Site icon Dharam Rahasya

प्रेत शक्ति और हनुमान भक्ति 9 अंतिम भाग

गुरुजी जी प्रेत शक्ति और हनुमान भक्ति का नौवां भाग…गुरुजी मृत्युपरांत किए जाने वाले सभी कर्मकाण्ड करने के पश्चात सभी रिश्तेदार विदा कर लड़के की हालत से चिंतित दामाद सुबह ही लड़के को लेकर एक अच्छे डॉक्टर के पास निकल गए, डॉक्टर को सारी बातें बता करीब चार हजार रुपयों का टेस्ट करा शाम तक लड़के की सारी रिपोर्ट नॉर्मल आने के पश्चात घर आकर कहने लगे यह शक भी दूर हुआ कि इस लड़के को प्रेत बाधा ना होकर अन्य कोई बीमारी है तब मैंने उनसे कहा यह टेस्ट तो लड़का कई दफा करा चुका सब रिपोर्टें नॉर्मल आती हैं आता है तो बस इन प्रेतों द्वारा दिया लड़के पर इनफैक्शन, गुरुजी धीरे 2 लड़के की तबियत और खराब रहने लगी उसका बार 2 कई घंटों तक बेहोश रहना मेरी चिंता को और बढ़ा रहा था, कुछ समय पूर्व मेरी मां की अंतिम किर्या में अाई बुलंदशहर जिले के ही जहांगीराबाद कस्बे की रहने वाली रिश्ते की मेरी भाभी ने मेरी पत्नी को बताया था कि उनके यहां एक तांत्रिक है जो ऐसे भूत प्रेतों का अच्छा इलाज करता है और अपने इलाके में उसका बड़ा नाम है और उनका परिचित भी था, शाम को उनसे फोन पर बात करने के पश्चात अगले दिन 14 मार्च 2020 को उनके बताए तांत्रिक के पास ले गया, तांत्रिक ने लड़के के गले की नीचे उसकी त्वचा पर लाल निशानों को देखते ही कहा इस पर तो किसी ने बहुत ही जबरदस्त शमशान मारण किर्या की है इस मारण किर्या से बचना बहुत ही मुश्किल है, किस्मत से ही लड़का बच गया है.फिर उसने पर्चे पर कुछ सामान की लिस्ट बनाकर मेरे को दे दी और कहा आप मेरे इस असिस्टेंट के साथ बाजार से यह लिखा सामान ले कर आजाओ, लगभग 1600 रुपए का वह समान देकर में उस तांत्रिक से बोला आप जैसे कई लोगों को लड़के को दिखाया है परन्तु कहीं से भी कोई पूर्ण सफलता नहीं मिली कुछ दिन बाद फिर से यही हालत हो जाती लड़के की जिस तरह अब है, उस तांत्रिक ने गारंटी से कहा कि इस लड़के को वह ठीक कर देगा, तांत्रिक द्वारा माता काली को आव्हान कर उनका भोग आदि देकर मेरे से लड़के को यह कहकर घर ले जाने के लिए कहा कि लड़का अब स्वस्थ है और लड़के को साथ लाकर अगले सप्ताह दिखा जाना, तांत्रिक को धन्यवाद कर  दोपहर बाद मैं लड़के को लेकर वापस घर आ गया और आराम करने लगा, शाम को मैंने तो पूजा कर ली परन्तु लड़के ने परेशानी कि वजह से अपनी पूजा नहीं को वो पहले की तरह बेहोशी की हालत में बेड पर ही पड़ा रहा, अगले दिन सुबह उठकर मैंने देखा लड़का अब भी बेहोशी की हालत में पड़ा था मेरे काफी कोशिश करने के बाद भी लड़का होश में नहीं आया उसको उसी तरह छोड़ मैं अपनी पूजा करने में व्यस्त हो गया, पूजा के उपरांत जाकर देखा लड़का उसी तरह बेहोश था, अब मैं यह सोचने लगा कि इसको पुनः जहांगीराबाद स्थित उसी तांत्रिक के पास ले चलूं जिसके पास कल इसको लेकर गया था किन्तु यह सोचकर कि वहां जाने पर काफी रुपए खर्च हो जातें है यही सोच कर मैं चुप लगा गया.