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प्रेत शक्ति और हनुमान भक्ति भाग 2

गुरुजी प्रणाम, प्रेत शक्ति और हनुमान भक्ति का दूसरा भाग… मैं रोज ही सुबह 5.30 पर उठ तैयार होकर गाड़ी लेकर बुलंदशहर स्थित भूड चौराहा पर चला जाता था यहीं से हम लोगों की डग्गेमारी की गाड़ी नंबर से चला करती थी, जो जैसे आता था उसका वैसा ही नंबर बारी से नंबर लग जाता था, जिसका नम्बर आता था वो गाड़ी में सवारी भर कर लाल कुआं, गाजियाबाद को निकल जाता था उसके पश्चात उसके बाद वाला अपना नंबर लगाता था गाड़ी में सवारियां भरने को, दिनांक 03 जनवरी 2019 की सुबह मैं रोज की भांति गाड़ी ले जाने के लिए तैयार हो रहा था उस समय मैं टॉयलेट में था कि तभी मेरा बड़ा पुत्र अजय प्रकाश(स्थानीय उप संभागीय कार्यालय, बुलंदशहर में डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर ड्राइविंग लाइसेंस विभाग में कार्यरत था, गुरुजी पुत्र का नाम पता सब सच है) जोर 2 से चिल्लाने लगा मैं उसकी ऐसी आवाजें सुनकर जल्दी से टॉयलेट से निकल हाथ धोकर उसके पास गया.वह जोर 2 से बब्बो बब्बो चिल्ला रहा था(बब्बो नाम से संबोधित तो मेरी दिल्ली स्थित लड़की की ससुराल में उसके पुत्र अपनी मां को किया करते थे) यह सोच कर मेरे होश फाख्ता हो गए की कहीं यह मेरी लड़की की ससुराल में फांसी लगा कर मरा राज की आत्मा तो मेरे छोटे पुत्र विजय प्रकाश के साथ तो नहीं आ गई( वह 31 दिसंबर 2018 को अपने ऑफिस के कार्य हेतु दिल्ली स्थित मेरी बड़ी लड़की के यहां गया था, मेरा छोटा पुत्र विजय प्रकाश एक प्राइवेट हॉस्पिटल में कंप्यूटर ऑपरटर है) किसी तरह में लड़के को घर के अंदर से निकाल कर घर के खुले चोक में ले आया और पत्नी से चाय बनाकर उसको पिलाने को कहा, मैं लड़के को बार 2 होश में आने को कह उसको दिलासा देता रहा किन्तु वह होश में आता फिर पल में ही उस आत्मा की गिरफ्त में आ जाता हम लोग उससे बार 2 पूछते की कोन है वो पर वो कोई जवाब ना दे कर बुरी 2 आवाजें निकालता कभी 2 तो वह लंबी जीभ भी निकालने लगता उसकी इन हरकतों से घर में सभी डरने लगते और रोने लगते मैंने किसी तराह सभी को जोर से धमकाया और शांत रह कर किसी मौलवी, तांत्रिक या किसी भगत को दिखाने के लिए कहा तभी मेरी दूसरे नंबर की लड़की मनीषा ने कहा कि पापा पास ही में मेरी मुस्लिम सहेली रहती है उसके मामा यह सब देखने का कार्य करते हैं और बहुत ही अच्छे व्यक्ति हैं और अच्छा कार्य करते हैं मैंने भी उन्हीं के हाथ का ताबीज़ अपने गले में डाल रखा है मुझे भी पूर्व में गलत सपने आते थे पर जब से उनका ताबीज़ गले में डाला है तब से सब कुछ सही है मैंने फौरन अपने पत्नी और लड़की से कहा इसको जल्दी से वहीं ले जा कर दिखाओ शायद कुछ बात बन जाए, फिर मेरी लड़की और पत्नी लड़के को उसको दिखाने के लिए ले गए करीब 