Site icon Dharam Rahasya

पोस्टमार्टम वाली खुबसूरत चुड़ैल की सच्ची घटना भाग 3

पोस्टमार्टम वाली खुबसूरत चुड़ैल की सच्ची घटना भाग 3

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। पोस्टमार्टम वाली खूबसूरत चुड़ैल की सच्ची घटना का आगे का भाग हम जानते हैं तो चलिए पढ़ते इनके पत्र को।

गुरुजी उसके बाद जब यह बात अंग्रेज अधिकारी ने। दादा जी को बताई तो उन्होंने कहा, यह एक विशेष तरह का तंत्र होता है। इस तंत्र के माध्यम से किसी विशिष्ट क्षेत्र में जब कोई शत्रु प्रवेश करता है तो उसकी मृत्यु हो जाती है। यह स्थान कीलित है। सबसे पहले हम को इस स्थान को समझते हुए वापस जाना चाहिए। पास में ही एक देवी काली का मंदिर है। वहां से! हमको रक्षा सूत्र बांधकर ही इसमें प्रवेश करना चाहिए।

अंग्रेज अधिकारी ने कहा, ठीक है। तो सब लोग पीछे हो गए।

वहां पर कुत्तों की लाशें। वहीं पर छोड़ दी गई। और यह सभी! काली माता के मंदिर तक पहुंच गए। वहां पर बैठे हुए एक साधु से इन सभी को सुरक्षा के लिए रक्षा सूत्र अपने शरीर में बनवा लिया।

इधर अंग्रेज अधिकारी को विश्वास नहीं था कि मेरे दादाजी के द्वारा बताया गया यह तरीका। कारगर होगा या नहीं इसीलिए अंग्रेज अधिकारी ने। वहां के? चर्च के प्रमुख पादरी लोगों को भी बुला लिया था। ताकि! अगर कोई समस्या हो तो शैतान से लड़ने में वह सहायता करेंगे।

यह खबर पादरियों तक पहुंची तो उनका एक पूरा दल वहां के लिए निकल पड़ा और जल्दी ही सभी लोग उस काली मंदिर के बाहर इकट्ठा हो गए। अंग्रेज अधिकारी ने पादरी से कहा। यह स्थान मुझे कुछ भयानक लगता है। हमने जो कुत्ते आगे भेजे थे, वह कुत्ते मारे गए हैं। मैं नहीं चाहता कि किसी मनुष्य पर इसका प्रभाव पड़े इसलिए आप लोग भी साथ में चलें।

तब पादरियों ने कहा ठीक है लेकिन इसके लिए गिरजाघर का पवित्र जल हमें साथ लेकर चलना पड़ेगा और जहां जहां। मैं? इस पवित्र जल को डालूंगा उसी रास्ते पर चलकर तुम्हें आगे बढ़ना होगा। तब?

गिरजाघर के पादरी और उनके साथ आए हुए अन्य। और साथ में अंग्रेज अधिकारी उनके सैनिक और कुत्तों का एक समूह! मेरे दादाजी के साथ आगे बढ़ने लगा। पादरी आगे जल को छिड़कता रखता था और प्रार्थना करता था। इसी प्रकार उस स्थान तक पहुंच गए जहां पर कुत्तों की लाश मौजूद थी। इसके बाद पादरी ने उसे एक स्थान में आगे बहुत सारी इंसानों की खोपड़ी पड़ी देखी।

यह देखकर पादरी सहित सारे लोग डरने लगे। ऐसा लगता था जैसे इस स्थान पर बहुत ज्यादा मात्रा में बलि दी गई हैं क्योंकि सिर का हिस्सा दूर पड़ा मिलता और सर कहीं और धड़ कहीं और जगह होता था। वहां पर बहुत सारे।

हड्डियों के कंकाल मौजूद थे। तब पादरी!