गुरुजी शाम को लड़के को काफी प्रयास करने के बाद होश नहीं आया इसी प्रयास में मैं पूजा करने से काफी लेट हो गया था की तभी मैंने देखा कि लड़का कुछ इशारों में अपनी मम्मी को बुलाकर हल्के से कुछ कह रहा था तब मैंने पत्नी से कहा कि क्या कह रहा है तब उसने बताया कि बाबा के नाम से पूजा घर में रुपए उठा कर रखने को बोल रहा है तब पत्नी ने उसके पर्स से एक 100 का नोट निकाल कर उसके सर पर बाबा का नाम लेकर घुमाने के पश्चात पूजा घर में रख दिया, उसके कुछ पल ही बाद लड़का मुख के अंदर अपने गालों को फुला कर ऐसी मुद्रा बनाने लगा जैसे कोई वह हनुमान हो इसके कुछ पल बाद ही वह धीरे 2 जय श्रीराम जय श्रीराम बोलने लगा थोड़ी ही देर वह कमरा जय श्रीराम जय श्रीराम के नारों के साथ गूंजने लगा, लड़के के साथ घर के सभी सदस्य जय श्रीराम जय श्रीराम करने लगे तभी पत्नी ने कहा बाबा हम तो बहुत परेशान हैं ऊपर से यह लड़का भी ठीक नहीं हो रहा क्या करें बाबा आप ही बताओ कुछ देर घर के सभी सदस्यों को देख मुस्करा कर बोले इस होली पर दो अर्थी निकलती दूसरी अर्थी इस लड़के की होती, यह सुनकर सभी का आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा तभी पत्नी ने कहा बाबा ये तो रोज आपकी सुबह शाम पूजा करता है तब बाबा ने हां में सर हिलाकर कहा होली से पहले तीन औरतें(उसी घर की तरफ इशारा कर के कहा जिनसे हमारा झगड़ा हो गया था और उसी झगड़े में पुलिस केस बन गया था) शहर के तांत्रिक के पास गई थीं उसी से करवाया है.पहले भी मिठाई में रख कर दिया गया था, पत्नी बड़ी लड़की की तरफ इशारा कर बोली बाबा ये लड़की भी ठीक नहीं रहती और छोटी लड़की को अपने पास बुला उसके सर पर हाथ रख बोले इसको भी असर है अब ठीक हो जाएगी, तब मैंने कहा बाबा क्या करें अब आप ही बताओ, मां काली की पूजा, मां को प्रसन्न करो तभी मैं बाबा से बोला बाबा में अभी लाकर मां काली की पूजा अभी से शुरू कर देता हूं तभी में जल्दी 2 कदम रख पास ही की दुकान से मां काली की एक छोटी दस रुपए की मूर्ति लाकर अभी पूजा करने को कहकर बाबा से बोला बाबा ये लोग जो हमारे घर पर करवा रहे है इसका क्या करें तब बाबा ने मां काली मंदिर जाकर उनके बताए अनुसार करने को कहा तथा लड़के पर एक दस साल से अधिक समय का प्रेत बताया कहा कि यह अब जाने वाला है तथा उसका उपचार भी उनके अनुसार करने को कहा(गुरुजी सुरक्षा कारणों से में यह दोनों उपचार उजागर नहीं कर रहा हूं) फिर में गुरुजी जल्दी 2 पूजा करने लगा जिससे बाबा को भी लगे की मां काली की स्थापना कर घर में पूजा होने लगी है, कुछ समय बाद मां काली, माता महालक्ष्मी देवी, कांगड़े वाली माता(वज्रेश्वरी देवी), और भगवान श्रीराम की पूजा करने के पश्चात हनुमानजी की आरती कर चालीसा पड़ने लगा, गुरुजी पूजा करने के दौरान लड़का बड़ी 2 जोर से चिल्ला रहा था, मेरे द्वारा होम थियेटर पर आरती चलाने के कारण कुछ स्पष्ट समझ नहीं आ रहा था कि लड़का जोर 2 से क्यों चिल्ला रहा था,बस यही सोचकर पूजा कर रहा