  इसलिए मैं अपने रूम से उठ बहन के रूम चला गया हर दिन यही सोचता था कि मेरे साथ ये सब क्यों हो रहा है आखिर वो कोन है और मेरे पास क्यों आती हैं

जब मैं बारवीं class में पहुचा तो एक रात को  मेरे दरवाजे के सामने लगा कि कोई खड़ा है  मुझे लगा मेरी बहन होगी इसलिए मैं सोने चला गया थोड़ी देर बाद मुझे बाहर नाचने की आवाज़ें आने लगी  मुझे मेरी बहन पर बहुत गुस्सा आ रहा था तो अंदर से ही उसे डाट दिया कि इतनी रात को क्यों नाच रही हो सो जाव चुप चाप थोड़ी देर बाद पायल की आवाज आने लगी अब बहुत हुवा  उसे  अब बहुत डाटूंगा सोच  जा गेट खोला  जब खोल के देखा तब कोई नहीं था

अगली सुबह मैंने अपनी बहन से पूछा कि क्या वो कल रात को मेरे रूम के बाहर आई थी तो उसने नही कहा उसका कहना था कि वो सो रही थी  ये सून मैं शौक हो गया तब मुझे  यकीन हुवा वो कोई पारलौकिक शक्ति है पता नहीं वो रोज रात को क्यों आती है  जब मेरे बारवीं की परीक्षा थी तब मैं देर रात तक जाग पढ़ाई करता था  वैसे भी पढ़ाई कहा  हो रही थी मैं उस खुशबू वाली लड़की के बारे में सोच रहा था  उस रात पहली बार किसी लड़की ने मेरे नाम से मुझे पुकारा उनकी आवाज़ बहुत मिट्टी थी आवाज सुन मैं अपनी चारो तरफ देखने लगा लेकिन कोई नहीं दिखा

गुरुजी फिर उसी रात  मैंने सपने मे एक खूबसूरत लड़की को देखा गुरुजी उसके काले लंबे घने बाल थे  उनकी जिल जैसी आँखे उनके नैन नक्श बहुत खूबसूरत थे सारि पहनी थी सारि थोड़ी अलग प्रकार की थी उनके साथ एक सिंह भी था  पूरा गोल्डन था  पता नहीं इतनी खूबसूरत लड़की कोन थी

गुरुजी वो हमारे लोक की तो नही लग रही थीं किसी और ही दुनिया की लग रही थी सब से अच्छी बात ये थी कि उनके  प्रति मेरे मन में कोई कामवासना नही बल्कि केवल प्रेम था  फिर एक दिन,  दिन में भी वो खुशबू आने लगी मैं अपने किसी दोस्त से बात कर रहा था तबी पायल पहन मेरे रूम के गेट  के बाहर से कोई भागी मैं देखने चला गया कि कोन  है  मैं आवाज का   पीछा किया मुझे लगा कि मेरी बहन की कोई दोस्त आयी हैं  जो पायल पहन घर मे यहां वहाँ गूम रही होगी इसलिए मम्मी औऱ बहन से पूछा कि कौन आयी हैं जो पायल पहन गूम रही हैं उनोने कहा कोई नही और कहाँ पायल की आवाज़ आ रही हैं

ये सून मैं अंदर से बिल्कुल हिल गया क्योंकि वो वही खुशबू वाली खूबसूरत लड़की थी लेकिन वो इस से पहले दिन में कभी यू पायल पहन नही आई थी वो सिर्फ रात को आती थी दो  तीन साल यही चलता गया  उनका मेरे पास आना मुझे touch करना  मुझे कभी कभी  सपने में अपना डांस दिखाती  कभी कभी वी सिंह मेरे सपने में मेरे पास आता अपने अंदाज में मुझे प्यार करता मुझे चाटता  सपने थे लेकिन clear थे एक रात मैंने सपने में उन देवि से पूछ लिया कि वो कोन  हैं और बचपन से ऐसे मेरे पास क्यों आ रही है उनोने संसकृत में  कुछ कहा  कि   “Aham tubhyam praNyaami ” मैंने कहा देवी मुझे  संसकृत नही आती

तो उनोने कहा  कोई बात  नही मैं आपको सीखा दूंगी  जहां तक आपके प्रश्न है आपको मेरे बारे में जानने के लिए और समय शेष है  फिलहाल माँ आदिशक्ति  की आज्ञा नही है  तबी मेरी नीद टूट गयी  मुझे अब भी वो खुशबू आ रही थीं  मैंने उनसे कहा देवी आप यही है मैं जानता हूँ कृपया बताएं आप कोन है  तबी मुझे सुनाय दिया  वही जो उनोने सपने में संसकृत मे कहा था मैंने वो words goggle transalater से ट्रांसलेट किया तो उसका मीनिंग है कि मैं तुमसे प्यार करती हूं

