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पोस्टमार्टम वाली खुबसूरत चुड़ैल की सच्ची घटना भाग 1

पोस्टमार्टम वाली खुबसूरत चुड़ैल की सच्ची घटना भाग 1

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। आज का यह अनुभव हमें ईमेल पत्र के माध्यम से प्राप्त हुआ है। उसमें एक साधक ने पोस्टमार्टम में होने वाले अद्भुत अनुभव और एक चुड़ैल की सच्ची कहानी के विषय में बताया है तो चलिए जानते हैं और पढ़ते हैं इनके ईमेल पत्र को।

प्रणाम गुरुजी सबसे पहले आपका धन्यवाद कि आपने मेरे इस पत्र को वीडियो बनाने के लिए चुना है। तभी मैं यह आपकी मुख से वीडियो सुन पा रहा हूंगा। गुरु जी यह अनुभव को बताने से पहले मैं यह बताना चाहता हूं कि एक व्यक्ति जो कि पोस्टमार्टम करता है उसके जीवन में हमेशा। जितना आसान दिखाई पड़ता है वैसा कुछ भी नहीं होता। हम लोग इस चीज से बहुत पहले से जुड़े हुए हैं और यह कार्य हमारे दादा परदादा के समय से होता चला रहा है। यह घटना तब की है जब मेरे दादाजी के समय में वह असिस्टेंट के रूप में एक अंग्रेज अधिकारी के साथ पोस्टमार्टम किया करते थे। उस वक्त देश गुलाम था। और? पोस्टमार्टम अधिकारी अंग्रेज ही होते थे।

तो यह घटना! उस वक्त एक ऐसे आदिवासी इलाके के बीच की है जहां पर यह सब कुछ घटित हुआ था। कृपया इस अनुभव को अवश्य प्रकाशित करें, किंतु मेरा नाम और बाकी जानकारी गोपनीय ही रखें।

तो गुरु जी यह बात काफी समय पहले की है। आजादी से पहले जब मेरे दादाजी के समय में वह असिस्टेंट के रूप में एक अंग्रेज अधिकारी के साथ पोस्टमार्टम का कार्य किया करते थे।

वह उनके ही बंगले के पास एक कमरे में रहा करते थे। अधिकतर जिनकी भी लाशें आती थी उस वक्त अगर उन्हें पहचानने में समस्या होती थी तो यह सारी चीजें की जाती थी। यह एक आदिवासी इलाके की बात है। उस वक्त वह उनके साथ ही रहा करते थे। रात्रि के लगभग 2:00 से 3:00 का वक्त था। कि तभी उन्होंने अस्पताल में बहुत सारे! पुरुषों! और कुछ स्त्रियों को हाथ में मशाल लेकर आते हुए देखा। सभी गुस्से से चिल्ला रहे थे।

यह बात आम हो चुकी थी क्योंकि उन दिनों कोई ऐसा व्यक्ति था जो किसी भी कुमारी स्त्री को मारकर उसका रेप करके फेंक दिया करता था। यह सारी बातें उस वक्त बड़ी चर्चा में थी, ऐसे ही एक रात। जब लोगों का हुजूम वहां पर आया तो उसे देखने के लिए अधिकारी वर्ग भी बाहर निकल आया। उन्होंने उन सब को शांत करवाया और कहा, आप लोग किस समस्या को लेकर आए हैं? अंग्रेज अधिकारी के पास बहुत सारे लोग आकर गुहार लगा रहे थे। उनका कहना था कि उनके ही परिवार की एक लड़की का बलात्कार करके मार दिया गया है। आप लोग पता लगाएं।

और जल्दी से जल्दी!

इस परेशानी से हमें दूर करें। अंग्रेज अधिकारी ने अपने कुछ सैनिक उस कार्य के लिए भेज दिए और लड़की की लाश को पोस्टमार्टम के लिए रखा गया। वह लड़की। काफी खूबसूरत थी और? किसी?

मशहूर! मुस्लिम व्यापारी की बेटी थी जो कि अभी 16 या 17 वर्ष की ही होगी। उसके साथ इतनी बड़ी।

घटना हो चुकी थी कि मुस्लिम व्यापारी और उनके साथ कई लोग बहुत गुस्से में थे।

तब अंग्रेज ने कहा कि ठीक है पोस्टमार्टम के बाद अपनी लड़की को ले जाना। यह पता करना आवश्यक है कि आखिर इसके साथ क्या और कितनी बर्बरता के साथ किसने किया है। शायद कोई सुराग हाथ लग जाए। इसलिए वह लोग!

सुबह आने का वादा करके अपनी बेटी की लाश को छोड़कर चले गए।

व्यापारी की लड़की। अंग्रेजों की तरह ही गोरी चिट्टी और सुंदर थी। तो उसे लेकर अंग्रेज!