था कि कुछ गलत हुआ तो कोई ना कोई आवाज देकर अपने पास बुला लेगा, करीब 80 मिनट पूजा करने के पश्चात जब में लड़के के पास गया तो बाबा का चुके थे तब मैंने पत्नी से पूछा कि यह संजू क्यों चिल्ला रहा था तब पत्नी कहने लगी तुम्हारे पूजा करने के दौरान बाबा ने कहा मैं माता काली को बुला रहा हूं मां काली के आने के पश्चात यह बहुत जोर 2 से चिल्ला कर कहने लगा कि मां बचा ले मुझे मां बचा ले मैं समझ गया कि लड़के पर इन पड़ोसियों ने मां काली के किसी तांत्रिक से यह किर्या कराई है और बाबा ने मां काली को बुलाकर लड़के के अंदर बैठे प्रेत की अच्छी तरह ठुकाई की है और इसी लिए बाबा ने मां काली कि पूजा कर उनको खुश करने के लिए कहा है पत्नी ने यह भी बताया कि बाबा कह रहे थे कि लड़की के पेट के अंदर प्रेत बैठा है उन्होंने वही बैठे 2 प्रेत से कहा आजा मेरे पास लड़की के पेट के अंदर बैठा है फिर दोनों लड़कियों के सर पर हाथ रख चले गए, गुरुजी मैंने अपने बारे भी पूछा था कि क्या मुझे कोई सिद्धि मिली है आपकी तरफ से तो उन्होंने इनकार में सर को हिला दिया तो फिर गुरुजी मेरे कान में पूजा के दौरान मुंह से मारी गई फूंक और उसके पश्चात आज भी मेरे कानों के अंदर कुछ होने का ऐहसास आखिर मुझे क्यों होता है(गुरुजी कृपया बताने का कष्ट करे कि आखिर तभी से मुझे क्यों ऐहसास होता है कि मेरे लेफ्ट कान के अंदर कुछ है, कहीं यह कोई प्रेत तो नहीं है ?अगले दिन सोमवार कि सुबह में लड़के को लेकर स्याना रोड स्थित उसी मां काली के तांत्रिक के पास गया जिस से दिल्ली के दिनेश चाचा प्रेत को निकलवाया था, तांत्रिक को सारी बात बता लड़के के अंदर बैठे प्रेत को निकालने की विनती करने लगा, लड़के के सर उस प्रेत की सवारी बुलाने के पश्चात तांत्रिक ने उस प्रेत से पूछा कि वह कोन है और किसने, क्यों भेजा है, प्रेत ने बस इतना ही बताया कि इनके पड़ोसी के कहने  पर मेरे को एक काला मीठा रसगुल्ला की भेट देकर मारने को भेजा गया है, इसके पश्चात तांत्रिक के कहने पर तभी मैं पांच काले रसगुल्ले और एक देशी शराब का पव्वा लाकर तांत्रिक को  देने उसके पश्चात तांत्रिक द्वारा उससे वचन आदि लेकर उसको पांच रसगुल्लों की भेट दिलवा कर मैं लड़के को लेकर घर आ गया, 21 मार्च शनिवार 2020 को लड़के को साथ लेकर माता काली मंदिर में बाबा द्वारा बताए विशेष उपाय मंदिर के पुजारी द्वारा करवा कर घर आ गया इसके अतिरिक्त लड़के के ऊपर बाबा द्वारा बताए उपाय सुबह शाम नियमित करते रहे, गुरुजी 25 मार्च से नवरात्रि शुरू होनी वाली थीं और मुझे माता लक्ष्मी योगिनी की जो साधना होली से शुरू करनी थी परन्तु मां के देहांत के कारण नहीं कर सका था उसको इस नवरात्र से शुरू करने की योजना बनाकर एक दिन पहले सारा सामान लेकर नवरात्र में शुरू कर दी, गुरुजी इत्तेफाक देखिए माता लक्ष्मी योगिनी की साधना शुरू करने से पूर्व पूरे देश में लॉकडाउन शुरू हो गया..