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भक्त साधक की प्रेम और विवाह कथा सच्ची घटना भाग 10

 

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। अभी तक के अनुभव में आपने जाना कि साधक और साधिका के ससुर! यानी की साधिका के पिता हॉस्पिटल में है और उनकी जीवन को बचाने के लिए संघर्ष चल रहा है। साधक ने अपनी गुप्त शक्तियों के माध्यम से रक्षा कवच बनाने की चेष्टा की लेकिन समय साथ नहीं दे रहा था। कारण था कोविड-19 टेस्ट। लेकिन? अगर भाग्य में हो तो अवश्य ही व्यक्ति को प्राप्त हो जाता है। आखिरकार 3 दिन बाद कोविड-19 पोटा गई। उसमें वह नेगेटिव पाए गए और अब शुरू हुआ ऑपरेशन।

इस प्रकार से आप साधक और साधिका संतुष्ट थे कि कम से कम? उन्हें जितनी अधिक चोटें आई हैं खासतौर से उनके पैर में।

इसमें तीन हड्डियां उनकी पूरी तरह से ब्रेक कर गई थी। इन्हीं टूट गई थी। इनको फिर से जुड़ने में लगभग 1 वर्ष जरूर लग जाएगा। और यह एक बड़ी समस्या थी।

लेकिन किया क्या जा सकता था किसी प्रकार की दुर्घटना से? व्यक्ति कैसे बचे?

अब साधक वापस घर आ गया।

उसने यह विचार किया कि मेरी यात्रा अधूरी रह गई है मुझे वापस!

मंत्र साधना द्वारा पुनर्जन्म की यात्रा करनी चाहिए। और अब वास्तविक उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए। यह जानना आवश्यक है कि इतनी सारी समस्याएं आ कहाँ से रही हैं और सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न यह था कि आखिर साधिका इनके जीवन में कैसे जुड़ गई है? क्या पिछले किसी जन्म में इनका और साधिका का संबंध रहा है? और यह केवल साधना के माध्यम से ही जाना जा सकता था। इसलिए साधिका से अनुमति लेकर एक बार फिर से वह साधना में बैठ गए। लेकिन साधिका ने उन्हें चेतावनी दी कि ज्यादा समय तक आप इतनी लंबी साधना नहीं करेंगे। क्योंकि हमें पापा को भी देखने जाना पड़ेगा। साधक ने कहा, ठीक है! लेकिन साधक यह बात जानता था कि समय बहुत अधिक भी लग सकता है। साधक यह भी जानता था कि पुनर्जन्म की यात्रा खतरनाक भी होती है।

इससे पूर्व जन्म की स्मृतियों के साथ ही साथ वह शक्तियां भी वापस आ जाती हैं। और इसकी वजह से इस जीवन में बहुत से कष्ट आ सकते हैं। लेकिन सत्य को जाने बिना। आगे कैसे बढ़ा जाए?

अगर! हम सत्य को नहीं जान पाए तो इन प्रश्नों से कभी पर्दा नहीं उठ पाएगा।

इसलिए अब साधक ने सोचा। कि वह समय आ चुका है जब एक बार फिर से स्थिर समाधि लगानी पड़ेगी। गुरु मंत्र के माध्यम से। कुछ घंटे बीते और उसके बाद लगभग 18 घंटों की समाधि के बाद। उन्हें एक बार फिर से पुनर्जन्म! यह पूर्व जन्म में प्रवेश करने की शक्ति मिल गई। और वह प्रवेश कर गए। वहीं जहां पिछली बार वह थे।

सामने!देवी डाकिनी! खड़ी हुई थी। और वह देखकर साधक को मुस्कुराने लगी। उन्होंने कहा। तुम बहुत जिद्दी हो, आखिर दोबारा से यहां आ ही गए। लेकिन अब मैं तुम्हें सावधान कर देना चाहती हूं। क्योंकि अब कुंडली शक्ति के माध्यम से। तुम पूर्व जन्म के उस जन्म में जाना चाहते हो जहां से तुम्हारा और तुम्हारी पत्नी का संबंध जुड़ा है। लेकिन वहां पर तुमने बहुत ऐसे कर्म किए जिसके कारण से तुम्हें उसके बाद का जन्म!

पूरा का पूरा पूर्व जन्म में किए गए कर्मों को नष्ट करने में लगाना पड़ा था। इसलिए इस जन्म में जाना खतरनाक है।

साधक ने कहा, माता इस जन्म में जाए बिना मैं कैसे जान पाऊंगा की वास्तविकता क्या है? इसलिए मुझे आज्ञा प्रदान कीजिए और मैं प्रवेश करता हूं। उस जन्म में और जानू घटना। कि आखिर मेरा और मेरी।

पत्नी का संबंध जुड़ा कैसे हैं?

देवी डाकिनी ने कहा, ठीक है, तुम जाना ही चाहते हो तो जाओ लेकिन कुछ लेकर मत आना। इच्छाएं भावनाएं पूर्व जन्म के कर्मों का फल और असर यह सब वहीं छोड़ आना वरना तुम्हें भुगतना पड़ेगा। साधक ने कहा।

मैं अवश्य ही पूरी कोशिश करूंगा माता!

