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प्रेत शक्ति और हनुमान भक्ति भाग 6

गुरुजी प्रणाम, गुरुजी प्रेत शक्ति और हनुमान भक्ति का छटा भाग…गुरुजी हनुमान मंदिर से आने के पश्चात मैंने फौरन दिल्ली स्थित लड़की के यहां फोन पर सारी बातें बता कर प्रेत द्वारा बताए बादशाह और दिनेश चाचा के वारे में पूछा, गुरुजी बादशाह के वारे में तो लड़की बता नहीं पाई कहने लगी इसके वारे में मुझे नहीं पता घर में पूछ कर बताऊंगी परन्तु यह दिनेश हमारे घर के सामने से चार, पांच घर छोड़कर करीब 60 वर्षीय बुजुर्ग शराब के सेवन के कारण टीबी की बीमारी से मरना बताया, लड़की ने बताया कि हमारे इस मोहल्ले में हर 15 से 20 दिन में कोई ना कोई फांसी लगा कर मर जाता है उसने जल्दी ही अपने पड़ोस में फांसी से मरने वालों के कुछ नाम भी बताए और यहां पर अत्यधिक लोगों द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या करने से चिंतित ऐम्स(अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान, संस्थान, दिल्ली) के डॉक्टर भी हैरान हैं और समय 2 पर यहां आकर रिसर्च(आत्महत्या करने वालों की मनोदशा का अध्यन) कर रहे हैं इसके अतिरिक्त लड़की ने बताया कि राज के मरने के पश्चात सभी रिश्तेदारों ने हमारे यहां आना बंद कर दिया है और आप भी अभी किसी बच्चे को हमारे यहां मत भेजना, राज की आत्मा हर दूसरे, तीसरे दिन मेरे सपनों में आकर छत के पंखे से फंदा डाल कर मरने को, कभी रात में छत पर बुलाती है उसकी इन बातों को सुनकर मैं और भी परेशान हो गया और सोचने लगा फांसी लगा कर तो वो खुद मरा है फिर औरों को क्यों मारना चाहता है दो चार दिनों में मैं रुपयों का इंतजाम कर यह सोच कर बालाजी के लिए रवाना हो गया कि इस बार जब तक घर नहीं आऊंगा जब तक लड़का पूर्ण रूप से इन भूत प्रेतों के चक्कर से ना निकल जाए, मेहंदीपुर स्थित बालाजी धाम अपनी छोटी पुत्री और पत्नी को लेकर पहुंच गया, शाम को को हम सभी तेयार होकर मंदिर पहुंच गए, वापस आ कर फिर सुबह बालाजी मंदिर में हाजरी देकर तीन पहाड़ी स्थित भेरों बाबा के मंदिर में बैठे 2 शाम हो गई मैंने लड़के से पूछा कुछ हुआ लड़का बोला कोई अंदर से आता है और गले में अटक जाता है, फिर हम अपना सा मुंह लेकर वापस होटल में आ गए, अगले दिन फिर यही प्रक्रिया अपनाई शाम को तीन पहाड़ी स्थित भैरो बाबा के मंदिर में मैंने फिर लड़के से पूछा कि कुछ हुआ लड़के ने इंकार में सर हिलाकर बताया पापा कोई आता है और गले में अटक कर वापस अंदर पेट में बैठ जाता है, मैं यह सब सुनकर और परेशान हो गया साला अब क्या में लड़के का गला काटकर इसको बाहर निकालूं या हाथ जोड़कर इससे विनती करू कि भाई साहब अब तो बाहर आ जाओ काफी परेशान कर लिया हमको, लड़के को कल और ट्राई करने को कहकर वापस फिर होटल आ गए, साला होटल का ही एक दिन का किराया 500 रुपए था, तीसरे दिन सुबह 2 फिर हम लोग बालाजी मंदिर पहुंच गए इस बार मैंने वहां के पंडित को सारी बात बताकर अपनी समस्या हल करने को कहा, पंडित ने मेरे से दो हजार(2000 रुपए) मांग कर वापस घर चले जाने को कहा.