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प्रेत शक्ति और हनुमान भक्ति भाग 8

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गुरुजी प्रणाम, गुरुजी प्रेत शक्ति और हनुमान भक्ति का आठवां भाग…गुरुजी मैं अपनी पूजा करने के उपरांत खाना खाकर सोने की कोशिश करने लगा पूर्व में तो मैं शराब पीकर जल्दी ही लगभग 10.00 बजे तक सो जाता था परन्तु रात के 12.30 बज चुके थी नींद आने का नाम नहीं ले रही इसी कश्मकश में सुबह के करीब 3.45 हो गए थे और में सोच रहा था अब कहीं रोज ही ऐसा ना होने लगे कि पूरी रात नींद ही ना आए, यही सब कुछ सोचते 2 मुझे कब नींद आ गई पता ही नहीं चला सुबह करीब 7.00 बजे के करीब मेरी आंख खुली तो में यह सोच कर हैरान था कि पूर्व में देर रात तक जगने के कारण जब नींद आती थी तो कई दफा सोने से पहले डर जाता था और स्वप्न भी डरावने ही आते थे किन्तु आज इस बार नहीं हुआ और स्नान करने के पश्चात पूजा पूर्ण कर मैं घूमने को चला गया आज मेरा गाड़ी चलाने का मन नहीं था, शाम को फिर में पूजा करने के पश्चात टीवी देख कर सो गया इसी तरह यह सब रोज का नियम बन गया और शराब पीने की ज्यादा इच्छा भी नहीं होती थी बस शाम को याद आने पर हल्का मन बेचैन रहता था वो भी कुछ दिन बाद सब कुछ ठीक हो गया था, गुरुजी में नित्य पहले भगवान श्रीराम का भजन “श्रीराम जय राम जय जय राम” फिर हनुमानजी कि आरती उसके बाद एक बार हनुमान चालीसा अपने होम थियेटर को चलाकर उसकी धुन से धुन मिलाकर बोल कर करीब 20 से 25 मिनट तक खड़े होकर पूजा करता फिर धीरे 2 इसको में बढ़ाता चला गया और मात्र 15 दिनों में अपनी पूजा करीब 40 मिनट की कर ली..28 दिसंबर 2019 की शाम को मैंने हनुमान मंदिर पहुंच कर बाबा से प्रार्थना की कि बाबा आप हमारे यहां से इन प्रेतात्माओं को भगाओ में आपकी चालीसा को अगले मंगलवार से लगातार 41 दिन तक तीन बार पढ़ा करूंगा फिर मैंने 30 दिसंबर 2019 से हनुमान चालीसा को सुबह शाम तीन बार पड़ना शुरू कर दिया अभी मुश्किल से 7 या 8 दिन ही हुए होंगे की मुझे ऐसा कुछ एहसास हुआ कि मेरे लेफ्ट हाथ के आस पास कोई है, कहीं साला घर का कोई प्रेत तो नहीं आ गया यह सोच कर ही मेरे रोंगटे खड़े हो गए और इतनी सर्दी में भी गर्मी का एहसास होने लगा यही बात मेरे को अगले दिन की शाम की पूजा में महसूस हुई कि कोई तो है जो मेरे लेफ्ट हाथ के आस पास है, प्रेत का ख्याल आते ही मेरे रोंगटे खड़े हो गए और एक अलग तरह की देहशत मेरे दिल और दिमाग पर छा गई कहीं ये साले भूत प्रेत मेरे दिमाग पर कब्जा तो नहीं कर लें जैसे लड़के को कब्जे में ले रखा है कहीं मुझे भी इसी तरह परेशान ना करने लगें, गुरुजी सच कहूं तो मेरे मन में अब पूजा बंद करने का विचार आने लगा, खाना खाने के पश्चात काफी रात तक इस बारे में मैं सोचता रहा कहीं ये मेरे मन का भ्रम तो नहीं और अगर ये सच हुआ की ये साले भूत प्रेत अब मेरे इर्द गिर्द मड़राने लगें हैं यही सब बातें सोचते हुए मुझे नींद आ गई.