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ब्रह्माण्ड की सबसे बड़ी सिद्धि

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है आज मैं आप लोगों के लिए एक ऐसी सिद्धि को लेकर आया हूं जिसको कर लेने के बाद आपको कुछ भी प्राप्त करने की आवश्यकता ही नहीं होगी । इससे बड़ी इस ब्रम्हांड कोई भी साधना या सिद्धि नहीं होगी यह अत्यंत ही प्रचंड शक्तिशाली सिद्धि है जिसका मुकाबला कोई भी नहीं कर सकता इसकी सिद्धि प्राप्त साधक को ब्रम्हांड में कोई भी पराजित नहीं कर सकता है । वह कोई भी हो इस सिद्धि के बाद साधक स्वयं त्रिदेवों के समान हो जाता है और स्वयं ब्रहमांड रचने की क्षमता और संघार करने की शक्ति प्राप्त हो जाती है । वह स्वयं कुछ भी कर सकता है क्योंकि इस सिद्धि के बाद उसे कोई भी नियम बंधन का पालन नहीं करना होता है ।

यह सिद्धि है माता सिद्धिदात्री की यह माता दुर्गा का नवा रूप माना जाता है माता सिद्धिदात्री समस्त सिद्धियों को प्रदान करने वाली देवी मानी जाती हैं । इनका नवरात्रि के नवे दिन पूजन होता है और इनकी साधना की जाती है और अगर इनकी संपूर्ण सिद्धि हो जाए तो मनुष्य ब्रम्हांड की सारी शक्तियों को अपने अधीन कर लेता है । इन्हीं की सिद्धि प्राप्त करने के बाद भगवान शिव ने अर्ध नारीश्वर का रुप पाया था और संसार को अपने अधीन कर लिया था। इनकी साधारण पूजा से सुख संपत्ति ऐश्वर्य सम्मान की प्राप्ति होती है पर इनकी गोपनीय सिद्धि कोई नहीं जानता इनकी सिद्धि हो जाने के बाद मनुष्य अपने सातों चक्रों को भेदकर सहस्रार चक्र को भी पार कर जाता है। ऐसा होने पर परमपिता परमात्मा का साक्षात्कार होता है मनुष्य को और उसे कुछ भी पाने की इच्छा नहीं रहती वह हर प्रकार से मुक्त हो जाता है इसकी सिद्धि अत्यंत ही कठिन है पर असंभव नहीं मैं आप लोगों का इसका विधि विधान बता रहा हूं इनकी साधना 1 वर्ष में आपको इनके मंत्रों का 90लाख बार जाप पूरा करना होगा मैं आप लोगों का इनका मंत्र बताता हूं –
मंत्र ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे  सिद्धिदात्री दुर्गाये नमः। । 

आपको एक साल तक लगातार पूरे नियम से ब्रहमचर्य का पालन करना होगा किसी भी प्रकार से आपका ब्रहमचर्य नष्ट नहीं होना चाहिए स्वप्न में भी नही चाहे कितनी भी सुंदर से सुंदर अप्सरा आ जाऐ पर आपको विचलित नहीं होना है ।आपको पूर्ण निष्ठा और पूर्ण समर्पण के साथ माता का ध्यान करना है । शारदीय नवरात्रि से शुरु कर के आप अगले साल की शारदीय नवरात्रि को समाप्त कर सकते हैं । माता प्रकट होकर आपको दर्शन भी दे सकती हैं जब माता दर्शन दे तब आप उनसे अष्ट सिद्धि और पंच महा भूत मांग सकते हैं । पूजा में होने वाले सारे विनियोग और ऋषि ध्यान न्यास दुर्गा सप्तशती मे आपको मिल जाएंगे यह नर्वाण मंत्र के समान ही है । उसी नियम विधि से आप को यह करना होगा । उसी मंत्र में आपको अंत में केवल सिद्धिदात्री दुर्गाये नमः जोड़ना होगा यही है वह ब्रहमांड की समस्त सिद्धियों को प्रदान करने वाली माता सिद्धिदात्री जो आपको कुछ भी प्रदान कर सकती है। सिद्धि प्राप्त साधक कुछ भी कर सकता है जो भी वह सोचेगा वह हो जाएगा और परमात्मा के समान सृष्टि की रचना भी कर पाएगा और संघार भी कर सकता है इतना अधिक शक्तिशाली माता उसे बना देती हैं । अगर आपको यहां साधना पसंद आई हो तो धन्यवाद आप पर माता की कृपा बनी रहे।।

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