2 घंटे के बाद उसको दिखा कर घर ले आए घर आने के पश्चात लड़का फिर वही हरकतें करने लगा कभी जोर 2 से चिल्लाता और कभी लंभी जीभ निकालने लगता मैंने उनसे पूछा कि उस मौलवी ने क्या बताया पत्नी कहने लगी की ये जो हवा है उसके काफी प्रयास करने पर भी उसके सामने नहीं आयी फिर उस मौलवी ने लड़के से पूछा था की क्या हुआ था रात में लड़के ने बताया कि रात के करीब 2.00 बजे वह टॉयलेट को उठा था, जब वह टॉयलेट कर रहा था तो उसको यह महसूस हुआ कि कोई घर की रसोई में है और कुछ बर्तनों की आपस में टकराने जैसी आवाजें आयी फिर मैंने सोचा शायद बिल्ली होगी जब मैं टॉयलेट कर जाने लगा तो रसोई में दूर से देखा तो कोई नहीं था फिर में अपने बिस्तर पर जा कर सो गया.फिर मैं सुबह करीब 5.00 बजे पानी पीने को उठा, पानी पीने के पश्चात मेरा सर भारी होने लगा तब ही से मेरी तबियत ठीक नहीं है, लड़का अब भी वही हरकतें बार 2 कर रहा था हम सब लोग काफी परेशान हो गए थे बार 2 लड़के के सर पर आ रही वह बुरी आत्मा से पूछते कि कोन है वह और क्या चाहता है किन्तु वह कोई जवाब ना देकर वहीं हरकतें जोर 2 से चिल्लाना लंबी जीभ निकालना जारी रखा मेरी कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें क्या ना करें, मौलवी ने एक ताबीज़ गले में काले कपड़े से सिल कर डालने को कहा था तथा कुछ पर्ची लिख कर दी थी उनको पानी में डाल कर पीने तथा कुछ को सर से मल कर जला देने को कहा था पत्नी और लड़की वहीं सब कर रही थी किन्तु कुछ भी फायदा नज़र नहीं आ रहा था फिर तय हुआ की इसको पास ही के डीएम कॉलोनी स्थित एक छोटे से हनुमान मंदिर के पुजारी के पास ले कर चलते हैं और उनसे ही कुछ उपाय पूछते है, मेरी पत्नी अक्सर वहां झाड़ा लगवाने को चली जाती थी जब किसी बच्चे को नज़र लग जाती थी किन्तु मंदिर के पुजारी जी शाम को 4.00 बजे के पश्चात ही आते थे हम लोग लड़के को 3.00 बजे ही मंदिर ले कर चल दिए यह सोच कर कि मंदिर में बैठे भगवान ही शायद कुछ चमत्कार कर दें.जब हम लोग लड़के को मंदिर में ले गए तो वह मंदिर के अंदर जाने को तैयार नहीं वह अपनी सारी शक्ति मंदिर के गेट के बाहर खींचे और हम लोग उसको पकड़ कर अन्दर खींचे बड़ी परेशानी उसमे अनजान शक्ति कहां से आ गई जो हम तीन तीन लोगों के काबू में नहीं आ रहा था फिर मैंने लड़के को गुस्से में 2-3 तमाचे जड़ दिए बड़ी मुश्किल से वह रोते हुए मंदिर के अंदर आया फिर हम लोग वहीं मंदिर में एक जगह बैठ कर मंदिर के पुजारी जी का इंतजार कर भगवान से इस परेशानी से निकालने की मन ही मन प्रार्थना करने लगे 5.00 बजे के करीब पुजारी जी आए तब हम अपना नंबर आने के पश्चात लड़के को पुजारी जी को दिखाया और सारी बात बताई उन्होंने भी काफी कोशिश की पूछने की कि वह कोन है और क्या चाहता है किन्तु वह भी कुछ नहीं कर सके और अंत में सर पर फूंक