आखिर! देवी डाकिनी ने। एक ऐसा चक्रवात उत्पन्न किया जिसमें साधक की आत्मा। फस गई और वह घूमते घूमते उस चक्रवात में किसी और ही लोक मैं पहुंच गई।

सामने!

एक स्त्री का प्रसव हो रहा था।

और उसी ही शरीर, यानी स्त्री के शरीर में उन्हें प्रवेश करना पड़ा। जहां साधक का जन्म हुआ और आखिरकार तेजी से वह बालक बड़ा होने लगा जो उस स्त्री के शरीर से उत्पन्न हुआ था। कहानी और घटनाएं तेजी से घट रही थी।

क्योंकि यह एक यात्रा थी।

बालक बड़ा होने लगा। वह एक सरदार का बेटा था।

सरदार अपने पुत्र से बहुत ही अधिक प्रसन्नता!

वह हमेशा कहा करता था कि मेरा यह बालक! राज करने के लिए पैदा हुआ है।

शायद यह!

शक्तिशाली राजा बने। क्योंकि मैं तो एक साधारण सरदार बस हूं।

उन्होंने अपने पुत्र को।

तलवार चलाने की कला में निपुण बनाया। और देखते ही देखते। वह! यौधेय नाम का बालक। बहुत ही अधिक शक्तिशाली हो गया तलवारबाजी में।

उसकी टक्कर का वहां पर कोई भी नहीं था। 1 दिन अभ्यास करते हुए एक कन्या ने दूर से उसे देखा। और बस देखती ही रह गई।

उसके साथ खड़ी उसकी सखियां। यह देख कर हंसने लगी। पर वह लड़की कहने लगी। इसके जैसा लड़का मैंने नहीं देखा। एक बार भी मेरी तरफ देखा ही नहीं सिर्फ अपनी तलवारबाजी में लगा हुआ है।

मूर्ख कम से कम एक बार मेरी तरफ तो देख ले।

मेरी जैसी सुंदर लड़की यहां दूसरी कौन है?

इस पर सारी लड़कियां हंसने लगी और कहने लगी। यह तुम्हारे चक्कर में नहीं आने वाला है। क्योंकि यह केवल युद्ध के लिए ही पैदा हुआ है। दिन-रात बस तलवार ही चलाता है।

तलवारबाजी से। वह बहुत ही अधिक शक्तिशाली भी हो गया है।

वह लड़की कहती है इसकी इसी अदा पर तो मैं फिदा हूं। क्योंकि इसके जैसा तलवारबाज मुझे नहीं लगता आसपास के किसी भी गांव में होगा।

और वह!

उस यौधेय के पास आकर खड़ी हो जाती है।

और वह कहती है। सुनो मुझे भी थोड़ी सी तलवारबाजी करना सिखा दो।

यौधेय कहता है। यह तुम्हारे बस की बात नहीं है। लड़कियां तलवारबाजी नहीं करती।

पर वह तो जिद पकड़ ली। मुझे तलवार चलाना सिखाओ।

क्योंकि एक यही माध्यम था जिससे वह उससे नजदीकी बढ़ा सकती थी।

इस पर?

उस लड़के ने कहा, ठीक है, ठीक है, मैं तुम्हें तलवारबाजी करना सिखाता हूं और दोनों। एक दूसरे के साथ तलवारबाजी का अभ्यास करने लगे।

धीरे-धीरे करके दोनों अब। एक दूसरे को पसंद करने लगे। चारों और यह चर्चा होने लगी कि? सरदार का लड़का और एक दूसरे सरदार की लड़की एक साथ अभ्यास करते हैं। सभी लोग यह बात समझने लगे थे। की? इन दोनों का प्रेम बहुत ही पवित्र है।

दोनों एक साथ एक दूसरे के साथ रहते हुए।

सभी प्रकार की चीजों का आनंद लेते हुए जीवन बिता रहे थे। दोनों एक दूसरे के बिना कहीं नहीं जाते थे। दोनों का प्रेम बहुत ही उच्च श्रेणी में पहुंच चुका था।

तभी एक दिन? वह युद्धाभ्यास कर रहे थे।

दूर पहाड़ी से उन्हें एक बड़ी सेना आती हुई नजर आई।

यह देख कर! वह लड़का और लड़की अपने गांव की ओर भागे और चिल्ला चिल्ला कर सबको कहने लगे सेना आ गई हैं। सभी लोग। अपने हथियार निकाल लो और अपनी रक्षा करो।

उनके इस आवाहन से सारे लोग डर गए सभी लोग। अपने अपने घरों में छपने लगे। और राजा की बहुत बड़ी सेना गांव में प्रवेश करने। उसने सबको मारना और काटना शुरू कर दिया।