जिस कारण मैं माता लक्ष्मी योगिनी को पुष्प और मिठाई अर्पित ना कर सका, किन्तु घर पर बनी खीर आदि देकर अपनी कुछ लाज़ बचाई, पहले दिन ही शुरुआत कुछ अच्छी नहीं रही किन्तु फिर भी मैं साधना करता रहा, नवरात्रि के अंतिम दिन घर में रखा पूजा का देश घी समाप्त हो गया, पुलिस की सख्ती के कारण कुछ गिनी चुनी दुकानें ही चोरी छुपे खुलीं और उनपर भी देशी घी समाप्त फिर मजबूरी वश मुझे अपनी साधना शाम की पूजा करने के पश्चात माता लक्ष्मी योगिनी को माफी मांग खंडित अपनी साधना और उसका फल उन्हीं को समर्पित कर इस लॉकडाउन के खुलने के पश्चात किसी खास शुभ मुहूर्त पर पुनः साधना करने का संकल्प ले कर साधना समाप्त कर दी, गुरुजी नवरात्रि की पूजा से पूर्व मेरे मन में अचानक कभी 2 यह विचार आता था कि अब तो भगवान हनुमान जी कोई अनुभव महसूस नहीं हो रहा शायद पूजा की शुरुआत के कुछ दिनों तक ही ऐसा होता होगा यह सोच कर में अपने मन को शांत कर लेता, दिनांक 28 मार्च शनिवार 2020 की शाम अपने पूजा घर को साफ करते समय(नवरात्रि की पूजा के दौरान ही मैंने खड़े होकर पूजा करना बंद कर दिया था, मैंने एक लकड़ी की चौकी, जिसको कुछ बाजोट भी कहते हैं उसपर मूर्तियों को रख बैठकर ही पूजा करना शुरू कर दिया था) उसमें रखी चमेली के तेल की छोटी शीशी से एक अन्य दीपक में देशी घी के अतिरिक्त चमेली के तेल का दीपक जलाकर पूजा समाप्त की..ऐसा ही मैंने दिनांक 28 मार्च मंगलवार 2020 की सुबह देशी घी के अतिरिक्त एक अन्य दीपक में चमेली का तेल कर पूजा करनी शुरू की गुरुजी उस समय मैं अपने होम थियेटर पर चल रही हनुमानजी की आरती को दोहरा रहा था, दोहराते 2 जब में हनुमान आरती की अंतिम लाइन…जो हनुमानजी की आरती गावे… बसि बेंकुठ परम पद पावे, को अपने हाथों में रखी हनुमान चालीसा से होम थियेटर पर चल रही आरती के साथ दोहरानी शुरू की कि तभी मेरे राईट कान पर से दिवाली वाले रॉकेट की सी तेज ध्वनि बड़ी ही तेजी से निकल गई, गुरुजी इस ध्वनि की गति और आवाज बिल्कुल इसी तरह की थी जैसे किसी ने मेरे कान के बराबर में रख किसी दिवाली वाले रॉकेट को छोड़ दिया हो, हल्का सा चौंकते हुए मैंने हनुमान आरती को पड़ना जारी रखा और मंद 2 मुस्कराते हुए यह सोचने लगा कि चमेली के तेल का दीपक जलाकर पूजा करना हनुमानजी को अधिक प्रिय है तभी से मैंने शनिवार और मंगलवार को(चमेली का तेल अधिक मंहगा होने के कारण सप्ताह के सभी दिनों में चमेली के तेल का दीपक जलाकर पूजा करने मेरे लिए संभव नहीं था) घी के दीपक के अतिरिक्त दूसरा चमेली के तेल का दीपक जलाना शुरू कर दिया, गुरुजी नवरात्र के दिनों में एक रात स्वप्न में मैं अपनी पत्नी के साथ रात्रि में अपने घर पर(वर्तमान में अपने घर से पूर्व जहां हम लोग किराए के मकान में सन् 1980 के आस पास रहते थे) सोने की तैयारी शुरू कर रहे थे कि तभी घर के दरवाजे से एक शेर घर के अंदर बड़ी जोर से आने की कोशिश करने लगा…हम दोनों पति पत्नी बड़ी ताकत से अपने छोटे 2 बच्चों को संभाल कर उस दरवाजे पर अपने 2 हाथ लगा कर उस शेर को अंदर आने से रोकने लगे, काफी