और बताया कि हम लोगों को आप रुपए दे कर अपने लड़के का नाम पता गोत्र सहित लिखवा दो हम आपके लड़के की पूजा कर देंगे, मैंने पत्नी से सलाह लेकर आने को बोलकर पत्नी व बच्चों के पास बैठ गया तभी वहीं पर बैठे एक सज्जन ने बताया कि आप लोग इनके बहकावे में मत आना ये लोग इसी तरह लोगों के सात उतार बाजी करते हैं इन्होंने मेरे से भी इसी तरह दो बार में तीन हजार पांच सौ(3500 रुपए) रुपए उतार लिए है और मेरी लड़की अब भी परेशान है कोई फर्क नहीं है उसकी एन बातों को सुनकर मैं और भी ज्यादा परेशान हो गया, मंदिर में भगवान नहीं सुन रहे, पुजारी ठगने को तेयार और प्रेत साला निकलने को तेयार नहीं करूं तो क्या करूं इतने में लड़का बोला पापा तीन पहाड़ी के पंडित से भी पूछ लो कि वो कितना रुपए लेगा और रुपए लेने का पश्चात क्या गारंटी भी देगा, लड़के की सलाह मानते हुए हम एक बार फिर तीन पहाड़ी स्थित भेरों बाबा के मंदिर पहुंच गए लड़के को मंदिर में बैठा कर मैं किसी अच्छे पंडित को तलाशने लगा, एक पंडित से बात बनती देख मैं लड़के के पास पहुंचा और उससे पूछा ये कमीना निकला बाहर या नहीं लड़के बोला पापा अंदर से आता है और गले में ही अटक कर रह जाता है कोई बात नहीं मैं लड़के की तरफ देखकर उस आत्मा से बोला साले मत निकल अभी तेरे बाप को बुलाकर लाता हूं जब तो निकलेगा, उस प्रेत को धमकी दे कर मैं जगराम पंडित जी(उस पंडित का यही नाम था जगराम पंडित) को बुलाने चला गया.पंडित जी ने आकर अपना कुछ सामान दुकान से मंगाया और लगे प्रेत को बुलाने, लड़के पर प्रेत की सवारी आने के पश्चात उससे उसका नाम व पता पूछा और उसके मरने का कारण पूछा, उसने वहीं सब कुछ बताया जो उसने मेरे को बुलंदशहर स्थित हनुमान मंदिर में बताया था, उस प्रेत से दोबारा लड़के पर ना आने का वचन ले कर मेरे को एक पर्चा थमा कर पंडित जी बोले कल यह उतारे का सामान ले आना इस का उतारा कर देंगे सब ठीक हो जाएगा, काम समाप्त होने के बाद जब मैंने उनसे उनकी दक्षिणा पूछी तो बोले हम तो “उतारा” का 50 रुपए लेते है जब कल उतारा का सामान लेकर आओ तो दे देना ज्यादा लगे तो कम दे देना…गुरुजी यकीन करना मुश्किल था पर करना पड़ा(गुरुजी विस्तार से बताना इसलिए जरूरी था कि कल अगर कोई पीड़ित जाए, कहीं लुट ना जाए), इसके कुछ समय बाद हम उनका मोबाइल नंबर ले कर होटल आ कर हम लोग आराम करने के लगे अभी मुश्किल से 30 मिनट ही हुए होंगे कि बेड पर सो रहा लड़का उठकर जमीन पर बैठ गया जब मैंने इसका उससे कारण पूछा तो कहने लगा पापा तबियत खराब हो रही है, क्या मतलब मैंने लड़के से कहा तो वह कहने लगा या तो ये गया ही नहीं है या फिर कोई और भी है जो रह गया है तब मैंने उसे तसल्ली दे कर कहा चिंता क्यों करता है अभी हम यहीं हैं घर नहीं गए शाम को फिर चलते है बाबा के द्वार, आरती से पहले हम शाम को दोबारा पहुंच गए बाबा की पेशी लगा कर.