गुरुजी सुबह पूजा करने के पश्चात में पूरे दिन सर्च कर यही देखता रहा कि हनुमानजी की पूजा करते समय क्या 2 होता है और कैसे 2 अनुभव होते हैं अंत में करीब 2 हर वीडियो में यह भी बात बताई जाती की पूजा के दौरान बुरी आत्माएं भी पास आ जाती हैं और गुरुजी बुरी आत्माओं का तो हमारा घर गढ़ बन गया था करूं तो क्या करूं यही सोच कर मैं हनुमान मंदिर में जाकर वहां के पुजारी जी को सारी बात बताई जिन पर हनुमानजी की गद्दी आती थी, गुरुजी उनकी बातों से मेरे मन को कुछ तसल्ली हुई उन्होंने बताया अगर पूजा के दौरान घर या बाहर की कोई बुरी आत्मा आ भी जाती तो डरना नहीं कोई भी आत्मा हनुमानजी की पूजा करते समय तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी बालाजी से जो भभूत मिली है पूजा करने से पहले हनुमानजी का ध्यान कर थोड़ी भभूत चाट लिया करो, उनकी इन बातों से मेरे पर अच्छा प्रभाव पड़ा और कुछ जो दिल और दिमाग पर डर था वो दूर हुआ किन्तु मन के किसी कोने में अब भी यह बात थी कि कहीं साला प्रेत ना आ जाए, जो होगा देखा जायेगा यही सोच कर शाम को धूप और देशी घी का दिया जलाकर पूजा समाप्त कि, गुरुजी दक्षिण पूर्व की साइड पर घर का 8 फिटी एक ही मैन गेट है जिसमें 6 * 7 फिट का लोह का दरवाजा लगा है और दरवाजे के ठीक सामने 8 * 13 का कमरा बना हुआ है और कमरे में 4 * 5 फिट की एक विंडो लगी है जिसमें से मैन गेट पूरा दिखता है और मेरे इसी कमरे के बराबर में ही छत के ऊपर जाने को सीढ़ी बनी हैं.उसी रात की सुबह को मुझे एक सपना आया जिसमें मेरे कमरे की विंडो के बराबर में एक बेड पड़ा है जिसमें पूर्व दिशा की ओर मुंह कर हनुमानजी लेटे अपने मुंह को मैन गेट की तरफ देख कर अपना मुंह मेरे कमरे की तरफ कर बार 2 कर यह कह रहे थे ये आत्मा ईधर से आती हैं, ऐसा उन्होंने करीब 4 या 5 बार कहा- देखने में सफेद दाढ़ी मूंछ के इसे दिख रहे थे जैसे महाभारत के भीष्मपितामह और मै उनके सर के पास बैठा सुन रहा था किन्तु उसमें मेरा शरीर ऐसा नहीं था जैसा कि में वास्तव में हूं, मुझको ऐसा लग रहा था जैसे वह मेरा शरीर ना होकर मेरी आत्मा है(जैसा हमारे ऋषिमुनी आत्मा की बनावट बताते हैं) भगवान ही जाने कैसी बनावट थी मेरी आत्मा की यह मुश्किल से एक मिनट का ही सपना था, गुरुजी इस सपने का क्या मतलब था आप जरूर बताना मैंने तो इसका यही मतलब निकाला कि मेन गेट से घर के अंदर आत्मा प्रवेश करती हैं और इनकी पंचमुखी की मूर्ति जिसकी में पूजा करने लगा था उसको मेन गेट को दिखाते हुए अपने पूजा घर को उत्तर दिशा में लगाकर पूजा करने लगूं ऐसा मैं करने का विचार करने लगा फिर दो दिन बाद जब शाम को पूजा कर रहा था(अब तक मेरे मन से करीब 2 सारा भय निकल गया था) तो जलते दिए की बाती एधर उधर घुमाने से दिए में ही कुछ उल्टी हो गई जिस कारण दिए कि रोशनी बहुत ही कम हो गई तभी मैंने अचानक अपनी पूजा को रोक उस जलते दिए की बाती बुझा दी..उसकी दोबारा से सही करने के लिए, गुरुजी तभी ऐसा मुझे अनुभव हुआ कि कोई मेरे पीछे खड़ा हुए अपनी टांगों से उचक कर यह देखने की कोशिश कर रहा है कि क्या हुआ…गुरुजी तभी मेरे दिमाग में यह ख्याल आया कि पीछे खड़े ये स्वयं हनुमानजी हैं या उनके दूत ऐसा सोच कर मैं मुस्कराने लगा और मन ही मन कहने लगा बाबा अब आप अपनी पूरी फोज ले आओ अब में डरने वाला नहीं, तभी जल्दी से दिया जलाकर पूजा करने लगा, पूजा करने के पश्चात गुरुजी मैं बार 2 वो