प्रयास करने के बाद भी घर के अंदर जाने में असफल शेर कुछ समय बाद घर के बाहर सड़क के रास्ते वापस चला गया, गुरुजी इस स्वप्न का क्या मतलब हुआ कृपया अवश्य बताएं, गुरुजी फरवरी – मार्च 2019 के दो स्वप्न है जब मेरा पुत्र इन बुरी आत्माओं के जबरदस्त प्रभाव में था सोचता हूं उनका भी आपसे स्वप्न फल जान लूं…पहला स्वप्न…एक लगभग 15 – 16 वर्षीय हस्टपुष्ट लड़का अपने मकान के एक ऐसे कमरे में घबराया हुआ बैठा था जिसके आस पास कोई मकान नहीं था और उसके कमरे से पहाड़ों पर गिरी सफेद बर्फ की चादर ही दिखाई पड़ रही थी, कमरे की खिड़कियों से सफेद बर्फ के छोटे 2 गोले कमरे में अपने बेड पर बैठे उस लडके के सर पर आश्चर्यजनक रूप से आकर गिर रहे थे, अपने दोनो हाथों को अपने सर के ऊपर रख उन बर्फ के छोटे 2 गोलों से अपने आपको को बचाते हुए तभी कमरे के दरवाजे पर एक स्त्री(पता नहीं शायद उसकी मां हो) प्रकट होकर उससे कहती है…बोल… तभी उस लड़के के माथे के ऊपर दो फोटो प्रकट होते है पहला भगवान भैरो और दूसरा भगवान हनुमान(शायद वह सोच रहा था कि भगवान भैरो कहे या भगवान हनुमान) का तभी वह लड़का जल्दी से उस स्त्री से कहता है…जय श्रीराम, दूसरा स्वप्न..वहीं लड़का हमारे मकान के मेन गेट के अंदर बैठ कर घर के सभी सदस्यों की रखीं जूते, चप्पलों कों दीवार से लगा कर, दीवार पर लगी हनुमानजी की मूर्ति को देखकर कह रहा था कि इन जूतों, चप्पलों को घर के अंदर ना ले जाकर यहीं उतार कर रखना चाहिए इन्हीं के साथ लगकर ये आत्माएं घर के अंदर आती हैं तभी से हम लोग घर के अंदर आने से पूर्व घर के दरवाजे पर लगी सरकारी नल से अपने जूते, चप्पलों सहित अपने पैरों को धोकर आते हैं, गुरुजी दूसरे स्वप्न का मतलब तो आसान है किन्तु पहले स्वप्न का मतलब अवश्य बताएं, गुरुजी जिस पड़ोसी के बारे में बाबा ने बताया था वह हमारे पड़ोस में करीब चार वर्ष पूर्व मकान को खरीद कर रहने को आया था और झगड़े से पूर्व हमारे संबंध ठीक थे, बाबा की यह बात सत्य ही है कि इस पड़ोसी ने ही मिठाई में कुछ मिलाकर हम को दे दिया हो और वह मिठाई लड़का खा गया हो किन्तु इस बात से हम सभी अनभिज्ञ हैं कि इन्होंने यह घिनौना काम लड़के पर दिल्ली वाले प्रेतों के आने से पूर्व किया था या बाद में इस बारे में गुरुजी आप अपनी शक्तियों द्वारा(अगर आप के पास हों) जानकारी हासिल कर कुछ बताना चाहो तो अवश्य बताना, गुरुजी ये पड़ोसी कुत्ते की दुम की तरह हैं जो नहीं सुधरेंगे ये आए दिन हमारे घर परिवार पर जादू टोना, मारण किर्या और तांत्रिक प्रयोग करवाते ही रहेंगे इनसे बचने का आपके पास कोई आसान किन्तु शक्तिशाली उपाय हो तो अवश्य ही बताना जिस को प्रयोग कर इनका तंत्र मंत्र इन्हीं पर वापस चला जाए..