बाबा प्रेतराज सरकार के दरबार में पहुंच कर हम लोग बैठ गए, करीब 30 या 40 मिनट मेरे पास बैठ कर, अपने सर को इधर उधर घुमाते हुए उल्टा सीधा मुंह बनाकर लड़का अचानक उठकर प्रेतराज सरकार की मूर्ति के सामने दीवार से सठ कर बैठ गया ऐसा करते हुए अभी मुश्किल से 20 मिनट ही हुए होंगे कि गुरुजी अचानक एक ऐसा चमत्कार हुआ जो केवल और केवल फिल्मों में ही होता है जो उस दिन मैंने और वहां बैठे अन्य कुछ लोगों ने(जिनकी निगाहें प्रेतराज सरकार की मूर्ति के सामने टिकी थीं) भी देखा पालती मारे मेरे लड़के को अचानक उस प्रेतराज सरकार की मूर्ति ने बड़ी जोर से अपने पास खींच लिया यह सब देखकर मेरे होश उड़ गए जब मैं जल्दी से लड़के की तरफ भागने को हुआ कि कहीं लड़के को कोई चोट ना आ गई हो या इस मंदिर में विचरण कर रही आत्माओं के चंगुल में तो नहीं आ गया तभी पास में बैठी अनजान महिला ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली उसके पास मत जाओ उसकी पेशी लग रही है यहीं बैठ कर देखते रहो तो मैं ना चाहते हुए वहीं बैठ गया, कुछ देर तो लड़का मूर्ति के सामने लगी स्टील की रोडों को पकड़ कर बैठा रहा फिर सीधा पेट के बल लेटकर अपनी नाक जमीन से रगड़ने लगा और रो भी रहा था ऐसा करते उसको लगभग 2 से 3 मिनट हो गए, गुरुजी यह मेरे लिए चमत्कार से कम नहीं था कुछ देर बाद वहां के कुछ पंडित आ गए, रात्रि का भोग लगाने और आरती करने के पश्चात लोगों से मंदिर को बंद करने और वहां से जाने के लिए कहने लगे.मजबूरी वश हम लोग लड़के को लेकर होटल आने लगे तो मैंने महसूस किया कि लड़का धीरे 2 कुछ कराह सा रहा है, होटल पहुंच कर मैं खाना लेने चला गया वापस आने पर देखा पत्नी और लड़की दोनों उस से बात कर रही थी तब मैंने पूछा क्या बात हो रहीं हैं तो पत्नी कहने लगी ये रो रहा है तब मैंने पूछा क्यों रो रहा है तो वह कहने लगा “बाबा” ने बहुत मारा है तो मैं सोचने लगा जब प्रेतराज सरकार की मूर्ति ने इसको अपनी तरफ खींच कर जमीन से नाक रगड़वाई थी तब इस पर “मार” पड़ रही थी तब मैंने उसकी हसी उड़ाने के अंदाज से कहा अरे तू तो दिल्ली का बादशाह है क्यों रो रहा है और तोड़ “भेरों बाबा से दिया “वचन”(तीन पहाड़ी पर भेरॊ बाबा के सामने लड़के पर अब दोबारा ना आने का वचन) अभी तो कल फिर तेरी दोबारा ठुकाई होगी, सुबह 2 हम लोग बालाजी के दर्शनों के पश्चात खुशी 2 उतारे का समान ले कर तीन पहाड़ी पर चढ़ने लगे वहां पहुंच कर सारा उतारा का कार्य समाप्त कर वापस होटल आ गए उसके बाद मैं सोचने लगा कल और ट्राई करते हैं बालाजी मंदिर और तीन पहाड़ी स्थित भेेरो मंदिर में अगर कोई समस्या नहीं आती है तो शाम की गाड़ी से वापस घर निकल लेंगे और हुआ भी ऐसा ही बालाजी मंदिर और तीन पहाड़ी पर लड़के के सर कोई भी सवारी नहीं आयी तो हम ये सोचकर की अब लड़का पूर्णतः सही है वापस बुलंदशहर घर जाने की तैयारी करने लगे तभी लड़के के दो सिम वाले मोबाइल पर प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के अन्तर्गत.