पल याद कर मैं मुस्कराने लग जाता और मन ही मन कहता कि अब मैं डरने वाला नहीं, अगले दिन सुबह स्नान कर जब ने खड़े होकर अपने होम थियेटर की आवाज पर “श्रीराम जय राम जय जय राम” भजन को दोहरा रहा था तभी लेफ्ट कान के अंदर मुंह से कोई फूक मारने लगा (ऐसा लगभग 5 या 7 सेकेंड) ऐसा होता देख मैं पूजा करते हुए मुस्कराने लगा इसके कुछ सेकेंड बाद ही वेसी ही मुंह से फूक मेरे सर पर मारने लगा ऐसा होता देख मैं और जोर से मुस्कराने लगा, थोड़ी देर बाद मैं पूजा समाप्त कर वहीं पड़े बेड पर भाव विभोर होकर बैठ गया और सोचने लगा कि ऐसी कौन सी ताकत है इस राम नाम जपने वाले भजन में जो मेरे मात्र जपने से खींचे चले आए मेरे पास, ये राम जाप की महिमा थी या तुलसीदास जी द्वारा लिखित हनुमान चालीसा की या यूं कहें दोनों की चाहे जैसा भी हो परन्तु आज ऐसा हो गया जिसका कभी स्वप्न में भी नहीं सोचा था, गुरुजी जिस 30 दिसंबर मंगलवार  2019 से हनुमान चालीसा पढनी शुरु की तभी से मैंने.प्रत्येक शनिवार और मंगलवार को हनुमान मंदिर जाना शुरू कर दिया था पहले तो में सिर्फ दर्शन करने को जाता था फिर हनुमानजी के दो नुकती के लड्डू ले जाने लगा फिर एक देशी मीठा पान( पान के अंदर सौंफ, गुलकंद, इलायची और गोले का बरुदा डाल पान को दो लोंग से बांध) और देशी पान पर सिंदूर चड़ाकर उनको अर्पित कर उनके गले में एक फूलों कि माला डाल कर व घर को एक फूलों की माला और बाबा का भोग ला कर लगाना मेरा यह हर शनिवार और मंगलवार का नियम बंध गया था, गुरुजी हनुमानजी के दर्शन करने के पश्चात करीब एक सप्ताह बाद मैंने अपना मंदिर मैन गेट के सामने कमरे के अंदर उत्तर दिशा में स्थापित कर लिया, गुरुजी जिस दिन पूजा करते समय जब मेरे लेफ्ट कान में बाबा ने फूंक मेरी थी उसके 4 या 5 दिन बाद उसी कान में कुछ महसूस किया जैसे कुछ है कान में वो क्या है उसका मुझे आज तक नहीं पता आप बता सकें तो अवश्य बताएं, गुरुजी मेरी इस पूजा का 41 दिन का संकल्प टूट गया मुझे 41 दिन से 4 दिन पहले ही एक बहुत ही जरूरी काम से दिल्ली जाना पड़ गया था वापस आने पर  जनवरी 2020 में मुझे एक बार फिर लड़के को लेकर बालाजी जाना पड़ा, गुरुजी वहां मैंने एक बात गौर करी कि जब लड़का दर्शन करने के लिए बालाजी की मूर्ति के सामने होकर गुजरा तो.उसने अपनी निगाहें हटाकर नीचे कर ली (या ये कहें उसके अंदर बैठे प्रेत ने) फिर मैंने उसको वहीं पकड़ कर हाथ जोड़ने की कहा ऐसा ही उसने इस बार तीन पहाड़ी स्थित भैरो बाबा के चार मुखी मंदिर में पहुंच कर करा शायद ये बुरी आत्माएं इन देवताओं से अपनी आखें मिलाने से घबराती हैं वहां से आ कर में पुनः अपनी पूजा में लग गया, मैं अब भी सुबह शाम तीन बार हनुमान चालीसा पड़ता था और अब मैं बाबा कि पूजा के साथ कांगड़े वाली माता(वाजरेश्चरी माता) की भी पूजा करने लगा, गुरुजी अब मेरे साथ एक अनोखी बात होने लगी जब में पूजा करते हुए हनुमान चालीसा पढ़ने लगता, एक बार पड़ने पर तो कुछ नहीं होता किंतु दूसरी ओर तीसरी बार पड़ने पर मेरी टांगों की जांघ पर ऐसा महसूस होता जैसे कोई लोह की पिन चुभो रहा हो धीरे 2 यह दर्द बहुत बड जाता और जब हनुमान चालीसा खत्म होती वह दर्द स्वेतः बंद हो जाता मैं इसको हनुमानजी के किसी दूत की परीक्षा समझ खुशी 2 सब सहन करता चला गया, गुरुजी अब तो मेरे पूजा घर में रखी मूर्तियों में भी  ईश्वरीय शक्ति आ गई थी जब लड़के पर प्रेत का साया आता तब में लड़के को उन मूर्तियों को उसको दिखाता तो वह जल्दी से अपनी आंखों को ऐसे बंद करता जैसे अभी कोई उसकी आंखों में मिर्ची डाल देगा फिर हम लोग उसकी आंखों को खोल कर बार 2 उसको मूर्ति दिखाते तो वह शांत पड़ जाता था.