अब मैं २२साल का हो गया था  और मुझे उत्तराखंड में job भी मिल गयी इसलिए मैं अपने परिवार से दूर एक  किराये के flat मे रहने लगा  गुरुजी वो लड़की बहुत ज्यादा ही खूबसूरत थी इसलिए मैंने परी यक्षिणी अप्सरा यूट्यूब पर इनके बारे मे search करने लगा  क्योंकि मुझे जानना था कि वो कोनसी शक्ति है   क्योंकि वो तो नही बता रही थी पहले मुझे लगा की वो यक्षिणी है  क्योंकि एक रात  उनकी खुशबू आने पर मैंने  उनसे से पूछा था कि आप  कोन है कोई अप्सरा  तो वो चुप रही  तो मैंने फिरसे पूछा तो क्या आप आप यक्षिणी है इसपर वो हसी थी

गुरुजी मेरा एक दोस्त हैं रोहित नाम का उसी के माध्यम से आपका चेंनल भी मिला था  उसने एक बार बताया था ये यक्षिणीया  अप्सरा वो के भी मुकाबले बहुत खूबसूरत होती हैं  लेकिन कुछ खतरनाक भी होती हैं  गुरुजी  एक रात वो मेरे समक्ष साकक्षात आ गयी थी उनकी सुनदरता देखने लायक थी वो इतनी खूबसूरत दिख रही थी कि मेरी नज़र ही नही हट रही थी तबी वो सिंह भी आ गया उसे देख मूझे बहुत डर लग रहा था हालांकि वो उस लड़की के साथ था   उनको पता चल गया मि मैं उससे डर रहा हु तो उन्होंने कहा  डरिये मत ये  कुछ नही करेगा

मैंने उनसे पूछा ये सिंग कोन है मेरा  और आपका क्या रिश्ता है तो उनोने कहा मेरा और आपका युगों युगों से रिश्ता है बाकी सब समय आने पे पता चल जाएगा  इतना बोल वो चली गयी  गुरुजी ये बात सुबह ब्रममुहूर्त  की बात है मैं रोज़ बचपन से शिवजी की पूजा पाठ करता आया हु  सुबह उठ नहा धोकर पूजा पाठ और उनके पंचचाक्षर मंत्र की ११ माला कर अपने लिए खाना बनाकर ऑफिस जाता यही से मेरी दिनचर्या शुरू होती हैं लेकिन उस दिन मेरी bike खराब थी इसलिए मैंने रोहित को बुलाया वो आने के बाद मैं नीचे चला गया

गुरुजी वो दुर्गा साधक हैं वो खूबसूरत लड़की मुझे दरवाजे पर खड़ा हो के देख रही थीं उसके सामने पहुचते ही उसने कहा यहाँ कोई दैवीय शक्ति की उपस्थिति है मैं शॉक हो गया कि इसे कैसे पता चला मैंने कहा दोस्त तुम ज़्यादा ही सोच रहे हो उसने कहा नहीं मैं साफ महसूस कर सकता हूँ  मैंने कहा शोडो उन शक्ति से हमें क्या लेना देना हमें दिखाई तो नही देगी और फिर अगले दिन रात को मैं market गया था मैं समान ले के  उस शक्ति के बारे मे सोचते घर आ ही रहा था   तबी  मुझे सामने कि तरफ एक लड़की दिखी वो मुझे देख अपनी तरफ बुलाने लगी और पता नही क्या हुआ मैं उसकी तरफ चलने लगा  चल ही रहा था इतने में मुझे खुशबू वाली लड़की ने अपनी तरफ खिंच दिया अगर  वो ऐसा नही करती तो सामने से आते ट्रक से मेरा accident हो जाता तब तक जो मुझे लड़की बुला रही थी वो वहा से गायब हो गई थी

गुरुजी उस लडक़ी के कपडे सफेद थे  बाल खुले और बिखरे हुए थे पता नही कोन थी  तबी एक अंकल आ गए वो बी रुकने के लिए आवाज़ दे रहे थे उनोने पूछा बेटा ठीक हो ना तुमे भी वो बुला रही थी  मैंने कहा जी हां आपको कैसे पता  उनोने कहा बेटा यहाँ येसे कितने हादसे हो चुके हैं  कुछ सालों पहले वो लडक़ी  यहाँ accident में मारी गयी थी वो सब को यहाँ दिखती हैं  सब तुम्हारी तरह खुशकिस्मत नही होते यहाँ बहुत लोगो ने अपनी जान गवाई है  फिर मै घर आ गया वो देवी मेरे हॉल मे ही थी  मैं उनके पास आ मेरी जान बचाने के लिए धन्यवाद कहा  तो उन्होंने कहा कोई बात नहीं आपकी हर तरह से रक्षा करना मेरा दायित्व है बस आप चोकीन्दा रहिये इस सृष्टि में अच्छे के साथ बुरी नकारात्मक ऊर्जा भी होती है