पूर्व में करे मां और पत्नी के नाम से करे आवेदन का पास होकर दोनो के खातों में 50 – 50 हजार(पचास – पचास हजार रूपए) का मैसेज आ गया, यह सब लड़के के बताने के पश्चात तो गुरुजी मेरा आश्चर्य के मेरे खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा, मैं और पत्नी तथा साथ आयी छोटी लड़की और बड़े पुत्र सहित सभी ने भगवान हनुमान जी का बहुत 2 धन्यवाद दिया और अपने घर बुलंदशहर आ गए, और अपने घर को तुड़वा कर मोहल्ले की ही अपने समाज की धर्मशाला को किराए पर लेकर उसमें रहने लगे गुरुजी हर बार की तरह 40 दिन पूर्ण होने से पूर्व लड़के पर ये आत्माएं फिर अपना बुरा प्रभाव दिखाने लगी जब ज्यादा परेशानी होने लगी तो बुलंदशहर से 6 किलोमीटर दूर स्याना, गढ़मुक्तेश्वर मार्ग पर एक मां काली के तांत्रिक के पास ले कर गए वहां दिनेश(ये वही दिनेश चाचा था जो बुलांशहर के हनुमान मंदिर में बादशाह नामक आत्मा ने बताया था) ने अपने कारनामों से सभी को परेशान करना शुरू कर दिया, अपने 5 सफेद रसगुल्लों का भोग लेने के बाद भी जाने को तेयार नहीं था कई दफा उस काली माता के तांत्रिक के पास ले जाकर हमने उनसे विनती की कि आप इसको यहीं अपने पास बांध लो तब कहीं जाकर उन तांत्रिक ने ऐसा ही किया और उस दिनेश नामक आत्मा को बांध कर अपने पास रख लिया और अलग बैठ जाने को कहा, करीब मिनट के बाद मैंने देखा कि लड़का बार 2 असामान्य रूप से अपनी आंखों को झपका रहा था.ऐसा वह तभी ही करता था जब उस के ऊपर कोई बुरी आत्मा का साया रहता था यह बात जब मैंने उस तांत्रिक को बताई तो लड़के को पुनः उसके सामने बैठाने को कहा हम ने फिर दोबारा लड़के को उसके सामने बैठा दिया फिर उस तांत्रिक ने अपने मंत्रों की पड़कर कहा कि कोई देव या कोई पीत्तर हो तो बता देना इतने में ही गुरूजी वह एक झटके के साथ बड़ी तेजी से झटका देकर पीछे की ओर हट गया हम ने और वहां कुछ बैठे अन्य लोगों ने लड़के को पुनः जोर से पकड़ कर बैठा दिया इस बार भी लड़का बड़ी ही तेजी के साथ झटका देकर पीछे को हटा और मेरी पत्नी से बोला तू लेकर आयी इसको यहां, यह सब सुनकर मैं उस तांत्रिक बाबा की तरफ देखने लगा, तब उन्होंने बताया कि मैने उस दिनेश वाली आत्मा को बांध कर इस पीपल के पेड़ से लटका दिया है और अब यह जो आया है यह कोई तुम्हारा देव या तुम्हारा कोई पित्तर है अभी इसको अपने घर ले जाओ बाद में आना, हम फिर लड़के को घर ले आए, शाम तक उसको कोई होश नहीं आया और ना ही उसने कोई पूजा की सुबह भी दोपहर तक यही हाल रहा फिर बड़ी मुश्किल से सभी ने प्रयास कर उसको होश में लाए और उसको एक जानकार के कहने पर उस काली मां के तांत्रिक को छोड़ बुलंदशहर, जेवर मार्ग पर बंचावली गांव में एक गुरु गोरखनाथ की सिद्धि वाले के यहां ले गए, बड़ी मुश्किल से अपना नंबर लगाने के पश्चात उड़ गुरु गोरखनाथ के पुजारी ने देखकर बताया कि इस पर किसी ने खतरनाक तांत्रिक मारण क्रिया की है और अगर इस क्रिया के तहत इसके अंदर बैठा प्रेत इसको ले जाने में सफल रहा तो इसको तुम्हारे दूसरे छोटे पुत्र को ले जाने में कोई परेशानी नहीं होगी, गुरूजी अभी तक तो दिल्ली की आत्माओं ने अपना निवास हमारे घर को बनाया हुआ था अब ये गोरखी नई ही कहानी बता रहा था कि किसी का कराया हुआ है अब यह सोचकर और दिमाग चकरा गया कि कोई हमारे घर परिवार पर “काला जादू” करवा रहा था अब दिन रात में यह सोचने लगा कि आस पड़ोस में ऐसा कोन सा परिवार है जो हम से इतनी दुश्मनी मानता कि वो हम पर मारण किर्या करवाने लगा, गुरुजी मैं