और गलती से पूजा घर में अगर दीपक जल रहा हो और लड़के पर प्रेत की सवारी आ जाती थी तो लड़के को उस दीपक की लो को अपने हाथों से स्पर्श कर उसके सर और माथे पर घुमाने से तो वह इतनी हाई स्पीड से भागता जैसे “भूत के पीछे महाभूत” पड़ गया हो, गुरुजी ग्राम: नदल्लिपुर, किठौर जिला: मेरठ स्थित मेरी छोटी साली की लड़की की शादी थी, शादी से एक दिन पूर्व मेरी दोनों पुत्री मेरे छोटे लड़के के साथ शादी में शामिल होने गई थी दिनांक 4 फरवरी 2020 की शाम को मेरी पत्नी रोज की भांति मेरी मां की किडनी में पथरी होने के कारण उससे उठने वाले दर्द को कुछ की कम करने के लिए उसकी छाती और पेट की मालिश कर रही थी उस को ऐसा करते हुए में अपनी पूजा करने के लिए अपने कमरे में चला गया, 9.00 बजे के करीब मैंने अपनी पूजा समाप्त की तब बड़ा पुत्र अपनी पूजा शुरू करने ही वाला था कि मेरी पत्नी मेरी मां के सर को अपनी गोद में रख जोर 2 से रोने लगी मैंने जा कर पूछा तो वो बोली कि देखो मां को क्या हो गया बोल ही नहीं रही है, मां को कुछ पल देखने के पश्चात में अपने बड़े पुत्र से बोला( जो कि पूजा शुरू करने ही वाला था) तू जरा नब्ज देख चल रही है या नहीं , लड़के ने जब मां हाथ पकड़ा तभी वो एक झटके के साथ पीछे को गिर पड़ा और बेहोश हो गया, मैं कुछ समझ नहीं पाया कि आखिर उसको यह क्या हो गया, एक तरफ पत्नी मां के सर को अपने कंधो में लेकर रो रही थी और लड़का मां का हाथ पकड़ते ही जोर के झटके से पीछे गिर कर बेहोश हो गया..गुरुजी मेरी कुछ समझ में नहीं आया कि आखिर मैं अब क्या करूं तभी मैं अपने कमरे में गया और पूजा घर से ताबें का जल से भरा वह लोटा ले आया जिसके जल से मैं सुबह शाम अपने घर को पवित्र किया करता था, फिर मैं उस लोटे से पानी की कुछ बूंदों को ले कर जय श्रीराम का नाम लेकर मां और लड़के के सर पर मारने लगा, ऐसा करते हुए मुझे करीब 2 मिनट हो गए तब मुझे यकीन हो गया कि अब मां नहीं रही तो मैंने लडके को जमीन से उठा बेड पर लिटाकर अपनी लड़की और अपनी साली को फोन कर अपनी मां के मरने की सूचना देकर मैं पुनः उसी कमरे में आ गया और पुनः लडके और मां के सर पर उसी पूजा घर के ताबें के लोटे में रखे जल से अपने हाथों में कुछ बंदे लेकर जय श्रीराम का नाम लेकर मारने लगा तभी मैंने देखा कि मां की पलकों में कुछ हल – चल हुई है तब मैंने पानी की कुछ बूंदे फिर मां के सर पर मारने लगा जब मुझे यकीन हो गया कि मां अभी जीवित है तो मैं लडके को हाथों से उठा कर कहने लगा कि संजू(घर पर लडके को इसी नाम से पुकारते थे) ठीक है तब उसने बड़ी मुश्किल से कहा हां में ठीक हूं और वह बेड से किसी तरह उठने की कोशिश करने लगा जब मुझे यकीन हो गया कि दोनों सही हैं तो मैंने पुनः दिल्ली स्थित लड़की और अपनी साली को बताया कि अब मां सही है शायद मां के प्राण दोबारा वापस आ गए हैं.