पोस्टमार्टम अधिकारी के पास गए।

वह बाहर निकल कर आया और उसने मेरे उन दादा जी को भी बुला लिया क्योंकि वह भी उसी के साथ में रहा करते थे।

रात के समय ही उसका पोस्टमार्टम शुरू करना आवश्यक हो गया था क्योंकि लोगों का बड़ा भारी दबाव था। इस तरह की घटनाएं उस क्षेत्र में इस वक्त ज्यादातर हो रही थी। इसी कारण से लोग जल्दी से जल्दी इस चीज से बाहर निकलना चाहते थे। तो? लाश को लेकर।

उसे उस कमरे में रखा गया।

पोस्टमार्टम अधिकारी और मेरे दादाजी! उस  के कपड़े अच्छी प्रकार देखने लगे। उसमें! कहीं पर भी गंदगी नजर नहीं आ रही थी। यह बात बड़ी ही अजीब थी।

अगर कोई इस तरह की गलत कार्य करता है। तो शरीर के कपड़े अस्त-व्यस्त होने के साथ उन पर मिट्टी धूल अवश्य मिलती है क्योंकि कोई भी लड़की अपना बचाव अवश्य करती है।

लेकिन यहां पर तो ऐसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। तब अंग्रेज अधिकारी ने कहा। देखो! अगर तुम गौर से देखोगे तो लगेगा कि इस लड़की के साथ बलात्कार अगर हुआ है तो इसे अवश्य ही पहले बेहोश कर दिया गया होगा। ताकि अपराधी इस कार्य को बड़ी आसानी के साथ में। बिना किसी रूकावट के कर सके।

तब? उन्होंने उसके!

गोपनीय अंगों को देखा।

जिसमें जब? अंग्रेज अधिकारी ने योनि को देखा तो बड़ा ही अचरज लगा।

योनि को।

सुई से जेसे सिला जाता है वैसा ही सिला गया था? यह देखकर बहुत बड़ा अचरज हुआ।

यह बात किसी के भी समझ से परे थी कि कोई किसी कन्या की योनि को।

एक डॉक्टर की तरह।

क्यों सिलेगा?

सिलाई का काम योनि पर करना किसी बहुत गंदी मानसिकता और।

किसी ऐसे अपराधी का कार्य महसूस होता है जो कि दिमाग से पूरी तरह सनकी और पागल होगा।

तब? अंग्रेज अधिकारी ने धीरे धीरे।

सुई को काटना शुरू कर दिया और तब योनि का भाग खुल गया। तब उसके अंदर काले रंग के बहुत सारे बीज!

देखने को मिले। यह देखकर अंग्रेज अधिकारी कहने लगा। यह सब क्या है तब मेरे दादाजी बोल पड़े। उन्होंने कहा कि यहां के कुछ पुराने तंत्र में स्त्री की योनि में। ऐसी शक्तियों को डाल दिया जाता है जिससे वह उसके पूरी तरह वश में रहती है और।

यह बीज किसी भी प्रकार से बाहर ना निकले शायद इसीलिए! किसी तांत्रिक ने इसे मार कर फिर सिल दिया होगा।

यह बात बड़ी ही अचरज भरी है लेकिन सत्य है। तब अंग्रेज अधिकारी ने कहा, कैसे पागल लोग हैं। अगर उसे रेप ही करना था तो करके छोड़ देता ऐसे किसी के प्राइवेट अंग को सिल कर रखना कितना बड़ा पागल है?

तब मेरे दादाजी बोल पड़े। मैंने ऐसे तंत्रों के विषय में सुना है। इसी में मैं एक बार जब गांव में था तो उसने कहा कि वहां पर एक तांत्रिक रहता है। वह डायन विद्या में बहुत निपुण है। उसने चुड़ैल को सिद्ध करने की कोशिश की है। और वह मंत्र बुदबुदाता रहता था। बोलता था ओम बम बम भूतेश्वरी मम वश्य कुरु कुरु स्वाहा।

तब अंग्रेज अधिकारी ने कहा, अच्छा अच्छा, फिर से बोलो, क्या कहना चाहते हो, कैसा मंत्र बोला है तूने?

तब मेरे दादाजी ने फिर से वही कहा ओम बम बम भूतेश्वरी मम वश्य कुरु कुरु स्वाहा।

और अंग्रेज अधिकारी हंसते हुए बार-बार उसी मंत्र को बोलता जा रहा था और उस कन्या की योनि से बीजों को बाहर निकाल रहा था।

यह!