फिर गुरुजी दिवाली आ गयी दीवाली के पहले दिन मैं घर गया  वो यक्षिणी भी आ गयी गुरुजी मुझे उनका नाम नही पता  मुझे वो यक्षिणी ही लगती थी  गुरुजी मैं कोई साधक नही हु फिर ब उन देवी को खुली आँखों से कैसे देख सकता हूँ

दीवाली के दिन दादाजी रात को कई चले गए  उन्हें आने में बहुत देर हो गई थी इसलिए पापा और मैं उन्हें ढूंढने चले गए हम जा ही रहे थे तब हमें वो जाडीयो में गिरे दिखे उन्हें वहा से निकाला  उनके सिर पर चोट लगी थी इसलिए हमने उने हॉस्पिटल ले गए  वो होश में थे वो हम से किसी खूबसूरत लड़की के बारे में बता रहे थे  और कह रहे थे उन्हें बचाये वो उने मार डालेगी    फिर उन्हें अंदर ले गए थोड़ी देर बाद डॉक्टर आ गए और बोले सॉरी वो नहीं रहे हम शॉक हो गए आखिर उनके साथ ऐसा क्या हुवा और सिर पर चोट लगने से किसी की मौत कैसे हो सकती हैं

तबी मेरे ध्यान में आया मारने से पहले उन्होंने किसी खूबसूरत लड़की के बारे मे बताया मुझे इन पारलौकिक शक्तियों के बारे मे ज़्यादा नंही मालूम मैं दादाजी के बहुत करीब था इसलिए मैं उन का आने  का इंतजार करने लगा  क्योंकि मुझे लग रहा था कि उन्होंने ये सब किया 12:30 को वो आ गयी  मैंने उनसे पूछा कि ऐसा क्यों किया मैंने आपसे सच्चा प्रेम किया औऱ आपने ये सिला दिया  उनोने कहा कि मैने कुछ नही किया लेकिन मैं बहुत गुस्से में था  मैंने उनकी एक नही सुनी
मैंने कहा  आज से आपकी चक्कल भी नहीं देखनी है आज से मेरे से और मेरे परिवार से दूर रहीहै  आप मुझसे प्रेम करती है ना तो जाइये मेरी कसम है आपको  वो रो रही थी लेकिन मैं उन्हें अन देखा कर चला गया  फिर उसी रात को मुझे एक सपना आया सपने में एक छोटी कन्या थीं बहुत तेज था उनके चेहरे पर

उन्होंने कहा उन देवी की कोई गलती नही ये सब एक नकारात्मक ऊर्जा के कारण हुवा है वो देवी तुमसे सच्चे दिल से प्रेम करती हैं तुमारे वियोग में उस देवी ने बहुत कष्ट सहा है   तबी मेरी नींद टूटी  गुरुजी वो देवीय कन्या कोन होगी जिसने मुझे ये बताया  फिर मैं अपने दिनचर्या के कामो में लग गया  उने जाने के लिए तो कह दिया पर मन उनके बारे में ही सोचता था ऐसे ही कई दिन बीत गए गुरुजी वो मेरे पास नही आती थी बस दूर से मुझे देख रोती थी ये देख मुझे भी बहुत बुरा लगता था इतना खूबसूरत चेहरा मेरी वजह से रो रहा है जब मैं वापस flat पे आ गया और रोज की तरह ऑफिस चला गया लेकिन मेरा मन सिर्फ उने याद करता था बस उनिके के बारे मे सौचता था की वो क्या कर रही होगी कहा और कैसी होगी शाम को रोहित को यक्षिणी के बारे मे पूछा तो उसने कहा यक्षिणी एक दिव्य और सोम्य शक्ति होती हैं पर तुम ये सब क्यों पूछ रहा है  वो मेरा सच्चा और पक्का दोस्त है इसलिए मैंने उसे सब बताया आज तक जो जो मेरे साथ हुवा हैं ये सब सून उसने मुझे अपने गुरुदेव के पास ले गया उसका गुरुजी सिद्ध व्यक्ति थे