कुछ घबराने लगा और कहा यह स्थान शैतान का घर लगता है इसलिए अब सावधान होकर चलना पड़ेगा। पादरी अब आगे अपने जल डालता गया थोड़ी दूर जाने के बाद अचानक से। हड्डी के बने ढांचे जिसके सिर के ऊपर। टोपी लगी थी, अचानक से उठ गया और पादरी से पानी मांगने लगा। पादरी हड़बड़ा गया उसे इतना ज्यादा डर लगा कि कैसे एक मरा हुआ कंकाल जीवित हो गया है। और इसके जीवित होने की वजह से पता नहीं। यहां पर क्या क्या होगा? पादरी घबराकर एक ओर भागा।  जिधर भागा उधर पवित्र जल डालने तक की याद उसे नहीं रही और तुरंत ही आगे जाकर गिर गया। उसके भी सिर में चोट आई और मुंह से खून निकलने लगा। यह देखकर अंग्रेज अधिकारी ने। सभी पादरियों को वहां से सुरक्षित निकल जाने को कहा।

उस पादरी को उठाकर सभी लोग वापस चर्च में लेकर गए। अंग्रेज अधिकारी भी उसी स्थान पर अपना टेंट लगाकर रोकने की सलाह देता है। मेरे दादाजी ने कहा, जितनी स्थान तक हम लोग आ चुके हैं, यह स्थान सुरक्षित है।

बस इससे आगे अभी नहीं जाना है। तब अंग्रेज अधिकारी और उसके साथ आए हुए सारे सैनिक! अंदर से तो बहुत ज्यादा डरे हुए थे लेकिन वापस जाना भी उपयुक्त नहीं था। अंग्रेज अधिकारी पहली बार। भारतीय तंत्र को महसूस कर पा रहा था। उसे ऐसा लग रहा था कि उसने यहां आकर गलती कर दी है। लेकिन लड़की को भी तो ढूंढना था।

रात्रि के समय जब सभी वहां आपस में गोल घेरा बनाकर। आगे जलती हुई।

लकड़ियों के ढेर के पास बैठ कर बातें कर रहे थे। कि तभी मुझे जंगल में किसी लड़की के गाने की आवाज सुनाई देने लगी।

सभी ने उस ओर पलट कर देखा। तो दूर कोई सफेद रंग।

जैसे दूध से नहाई हुई। बिना कपड़ों की एक स्त्री टहल रही थी।

वह गाना गा रही थी।

ज्यादा दूरी होने के कारण स्पष्ट रूप से उसका चेहरा दिखाई नहीं पड़ता था। लेकिन इतना तो स्पष्ट था कि उसने कपड़े नहीं पहने हैं और वह अंग्रेजों की औरतों जैसे ही रंग वाली थी।

यह देखकर अंग्रेज अधिकारी और सारे सैनिक! उसकी और ही देखने लगे।

तब दादाजी ने कहा।

मैं एक बात आप लोगों को बता दूं ध्यान पूर्वक सुने।

किसी भी अवस्था में आपको जो रक्षा सूत्र दिया गया है उसे।

शरीर से अलग मत होने दीजिएगा। हम लोग अभी तक सुरक्षित हैं जब तक यह रक्षा सूत्र हमारे शहीदों के ऊपर मौजूद है। अगर हम में से किसी ने रक्षा सूत्र को बाहर निकाल लिया या टूट गया तो उसके बाद! उसकी रक्षा कोई नहीं कर पाएगा। अंग्रेज अधिकारी सहित सारे लोग। एक बार फिर से घबराने लगे।

एक तरफ! तो ऐसी स्त्री को देखने की चाह! अंग्रेजों में पहले से ही मौजूद थी। लेकिन दूसरी तरफ से। यह सब बातें उन्हें डरा रही थी।

कुछ देर बाद वह गाना गाते हुए एक पेड़ के ऊपर जाकर बैठ गई।

और वही जाकर सोने लगी।

यह देखकर अंग्रेज अधिकारी और बाकी सैनिक। यह सोचने लगे। इतने घने जंगल में यह? कौन सी औरत है जो रहती है?

दूर से तो बड़ी खूबसूरत दिखाई पड़ रही है। लेकिन यह पेड़ पर जाकर क्यों बैठ गई है? इसका आखिर उद्देश्य क्या है?

सभी को। उसके पास जाने की तीव्र इच्छा हो रही थी। कारण था उनके शरीर के अंदर वास करने वाली कामवासना लेकिन केवल इसकी वजह से क्योंकि जो सुबह कुत्ते और पादरी के साथ हुआ है, कहीं उनके साथ ना हो जाए। इसी वजह से वह सारे डर रहे थे। यह देख कर!

मेरे दादाजी ने कहा। मैंने आपको सावधान किया है, अब मुझे नींद आ रही है। तो क्या मैं और पोस्टमार्टम अधिकारी दोनों लोग जाकर सो सकते हैं?