अगर कोई इस विडियों को देखकर कोई आसान उपाय कभी बताना चाहे तो आप मेरा “ईमेल” आईडी स्क्रीन पर डिस्प्ले कर दो, गुरुजी बाबा द्वारा बताई दूसरी बात कि इस पर अब केवल करीब 10 वर्ष पूर्व का ही प्रेत है(गुरुजी करीब 10 वर्ष पूर्व के ही लगभग कई रातों को लड़का बुरी तरह से डर कर नींद से उठ जाता था और बुरी तरह रोने लगता था तब हम लोग लड़के का नींद में बुरे सपने देख कर डर जाना समझते थे) जो कि अब वो जल्दी ही जाने वाला है, गुरुजी 13 या 14 अप्रैल 2020 की 6.00 बजे की शाम थी लड़का अपनी घर की छत पर कुर्सी पर बैठा मोबाइल पर कुछ देख या सुन रहा था उसी के पास बड़ी लड़की भी फोल्डिंग चारपाई पर बैठी मोबाइल चला रही थी तभी उसका ध्यान लड़के की तरफ गया जो की कुर्सी पर बैठा 2 बेहोश हो गया था लड़की ने तभी मुझे आवाज देकर ऊपर बुलाया मैंने उसको उसका सर पकड़कर उसके नाम से आवाजें देकर उसको उठाना चाहा तो उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तभी मैं पूजा घर से तांबे के लोटे को उठा लाया जिसमें सुबह की पूजा करते समय का जल था, मेरे पहुंचने से पहले ही लड़के की बेहोशी टूट गई थी  और लड़की उसका हाथ पकड़ कर नीचे ला रही थी चलते 2 मैंने फिर भी अपने हाथों में जल लेकर हनुमानजी का मंत्र पर उसके चेहरे पर मारा और लड़के से पूछा कि वह ठीक है उसने हां में सर हिलाकर कहा अब वह ठीक है, गुरुजी 19 अप्रैल 2020 की शाम लड़का पूजा करते समय अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा जैसे वह पहले पूर्व में गिर जाता था.तब तक मैंने शाम की पूजा कर ली थी, गुरुजी तब मैंने बेहोश लड़के पूजा ला जल लेकर मंत्र पड़कर कई दफा उसके चेहरे पर मरा किन्तु कुछ नहीं हुआ, फिर मैंने पूजा घर में जल रही दीपक की ज्योत को अपने हाथों में लेकर उसके चेहरे और सर पर हाथों से स्पर्श कराया किन्तु कुछ भी फर्क नहीं पड़ा बल्कि पहले तो वह बिल्कुल सही हो जाता था फिर मैंने पूजा घर में रखी सभी मूर्तियों को उसको दिखाया किन्तु उसको कुछ भी फर्क नहीं पड़ा गुरुजी यह सब उसी तरह हो रहा था जब लड़का शुरू 2 में प्रेत ग्रस्त हुआ था तब भी उसपर मूर्तियां दिखाने का कोई असर नहीं होता था, गुरुजी अब मेरा और भी ज्यादा दिमाग खराब हो गया जहां पहले लड़का फोरन ठीक हो जाता था अब तो उसपर कोई भी असर नहीं हो रहा था(,गुरुजी आखिर अब ऐसा क्यों हो रहा था पहले तो लड़का इन उपायों से फोरन ठीक हो जाता था परन्तु अब उसपर इन सब का कोई असर नहीं हो रहा था क्यों…?) काफी कोशिश के बाद कुछ नहीं हुआ तो मैं पत्नी से बोला अब इसको ऐसे ही सोने दो हो सकता है सुबह ठीक हो जाए, गुरुजी अगले दिन सुबह भी लड़का बेहोश था और उस पर करे जा रहे सभी उपाय बेकार साबित हो रहे थे तब मजबूरी में मैंने बुलंदशहर के ही स्याना रोड पर स्थित उसी तांत्रिक से फोन पर बात की और उसको लड़के की हालत बता कर उससे बना ठीक करने कि विनती की..