इस पर उस लड़की ने उस लड़के से पूछा। यह कैसी सेना है क्या यह हमारे राजा की सेना है? इस पर उस लड़के ने कहा नहीं। यह पड़ोसी राजा की सेना है और यह शायद यहां कब्जा करने के लिए आई है। जब तक हमारी राजधानी में है, खबर पहुंचेगी तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। हम दोनों को यहां से भागना होगा। दोनों उस जगह से भागने लगे सेना ने उस पूरे गांव को जला दिया गया। वहां! लाशें ही लाशें बिखरी पड़ी थी। दोनों भाग कर एक गुफा के अंदर छुप गए थे।

थोड़ी ही देर बाद जब वह रात का समय आया तो दोनों उसी गुफा के अंदर सोने लगे। अचानक से। सुबह हो गई और उन्हें पता ही नहीं चला क्योंकि दोनों दौड़ते दौड़ते बहुत ज्यादा थक गए थे।

दोनों वही! एक दूसरे के बगल में लेटे हुए थे। तभी अचानक से वहां पर राजा के सेना के कई सारे सैनिक आकर खड़े हो गए।

सेना के सरदार ने। लड़का और लड़की दोनों को पकड़ लिया। लड़का लड़की एक दूसरे से। अलग होने से चिल्लाने लगे एक दूसरे का नाम पुकारने लगे पर वह दोनों। एक दूसरे से अलग कर दिए गए थे। दोनों को बांधकर के अलग-अलग स्थानों पर ले जाया गया।

यह वह समय था जब।

कहीं से पकड़े गए लोगों को गुलाम बना लिया जाता था।

लड़के को। गुलामों के यहां बेच दिया गया। पर ऐसे ही लड़की को भी गुलामों के यहां। स्त्री गुलामों के यहां बेच दिया गया। दोनों का प्यार।

बहुत बड़ी दूरी बना चुका था।

लड़की को रानी की सेविका के रूप में रखा गया। इधर!

लड़के को।

उसी स्थान पर ले जाया गया जहां पर खेलों का आयोजन किया जाता था।

खेल में।

तब तक युद्ध करना होता था जब तक की मृत्यु ना हो जाए। पकड़े गए।

व्यक्ति को केवल एक तलवार लेकर।

लोगों के मनोरंजन के लिए राजा की सेना के प्रमुख सिपाही से लड़ना होता था।

और यह मनोरंजन देखने के लिए चारों ओर से जनता वहां इकट्ठा हुआ करती थी।

आखिरकार! उस मैदान में उस लड़के को ले जाया गया। उसने चारों तरफ देखा तो वहां दर्शकों की भीड़ इकट्ठा थी। उसने अपने आप को। एक ऐसे मैदान में पाया जहां पर। सारी जनता चिल्ला चिल्ला कर कह रही थी। इसे मार डालो।

तब तक वहां। राजा जोर से उद्घोषणा करता है हमने। लगभग पड़ोसी राज्य के सभी। सरदारों को जीत लिया है। उनकी। स्त्रियों को अपना गुलाम बना लिया है। और वहां के पुरुषों को हम। युद्ध के माध्यम से मृत्यु दंड देंगे।

लेकिन हम सदैव बराबरी का सौदा करते हैं।

अगर इस युद्ध में?

कोई सरदार का, सैनिक या उसका रिश्तेदार? हमारे सैनिकों को मार डालेगा तो उसे मृत्युदंड नहीं दिया जाएगा।

और उसे प्रशिक्षित करके आपके लिए।

मृत्युदंड। देने वाला लड़का बना दिया जाएगा।

अभी तक कोई जिंदा नहीं बचा है क्योंकि मेरे सैनिकों के आगे कोई नहीं टिक सकता है।

यह बात अब!

यौधेय को समझ में आ रही थी।

यौधेय इस बात को जान गया कि यहां पर केवल मरने के लिए ही लाया जाता है। अब मुझसे लड़ने के लिए जितने सैनिक आएंगे। उन्हें जान से मारे बिना।

मेरा जीवन नहीं बच सकता है। इन लोगों के लिए सिर्फ यह एक खेल और मनोरंजन है। पर हम लोगों के लिए मृत्यु और जीवन में से एक का विषय है।

अब साधक! यह देखकर आश्चर्यचकित था। कि वह कैसे युग में प्रवेश कर गया है? पर उसे उस शरीर में देखने के सिवाय और वह कर भी क्या सकता था क्योंकि पूर्व जन्म को नियंत्रित नहीं किया जा सकता। सिर्फ देखा जा सकता है। अब आगे क्या होगा?

तभी। उस से युद्ध करने के लिए चार शक्तिशाली!

सैनिक भेजे थे। सैनिकों ने उस पर हमला करना शुरू कर दिया। वह युद्ध करने लगा। तभी एक सैनिक ने पीछे से उस पर तलवार चला दी और उसकी पीठ! बुरी तरह घायल हो गए और कट गई।

आगे क्या हुआ हम लोग जानेंगे अगले भाग में?

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भक्त साधक की प्रेम और विवाह कथा सच्ची घटना भाग 11

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