उन्होंने ध्यान लगा के बता दिया कि वो कोई यक्षिणी नही अप्सरा है  उनोने कुछ नहीं किया उस रात तुमारे दादाजी को एक चुड़ैल ने मारा है पहले वो उनके पास खूबसूरत लड़की के रूप में आ उन्हें अपने वश में किया हॉस्पिटल में उन्हें उसी ने मारा और तुमे उन अप्सरा पे शक हो गया बचपन से उन अप्सरा ने तुम्हें कई बार मरने से बचाया है   गुरुजी फिर मैं घर आ गया घर के मंदिर में हाथ पैर धोके माता से क्षमा माँगी अनजाने में क्रोध के आवेश में उन देवी को इतना भला बुरा कहा मैंने अपनी कसम वापस ली  और उन अप्सरा देवी से भी माफी मांगी

गुरुजी फिर मैं  रात का खाना खा सो गया फिर आदि रात को  मुझे सिंह ही गुर्राने की आवाज़  आयी मेरी नीद टूट गई अपने आँखे मलते उठ बैठा तो सामने वही सिंग था जो उन अप्सरा देवी के साथ होता हैं उसे देख मुझे बहुत डर लगने लगा आप सोच सकते हैं अगर कोई आदमी ऐसे सिंग के सामने आए तो उसकी क्या हालत होंगी वो  अपने दिनों  पैर मेरे कंदे पे रख मुझे चाटने लगा  मेरी सिट्टी बिट्टी घुल हो गई तबी मुझे उन अप्सरा देवी की खुशबू आने लगी तो वो सींग भी नीचे उतर जोर ज़ोर से दहाड़ने लगा   वो रोते रोते आ मेरे गले लग  मुझे चूमने लगी

और बोली आपने सोच भी कैसे लिया कि मैं आपकी हानि करूँगी मैं सिर्फ आपको फिर से पाने आयी हु मैंने माफी मांगते हुए कहा ये देवी कृपया  मुझे माफ़ कीजिये मैं आपको नही समझ पाया  वो आप ही थी जब जब मैं खुद को अखेला पाता हमेशा आप ही मेरे पास रही हैं आप मुझे इस जन्म से पहले जानती होगी है ना ? उन्होंने कहा हा मेरा नाम  रक्षिता

पूर्व काल  उस ब्राह्मण में आप एक गन्दरव थे आपने कोई गलती की इसलिए आपको मनुष्य जन्म लेना पड़ा  उस जन्म  में आपके श्राप का निवारण हेतु मुझे आना पड़ा क्योंकि अपने जांनबुच के नही किया था  मनुष्य जीवन में आप मोह माया के चक्कर में आ गए इसलिए फिर से आपको चार जन्म लेने पढ़े  हर जन्म में मैं आपके साथ थी आपसे दूर होने के बाद मुझे स्वर्गलोक और नाही अप्सरा लोक भा रहा था  इसलिए मैं तपलोक में आपके लिए मा जगदम्बा कि कठोर साधना की उससे प्रसन्न हो मुझे अनगिनत शक्तियां प्रधान की पांच सो साल पहले पिछले  जन्म में मैंने आपको खो दिया इस बार  मैं आपको नही खोना चाहती बचपन में आप मुझसे डरते थे इसलिए मैं आपके सामने कबि नही आती थी ये सिंग अबी आप इस से डरते हैं लेकिन आप जब स्वर्गलोक में थे इस ये अपने पुत्र  के बाती स्नेह करते थे  इसे आपको मा ने प्रधान किया था स्वर्गलोक मे अपने उनकी तपस्या  की थी इस  से माँ ने प्रसन्न हो इसे आपको दिया था इसका नाम  अग्निवेश  है हा देवी पर क्या करूँ मुझे डर तो लगता है उनोने कहा हा अभी आप मनुष्य योनि में है इसलिए स्वाभाविक है

और दूसरी बात आप मुझे मेरे नाम से ही पुकारिये और अब  बहुत हुवा मैं आपको और इस मोह माया में फसने नही दूंगी आपको मोक्ष के लिए प्रयास करना होगा उसमें मैं आपकी पूरी सहायता करूँगी अब आपको परमात्मा में ध्यान केंद्रित करना होगा मैंने कहा हा जैसा आप कहे  गुरुजी मेरे इतने सालों से जो मेरे मन में सवाल थे उनके जवाब ।मुझे उस रात मिल गए  पर वो दैवीय छोटी कन्या कोन होगी  और मैं कोई साधक  नही छोटा सा शिव भक्त हु वो रक्षिता देवी मुझे ही क्यों smell , सुनाई और दिखाई देती है  plz बताये गुरुजी ये थे मेरे बचपन से job लगने तक के अनुभव बचपन में डर के साये में कैसे दिन काटता था मैं ही जनता हु  गुरुजी ये मेरे सच्चे अनुभव है खैर अगर आपको मेरा अनुभव पसंद आया तो आप इस पे वीडियो भी बना सकते है अगर नही तो कृपया रिप्लाई आवस्य दे

जय माँ आदिशक्ति

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