तब गुरुजी इस लॉकडाउन में पुलिस से बचते बचाते बड़ी मुश्किल में बेहोश लड़के को अपनी बाइक पर बैठा पत्नी की मदद से उस तांत्रिक के पास पहुंचे, गुरुजी वहां पर भी दो पुलिस की गाड़ियां खड़ी थी, एक थ्री स्टार इंस्पेक्टर ने मेरे से पूछा कि क्या हुआ है लड़के को और इसको यहां क्यों लेकर आए हो किसी डॉक्टर के पास या हॉस्पिटल में ले जाओ तब मैंने उस इंस्पेक्टर को सारी बात बता अपनी मजबूरी बताई और कहा आप इन बातों को नहीं मानो किन्तु हम मानते है आप भी देखो केसे यह मेरा बेहोश लड़का अभी दस मिनट में बिना किसी दवाई और बिना इंजेक्शन के केसे ठीक होता है तब इंस्पेक्टर बोला भाई में तो तेरे भले के लिए ही कह रहा था किसी डॉक्टर के पास ले जाकर लड़के को दिखाने के लिए अब तेरी यहां दिखाने की इच्छा है  तो दिखा ले, गुरुजी वह तांत्रिक मेरे से बोला कि जब से यह लॉकडाउन हुआ है तब से मैंने माता काली की इस जगह पूजा भी नहीं की देखते हैं कोशिश करके फिर उसने लड़के के सर पर प्रेत की सवारी बुलाकर पूछने लगा कि वह कोन है और क्या चाहता है, क्यों परेशान कर रहा है लड़के को किन्तु वह कुछ नहीं बोला फिर स्वयं ही तांत्रिक बोला इस लड़के पर से चला जा तुझको पांच रसगुल्लों का भोग बाद में मिल जाएगा, गुरुजी लगभग 15 से 20 मिनट में लड़का नॉर्मल हो गया और हम घर पर आ गए..गुरुजी लड़का आज भी पूर्ण रूप से ठीक नहीं है उस तांत्रिक के पास लड़के को इसी लॉकडाउन में एक बार और लेके गए थे तांत्रिक ने फिर वही बात की कि जब से यह लॉकडाउन शुरू हुआ है तब से उसने माता काली की इस स्थान पर पूजा नहीं की इस कारण शक्ति पूरी तरह से काम नहीं कर रही है अब तो लॉकडाउन खुलने का इंतजार करना ही पड़ेगा, मिठाई और शराब माता पर चढ़ाने के पश्चात ही इस प्रेत को माता की शक्ति तुम्हारे पुत्र के शरीर से खींच लेंगी, गुरुजी एक दो दफा मैंने ही अपनी कोशिश करके उस आत्मा से पूछा था की कोन है वह और क्यों आया है लड़के पर उसने ज्यादा तो कुछ नहीं बताया बस इतना ही कि वह इस लड़के पर तब से है जब ये छोटा था और स्कूल जाया करता था, उसने अपने आपको लड़के पर 15 वर्ष पूर्व का बताया, गुरुजी जब पिछली बार बाबा ने आकर बताया था यह सब ये पड़ोसी ही करवा रहें हैं तांत्रिक से तब से दोनों लड़कियां पूर्ण रूप से ठीक हैं और लड़के पर भी इस 10 वर्ष से रह रहे प्रेत के अलावा और कोई प्रेत नहीं है अगर था भी कोई तो वो अब नहीं या तो बाबा अपने साथ ले गए या उनके बताए माता काली के मंदिर में करे उपाय से माता काली ने खींच लिए हो चाहे जैसा भी हो…और गुरुजी अब मेरे द्वारा पूर्व करे गए वह उपाय जैसे:- पूजा के जल से मंत्र पढ़ लड़के के ऊपर मारना.पूजा की ज्योत को अपने हाथों से लड़के के सर पर फेरना और पूजा में रखी मूर्तियों को दिखाने से भी यह आत्मा जबरदस्त तरीके से भागने लगी है…गुरुजी अब इसका अगला भाग तो मैं तभी भेजूंगा जब कुदरत इन पड़ोसियों को हमारे घर परिवार पर तांत्रिक द्वारा मारण किर्या करवाने को लेकर दंडित करेगी…क्यों की कुदरत का न्याय भी निराला होता है और उसकी लाठी में भी आवाज नहीं होती…जय श्रीराम, गुरुजी अब आप से यही विनती है कि आप सारे भागों दृष्टिगत रखते हुए अपने ज्ञान से अपनी राय दे कि यह सब हमारे जीवन में क्या था और आगे क्या 2 हो सकता है और क्या करें क्या ना करें…जय श्रीराम

Exit mobile version