मार व हाथ में धागा बांध कर कल आने को कहा हम लोग उसको ले जाने लगे तब ही मेरे मन में ख्याल आया कि इसको कुछ समय तक यहीं मंदिर में बिठा कर रखते हैं मैंने पत्नी और लड़की से कहा कुछ समय इसे यहीं रहने दो मैं अभी दुकान पर सिगरेट पीकर आता हूं जब ले चलेंगे फिर मैं सिगरेट पीने चला गया सिगरेट पीकर जब मैं मंदिर वापस आया तो पत्नी और पुत्री अपनी तरीके से उससे बार 2 पूछ रहे थे कि वह कोन है और क्या चाहता क्यों हम लोगों को परेशान करने आ गया है तब ही मैंने पास जाकर अंधेरे में तीर चलाया और उससे कहा कि मैं तेरे को पहचान गया हूं कि तू कोन है तू राज(मेरी लड़की का देवर जो शादी से पूर्व सगाई वाले दिन फांसी लगा कर मार गया था) ही है ना मैं तेरी बात करने की स्टाइल से पहचान गया हूं फिर तब ही वो जोर 2 से रोने लगा और बब्बो बब्बो कहने लगा मैंने उस से कहा अपने भाई से बात कर तब मैंने अपने दामाद को फोन मिलाया और अब तक की सारी बातें बताई वो भी यह बातें सुन कर अचंभे में रह गए फिर उन्होंने अपने पापा और मम्मी से बातें कराई, अपनी मम्मी से बातें करते 2 वह जोर 2 से रो कर कहने लगा कि बब्बो मेरी शादी तो हो जाने देती क्यों मार दिया मेरे को, कुछ देर बातें करने के पश्चात वह मेरे साथ घर आ गया आते ही वह मेरी 90 वर्षीय मां मोसी कहा कर नमस्ते करने लगा वह सब बात समझ गई और उस से कहने लगी भैय्या क्यों आया है हमारे यहां और क्यों परेशान कर रहा है मेरे बच्चे को तो वो कहने लगा मोसी मेरे से मेरे घर पर कोई प्यार नहीं करता अब में वहां नहीं जाऊंगा यहीं रहूंगा.अब मेरे लिए और परेशानी वाली बात पैदा हो गई यह तो अब खुलेआम बोल रहा कि वह नहीं जाएगा और यही रहेगा, एक तो साला वैसे ही दिमाग खराब था सुबह से इसने और खराब कर दिया जाने से इंकार करने पर मैंने गुस्से में लड़की को फोन मिलाया सारी बात बता कर कहा कि अपने सास ससुर से कह की इसको आ कर अपने साथ ले जाए लड़की ने कहां की वो गाड़ी लेनें गए हैं आपके पास आने को, सब आ रहे हैं आ कर देखेंगे की यह कोन है कहीं झूठ तो नहीं बोल रहा तब मैंने लड़की से कहा कि अब मत आना अब समय नहीं है आने कब काफी रात हो गई है और आते 2 काफी रात हो जाएगी रास्ते में कुछ हो गया तो बहुत मुश्किल होगी सभी को इसलिए कल ही आना और यह बात कह कर मैंने फोन काट दिया, थोड़ा बहुत सभी खाना खाकर आराम करने लगे लड़का अब भी इस आत्मा की ग्रफ्त में था तब मैंने अपने गुस्से को काबू कर प्यार से लड़के के अंदर बैठी उस आत्मा से कहा.