गुरुजी किसी तरह वो रात हमने बड़ी ही आशंकाओं के बीच गुजारी कि कहीं दोबारा कुछ ना हो जाए(गुरुजी लडके का मां के हाथ को छूने मात्र से उसका झटका खाकर दूर गिर कर बेहोश हो जाना यह किस था अवश्य बताएं), गुरुजी सुबह उठकर पूजा करने के पश्चात सभी ने मां से रात वाली मरने की घटना के बारें में पूछा तो वह कहने लगी कि कुछ आदमी उसको कहीं लेकर गए थे वहां पर बैठे किसी आदमी ने कहा कि यह किस को लेकर आ गए, गुरुजी पहले की तरह लड़के के सर आकर ऐसे ही आकर परेशान करना शुरू कर दिया जैसे पहले किया करती थीं, गुरुजी यहां दो घटनाओं का अवश्य जिक्र करूंगा गलती से पिछले भाग में रह गईं थीं, पहली घटना मेरी छोटी लड़की से संबंधित है, एक रात के लगभग 2.00 बजे अचानक मेरी छोटी लड़की जोर 2 से चिल्लाने उस समय सभी सो रहे थे, चिल्लाने के कारण सभी सो कर उठ बैठे और छोटी लड़की के पास जाकर देखने लगे कि अब इसको क्या हो गया मैं भी जाकर देखने लगा उस समय गुरुजी मुझे और कुछ नहीं सूझा जाकर अपने मंदिर से जल वाला तांबे का लोटा लेकर आ गया और उसमे से पानी की कुछ बूंदे लेकर हनुमानजी का यह मंत्र “ओम हम्म हनुमते रुद्रातामकाए हूं फट्ट” (जिसका मैं पूजा करने से पूर्व लगभग 5 मिनट जप किया करता था और आज भी करता हूं) पड़कर लड़की के सर पर तीन या चार बार मारा और कहा भाग यहां से.गुरुजी चमत्कारिक रूप से लड़की मेरी तरफ कुछ पल देखने के पश्चात नॉर्मल हो गई ऐसा कर मैं भी आश्चर्य में पड़कर सोचने लगा कि शायद हनुमानजी ने मेरे द्वारा अपना चमत्कार दिखाना शुरू कर दिया है, दूसरी घटना गुरुजी एक दिन में अपने किसी कार्य से दिल्ली गया था अपना कार्य समाप्त कर “शनि धाम… भैय्या” नाम से चल रहा यूट्यूब पर चैनल के यहां यह सोच कर पहुंच गया (मैं उस चैनल से काफी प्रभावित था और काफी चाव से उनके हर वीडियो देखा करता था), 100 रुपए की एक रशीद कटवाकर उस लाइन में बैठ गया जिस लाइन में नए आने वाले लोग अपनी 2 समस्या अपने आपको दिखाकर पूछ रहे थे अपना नंबर आने पर मैंने भी उस नवयुवक से अपने और घर के बारे में कुछ बताने का आग्रह किया करीब एक मिनट आंखे बंद करने के पश्चात वह बोला आपको और आपके घर में ऐसी कोई समस्या(भूत प्रेत से संबंधित) नहीं हैं मैंने आश्चर्यचकित होकर उससे कहा भाई पिछले एक वर्ष से हम इन भूत प्रेतों से परेशान है और काफी दफा अपने प्रेत ग्रस्त लड़के को लेकर मेहंदीपुर स्थित बालाजी धाम जा चुके हैं तब उसने यह कह कर शांत कर दिया कि जैसे मुझे मेरी शक्ति बता रही है वैसे ही में आपको बता रहा हूं, गुरुजी मन ही मन उसको हजार गालियां देता हुआ “साले भाड़ में जाए तू और तेरी शक्ति”…वहां से उठकर बाहर जाकर करीब पांच मिनट वैसे ही घूम कर उस लाइन में जाकर बैठ गया जिस लाइन में भैय्या नामक नामक व्यक्ति(जिसका मैं यूट्यूब चैनल प्रतिदिन बड़े सम्मानपूर्वक और उसको संसार का चमत्कारिक व्यक्ति मानता था, गुरुजी ऐसा वह हर वीडियो में अपने आपको दर्शाता भी है) बैठा था, अपना नंबर आने पर वह 100 रुपए की राशिद को उसको दिखाकर (जिसको मैंने अभी कुछ ही समय पर करवाई थी) अपने