बडे अंग्रेज अधिकारी ने कहा ठीक है? तुम्हें आराम करना आवश्यक भी है क्योंकि एक मात्र तुम ही हो जो हम को रास्ता दिखा सकते हो। जाओ और जाकर सो जाओ। तब अंग्रेज पोस्टमार्टम अधिकारी और मेरे दादाजी! वहीं पर बने एक छोटे से टेंट में जाकर सो गए।

रात्रि के समय जब सभी लोग सो रहे थे कि तभी उसकी लड़की के चिल्लाने की आवाज आती है वह बचाओ बचाओ कह रही थी यह सुनकर। अंग्रेज अधिकारी और एक सैनिक उठ जाते हैं। दोनों अपने टेंट से बाहर निकलते हैं।

वह लड़की। उसी पेड़ की डाली से। बंधी हुई लडकी थी। यह देखकर अंग्रेज अधिकारी ने सोचा। यह तो कोई मनुष्य ही है? जिसने किसी ने बांधकर लटका दिया है। हमें तुरंत इसकी सुरक्षा करनी चाहिए। अंग्रेज अधिकारी साथ में उसका एक सैनिक दौड़ते हुए उस और जाने लगते हैं।

और पहुंच जाते हैं उस स्त्री के पास।

उल्टी लटकी हुई। बिना कपड़ों के वह बहुत सुंदर दिखाई पड़ रही थी। अंग्रेज तुरंत पेड़ पर चढ़कर। उसके पैर में बंधी हुई रस्सी काट देता है। वह स्त्री नीचे गिर जाती है और कहती है मेरी कमर टूट गई। मुझे बहुत दर्द हो रहा है।

तब अंग्रेज अधिकारी और वह सैनिक! उसके पास तुरंत पहुंच जाते हैं। और? तब वह कहती है देखो मेरी कमर में चोट आई है क्या तुम्हारे पास मलहम है?

अंग्रेज अधिकारी। अपने पास उसकी जेब में पड़े हुए मलहम को निकाल कर उसकी कमर में लगाने लगता है। और इसी के साथ उसके अंदर तीन कामवासना जाग जाती है। क्योंकि एक तो उसने कपड़े नहीं पहने होते। दूसरा वह खूबसूरत थी और हिंदुस्तानी स्त्रियों के जैसी वह नहीं दिखती थी उसका रंग अंग्रेज स्त्रियों जैसा ही था। और भारतीय चेहरा होने के कारण। वह दिखने में बहुत खूबसूरत थी।

तब वह कहती है मुझे मेरे।

झोपड़ी तक ले चलिए मैं उठ नहीं पा रही हूं तब अंग्रेज उसे अपनी गोदी में उठा लेता है और साथ में उसके साथ आगे जाने लगता है।

वह उन्हें लेकर एक बनी हुई झोपड़ी के अंदर चली जाती है।

इधर सुबह के समय। सारे लोग उठते हैं तो उनके साथ कुत्ते का जो पूरा डॉग स्क्वायड आया था, वह जोर-जोर से भोक रहा था।

इधर सभी लोग। अपनी अधिकारी को ढूंढते हैं। उन्हें लगा था शायद वह! सुबह लैट्रिन या बाथरूम के लिए इधर उधर गया होगा। लेकिन ढूंढने पर भी वह नहीं मिलता है। दादाजी और अंग्रेज पोस्टमार्टम अधिकारी दोनों चिंतित होने लगते हैं। आखिर उनका सबसे बड़ा अधिकारी और एक सैनिक गायब क्यों है इसके आगे क्या हुआ। मैं आपको अगले भाग में बताता हूं। नमस्कार गुरु जी!

तो देखिए अभी तक की घटना में आपने जाना कि कैसे एक चुड़ैल अपने मायाजाल में?

अंग्रेज! और बाकी सारे लोगों को फंसा रही है। आगे क्या हुआ जानेंगे हम लोग अगले भाग में तो अगर यह कहानी आपको पसंद आ रही है तो लाइक करें। शेयर करें सब्सक्राइब करें आपका दिन मंगलमय हो जय मां पराशक्ति।

पोस्टमार्टम वाली खुबसूरत चुड़ैल की सच्ची घटना भाग 4

Exit mobile version