कभी सपने रिश्तेदारों और कभी सपने पड़ोसियों, कभी लड़के के कार्यालय के कर्मचारियों के बारे में विस्तार से सोचता की कोन हो सकता है वो, गुरुजी मकान बनवाते समय मेरे पड़ोसी जिसकी दीवार हमारी दीवार से मिलती थी उनसे मकान की छत की छजली निकालने पर विवाद हो गया था और इसी विवाद में उसके तीनों पुत्रों ने मिलकर मेरे छोटे लड़के की पिटाई कर दी थी, इसी हतापाई में उनके एक लड़के की स्वयं ही गिरने पर मामूली चोट आ गई और वहां से खून निकलता देख हमारे खिलाफ जिला चिकत्सालय से एक मामूली मेडिकल के बल पर उसी समय तहरीर दे दी, पुलिस ने रिश्वत खोरी के चक्कर में हमारी तो रिपोर्ट दर्ज नहीं की उल्टे हमारे खिलाफ एफआईआर लिखने को तेयार हो गई तब मैंने अपने प्रयास से उस लिखी जाने वाली एफआईआर को एनसीआर में करवाया जब की सारी गलतियां उन्हीं लोगों की थीं.वे लोग अपनी मां के उकसावे के कारण हम लोगों से लड़ बैठे थे, जब मैं गुरुजी इन लोगों के बारे में सोचता कि कहीं इन लोगों का काम तो नहीं उस तांत्रिक क्रिया करवाने में तो मेरा मन व दिमाग यह सोचकर चुप हो जाता कि यह प्रेत लीला तो इस पड़ोसी से लड़ने से पूर्व कि है, गुरुजी परन्तु फिर ये दिमाग में आता कि हम से लड़ाई के पश्चात करीब दो माह के अंदर ही अपने पुत्रों को उकसा कर हम से लड़ाई करवाने वाली वह करीब 55 वर्षीय औरत एक मामूली सी बीमारी में सिर्फ एक ही रात में मर गई थी कहीं उस बात का बदला तो नहीं ले रहे हैं ये लोग और वो मृत आत्माएं तो दिल्ली निवासी थीं जिनमें राज नामक प्रेत तो हमारा ही रिश्तेदार था, गुरुजी ऐसी बातें बार 2 सोचकर मेरा दिमाग चकरघन्नी हो गया कि आखिर सच क्या है, फिर मैं उस गुरु गोरखनाथ के पुजारी की बातों को बकवास समझ, करीब एक माह तक उसके कराएं उपाय को बंद कर उसके यहां जाना छोड़ दिया, इस बीच गुरुजी हमारा मकान पिछले वर्ष की वर्षा ऋतु के बाद बन के पुनः तेयार हो गया और हम लोग अपने पुराने घर में आ कर रहने लगे, घर में आने के पश्चात मेरी 90 वर्षीय मां ने धीरे 2 खाट पकड़ ली उसके पैर पर सूजन व खूनी बवासीर हो गई पैरों से चलना लगभग खत्म हो गया और लड़का भी धीरे 2 ज्यादा ही बीमार रहने लगा इन बुरी आत्माओं ने अब भी लड़के का पीछा करना नहीं छोड़ा.एक बार फिर मैं मेहंदीपुर बालाजी को अपनी पत्नी के साथ लड़के को ले कर निकल पड़ा इस बार तो गुरुजी कमाल ही हो गया वह आत्मा बालाजी मंदिर में लड़के के सर आ कर कहने लगीं कि वह नहीं जाएगी मैं मंदिर में ही काफी परेशान हो गया, बालाजी मंदिर के बाद हम लोग लड़के को समाधि वाले बाबा के पास ले जाकर बिठा दिया, जिनको जलेबी वाले बाबा भी कहते हैं वहां वह आत्मा कहने लगी कि बाबा में केसे जाऊं मेरे को बांध रखा है आप ही कुछ करो बाबा में तो बहुत परेशान हो गया, ऐसा सुनकर मेरा माथा ठनका कहीं यह किसी का भेजा तो नहीं, इसके बाद लड़के का धेर्य जवाब दे गया बोला पापा जब नहीं जा रहा तो घर चलते हैं हमारे पास पैसे भी कम हैं मैंने उसको तसल्ली दी कि सब ठीक हो जाएगा अब तीन पहाड़ी पर चलते हैं किन्तु लड़का नहीं गया और हम लोग वापस होटल आ गए, गुरुजी बड़ी