राज क्या हम से नाराज है तू तो हम को बहुत चाहता था जब हम लोग तुम्हारे घर जाते थे तो तू कितना खुश होता था हम लोगों से कितनी आवभगत करता था हम लोगों की और आज तू हम को परेशान करने आ गया ये अजय(मेरा लड़का) तो तेरे से छोटा है तू कितना खुश होता था जब यह तेरे यहां जाता था, हम से क्या गलती हो गई है हम नहीं जानते हम सब तेरे से हाथ जोड़ कर माफी मांगते हैं माफ कर दे हमको राज, उस पर मेरी इन बातों का उस पर काफी गहरा प्रभाव पड़ा और वो रोने लगा रोते 2 कहने लगा मोसा मेरे से बहुत बड़ी गलती हो गई, मैं तो घूमने आया था ये भी मेरे साथ चले आए, आप अजय भाई को बचा लो ये काफी खतरनाक हैं इतने में ही मेरा लड़का बहुत ही जोर 2 से चिल्लाने लगा कभी कहता कोन खींच रहा है मेरी टांगो को कभी कहता कोन खींच रहा है मेरे हाथों को पापा मेरे को बचा लो मेरे को ये मार देंगे उसकी ऐसी बातें सुनते ही सब के सब रोने लगे करें तो क्या करें कुछ समझ नहीं आ रहा था.तब मैंने सब को गुस्से में शांत कराया और उस राज से बोला जो भी तेरे साथ है(मैं उसको बहुत बुरी गली दे कर बोला) उस से कह दे जो करना है वह कर ले मैं भी देखता हूं मरने वालों में ज्यादा ताकत होती है या जीवित इंसानों में मैंने अपनी लड़कियों से कहा हर घर के दरवाजे के अन्दर वाली कुण्डी में ताला लगा दो(मुझे अंदेशा था कि यह राज फांसी लगा कर मरा है कहीं ये इस लड़के के साथ ऐसी कोई हरकत ना कर दे हमारे सो जाने के पश्चात) जिस से कोई अंदर से दरवाजा बंद ना करे और बाहर वाले दरवाजे पर अंदर से ताला लगा दो, कल सुबह दिल्ली से तेरी जीजी और जीजा जी आ रहे हैं तब ही सोचेंगे की क्या करें और आधे लोग पहले रात के 2.00 बजे तक सो जाए फिर उनके जागने पर बाकी के सो जाए, फिर मेरी पत्नी मेरे लड़के से बोली भैय्या डर मत तू हनुमानजी को याद कर और ला कर घर में रखी हनुमानजी की एक छोटी तस्वीर दे दी(मेरे लड़के ने जब हाई स्कूल की इंग्लिश मीडियम की परीक्षा दी थी तब मेरी पत्नी ने लड़के से कहा था था कि मंगलवार की सुबह को 10 रुपए के केले बंदरों को खिला जाया कर और शाम को हनुमानजी के मंदिर जा कर 10 रुपए का प्रशाद चड़ा कर आ जाया कर लड़का शुरू 2 में तो हर मंगलवार को जाता था फिर माह में कभी 2 जाने लगा).इस तरह हमने वह रात काफी आशंकाओं के बीच बड़ी मुश्किल से काटी अगले दिन दोपहर तक दिल्ली से मेरी लड़की व उसके ससुर, दामाद व उनके बड़े भाई घर आ गए वे लोग भी सच जानने का प्रयास करने लगे कि आखिर है क्या सच्चाई, मेरी लड़की ने बताया कि 31 दिसंबर 2018 को जब विजय प्रकाश(मेरा छोटा पुत्र) घर आ कर अगले दिन जाने वाला था उसी रात की सुबह को मृतक राज मेरे सपने में आया था कह रहा था भाभी में विजय के साथ तुम्हारे घर घूमने जा रहा हूं, सुबह उठ कर जब मैंने यह बात आपके दामाद को बताई तो वो मेरे पर ही गुस्सा होने लगे कहने लगे तेरे को ही यह सपने क्यों दिखाई देते हैं हम को क्यों नहीं…गुरुजी आप इसका भी निष्कर्ष निकाल कर बताएं की आखिर यह सब क्या हो रहा था और हमारे ही साथ क्यों हो रहा था…घटनाक्रम का अगला भाग:3 जल्द ही….

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