करते वक्त अचानक से। कमरे में कुछ अजीब सी हलचल होने लगी।

ऐसा लग रहा था जैसे उस कमरे में। कोई हवा बह रही है। जो कि अपनी ताकत से चीजों को हिला डूला रही है। यह बात ना तो मेरे दादा को समझ में आई न हीं अंग्रेज अधिकारी को पर वह पागल अंग्रेज अधिकारी। इस मंत्र को बार बार पढ़ कर हंसते हुए उस कन्या की योनि से काले बीजों को बाहर निकाल रहा था और वह करता ही रहा जब तक कि कुल मिलाकर 18 बीज बाहर नहीं आ गए।

तब? मेरे दादाजी ने कहा। इस लड़की की उम्र 18 वर्ष होगी। अंग्रेज अधिकारी ने कहा, तुमने बहुत सही अनुमान लगाया है लेकिन तुमने कैसे जाना? तब मेरे दादाजी ने कहा, इस की योनि से 18 बीज निकले हैं तांत्रिक लोग उतने ही बीज। इस क्रिया में डालते हैं जितनी उस लड़की की उम्र होती है।

अंग्रेज अधिकारी फिर से कहने लगा, कैसे पागल लोग हैं? दिमाग इनके पास होता है या नहीं है। जिंदगी का आनंद लेना भी नहीं जानते हैं।

औरत का शरीर आनंद लेने के लिए होता है ना कि उसे मारने के लिए।

यह बातें! अंग्रेजी में बहुत प्रसिद्ध थी कि वह बहुत ही उच्च कोटि के व्यभिचारी होते थे। और उनके लिए!

कोई भी स्त्री बस खिलौना मात्र थी।

तब मेरे!

दादा जी को एक ऐसी चिंता सताने लगी कि उन्होंने कहा आपने! बीज तो बाहर निकाल दिए हैं लेकिन मैं आपको एक बात बताता हूं। अगर तांत्रिक के कार्य को किसी भी प्रकार से बीच में रोका जाता है तो वह बहुत नाराज हो जाता है। यहां कुछ भी गलत हो सकता है। आप को सावधान रहने की आवश्यकता है तब अंग्रेज अधिकारी कहने लगा। हम हिंदुओं और मुसलमानों की बस्तियों से बहुत दूर खुद की अपनी बनाई गई बस्तियों में रहते हैं, इसलिए हम सब! सुरक्षित है। अंग्रेज लोग अपनी बस्ती को अलग ही बनाते थे ताकि उन्हें उन लोगों से दूरी बनाकर रखने में कोई परेशानी ना हो और यह इलाका पूरी छावनी के तरह होता था ताकि अंग्रेजों को कोई समस्या कभी ना आए।

इसके बाद अधिकारी ने अपने कागज में वह रिपोर्ट लिखी और जाकर अपने कमरे में आराम करने चला गया। मेरे दादाजी भी अपने कमरे में आराम करने के लिए चले जाते हैं। कुछ देर बाद अंग्रेज अधिकारी उस पोस्टमार्टम अधिकारी से मिलने के लिए आता है और तब फिर से पोस्टमार्टम अधिकारी खबर भेज कर मेरे दादा को बुलवा लेता है। तब पोस्टमार्टम अधिकारी कहता है कि मुझे बड़े अफसर ने कहा है लड़की की लाश को दिखाओ और रिपोर्ट जो बनाई है उसे भी बताओ तो चलो चलते हैं। अंग्रेज अधिकारी, पोस्टमार्टम अधिकारी और मेरे दादाजी तीनो लोग उस रूम में फिर से गए, लेकिन उन्होंने जो देखा वह आश्चर्यजनक था। वहां पर कोई लाश मौजूद नहीं थी तो वहां जो कर्मचारी कार्यरत था, उसे डांटते हुए पुलिस अधिकारी ने कहा, यहां की लाश कहां चली गई। क्या तुमने उसे कहीं और जाकर शिफ्ट कर दिया है?

क्योंकि मुस्लिम! व्यापारी बाहर आकर खड़ा हो गया है। उसे अपनी बेटी को दफनाना है और वह कह रहा है कि मुझे मेरी बेटी की लाश दो। तब यह व्यक्ति कहने लगा। यह कैसे हो सकता है। मैंने खुद अपनी आंखों से लाश देखी थी लेकिन पोस्टमार्टम के बाद! खुद दरवाजा बंद किया था। फिर भी लाश कैसे गायब हो सकती है? आखिर उस लाश के साथ क्या हुआ था? जानेंगे हम लोग इनके अगले ईमेल पत्र के माध्यम से अगर यह जानकारी और कहानी आपको पसंद आ रही है तो लाइक करें। शेयर करें सब्सक्राइब करें आपका दिन मंगलमय हो जय मां पराशक्ति।

पोस्टमार्टम वाली खुबसूरत चुड़ैल की सच्ची घटना भाग 2

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