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प्रेत सिद्धि विधि 1

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है आज मैं आप लोगों के लिए लेकर आया हूं एक प्रेत साधना जो आपका एक सेवक की तरह हर प्रकार से काम करेगा जो भी आप कहेंगे और आपके जीवन की समस्याओं का भी हल करेगा इसकी विधि और विधान कुछ इस प्रकार से हैं तो चलिए जानते हैं कि इसमें आपको क्या करना होता है इसका मंत्र इस प्रकार से है-

मंत्र:  ॐ श्री वं वं भूतेश्वरी मम वश्यं कूरु कुरु स्वाहा।। 
आपको यह साधना मूल नक्षत्र में करनी चाहिए और ऐसे स्थान का चयन करना चाहिए जो पूर्ण रूप से एकांत में हो या जहाँ कोई भी आता-जाता ना हो वहां पर आप कोई भी बबूल का पेड़ ढूंढिए और वहां पर आप रोज सुबह नियम से जाइए . वहां पर पखाना करिए और वहां पर जब आपका पानी बच जाए तब आप उस पानी को उस पेड़ की जड़ में डालिए और इसी मंत्र का 390 बार जाप करते हुए डालिए .यह साधना 39 दिन की है 39 वें दिन आप पेड़ में पानी मत डालिए जब लेट्रिन कर चुके होंगे . तो वह प्रेत आपसे  विवश होकर, आपसे पानी मांगेगा वह आपको डराएगा धमकाएगा पर आपको डरना नहीं है नहीं तो आपको नुकसान हो जाएगा. फिर वह आपसे बोलेगा की मांगों क्या मांगते हो तब आप उससे 3 वचन मांग लीजिए -पहला वचन यह की जब मैं तुम्हें बुलाऊं आना होगा, दूसरा वचन जब तक मेरा आदेश नहीं होगा तब तक तुम कुछ भी नहीं करोगे अपने मन से और तीसरा वचन तुम सिर्फ मेरी इच्छा अनुसार मेरे लिए ही काम करोगे .यह तीन वचन आपको आवश्यक रूप से लेने हैं नहीं तो आपको आगे चलकर यह नुकसान भी पहुंचा सकता है . यह विशेष बात होती है क्योंकि एक प्रकार की तांत्रिक तामसिक साधना है और जब वह आपको वचन दे दे और आपको उसकी सिद्धि हो  जाए तब आपको नियम पूर्वक बबूल के पेड़ में, आपको रोज पानी डालना होगा ताकी आपकी सिद्धि बनी रहे. ऐसा आपको हमेशा करते रहना होगा पूरी जिंदगी  आपको पानी डालते वक्त कोई ना देखें इस बात का आपको विशेष रूप से ध्यान रखना होगा .आपको पानी डालते हुए या पूजा करके हुए उस बबूल के पेड़ की कोई भी देखने ना पाए यह प्रेत आपके वचन अनुसार कार्य करता है इसलिए आपको इसमें आवश्यक रूप से वचन लेना अनिवार्य हो जाता है नहीं तो आपके कार्य बिगड़ सकते हैं यह विधि रावण द्वारा वर्णित है. अगर आपको यह साधना पसंद आई हो तो आपका धन्यवाद।।

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