और अपने घर के बारे बताने के लिए कहा कि कोई समस्या तो नहीं है, मेरे ऐसा कहने पर पास में ही अपने हाथों में माला लिए बैठी उसकी दो सुंदर बालाओं में से एक का नाम लेकर मेरी तरफ इशारा कर बोला इन सज्जन के बारें में बताओ फिर वह सुंदरी किसी ऋषीमुनी की भांति बैठ अपनी आंखो को बंद कर कुछ पल माला जपने के उपरांत बोली भईया जी इनको और इनके परिवार में ऐसी कोई भी समस्या नहीं है तब मैंने वहीं बातें दोहराई जिनको अभी इसके एक कर्मचारी के सामने दोहराई थीं कि मेरा लड़का प्रेत ग्रस्त है और उसकी समस्या को लेकर काफी दफा मेहंदीपुर स्थित बालाजी भी जा चुका हूं तब मेरे ऐसा कहने पर उस भैय्या ने उस सुंदरी से कहा जरा दोबारा देख कर बताओ फिर वो भैय्या को देखकर कुछ घबराती हुई इस बार मेरे से बोली आपके यहां देवी तो नहीं पुजती तब मैंने गुस्से में उससे कहा हां मैं ही श्रीदेवी को पूजता था..उसके शादी करने के बाद मैंने उसको पूजना बंद कर दिया यह सब कहकर मैं जल्दी 2 चलकर अपनी लड़की के यहां आ गया, गुरुजी 6 मार्च 2020 की रात को करीब 3.00 बजे मेरी मां अचानक जोर 2 से चिल्ला कर कहने लगीं बचा लो कोई बचा लो,  जोर 2 चिल्लाने पर मेरी भी आंख खुल गई(गुरुजी जोर 2 से तो वो पिछले करीब 15 दिनों से चिल्ला रही थी अपनी पेट को पथरी से मैं उसको काफी दफा डॉक्टर से दवाई के लिए बोला था पर वो हमेशा दवाई के लिया मना कर दिया करती थी उसके इसी जोर 2 से चिल्लाने से घर में सभी परेशान थे) मैंने जाकर पूछा कि क्या हुआ बस एक ही बात बार 2 कहती बचा लो बचा लो मैंने उससे बोला किससे बचा लूं कोई तो नहीं है यहां, ऐसा उसने तीन चार बार चिल्लाकर 2 कहा कि बचा लो, तब मैंने झल्लाकर कहा चुपचाप सो जाया यहां कोई नहीं है और जाकर अपने बिस्तर पर सो गया, सुबह पत्नी ने कहा कि अब मां कुछ भी नहीं बोल पा रही मैने भी जाकर देखा बस वह कुछ बुदबुदाती पर हमारी कुछ समझ में नहीं आता, उसी रात करीब 10.00 बजे मां का देहांत हो गया, यह देख मेरा लड़का बेहोश हो गया, बार 2 होश में लाते बस हां हूं कह फिर बेहोश ही जाता, रात में ही सब रिश्तेदारों को अपनी मां के देहांत होने की सूचना देकर आने का इंतजार करने लगे, अगले दिन मरने की सूचना पाकर सभी रिश्तेदार घर पर आने शुरु हो गए लड़के को हम सभी बार 2 उठाते और वह बार 2 बेहोश हो जाता..गुरुजी मैं अब भी नहीं समझ पाया था कि रात को मां केसे बार 2 चिल्लाकर कहा रही थी कि बचा लो बचा लो, जब उसके पथरी का दर्द उठता था तो वह पत्नी या किसी लड़की को बुलाकर अपनी छाती और पेट मलवाती थी ना कि बचा लो बचा लो पुकारती थी, सभी रिश्तेदारों के आने के पश्चात हम लोग जब मां की अर्थी को ले जाने लगे तब कुछ रिश्तेदारों ने बेहोश लड़के को ये कह कर होश में लाने लगे की तेरी मां अब जा रही है अंतिम दर्शन कर ले बड़ी मुश्किल से रिश्तेदारों के हाथ का सहारा लेकर आया और देखते ही बेहोश हो गया…गुरुजी इसका अंतिम चमत्कारिक भाग कल भेजूंगा, हर बार की तरह इस का भी निष्कर्ष निकाल कर बताएं और जहां पर जो भी प्रश्न किए हैं उनका जवाब अवश्य दें, गुरुजी यह 15 माह का घटनाक्रम है इस लिए कुछ बड़ा हो गया.

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