मुश्किल से लड़के को तेयार कर दिल्ली स्थित बड़ी लड़की से अपने PTM में कुछ रुपए डलवा कर अगले दिन बालाजी मंदिर में दर्शन कर तीन पहाड़ी स्थित भैरो मंदिर में पहुंचने का पश्चात पता चला कि वहां का एक मन्नू नामक पुजारी का सुबह देहांत हो गया है इस कारण वहां पर श्रद्धालुओं को देखने का कार्य बंद है, गुरुजी आफत पर आफत आ रही थी किसी तरह मैं जगनमोहन पंडित(जिन्होंने पिछली बार बादशाह नामक प्रेत का उतारा करा था) जी के पास जा कर मिला और उनसे हाथ जोड़ कर विनती करते हुए बोला की आप किसी तरह समय निकाल कर लड़के को देखो हम तो अब काफी परेशान हो गए हैं..बालाजी मंदिर में बैठ कर लड़के के ऊपर आया प्रेत कह रहा है कि वह नहीं जाएगा इस लड़के को छोड़ कर तब उन्होंने कहा कि आप कल आजाओ कल देख लेंगे इस प्रेत को तब मैंने अपनी रुपयों वाली समस्या बताई तो वह कहने लगे कि ऐसी बात है तो आप कुछ समय इंतजार कर लो पंडित जी का दाह संस्कार कर लें तब कुछ सोचेंगे फिर मैं लड़के और पत्नी को मंदिर में बैठा कर ईधर उधर बैठ कर दाह संस्कार समाप्त होने का इंतजार करने लगा,(गुरुजी उस समय की मंदिर में बैठे लड़के और पत्नी की फोटो आपके “धर्म रहस्य” चैनल के साथ साझा कर रहा हूं कृपया इसको अपने दर्शकों को दिखाएं) शाम करीब 4.00 बजे मंदिर में जब श्रद्धालुओं को देखने का कार्य आरंभ हुआ तब काफी प्रयास करने के बाद भी वह आत्मा लड़के के सर नहीं आयी, मजबूर होकर हम रात में ही बुलंदशहर वापस घर आ गए और सब कुछ बाबा हनुमानजी पर छोड़ कर रोज उनसे विनती करने लगे कि बाबा हम को इस संकट से निकालो, लडके को वह आत्मा दिन रात परेशान करने लगी रात को 2 से 3 बजे के बीच आ कर बड़ी जोर से चीखती चिल्लाती जिस कारण रात को किसी की भी नींद पूरी नहीं होने पाती ऊपर से मां की तबियत भी दिन बे दिन खराब होती चली गई अब उनसे अपने बेड से भी नहीं उठ पाता था जिस कारण वो बेड पर ही लैट्रिन, पेशाब करने लगीं थीं इसी बीच एक रात जब वह आत्मा लड़के को परेशान कर रही थी तो मैं उस से बोला साले रात में ही आ कर क्यों चिल्लाता है दिन में आ कर चिल्लाया कर कम से कम हम रात को आराम से सो तो जाएं फिर वो जोर 2 से हसने लगा, गुरुजी काफी हसने के बाद वह धीरे 2 रोने लगा, मैंने उसको रोता देख उस से पूछा भाई तू समाधि वाले बाबा के मंदिर में कह रहा कि बाबा में केसे जाऊं, मुझे बांध रखा है आप ही कुछ करो, किसने बांधा है तेरे को उस तांत्रिक का ही नाम बता दे उससे खुलवा दूंगा तुझे नहीं तो यह बता दे उस तांत्रिक से यह सब कोन करवा रहा है साला मेरी यह बात सुन अपना रोना बंद कर चुप बैठ गया तब उसको ऐसा करते मैं उससे पुनः बोला अबे कुछ तो बता कोई उपाय ही बता दे तू भी तो परेशान हो रहा होगा, गुरुजी मेरे इतना कहने पर वह सिर्फ “मां काली” बोल कर ऐसा चुप बैठा कि फिर वो काफी प्रयास के बाद भी नहीं बोला…”मां काली” मैं उसके यह कहे दो शब्दों को समझने की कोशिश करने लगा इसी कोशिश में मुझको कब नींद आ गई पता ही नहीं चला…गुरुजी इस भाग का भी आप विश्लेषण कर निष्कर्ष निकालें..

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